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जाने नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं | नवरात्रि में क्या-क्या नहीं करना चाहिए

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शुक्रवार

नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं - शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में नौ दिन तक माता रानी की पूजा और अर्चना की जाती हैं। इन दिनों माता रानी के अलग-अलग स्वरूप की धूमधाम से पूजा की जाती हैं। उन्हें हर दिन अलग नाम से याद किया जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन (Nine days of Navratri) माता रानी की पूजा और अर्चना करने से और उनको याद करने से हमारी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं।

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    नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं

    इसलिए Navratri के नौ दिन तक अंखड ज्योति भी प्रज्ज्वलित की जाती हैं। नवरात्रि के दिन कुछ ऐसे भी काम होते हैं, जिसे करने की मनाई होती हैं।

    दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। तो आप यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

    तो आइये हम बिना किसी देर के आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

    नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं

    जी नहीं, नवरात्रि के नौ दिन आपको भूलकर भी सिलाई नही करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिन में सिलाई करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति नही होती हैं, इसलिए नवरात्रि में सिलाई करना वर्जित (Sewing is prohibited during Navratri) माना गया हैं।

    पति–पत्नी को नवरात्रि में क्या करना चाहिए

    Navratri के दिनों में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से दूर रहना चाहिए। इन दिनों पति-पत्नी को पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि नवरात्रि में शारीरिक संबंध के बारे में सोचने से आपका मन विचलित हो सकता हैं। इस वजह से माता रानी की पूजा - अर्चना में विघ्न उप्तन्न हो सकता हैं।

    इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता रानी स्त्री के अंदर भी वास करती हैं, इसलिए भी अपने आपको पवित्र रखना चाहिए और शारीरिक संबंध बनाने से भली भाती बचना चाहिए।

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    नवरात्रि में क्या–क्या नहीं करना चाहिए

    नवरात्रि के दिनों में भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए जैसे कि बाल कटवाना, दाढ़ी बनाना और नाखून काटना। बात करें तो नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन जैसे कि लहसुन, प्याज, शराब और मांस का सेवन भूल से भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, आपको चमड़े से बनी हुई वस्तुओ का उपयोग नहीं करना चाहिए। यदि आप नवरात्रि का व्रत (Navratri fasting) कर रहे है तो दिन में न सोएं और अपने घर को नकारात्मकता ऊर्जा से बचें। 

    नवरात्रि में किन–किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए

    नवरात्रि के नौ दिन कुछ ऐसे काम होते हैं, जो हमे नही करने चाहिए। कुछ ऐसे Rule होते हैं, जिनका पालन करना चाहिए। नवरात्रि में कुछ बातो को ध्यान में रखना होता हैं, जिसके बारे में हमने आपके लिए नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

    • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमे नवरात्रि के नौ दिन तक बाल और नाख़ून काटने से बचना चाहिए।
    • जो लोग नवरात्रि के नौ दिन उपवास करते हैं और माता-रानी की सेवा और पूजा करते हैं। उन लोगो को नवरात्रि के दिनों में सिलाई और बुनाई करने से भी बचना चाहिए।
    • नवरात्रि के नौ दिन माता रानी के समक्ष अंखड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती हैं। इसलिए हमे घर पर ही रहना चाहिए। घर इ दरवाजे बंद करके कही बाहर नही जाना चाहिए।
    • नवरात्रि के नौ दिन आपको माता दुर्गा का पाठ यानि दुर्गा चालीसा पढ़ना चाहिए तथा उनके मंत्रो का जाप करना चाहिए।
    • नवरात्रि के दिनों में पति पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इन दिनों शारीरिक संबंध बनाना वर्जित माना जाता हैं।
    • नवरात्रि के नौ दिन आपको सात्विक भोजन अपने आहार में लेना चाहिए। तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखे।
    • इसके अलावा अगर आप मास और मदिरा का सेवन करते हैं, तो नवरात्रि के नौ दिन इस प्रकार की चीज़ वस्तु खाने से बचे।
    • नवरात्रि के दिनों में आपको लहसुन और प्याज खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि प्याज और लहसुन तामसिक आहार की श्रेणी में आते हैं।
    • नवरात्रि के दिनों (Navratri days) में चमड़े से बनी वस्तु पहनना भी अशुभ माना जाता हैं। इन दिनों चमड़े का पर्स, बेल्ट, जूते चप्पल आदि का उपयोग में लेने से बचे।
    • नवरात्रि के दिनों में दाढ़ी और मुछ कटवाना भी मनाई होती हैं। इसलिए इस प्रकार की क्रिया करने से बचे।
    • नवरात्रि के नौ दिन तन और मन से शुद्ध रहे और सच्चे मन से माता रानी की पूजा अर्चना करे।

    निष्कर्ष

    दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है कि नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी महत्व पूर्ण जानकारी प्रदान की हैं।

    हम आप से उम्मीद करते है कि आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर यह उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगों तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

    दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं - नवरात्रि में क्या-क्या नहीं करना चाहिए ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद !

    FAQs

    नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए

    नवरात्रि के दिनों में मांस और मदिरा का सेवन न करें, बाल न कटवाएँ, नींद अधिक न लें, झूठ बोलने से बचें, तामसिक भोजन न खाएँ और कलह या नकारात्मक विचारों से दूरी रखें।

    नवरात्रि में क्या खाना चाहिए

    नवरात्रि में मौसमी फल, साबूदाना, कुट्टू-राजगिरा आटा, सेंधा नमक, दही, दूध, मेवे, नारियल पानी और हल्का सत्त्विक भोजन खाना चाहिए। ताजे फल व ऊर्जा देने वाले सहज पचने वाले खाद्य सर्वोत्तम हैं।

    अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या करना चाहिए

    यदि अखंड ज्योति बुझ जाए तो घबराएँ नहीं। पहले दीपक को ठीक से साफ करें, नई बत्ती लगाएँ, शुद्ध घी या तेल डालकर पुनः ज्योति प्रज्वलित करें और मां दुर्गा से क्षमा की प्रार्थना करें।

    नवरात्रि में पति-पत्नी को क्या करना चाहिए

    नवरात्रि के दिनों में पति-पत्नी को मिलकर कलश स्थापना करनी चाहिए, मां दुर्गा की पूजा, व्रत पालन, सात्त्विक भोजन, सकारात्मक वातावरण, दान और पुण्य तथा विनम्र व्यवहार करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग और संयम बनाए रखना चाहिए।

    कौन से काम नवरात्रि में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए

    नवरात्रि के दिनों में मांस और मदिरा सेवन, तामसिक भोजन, झूठ-कलह, बाल कटवाना, नाखून काटना, देर तक सोना, अपवित्रता, अनावश्यक क्रोध और नकारात्मक कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए। पूजा स्थल पर शुद्धता बनाए रखें।

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    बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ । काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ, जानें रहस्य

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    बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ | काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ – हम कई बार देखते है की हमारे घर में कुछ जानवर घर आदि बनाकर रहने लगते हैं। जैसे की घर में बिलनी का घर बनाना। हम कई जगह पर देखते है की बिलनी घर बनाकर रहने लगती हैं। लेकिन कई बार हम ऐसी घटना को नजरअंदाज करते हैं।

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      बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ । काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ

      लेकिन क्या बिलनी का घर बनाना शुभ है या अशुभ। इस बारे में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े।

      दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

      बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ

      अगर बिलनी घर बनाती हैं तो यह हमारे लिए शुभ माना जाता हैं। यह घटना आपके लिए अतिउत्तम मानी जाती हैं ऐसा माना जाता है की बिलनी का घर बनाना हमारी सुख-सुविधा में वृद्धि होना होता हैं। अगर बिलनी घर बनाती हैं तो हमारी सुख और सुविधा में बढ़ोतरी होती हैं।

      अगर किसी के घर में वास्तुदोष हैं, तो बिलनी का घर बनाने से वास्तुदोष निवारण हो जाता हैं। इस घटना के बाद घर के सभी सदस्यों के भाग्य खुल जाते हैं। इसके बाद व्यक्ति के जीवन में सुख ही सुख होता हैं तथा आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता हैं। इसलिए बिलनी का घर बनाना शुभ माना जाता हैं।

