Sakat Chauth 2026 Date: साल 2026 में सकट चौथ जनवरी के प्रथम वीक में पड़ रहा है, सकट चौथ, जिसे संकट चतुर्थी या तिलकुट चौथ भी कहते हैं, बच्चों की लंबी उम्र, सेहत और खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला सबसे खास हिंदू व्रतों में से एक है। भारत और नेपाल में माताएं इस दिन कड़ा व्रत रखती हैं, भगवान गणेश और देवी सकट की पूजा करती हैं ताकि उनके जीवन की बाधाएं दूर हों और उनके बच्चों को खुशी, समझदारी और मुश्किलों से सुरक्षा मिले।
साल 2026 में, सकट चौथ बहुत श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा, जिससे भक्त मंदिरों और सामुदायिक समारोहों में आएंगे, जबकि लाखों लोग घर पर व्रत रखेंगे। यह blog में हम आपको सकट चौथ 2026 की तारीख (Sakat chauth 2026 kab hai), पूरी पूजा विधि, व्रत के नियम, महत्व और इस त्योहार से जुड़ी भगवान गणेश की पवित्र कहानी के बारे में बतायेगे।
सकट चौथ 2026: तारीख और समय - Sakat Chauth 2026: Date and Time
Sakat Chauth Kab Hai 2026 / सकट चौथ हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है (North Indian Purnimanta Calendar के अनुसार)। महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में, अमांत कैलेंडर के अनुसार महीना अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इस त्योहार की तारीख वही रहती है।
When is Sakat Chauth in 2026?
सकट चौथ 2026 में कब है: बहुत से लोगो ले मन में सवाल होगा की साल 2026 में सकट चौथ कब है? तो हम आपको बता दे की साल 2026 में यह व्रत 6 जनवरी, दिन मंगलवार को पड़ रहा है।
- Sakat Chauth 2026 Date: मंगलवार, 6 जनवरी 2026
सकट चतुर्थी तिथि का समय
- चतुर्थी चौथ शुरू: 06 जनवरी 2026, दिन:मंगलवार को सुबह 8:01 बजे से
- चतुर्थी चौथ खत्म: 07 जनवरी 2026, दिन:बुधवार को सुबह 6:52 बजे तक
Moonrise Timing (For Breaking the Fast)
मुख्य बिंदु: संकट चौथ पर चंद्रोदय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।
- 06 जनवरी 2026 को चंद्रोदय समय: रात के 8:54 बजे (लगभग)
सकट चौथ क्या है? - What Is Sakat Chauth?
सकट चौथ भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता हैं, और देवी सकट माता जी, जो बच्चों को परेशानियों और बीमारियों से बचाती हैं, और यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए पूरी श्रद्धा से यह व्रत रखती हैं। कुछ इलाकों में, शादीशुदा महिलाएं पूरे परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं।
सकट शब्द का मतलब है मुश्किलें, और भक्तों का मानना है कि इस दिन पूजा करने से जीवन से मुश्किलें दूर होती हैं। यह भी माना जाता है कि इस व्रत के दौरान की गई कोई भी इच्छा भगवान गणेश पूरी करते हैं।
सकट चौथ 2026 का महत्व
बच्चों की भलाई के लिए
माताएं अपने बच्चों की अच्छी सेहत, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए इस व्रत रखती हैं। इस व्रत को बच्चों के प्रति बिना शर्त प्यार और समर्पण के रूप में देखा जाता है।
बाधाओं से सुरक्षा
इस दिन भगवान गणेश भक्तों के मार्ग से सभी बाधाएं दूर करते हैं, इसलिए इसे चतुर्थी को संकट मोचन चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
इच्छाओं की पूर्ति