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      काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ

      काला भंवरा घर में आना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। यह घटना आपके लिए अतिउत्तम मानी जाती हैं। यह घटना संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपको खुशखबरी मिल सकती हैं। ऐसा भी माना जाता है की आपके घर में किसी नए सदस्य का आगमन भी हो सकता हैं।

      कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ या अशुभ

      कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ माना जाता हैं। हम में से काफी लोग घर में कबूतर पालना भी पसंद करते हैं। घर में कबूतर पालना और कबूतर का घर में घोंसला बनाना दोनों ही शुभ माना जाता हैं। 

      कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता हैं। अगर हमारे घर में कबूतर घोंसला बनाकर रहने लगता हैं, तो इससे हमारे घर में भी शांति बनी रहती हैं। इससे घर के सदस्यों में कभी झगड़े आदि नही होते हैं और घर के सभी सदस्य प्रेम भाव से रहते हैं।

      घर में चमगादड़ का रहना शुभ या अशुभ

      अगर घर में चमगादड़ अपना बसेरा बना लेता हैं, तो यह घटना आपके लिए अशुभ मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है की चमगादड़ का घर में बसेरा करना अशुभ समाचार का संकेत हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके साथ कोई बुरा होने वाला हैं। 

      इसलिए जब भी आप घर में चमगादड़ देखते हैं, तो उसके निकाल करने का काम करना चाहिए। लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखे की चमगादड़ को कोई भी हानि नही होनी चाहिए।

      घर में गौरैया का घोंसला बनाना शुभ या अशुभ

      घर में गोरैया का घोंसला बनाना शुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके सुख में बढ़ोतरी होने वाले हैं। आपको अपार धन की प्राप्ति हो सकती हैं साथ-साथ आपको आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिल सकता हैं।

      ऐसा भी माना जाता है इससे घर में रहने वाले सभी सदस्यों के भाग्य खुल जाते हैं और घर के सभी सदस्य जीवन में तरक्की करने लगते हैं। इसलिए इस घटना के बाद आपको खुश होना चाहिए।

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      घर में काली तितली का आना शुभ या अशुभ

      घर में काली तितली का आना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। यह आपको संकेत देती है की आने वाले समय में आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां आने वाली हैं। आपको एक शुभ समाचार की भी प्राप्ति होने वाली हैं। इसलिए काली तितली का आना शुभ और अच्छा माना जाता हैं।

      घर में रंगीन तितली का आना शुभ या अशुभ

      घर में रंगीन तितली का शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आने वाले निकट समय में व्यवसाय और नौकरी में तरक्की मिल सकती हैं। साथ साथ इससे दांपत्य जीवन में भी खुशियां आ सकती हैं।

      घर में जुगनू का आना शुभ या अशुभ

      अगर घर में जुगनू आता हैं, तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे माना जा सकता है की आपके जीवन में सब अच्छा चल रहा हैं। इससे आपको आने वाले समय में लाभ हो सकता हैं।

      घर में जुगनू का आना माना जाता है की आपको धन लाभ होने वाला हैं। आपकी आर्थिक परिस्थिति दूर होने वाली हैं।

      घर में तोते का आना शुभ या अशुभ

      घर में तोते का आना शुभ माना जाता हैं। तोते को कामदेव का वाहन और कुबेर से संबंधित पक्षी माना जाता हैं। इसलिए तोता हमारे लिए भी शुभ माना जाता हैं। अगर तोता घर में आता है तो मान लीजिए आपको धन और व्यवसाय में लाभ होने वाला हैं।

      घर में कछुआ आना शुभ या अशुभ

      घर में कछुआ आना भी शुभ माना जाता हैं। यह भगवान विष्णु का कच्छप अवतार भी माना जाता हैं। इसलिए घर में कछुआ आने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। साथ साथ इससे आपको धन लाभ होता हैं. इससे आपको सुख शांति की प्राप्ति होती हैं।

      निष्कर्ष

      दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

      हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

      दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ। काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

      ये भी पढ़े: जानिए प्रसिद्ध होने के उपाय | मान-सम्मान के लिए मंत्र

      FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

      घर में दो मुंहा साप आना कैसा होता है?

      घर में दो मुंहा साप आना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको धन लाभ हो सकता हैं. देवताओ के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं।

      घर में मेंढक का आना कैसा होता हैं?

      चीन में मेंढक को धन का प्रतीक माना जाता हैं। मेंढक का घर में आना शुभ माना जा सकता हैं। इससे आपको धन की प्राप्ति हो सकती हैं।

      घर में काली चींटी आना कैसा होता है?

      घर में काली चींटी आना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। घर में सुख का वातावरण बना रहता हैं। इससे आपको धन और शांति की प्राप्ति होती हैं।

      घर में बिलनी होने से क्या होता है?

      घर में बिलनी होना एक सामान्य बात है कहा जाता है कि घर में कुछ नया होने वाला है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है।

      काला भंवरा काटने से क्या होता है?

      यदि काला भंवरा काटने पर आ कटे हुए स्थान पर हल्की जलन, सूजन या लालपन हो सकता है। यदि ज्यादा होता है तो डॉक्टर की सलाह ले।

      काला भंवरा घर में आने से क्या होता है?

      ऐसा माना जाता है कि काला भंवरा घर में आना बहुत ही शुभ संकेत है। आपके घर कुछ अच्छे खबर के आने का एक इशारा माना जाता है।

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      महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए - जानें क्या है रहस्य

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      महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए - आज के कलयुग के समय में हनुमान जी ही एक ऐसा देवता है जो जाग्रत देवता माने जाते हैं। यानी की हनुमानजी इस सृष्टि में आज भी मौजूद है। हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से भक्त के सभी दुखो का नाश होता हैं और मनुष्य को कष्टों से मुक्ति मिलती हैं।

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        महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए

        वैसे तो हनुमानजी की कृपा पाने के लिए काफी कुछ किया जा सकता हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है की बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमानजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तो की जल्दी सुनते हैं। क्योंकि बजरंग बाण का पाठ हनुमानजी का पाठ माना जाता हैं।

        दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

        महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए

        आज के कलयुग के समय में परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए और दुखो से मुक्ति पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ किया जाता हैं। इससे हनुमानजी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

        लेकिन ऐसा माना जाता है कि बजरंग बाण का पाठ सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं। महिलाएं बजरंग बाण का पाठ नही कर सकती हैं।

        हमारे पुराने धर्म शास्त्रों में भी बताया गया है कि महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नही करना चाहिए। इसके पीछे यह वजह मानी जाती है कि हनुमान जी महिलाओं को माता के समान मानते हैं और कोई माता इनके सामने झुके यह उनको पसंद नही हैं।

        इससे हनुमानजी नाराज हो जाते हैं पवन पुत्र हनुमान जी स्वयं स्त्री जाती को नमन करते हैं। इसके अलावा हनुमानजी ब्रह्मचारी माने जाते हैं। इसलिए महिलाओं को हनुमानजी को छूना वर्जित माना जाता हैं। इन सभी कारणों से महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नही करना चाहिए।

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        हनुमानजी की पूजा में महिलाओं को नही करने चाहिए यह काम

        हनुमानजी की पूजा में महिलाओं को कुछ नियम का पालन करना होता हैं। कुछ काम होते है जिसे महिलाओं को हनुमानजी की पूजा में नही करने चाहिए। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

        • महिलाओं को हनुमान जी की पूजा में कभी भी जनेऊ अर्पित नही करनी चाहिए।
        • माताओ को हनुमान जी को अपने हाथ से कभी भी सिंदूर नही लगाना चाहिए क्योंकि हनुमान जी ब्रह्मचारी माने जाते हैं और महिलाओं के द्वारा हनुमान जी को छूना वर्जित माना जाता हैं।
        • महिलाओ को हनुमान जी का बजरंग बाण का पाठ नही करना चाहि। क्योंकि हनुमान जी महिलाओं को अपनी माता के समान मानते हैं। वह स्वयं स्त्री जाती को नमन करते हैं।
        • किसी भी महिला को हनुमान जी को चोला चढाने से भी बचना चाहिए।
        • अगर कोई स्त्री रजस्वला हो जाती है, तो हनुमान जी से जुड़े किसी भी कार्य को नही करना चाहिए।
        • महिलाओं को हनुमान जी के चरण स्पर्श करने से भी बचना चाहिए।
        • महिलाओं को हनुमान जी के कोई भी लंबे अनुष्ठान करने से भी बचना चाहिए।
        • महिलाओं को हनुमान जी को कपड़ो का जोड़ा भी समर्पित करने से बचना चाहिए।
        • महिलाओं को हनुमान जी को पंचामृत स्नान नही करवाना चाहिए।

        हनुमान जी की पूजा में महिलाऐं क्या क्या कर सकती है

        हनुमान जी की पूजा में महिलाएं नीचे दिए गये कार्य कर सकती हैं:

        • महिलाएं हनुमान जी को धुप दीप कर सकती हैं।
        • महिलाएं हनुमान जी को अपने हाथ से बनाया हुआ भोग लगा सकती हैं।
        • महिलाएं हनुमान जी को गूगल धुप आदि कर सकती हैं।
        • महिलाएं हनुमान जी की आराधना के लिए हनुमान चालीसा, संकट मोचन, सुंदरकांड आदि के पाठ कर सकती हैं।

        बजरंग बाण रोज पढ़ने से क्या होता है?

        बजरंग बाण रोज पढने से ढेर सारे लाभ मिलते हैं। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

        • बजरंग बाण का पाठ रोजाना करने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं। हमे लंबी बीमारियों से छुटकारा मिलता हैं।
        • अगर कोई जातक रोजाना बजरंग बाण का पाठ करता हैं, तो उसके घर में हमेशा के लिए खुशियाँ बनी रहती हैं।
        • जिस घर में रोजाना बजरंग बाण का पाठ होता हैं। ऐसे घर में कभी भी नेगेटिव ऊर्जा नही आती हैं।
        • बजरंग बाण का पाठ करने वाला जातक जीवन में हर एक सफलता पाने में सक्षम होता हैं।
        • बजरंग बाण का पाठ करने से संतान सुख की भी प्राप्ति होती हैं।
        • बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से आर्थिक तंगी दूर होती हैं और धन की प्राप्ति होती हैं।
        • बजरंग बाण का पाठ सुख प्रदान करने वाला माना जाता हैं। यह पाठ करने से आपकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं।
        • बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा से आपके जीवन के सारे संकट खत्म हो जाते है। आपके सारे काम आसानी से पूर्ण होने लगते हैं।

        सबसे शक्तिशाली चालीसा कौन सा है?

        हनुमान चालीसा ही सबसे शक्तिशाली चालीसा मानी जाती हैं। हनुमान चालीसा से जुडी कुछ बातो को ध्यान में रखे:

        • हनुमान चालीसा का पाठ आपको कम से कम 7, 11 और 21 बार जरुर करना चाहिए।
        • हनुमान चालीसा का पाठ स्वच्छ होकर ही करना चाहिए।
        • हनुमान चालीसा का पाठ करने के दौरान अपने मन में बुरे विचार ना लाये।
        • हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले जातक को पराई स्त्री पर बुरी नजर कभी नही रखनी चाहिए।
        • अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो कम से 5 मिनिट तक अवश्य करे और शांत गति के साथ पाठ करे।

        FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

        बजरंग बाण का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

        अगर आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो आपको कम से 7, 11 या 21 बार बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।

        बजरंग बाण का पाठ कब करना चाहिए?

        बजरंग बाण का पाठ जातक शनिवार और मंगलवार के दिन कर सकते हैं।

        बजरंग बाण का पाठ कब ना करे?

        बजरंग बाण का पाठ करने के दौरान आपको कुछ नियम ध्यान में रखने होते हैं जैसे की ब्रह्मचर्य का पालन करना, मांस मदिरा नही खाना, महिलाएं मासिक धर्म में बजरंग बाण का पाठ ना करे।

        बजरंग बाण का पाठ महिआओं को करना चाहिए या नही?

        महिआओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए क्योकि सभी महिलाओं हनुमान जी माता मानते है।

        बजरंग बाण का पाठ कितने दिन करना चाहिए?

        बजरंग बाण का पाठ आमतौर पर आप 21 दिनों तक कर सकते है। इसे करने से आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होने में मदद मिलता है।

        क्या बजरंग बाण का पाठ रोज कर सकते हैं?

        जी हाँ, बजरंग बाण का पाठ रोज़ किया जा सकता है। बशर्ते आपको यह पाठ श्रद्धा से करना चाहिए।

        निष्कर्ष

        दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

        हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं तो आगे जरुर शेयर करे । ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

        दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए - जानें क्या है रहस्य ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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        घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है – घर में छिपकली का होना हमारे लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं क्योकि छिपकली को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। अगर हमारे घर में छिपकली आती हैं, तो यह हमारे लिए शुभ फलदायी देने वाला होता हैं।

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          घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है

          लेकिन हमारे घर में ज्यादा छिपकली का होना हमारे लिए कुछ न कुछ संकेत देने वाला होता हैं। ऐसे ही कुछ संकेत के बारे में आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले हैं। इसलिए हमारे साथ अंत तक बने रहिए।

          दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं

          घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है

          घर में छिपकली का होना वैसे तो अच्छा माना जाता हैं। घर में छिपकली का होना माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। इससे आपको अपार धन की प्राप्ति होती हैं और घर में छिपकली का आना माता लक्ष्मी का भी प्रतीक माना जाता हैं। लेकिन घर में ज्यादा छिपकली का होना हमारे लिए अशुभ माना जाता हैं।

          अगर हमारे घर में ज्यादा छिपकली हैं, तो उसके निकालने के कुछ कार्य करने चाहिए। क्योकि घर में ज्यादा छिपकली का होना आपके घर में आर्थिक तंगी का संकेत माना जाता हैं। इससे आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं। इसके अलावा आपके फ़ालतू के खर्चे भी बढ़ सकते हैं।

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          छिपकली को मारने से क्या होता है

          छिपकली को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता हैं। इसलिए छिपकली को मारना महापाप माना जाता हैं। अगर आप छिपकली को मारते हैं तो आप बहुत बड़ा पाप करते हैं।

          ऐसा करने से आपके पूण्य में कम होते हैं और आपके पाप बढ़ जाते हैं। अगर आप छिपकली को मारते हैं, तो इसकी सजा आपको अगले जन्म में भुगतनी पड़ सकती हैं।

          शुक्रवार को छिपकली गिरने से क्या होता है

          शुक्रवार को शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर छिपकली का गिरना अलग-अलग संकेत देता हैं जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

          • अगर शुक्रवार के दिन आपके माथे पर छिपकली गिरती हैं, तो यह बहुत ही शुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपको धन और संपति की प्राप्ति हो सकती हैं।
          • शुक्रवार के दिन नाक पर छिपकली गिरना भी काफी अच्छा माना जाता हैं। अगर नाक पर छिपकली गिरती हैं तो यह भाग्योदय का संकेत माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपके जीवन में अचानक से एक अच्छा सा परिवर्तन आ सकती हैं।
          • शुक्रवार के दिन गले पर छिपकली का गिरना अतिउत्तम माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होती हैं।
          • अगर शुक्रवार के दिन भौंह पर छिपकली गिरती हैं तो यह आपके लिए अशुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना संकेत देती है कि आने वाले कुछ ही समय में आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता हैं। इस घटना के बाद आपके फ़ालतू के खर्चे बढ़ सकते हैं।
          • अगर शुक्रवार के दाहिने कंधे पर छिपकली गिरती हैं, तो बहुत ही शुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आप किसी पर भी विजय पाने में सक्षम बनते हैं। अगर बाहिने कंधे पर छिपकली गिरती हैं तो यह घटना अशुभ मानी जाती हैं। इस घटना के बाद आपके शत्रु में बढ़ोतरी हो सकती हैं।
          • अगर शुक्रवार के दिन बालों पर छिपकली गिरती हैं तो किसी बड़ी घटना की और इशारा करती हैं। यह घटना आपके लिए अशुभ मानी जाती हैं।

          किस दिन छिपकली दिखना शुभ माना जाता है

          मान्यता के अनुसार छिपकली को माता लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है की जिस घर में छिपकली होती हैं। उस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।