भक्तों का यह भी मानना है कि गणेश चतुर्थी पर जल्दी वरदान देते हैं, खासकर जब व्रत को सख्त नियम के साथ किया जाता है।
परिवार के साथ मज़बूत रिश्ता
इस दिन परिवार शाम की पूजा, चांद निकलने की रस्मों और प्रसाद बांटने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिससे एकता और आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ता है।
ज्योतिष में महत्व
माना जाता है कि सकट चौथ बच्चों की Kundli से जुड़े ग्रह दोषों के बुरे असर को कम करता है। भगवान गणपति जी नेगेटिव एनर्जी और राहु और केतु के बुरे असर से भी बचाते हैं।
सकट चौथ का व्रत कैसे रखें - How to Observe the Sakat Chauth Fast
सकट चौथ का व्रत बहुत ही सख्त माना जाता है और कई महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं, जबकि कुछ माताए सिर्फ फल या दूध लेती हैं।
सकट चौथ उपवास के प्रकार
- निर्जला व्रत: यानि बिना खाना या पानी
- फलाहार व्रत: फल और दूध की अनुमति
- सात्विक आहार: बिना अनाज के एक बार का भोजन
इस व्रत में चंद्रोदय और चतुर्थी पूजा पूरी होने के बाद ही व्रत को तोड़ा जाता है।
सकट चौथ 2026 पूजा विधि - Sakat Chauth 2026 Puja Vidhi
आपको बता दे कि सकट चौथ की पूजा शाम को करनी चाहिए, खासकर चांद निकलने के समय। नीचे साल 2026 के लिए पूरी पूजा विधि दी गई है।
सकट चौथ में पूजा से पहले की तैयारियाँ
1. सुबह के काम
- इस दिन जल्दी उठें, हो सके तो सूरज उगने से पहले।
- पवित्र स्नान करें।
- पूजा की जगह को ठीक से साफ़ करें।
- भगवान गणेश और देवी सकट माता की मूर्ति या तस्वीर रखें।
2. उपवास संकल्प
- मूर्ति के सामने बैठें और व्रत का प्रण लें:
“माता मैं यह सकट चौथ व्रत अपने बच्चों की खुशी, सेहत और सुरक्षा के लिए रख रही हूँ।”
3. पूजा सामग्री तैयार करें
आपको चाहिये होगा:
- गणेश की मूर्ति
- मिट्टी का दीया
- तेल या घी
- रोली, कुमकुम, हल्दी
- दूर्वा घास (21 धागे)
- फूल
- तिल
- गुड़
- रेवड़ी, गजक
- मूंगफली
- नारियल
- अक्षत (चावल)
- पानी
- पान के पत्ते
- प्रसाद के लिए मिठाई
- सकट माता की रोटी के लिए गेहूं का आटा
Sakat Chauth 2026 Evening Puja Vidhi
पूजा एरिया सेटअप करें
मूर्तियों को लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर रखें, दिप जलाएं और जगह को फूलों से सजाएं।
गणेश पूजा
- कुमकुम और हल्दी लगाएं।
- भगवान गणेश को 21 दूर्वा घास चढ़ाएं।
- फूल और मोदक चढ़ाएं।
- अगरबत्ती या धूप जलाएं।
तिल और गुड़ चढ़ाएं
सकट चौथ पर तिल और गुड़ ज़रूरी प्रसाद हैं। ऐसा माना जाता है कि:
“तिल और गुड़ से सकट माँ प्रसन्न होती हैं।”
सकट माता से प्रार्थना करें
प्रसाद के रूप में घी और गुड़ से बनी गेहूं के आटे की रोटी रखें।
सकट चौथ व्रत कथा पढ़ें या सुनें
व्रत पूरा करने के लिए कहानी सुनना ज़रूरी है।
चंद्रोदय अनुष्ठान
चाँद देखने के बाद:
- जल (अर्घ्य) चढ़ाएं
- तिल, फूल और चावल चढ़ाएं
- बच्चों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें
उपवास तोड़ें
तिल, गुड़ और गजक का प्रसाद ग्रहण करें।
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सकट चौथ व्रत कथा (The Story of Lord Ganesha)