          दिवाली की रात को अगर हमारे घर में छिपकली दिखाई देती हैं तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे आपको माता लक्ष्मी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं और उनके आशीर्वाद से हमे धन की प्राप्ति होती हैं।

          नए घर में छिपकली दिखना

          अगर आप नये घर में प्रवेश कर रहे हैं और प्रवेश करने के दौरान आपको घर में छिपकली दिखती हैं, तो यह शुभ संकेत माना जाता हैं। नए घर में छिपकली का आना शुभ माना जाता हैं।

          नये घर में छिपकली का आना मतलब हमारे पूर्वजो का आना माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की हमारे पूर्वज छिपकली के रूप में हमे आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। इसलिए नये घर में छिपकली का आगमन पूर्वजो के आशीर्वाद माने जा सकते हैं। इससे माना जा सकता है की हमारे पूर्वज हमारे साथ हैं।

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          घर में दो छिपकली का लड़ना शुभ या अशुभ

          अगर आपको घर में दो छिपकली लडती हुई दिखाई देती हैं, तो यह अशुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपका परिवार वालो के साथ मनमुटाव हो सकता हैं। घर के सदस्यों के बीच ही झगड़ा उत्पन्न हो सकता हैं।

          घर में काली छिपकली दिखना शुभ या अशुभ

          अगर आपको घर में काली छिपकली दिखती हैं तो यह अशुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं। यह धन-हानि की और इशारा करता हैं।

          FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

          घर में एक साथ तीन छिपकली देखना कैसा होता है?

          घर में एक साथ तीन छिपकली देखना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आने वाले समय में फायदा हो सकता हैं।

          पूजा स्थल पर छिपकली का दिखाई देना कैसा होता है?

          अगर पूजा घर में छिपकली दिखाई देती हैं, तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति हो सकती हैं।

          दीवार पर से छिपकली का गिरना कैसा होता है?

          दीवार पर से छिपकली का नीचे गिरना अशुभ माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले समय में कोई अनहोनी होने वाली हैं।

          छिपकली घर की दीवार पर चढ़ती हुई दिखाई दे तो कैसा होता है?

          यह शुभ माना जाता हैं। इस प्रकार की घटना के बाद आपको सफलता की प्राप्ति हो सकती हैं।

          रात में छिपकली देखने से क्या होता है?

          रात में छिपकली का दिखना एक सामान्य घटना है, बहुत से लोग इसे संयोग मानते हैं, इसलिए आपको चिंता और डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।

          घर में छिपकली का होना शुभ या अशुभ?

          घर में छिपकली का होना तो एक सामान्य बात है। वास्तु के अनुसार इसे न तो पूरी तरह शुभ ही माना गया है, और न अशुभ। यह छोटे-छोटे कीड़ों को खाकर घर को साफ रखने में भी मदद करती है।

          निष्कर्ष

          दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के जरिये ये सब बताया है की घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

          हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

          दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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          गुरुवार

          Shubh Vivah Muhurat 2026: डिअर रीडर, क्या आप 2026 में विवाह के लिए सही समय की खोज कर रहे हैं? यदि आप शुभ विवाह मुहूर्त में विश्वास रखते हैं, तो आप जनवरी से दिसंबर तक के लिए 2026 में इन शुभ विवाह तिथियों के बारे में जान सकते हैं और आनंदमय वैवाहिक जीवन की योजना की तैयारी कर सकते हैं।

            shubh-vivah-muhurat

            हिंदू धर्म में विवाह का बहुत महत्व है। यह जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है, क्या आप भी शादी का योजना बना रहे है? शादी विवाह जीवन का एक अहम विचार होता है, जिसमें एक व्यक्ति दूसरे के साथ जीवनभर एक-दूसरे का साथ और सहयोग देने के लिए विवाह करता है और वैदिक पंद्रहवें संस्कार (Vivah Sanskar) को पूर्ण करता है, जो व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन करता है।

            विवाह दो आत्माओं का पवित्र बंधन है, जो अग्निदेव के चारों ओर सात फेरे लेते हैं और पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त करते हैं। “कन्यादान” (दुल्हन का हाथ दूल्हे को सौंपना), जिसे महादान कहा गया है, दिव्य महत्व रखता है। कन्या (लड़की) को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है, जबकि पुरुष का संबंध भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है। इसी कारण विवाह दो परिवारों का मिलन माना जाता है।

            यहाँ हम 2026 के सभी शुभ विवाह मुहूर्तों (Vivah Muhurat 2026) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे, ताकि आपका खास दिन और भी यादगार बन सके। यह जानकारी न केवल सही समय चुनने में आपकी सहायता करेगी, बल्कि आपके और आपके जीवनसाथी के लिए खुशहाल और समृद्ध भविष्य की राह भी आसान करेगी। आइए जानते हैं 2026 के वे खास मुहूर्त, जो आपके विवाह को शुभ और मंगलमय बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

            साल 2026 में शादी के लिए सबसे अच्छी तिथि क्या है?

            मुहूर्त एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “क्षण”। यह एक शुभ समयावधि है, जिसमें विवाह जैसे महत्वपूर्ण जीवन के संस्कार संपन्न किए जाते हैं ताकि जीवन में सामंजस्य, समृद्धि, सौभाग्य और सफलता प्राप्त हो सके। उपयुक्त शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) का चयन करना आवश्यक है, जिससे कार्य ब्रह्मांडीय प्रवाह के अनुरूप हों और ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त हो। अब आइए देखते हैं कि 2026 में विवाह (Shubh Marriage Muhurat 2026) के लिए कौन-कौन से मुहूर्त उपलब्ध हैं।

            साल 2026 में जनवरी महीने में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त - January Vivah Shubh Muhurat 2026

            दुर्भाग्यवश, जनवरी महीने में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है क्योंकि इस अवधि में शुक्र ग्रह के अस्त होने और अन्य प्रतिकूल कारणों के चलते यह समय विवाह के लिए शुभ नहीं माना जाता।

            साल 2026 में फरवरी महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - February Vivah Shubh Muhurat 2026

            फरवरी का महीना ठंडी हवाओं और प्रेम की मिठास के साथ शादी के बंधन में बंधने के लिए बेहद खास माना जाता है। फरवरी का महीना वैलेंटाइन वीक से जुड़ा हुआ है, यदि इस महीने में जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करने का मन बना रहे हैं, तो उचित मुहूर्त का चुनाव आपके विवाह को और भी शुभ और सफल बना सकता है। फरवरी 2026 में कई ऐसे शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं जो आपके रिश्ते की मजबूत नींव रखने में सहायक होंगे।

            साल 2026 का दूसरा महीना फरवरी है इस माह में विवाह के लिए कुल 12 शुभ विवाह तिथियां उपलब्ध हैं। आइए जानते हैं 2026 में फरवरी के विवाह मुहूर्त: 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21, 24, 25 और 26 फरवरी, 2026।

            फरवरी महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें!  (February Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 5 फरवरी 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:08 बजे से 6 फरवरी 2026, सुबह 07:07 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी और हस्त, तिथि: चतुर्थी, पंचमी।
            • 6 फरवरी 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:07 बजे से रात 11:37 बजे तक, नक्षत्र: हस्त, तिथि: पंचमी।।
            • 8 फरवरी 2026, दिन: रविवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 12:08 बजे से 9 फरवरी 2026, सुबह 05:02 बजे तक, नक्षत्र: स्वाती, तिथि: सप्तमी ।
            • 10 फरवरी 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:55 बजे से 11 फरवरी 2026, रात 01:42 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा, तिथि: नवमी ।
            • 12 फरवरी 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 08:20 बजे से 13 फरवरी 2026, सुबह 03:06 बजे तक, नक्षत्र: मूल, तिथि: एकादशी।
            • 14 फरवरी 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: शाम 06:16 बजे से 15 फरवरी 2026, सुबह 03:18 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा, तिथि: त्रयोदशी।
            • 19 फरवरी 2026, दिन: बृहस्पतिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 08:52 बजे से 20 फरवरी 2026, सुबह 06:56 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद, तिथि: तृतीय।
            • 20 फरवरी 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:56 बजे से 21 फरवरी 2026, रात 01:51 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद और रेवती, तिथि: तृतीया और चतुर्थी।
            • 21 फरवरी 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: दोपहर 01:00 बजे से 01:22 बजे तक, नक्षत्र: रेवती, तिथि: चतुर्थी, पंचमी।
            • 24 फरवरी 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 04:26 बजे से 25 फरवरी 2026, सुबह 06:51 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, तिथि: नवमी।
            • 25 फरवरी 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 01:28 बजे से 26 फरवरी 2026, सुबह 06:49 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा, तिथि: नवमी, दशमी।
            • 26 फरवरी 2026, दिन: बृहस्पतिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:50 बजे से दोपहर 12:11 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा, तिथि: दशमी।

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            साल 2026 में मार्च महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - March Vivah Shubh Muhurat 2026

            मार्च माह को बदलाव का महीना माना जाता है, जो नई शुरुआत और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, और सर्दियों को विदा कहकर गर्म वसंत ऋतु का स्वागत करता है। यह शादी के लिए एक उपयुक्त महीना है क्योंकि इस दौरान तापमान सुखद और संतुलित रहता है, जो आपकी खुशियों को बनाए रखने में मदद करता है। 

            यदि आप मार्च 2026 में शादी करने का विचार कर रहे हैं, तो सही मुहूर्त चुनना आपके नए जीवन की नींव को मजबूत कर सकता है। इस महीने के शुभ मुहूर्त आपकी शादी को मंगलमय और समृद्धि से भर देंगे। मार्च 2026 में विवाह के लिए कुल 9 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने की 2, 3, 4, 7, 8, 9, 11, और 12 तारीखें विवाह समारोहों के लिए अत्यंत शुभ मानी गई हैं।

            मार्च महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें!  (March Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 2 मार्च 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: दोपहर 01:46 बजे से शाम 05:55 बजे तक, नक्षत्र: मघा, तिथि: चतुर्दशी।
            • 2 मार्च 2026, सुबह 05:28 बजे से 3 मार्च 2026, सुबह 06:44 बजे तक, नक्षत्र: मघा, तिथि: पूर्णिमा।
            • 3 मार्च 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:44 बजे से सुबह 07:31 बजे तक, नक्षत्र: पूर्व फाल्गुनी तथा मघा, तिथि: पूर्णिमा।
            • 4 मार्च 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:39 बजे से सुबह 08:52 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी, तिथि: प्रतिपदा।
            • 7 मार्च 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 11:15 बजे से 8 मार्च 2026, सुबह 06:39 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति, तिथि: चतुर्थी और पंचमी।
            • 8 मार्च 2026, दिन: रविवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:39 बजे से सुबह 07:04 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति, तिथि: पंचमी।
            • 9 मार्च 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: शाम 04:11 बजे से रात 11:27 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा, तिथि: षष्ठी।
            • 11 मार्च 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 04:41 बजे से 12 मार्च 2026, सुबह 06:34 बजे तक, नक्षत्र: मूल, तिथि: नवमी।
            • 12 मार्च 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:34 बजे से सुबह 09:59 बजे तक, नक्षत्र: मूल, तिथि: नवमी।

            साल 2026 में अप्रैल महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - April Vivah Shubh Muhurat 2026

            अप्रैल का महीना विवाह के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि यह वसंत के स्वागत और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यदि आप अप्रैल 2026 में अपने जीवनसाथी के साथ शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो यह उत्तम समय है सही मुहूर्त चुनने का। हिंदू पंचांग के अनुसार, अप्रैल 2026 में विवाह के लिए कुल 9 शुभ तिथियाँ उपलब्ध हैं। इस महीने की 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28 और 29 तारीखें विवाह हेतु अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। इन मुहूर्तों का विस्तृत विवरण जानने के लिए आप नीचे दिए गए समय-सारणी का अनुसरण कर सकते हैं।

            अप्रैल महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें! (April Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 15 अप्रैल 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: दोपहर 03:22 बजे से रात 10:31 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद, तिथि: त्रयोदशी।
            • 20 अप्रैल 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:51 बजे से शाम 05:49 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, तिथि: तृतीया, चतुर्थी ।
            • 20 अप्रैल 2026, दिन: सुबह 04:14 बजे से 21 अप्रैल 2026, सुबह 05:50 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा, तिथि: पंचमी।
            • 21 अप्रैल 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:50 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा, तिथि: पंचमी।
            • 25 अप्रैल 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 02:10 बजे से 26 अप्रैल 2026, सुबह 05:57 बजे तक, नक्षत्र: मघा, तिथि: दशमी।
            • 26 अप्रैल 2026, दिन: रविवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:57 बजे से रात 08:27 बजे तक, नक्षत्र: मघा, तिथि: दशमी, एकादशी।
            • 27 अप्रैल 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 09:18 बजे से रात 09:36 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी, पूर्व फाल्गुनी, तिथि: द्वादशी।
            • 28 अप्रैल 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 09:04 बजे से 29 अप्रैल 2026, सुबह 05:42 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी, हस्त, तिथि: त्रयोदशी।
            • 29 अप्रैल 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:55 बजे से रात 08:52 बजे तक, नक्षत्र: हस्त, तिथि: त्रयोदशी, चतुर्दशी।

            साल 2026 में मई महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - May vivah Shubh Muhurat 2026

            मई का महीना प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है और विवाह के लिए एक आदर्श समय होता है। यह समय गर्मियों की शुरुआत के साथ खुशियों का वातावरण लेकर आता है, जब अनेक जोड़े अपने रिश्ते को विवाह के बंधन में बदलने का निर्णय लेते हैं। यदि आप मई 2026 में शादी की योजना बना रहे हैं, तो इस महीने उपलब्ध शुभ मुहूर्त आपके लिए एक बेहतरीन अवसर साबित हो सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, मई 2026 में विवाह हेतु कुल 8 शुभ तिथियाँ हैं। इनमें विशेष रूप से 1, 3, 5, 6, 7, 8, 13 और 14 तारीखें विवाह के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। इन मुहूर्तों का विस्तृत विवरण जानने के लिए आप नीचे दी गई समय-सारणी देख सकते हैं।

            मई महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें! (May Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 1 मई 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 10:00 बजे से रात 09:13 बजे तक, नक्षत्र: स्वाती, तिथि: पूर्णिमा।
            • 3 मई 2026, दिन: रविवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:10 बजे से रात 10:28 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा, तिथि: द्वितीय।
            • 5 मई 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: शाम 07:39 बजे से 6 मई 2026, सुबह 05:37 बजे तक, नक्षत्र: मूल, तिथि: चतुर्थी।
            • 6 मई 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:37 बजे से दोपहर 03:54 बजे तक, नक्षत्र: मूल, तिथि: चतुर्थी, पंचमी।
            • 7 मई 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: शाम 06:46 बजे से 8 मई 2026, सुबह 05:35 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा, तिथि: षष्ठी।
            • 8 मई 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:35 बजे से दोपहर 12:21 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा, तिथि: षष्ठी।
            • 13 मई 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 08:55 बजे से 14 मई 2026, सुबह 05:31 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद, रेवती, तिथि: द्वादशी।
            • 14 मई 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:31 बजे से शाम 04:59 बजे तक, नक्षत्र: रेवती, तिथि: द्वादशी, त्रयोदशी।

            साल 2026 में जून महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - June vivah Shubh Muhurat 2026

            जून का महीना प्रेम और नए जीवन की शुरुआत के लिए खास महत्व रखता है। इस मौसम की हरियाली और उमंग से भरा वातावरण विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप जून 2026 में अपने जीवनसाथी के साथ शादी की योजना बना रहे हैं, तो सही मुहूर्त का चयन करना आवश्यक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जून 2026 में विवाह के लिए कुल 8 शुभ तिथियाँ उपलब्ध हैं। इनमें 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27 और 29 तारीखें विवाह के बंधन में बंधने हेतु अत्यंत अनुकूल मानी जाती हैं। इन शुभ मुहूर्तों की विस्तृत जानकारी के लिए आप नीचे दी गई समय-सारणी पर नज़र डाल सकते हैं।

            जून महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें! (June Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 21 जून 2026, दिन: रविवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 09:31 बजे से 11:21 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी, तिथि: सप्तमी।
            • 22 जून 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 10:31 बजे से 23 जून 2026, सुबह 05:24 बजे तक, नक्षत्र: हस्त, तिथि: अष्टमी, नवमी।
            • 23 जून 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:24 बजे से 10:13 बजे तक, नक्षत्र: हस्त, तिथि: नवमी।
            • 24 जून 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: दोपहर 01:59 बजे से 25 जून 2026, सुबह 05:25 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति, तिथि: दशमी, एकादशी।
            • 25 जून 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:25 बजे से 07:08 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति, तिथि: एकादशी।
            • 26 जून 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: शाम 07:16 बजे से 27 जून 2026, सुबह 05:25 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा, तिथि: द्वादशी, त्रयोदशी।
            • 27 जून 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:25 बजे से रात 10:11 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा, तिथि: त्रयोदशी।
            • 29 जून 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: शाम 04:16 बजे से 30 जून 2026, सुबह 04:03 बजे तक, नक्षत्र: मूल, तिथि: पूर्णिमा।

            Read Also: जानें इस साल नए वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त और समय की पूरी जानकारी

            साल 2026 में जुलाई महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - July vivah Shubh Muhurat 2026

            जुलाई का महीना गर्मी की ऊर्जा और लंबे दिनों का प्रतीक है, जो नए अवसरों और खुशियों की शुरुआत करता है। यह प्रेम और समर्पण को एक नए बंधन में जोड़ने का उत्तम समय माना जाता है। जुलाई 2026 में विवाह समारोहों के लिए कुल 4 शुभ तिथियाँ उपलब्ध हैं। विशेष रूप से 1, 6, 7 और 11 जुलाई शादी के लिए अनुकूल मानी जाती हैं। इन शुभ मुहूर्तों की विस्तृत जानकारी के लिए आप नीचे दी गई समय देख सकते हैं।

            जुलाई महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें! (July Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 1 जुलाई 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:51 बजे से दोपहर 04:04 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा, तिथि: द्वितीय।
            • 6 जुलाई 2026, दिन: सोमवार, शुभ विवाह मुहूर्त: 7 जुलाई 2026, सुबह 01:41 बजे से 05:29 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद, तिथि: सप्तमी।
            • 7 जुलाई 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 05:29 बजे से दोपहर 02:31 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद, तिथि: सप्तमी, अष्टमी।
            • 11 जुलाई 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: 12 जुलाई 2026, सुबह 12:05 बजे से 05:49 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, तिथि: द्वादशी, त्रयोदशी।

            धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस वर्ष अगस्त 2026 के लिए विवाह का कोई अनुकूल या शुभ मुहूर्त नहीं होंगे।

            धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस वर्ष सितंबर 2026 के लिए भी विवाह के लिए कोई अनुकूल या शुभ मुहूर्त नहीं होंगे।

            धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस वर्ष अक्टूबर 2026 के लिए भी विवाह के लिए कोई अनुकूल या शुभ मुहूर्त नहीं होंगे।

            साल 2026 में नवंबर महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - November vivah Shubh Muhurat 2026

            नवंबर का महीना विवाह के लिए खास समय माना जाता है, जब ठंडी हवाओं के बीच खुशियों का माहौल बनता है। यह वह वक्त होता है जब लोग अपने जीवनसाथी के साथ नए सफर की शुरुआत करने को तैयार होते हैं। यदि आप नवंबर 2026 में शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो इस महीने के शुभ मुहूर्त आपके खास दिन को और भी यादगार बना सकते हैं।

            साल 2026 में नवंबर में कुल 4 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। खासतौर पर 21, 24, 25 और 26 तारीखें विवाह के लिए अत्यंत उपयुक्त मानी जाती हैं। इस समय विवाह समारोह आयोजित करना आपके नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभ रहेगा। इन शुभ तिथियों की विस्तृत जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए समय-सारणी को देख सकते हैं।

            नबंवर महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें! (November Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 21 नवंबर 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:48 बजे से 22 नवंबर, रात 12:08 बजे तक, नक्षत्र: रेवती, तिथि: द्वादशी।
            • 24 नवंबर 2026, दिन: मंगलवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 11:25 बजे से 25 नवंबर, सुबह 06:52 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, तिथि: प्रतिपदा।
            • 25 नवंबर 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:52 बजे से 26 नवंबर, सुबह 06:52 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी और मृगशिरा, तिथि: प्रतिपदा, द्वितीय।
            • 26 नवंबर 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:48 बजे से शाम 05:47 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा, तिथि: द्वितीय, तृतीया।

            साल 2026 में दिसंबर महीने के लिए विवाह के शुभ मुहूर्त - December vivah Shubh Muhurat 2026

            दिसंबर का महीना खुशियों, उत्सवों और नई शुरुआत का संदेश लेकर आता है, जो ठंडी सर्दियों और त्योहारी माहौल के साथ विशेष बन जाता है। यह समय अपने जीवनसाथी के साथ नए बंधन बनाने का आदर्श मौका है। यदि आप दिसंबर 2026 में विवाह की तैयारी कर रहे हैं, तो यह महीना आपके लिए कई शुभ मुहूर्त लेकर आया है। सही मुहूर्त का चयन न केवल आपके विवाह को सफल बनाएगा, बल्कि आपके नवजीवन की शुरुआत को भी आनंदमय करेगा।

            हिंदू पंचांग के अनुसार, दिसंबर 2026 में विवाह के लिए 2, 3, 4, 5 और 6 तारीखें अत्यंत शुभ मानी गई हैं। इन शुभ मुहूर्तों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए समय को अवश्य देखें।

            दिसंबर महीने के शादी के शुभ मुहूर्त यहाँ देखें! (December Marriage Shubh Muhurat 2026)

            दिन, तारीख,  शुभ विवाह मुहूर्त समय, नक्षत्र और तिथि

            • 2 दिसंबर 2026, दिन: बुधवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 10:32 बजे से 3 दिसंबर 2026, सुबह 06:58 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी, तिथि: नवमी, दशमी।
            • 3 दिसंबर 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:58 बजे से 10:53 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी और हस्त, तिथि: दशमी।
            • 3 दिसंबर 2026, दिन: गुरुवार, शुभ विवाह मुहूर्त: रात 11:03 बजे से 4 दिसंबर 2026, सुबह 06:59 बजे तक, तिथि: एकादशी।
            • 4 दिसंबर 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 06:59 बजे से 10:22 बजे तक, नक्षत्र: हस्त, तिथि: एकादशी।
            • 5 दिसंबर 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 11:48 बजे से 6 दिसंबर 2026, सुबह 07:00 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति, तिथि: द्वादशी, त्रयोदशी।
            • 6 दिसंबर 2026, दिन: रविवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:00 बजे से 07:42 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति, तिथि: त्रयोदशी।
            • 11 दिसंबर 2026, दिन: शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 03:04 बजे से 12 दिसंबर 2026, सुबह 07:04 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा, तिथि: तृतीया।
            • 12 दिसंबर 2026, दिन: शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: सुबह 07:04 बजे से 13 दिसंबर 2026, सुबह 03:27 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा, तिथि: तृतीया, चतुर्थी।

            जानें 2026 में सोना खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त और तिथियाँ

            हिन्दू धर्म में विवाह और शुभ मुहूर्त का महत्व:

            Vivah Muhurat 2026: हिन्दू धर्म में विवाह को बड़ा महत्व दिया जाता है, और विशेष रूप से विवाह संस्कार को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि विवाह व्यक्तियों के लिए दोबरी जन्म का प्रतीक होता है, और इसके साथ ही यह दो परिवारों के बीच ब्राइड और ग्रूम के माध्यम से दो परिवारों के संयोजन का प्रतीक भी होता है।

            Shadi Ka Muhurat 2026: विवाह समारोह के लिए शुभ समय (जिसे विवाह मुहूर्त 2026/Marriage Muhurat In 2026 भी कहा जाता है) की खोज करने के लिए पहला कदम पंचांग शुद्धि करना है। इस प्रक्रिया से केवल विवाह के लिए शुभ दिन की पहचान होती है, बल्कि विभिन्न विवाह अनुष्ठानों के लिए भी शुभ समय की निर्धारण होती है।

            हिन्दू पंचांग, सौर और चंद्रिक महीने, और पवित्र नक्षत्र, योग, और करण का उपयोग करके, हम विवाह के लिए शुभ समय का निर्धारण कर सकते हैं। विवाह दो व्यक्तियों के बीच एक बंधन बनाता है और विशेष रूप से दो परिवारों के बीच एक संबंध की प्रतीक्षा करता है, जो सभी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

            इसलिए, हिन्दू धर्म इसे एक शुभ और महत्वपूर्ण क्रिया मानता है जो सुखी और उनके परिवारों की खुशी की सुनिश्चिति के लिए शुभ समय पर करना आवश्यक होता है। शुभ समय पर विवाह किया जाने का भी विवाद धारण किया जाता है कि जीवन में दीर्घकालिक खुशी पाने के लिए महत्वपूर्ण कारक है।

            विवाह मुहूर्त और जोड़ी के जन्म राशि:

            Vivah Shubh Muhurat 2026: जातक के कुंडली के अनुसार गुणों की मिलान करने के बाद, विशेष रूप से दुल्हा और दुल्हन की जन्म राशि के आधार पर विवाह मुहूर्त निर्धारित किया जाता है। कुंडली में गुणों की मिलान प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पंडित या ज्योतिषी जोड़े की जन्म राशि के आधार पर विशेष तिथि, समय, नक्षत्र, और अवधि का निर्धारण करते हैं विवाह समारोह के लिए।

            इसके अलावा, पंडित या ज्योतिषी दुल्हा या दुल्हन की जन्म राशि के आधार पर विवाह की तिथि को भी निर्धारित करते हैं, विशेष रूप से वह चंद्र नक्षत्र जिसमें उनका जन्म हुआ था। लड़के और लड़की के राशि के मैचिंग का परिणाम एक उपयुक्त विवाह की तिथि का चयन करने में आता है, जिसे आमतौर पर विवाह मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा, 2026 में विवाह के शुभ मुहूर्त लोगों को उनकी शादी की तारीखें बेहतर योजना बनाने में मदद करेंगे।

            Vivah Muhurat 2026 के लिए शुभ तिथियाँ, नक्षत्र, योग, और करण:

            Vivah Muhurat In 2026: वैदिक ज्योतिष में विवाह को वाकई एक अत्यधिक शुभ घटना के रूप में माना जाता है। इसलिए, एक शुभ समय के अलावा, विवाह के लिए एक शुभ तिथि का चयन करना भी महत्वपूर्ण है। ज्योतिष/Astrology में 27 नक्षत्र होते हैं, जिनमें से केवल 11 को अन्यथा विवाह के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि कौनसे दिन, योग, तिथि, और करण को विवाह के लिए शुभ माना जाता है उसका निर्धारण किया जाए। यहाँ पर है कैसे हम 2026 में शुभ विवाह मुहूर्त/ Shubh Vivah Muhurat 2026 को जान सकते हैं:

            • करण: किकिंस्तुघ्न करण, बावा करण, बालवि करण, कौलव करण, तैतिल करण, गरो करण, और वाणिज करण विवाह के लिए बहुत ही शुभ माने जाते हैं।
            • मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि बेला मुहूर्त विवाह के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं।
            • तिथि: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, एकादशी, और त्रयोदशी तिथियाँ विवाह के लिए शुभ मानी जाती हैं। इन तिथियों पर विवाह करना जातक के लिए भी शुभ होता है।
            • नक्षत्र: रोहिणी नक्षत्र (चौथा नक्षत्र), मृगशीर्ष नक्षत्र (पंद्रहवां नक्षत्र), मघा नक्षत्र (दसवां नक्षत्र), उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (बारहवां नक्षत्र), हस्त नक्षत्र (त्रयोदश नक्षत्र), स्वाति नक्षत्र (पंद्रहवां नक्षत्र), अनुराधा नक्षत्र (सत्रहवां नक्षत्र), मूल नक्षत्र (उन्नीसवां नक्षत्र), उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (इक्कीसवां नक्षत्र), उत्तर भाद्रपदा नक्षत्र (छब्बीसवां नक्षत्र), और रेवती नक्षत्र (सत्तावां नक्षत्र) विवाह के लिए शुभ माने जाते हैं।
            • दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार को विवाह के लिए काफी शुभ माना जाता है, जबकि मंगलवार के दिन विवाह करना अशुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दिन विवाह समारोह के लिए उत्तम नहीं होता है।
            • योग: प्रीति योग, सौभाग्य योग, और हर्षण योग विवाह के लिए बहुत ही अच्छे माने जाते हैं क्योंकि इन योगों का जातक के लिए फायदेमंद होता है।

            कितने गुण मिलने से सफल विवाह की संकेत होती है?

            हिन्दू पंचांग में, एक पंडित या ज्योतिषी विशेष रूप से दुल्हा और दुल्हन की कुंडलियों की मिलान करते हैं, जिसमें हर एक कुंडली में 36 गुण होते हैं। विवाह के लिए इन 36 गुणों पर ही निर्णय लिया जाता है। हालांकि, एक सफल विवाह के लिए कम से कम 18 गुणों की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, 18 से 25 गुणों का होना बिल्कुल सामान्य होता है। हालांकि, 25 से 32 के स्कोर को अत्यधिक माना जाता है।

            इसके अलावा, 25 से 32 गुणों के स्कोर वाले व्यक्तियों की कुंडली अत्यधिक उत्कृष्ट मानी जाती है। इसके अलावा, 32 से 36 गुणों के स्कोर वाली कुंडली सबसे अधिक अनुकूल मानी जाती है। इस स्कोर वाले व्यक्तियों को एक अधिक संतोषपूर्ण और खुशहाल विवाहित जीवन का अनुभव होता है। हालांकि, 32 से 36 गुणों के स्कोर वाली कुंडली वाले व्यक्तियों की संख्या बहुत ही कम होती है।

            दुल्हन के लिए अनुकूल बृहस्पति और दुल्हे के लिए अनुकूल सूर्य:

            ज्योतिष का सुझाव है कि दुल्हन के लिए उसकी राशि में द्वितीय, पांचवा, सातवां, नौवां, और ग्यारहवां घर में बृहस्पति की उपस्थिति शुभ मानी जाती है, जबकि चौथे, आठवे, और बारहवें घर में बृहस्पति की उपस्थिति अशुभ मानी जाती है। उसी तरह, दुल्हे के लिए उसकी राशि में तृतीय, छठा, दसवा, और ग्यारहवां घर में सूर्य की उपस्थिति शुभ मानी जाती है, जबकि चौथे, आठवे, और बारहवें घर में इसकी उपस्थिति अशुभ मानी जाती है।

            वर-वधू का जन्म राशि के आधार पर निकाला जाता है विवाह के शुभ मुहूर्त:

            जब जातक की Kundali के अनुसार गुण मिलान होता है, तो उसके बाद वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर विवाह का शुभ मुहूर्त तय किया जाता है। जातक की कुंडली में गुण मिलान की प्रक्रिया पूरी होने पर, विवाह संस्कार के लिए निश्चित तिथि, वार, नक्षत्र, और समय का चयन किया जाता है, जिसे हम विवाह मुहूर्त / Vivah Muhurat 2026 कहते हैं।

            इसके साथ ही, वर या वधू की चंद्रमा राशि, यानी उनका जन्म जिस चंद्रमा नक्षत्र में होता है, उसके आधार पर विवाह की तिथि निर्धारित की जाती है। हालांकि, लड़का और लड़की की राशियों में एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

            विवाह में लग्न भाव का महत्व

            ज्योतिष के अनुसार, विवाह के लिए शुभ समय निर्धारण करते समय, ज्योतिषी लग्न के समय को महत्वपूर्ण मानते हैं। इसके अलावा, दुल्हन और दुल्हे के द्वारा पवित्र आग्नि के चारों ओर लिए जाने वाले चक्करों का समय लग्न कहा जाता है, जो विवाह की तारीख तय होने के बाद निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा, लग्न को तय करने में एक स्लाइट त्रुटि जन्म राशि के जीवन में दोष पैदा कर सकती है।

            तिथि को शरीर माना जाता है, चंद्रमा को मन माना जाता है, योग और नक्षत्र को शरीर के हिस्से माना जाता है, और लग्न विवाह में आत्मा होता है। लग्न को निर्धारित करते समय, एक को ध्यान में रखना चाहिए कि जन्म कुंडली में आठवें घर के स्वामी विवाह लग्न में स्थित नहीं हैं। इसके अलावा, चंद्रमा, शुक्र, और मंगल को लग्न से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए और वे आठवें घर में नहीं स्थित होने चाहिए।

            निष्कर्ष 

            अंत में, यह स्पष्ट है कि शुभ विवाह मुहूर्त 2026 केवल शादी की तारीख तय करने का ही विषय नहीं है, बल्कि यह परंपरा, धर्म और ज्योतिषीय मान्यताओं का अद्भुत संगम है। विवाह जैसे पवित्र संस्कार को सही समय पर संपन्न करना न केवल वर-वधू के जीवन को खुशहाल बनाता है, बल्कि उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भी सौभाग्य और समृद्धि लाता है। 2026 में उपलब्ध विस्तृत मुहूर्तों और तिथियों को ध्यान में रखते हुए आप अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर को और अधिक मंगलमय बना सकते हैं।

            शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का बंधन नहीं है, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का मिलन भी है। इसलिए यदि आप इस नए सफर की तैयारी कर रहे हैं तो अपनी जन्म कुंडली (Janam Kundli) और पारिवारिक परंपराओं के अनुसार उपयुक्त तिथि का चयन अवश्य करें। सही मुहूर्त पर किया गया विवाह जीवनभर सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद बन जाता है।

            आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं और किस दिन लगाना चाहिए, जानें वास्तु नियम

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            Vastu Rules: आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं और किस दिन लगाना चाहिए – आक का पौधा बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। बहुत से लोग ऐसे मदार और आंकड़े के नाम से भी जानते है। ऐसा माना जाता है कि आक का पौधा भगवान शिव जी और गणेशजी का बहुत ही प्रिय होता है। इसलिए काफी लोग भगवान शिव और गणेशजी को आक का पौधा चढाते है।

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              आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं और किस दिन लगाना चाहिए

              ये भी खा जाता है कि इससे भगवान शिव और गणेश प्रसन्न हो जाते है। ऐसा भी माना जाता है कि आक का पौधा तांत्रिक क्रिया में भी उपयोगी होता है। आक का पौधा की जड़ जहां जाती है। वहां भगवान गणेश जी का वास माना जाता है।

              दोस्तो आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले है, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरूर पढ़े। तो आइए हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

              आक का पौधा क्या होता है?

              आक का पौधा एक झाड़ीदार पौधा होता है जो की बहुत ज्यादा मात्रा में सूखे और रेतीले क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके पत्ते बड़े, हरे और मोटे होते हैं, और इसके पत्ते से दूधिया रस निकलता है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यदि इसके फूल की बात करे तो सफेद और हल्के बैंगनी रंग के होते हैं और भगवान शिव जी की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं।

              ये भी पढ़े: जानिए तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं

              आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं

              आक का पौधा घर मे लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पौधा एक पवित्र पौधा माना जाता है और भगवान शिव तथा गणेशजी का प्रिय माना जाता है। माना जाता हैं कि अगर आप आक का पौधा घर मे लगाते है तो आपके जीवन मे कभी भी धन की कमी नही आती हैं। आपको आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

              इसके अलावा आक का पौधा आपको सुख समृद्धि देने वाला भी होता है। इससे आपके घर मे हमेशा के लिए खुशियां बनी रहती है। घर के सदस्यों में कभी भी आपसी टकराव नही होता है और घर के सदस्य अच्छे से प्रेम भाव के साथ रहते है।

              अगर किसी को धन की कमी है काफी मेहनत करने के बाद भी धन से जुड़ी समस्या खत्म नही हो रही है, तो ऐसे लोगो को अपने घर मे आक का पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इससे आपको अपार धन दौलत की प्राप्ती होती है।

              आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए

              बहुत से लोगो के मन में सवाल होता हैं कि आक का पौधा आपको किसी भी शुभ दिन को लगाना चाहिए, तो आपको बता दे कि आप आक का पौधा एकादशी, पूर्णिमा, सोमवार या मंगलवार के दिन लगा सकते है। आक का पौधा लगाने के लिए यह सभी दिन शुभ माने जाते है।

              आक का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए

              वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप आक का पौधा सही दिशा में लगाते हैं, तो इससे आपके घर मे हमेशा के लिए धन का आगमन बना रहता है। इसलिए आपको आक का पौधा दक्षिण-पूर्व की बीच वाली दिशा में लगाना चाहिए।

              इसके अलावा आप आक का पौधा दक्षिण या उत्तर दिशा में भी लगा सकते है। आक का पौधा लगाते समय एक विशेष बात का ध्यान रखे जब भी आप घर से बाहर निकले तब आक का पौधा आपके दाहिनी तरफ होना चाहिए।

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              आक का पौधा के फायदे

              आक का पौधा औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। इसलिए यह हमारी सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। आक के पौधे का इस्तेमाल काफी सारी बीमारियों को खत्म करने के लिए भी किया जाता है। आक के पौधे के कुछ मुख्य फायदे हमने नीचे बताए है।

              दाढ़ के दर्द में फायदेमंद

              दाढ़ दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आक का पौधा काफी अच्छा माना जाता है। आक के दूध में रुई को अच्छे तरीके से भिगो लेने के बाद घी में अच्छे तरीके से भिगो ले। इसके बाद उसे दर्द वाली जगह पर रख दे। इससे आपको दाढ़ दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

              अगर आपको दांत में दर्द है या फिर दांत हील रहे है, तो आक का दूध और थोड़ा नमक मिलाकर प्रभावित जगह पर रखने से दांत दर्द से छुटकारा मिलता है साथ-साथ दांत हिलना बंद हो जाते है।

              कान और सिर दर्द में फायदेमंद

              आक कान और सिर दर्द को ठीक करने में आपको मददरूप हो सकता है। अगर आपको कान में दर्द है, तो आक के पत्तो का रस निकालकर कान में दो बूंद डालने से कान दर्द की समस्या ठीक हो जाती है।

              अगर आपको सिर दर्द बना रहता है, तो आपको आक का दूध सिर पर लगाना चाहिए। इससे सिर दर्द ठीक होता है तथा माइग्रेन जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

              आंखों के लिए फायदेमंद

              आक आंखों के लिए भी फायदा प्रदान करने वाला होता है आक की छाल को पीसकर उसमें गुलाब जल मिलाकर आंख में दो बूंद डालने से आंख दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है साथ-साथ आंखों का भारीपन भी दूर होता है।

              निष्कर्ष

              दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है कि आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

              हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

              दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं। आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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              FAQs - (आक के पौधे से जुड़े सामान्य प्रश्न)

              सफेद आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं?

              नहीं जी, सफेद आक का पौधा घर में लगाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा और विवाद बढ़ाने का भी संकेत देता है।

              मदार का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं?

              जी नहीं, मदार का पेड़ घर में भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। इससे घर में तनाव और नकारात्मक का प्रभाव भी बढ़ता हैं।

              क्या घर में आक का पौधा लगाना ठीक है?

              जी नहीं, भूलकर भी घर में आक का पौधा न लगाए इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ता है।

              घर में आंकड़े का पौधा किस स्थान पर नहीं लगाना चाहिए?

              वास्तु रूल के अनुसार आकड़े का पौधा घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थल और आंगन में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में अशांति और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ाता है।

              आक का पौधा किस दिशा में लगाना शुभ होता है?

              वास्तु नियम के अनुसार आक  का पौधा दक्षिण दिशा में लगाना ही शुभ माना गया है।

              आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए?

              वास्तु के अनुसार सोमवार का दिन आक का पौधा लगाना र्वश्रेष्ठ माना गया है, खाशकर श्रावण महीने का सोमवार।

              आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए?

              वास्तु के अनुसार सोमवार का दिन आक का पौधा लगाना र्वश्रेष्ठ माना गया है, खाशकर श्रावण महीने का सोमवार।

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