यदि आप सकट चौथ व्रत करना है तो आपको सबसे ज़रूरी हिस्सों में से एक है व्रत कथा। यह कहानी भक्ति की शक्ति और भगवान गणेश जी के भक्तों की रक्षा करने के चमत्कारी तरीकों पर रोशनी डालती है।
सकट चौथ के पीछे की कथा
बहुत समय पहले कि बात है, एक गांव में एक गरीब औरत अपने छोटे बेटे के साथ रहती थी। सकट चौथ पर जब सब लोग सकट माता और भगवान गणेश की पूजा करते थे, तो उस औरत के पास चढ़ाने के लिए कुछ नहीं था। अपनी गरीबी के बावजूद, उसने पूरी श्रद्धा से व्रत रखा। उसने तिल इकट्ठा किए, बचे हुए आटे से एक छोटी रोटी बनाई और पूरी श्रद्धा से पूजा की।
उस रात, डाकू गांव में घुस आए और कई घरों पर हमला किया। लेकिन चमत्कार से, महिला और उसके बेटे को कोई नुकसान नहीं हुआ। अगली सुबह जब गांव वालों ने यह देखा, तो उन्हें यकीन हो गया कि सकट माता ने मां की सच्ची भक्ति की वजह से उनकी रक्षा की है। उस दिन से, गांव वालों ने नई आस्था के साथ व्रत रखना शुरू कर दिया, और यह परंपरा अभी तक पीढ़ियों तक चलती रही।
एक और लोकप्रिय कहानी - गणेश और चंद्रमा की कहानी
पुरानी कहानी के अनुसार, एक बार भगवान गणेश दावत के बाद घर लौट रहे थे। अपने मूषक वाहन पर सवार होकर, वे अचानक लड़खड़ाकर गिर पड़े। चंद्र देव, चंद्र देव, उन पर ज़ोर से हंसे।
अपमानित होकर भगवान गणेश ने चाँद को श्राप दिया:
“जो कोई भी इस दिन चाँद को देखेगा, उसे झूठे इल्ज़ाम और बुरी किस्मत का सामना करना पड़ेगा।”
यह दिन कृष्ण चतुर्थी था, जिसे बाद में सकट चौथ के रूप में मनाया गया।
अपनी गलती का एहसास होने पर, चंद्र देव ने माफ़ी मांगी। गणेश ने श्राप कम करते हुए कहा:
“जो कोई भी आज चांद को देखेगा और श्रद्धा से सकट चौथ का व्रत रखेगा, वह सभी मुश्किलों से सुरक्षित रहेगा।”
यह कहानी बताती है:
- सकट चौथ पर चांद की पूजा क्यों ज़रूरी है
- भक्त दिन में चांद देखने से क्यों बचते हैं
- व्रत खोलने में चांद निकलने का क्या अहम रोल होता है
सकट चौथ का आध्यात्मिक अर्थ - Spiritual Meaning of Sakat Chauth
बाधाओं पर विजय
भगवान गणेश ज्ञान और चुनौतियों से निपटने की क्षमता के प्रतीक हैं। माना जाता है कि यह व्रत नेगेटिविटी और कर्मों की रुकावटों को दूर करता है।
बच्चे और माँ के बीच के रिश्ते को मज़बूत करना
पारंपरिक रूप से, माताएं अपने बच्चों की सफलता, अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं।
आंतरिक अनुशासन
उपवास सेल्फ-कंट्रोल, धैर्य और आध्यात्मिक ध्यान सिखाता है।
मन और आत्मा की शुद्धि
पूजा, प्रार्थना और कहानी सुनाने से भक्त अपने विचारों और भावनाओं को शुद्ध करते हैं।
भारत भर में रीति-रिवाज और परंपराएँ
उत्तर भारत: महिलाएं गुड़ के साथ तिलकुट, गजक, रेवड़ी और रोटी बनाती हैं। समाज के लोग इकट्ठा होते हैं जहां महिलाएं मिलकर व्रत कथा पढ़ती हैं।
महाराष्ट्र: इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। भक्त मोदक, दूर्वा घास चढ़ाते हैं और संकष्टी गणेश कथा सुनते हैं।
दक्षिण भारत: कुछ समुदाय परिवार की खुशहाली के लिए बड़े पैमाने पर गणेश होमम करते हैं।
बिहार और उत्तर प्रदेश: तिल और गुड़ का खास महत्व है। परिवार खास रोटियां बनाते हैं और मूंगफली, मीठे व्यंजन और मौसमी फल चढ़ाते हैं।
सकट चौथ 2026 पर क्या करें और क्या न करें
क्या करें
- सुबह जल्दी उठें और पवित्रता बनाए रखें।
- पूरी श्रद्धा से व्रत रखें।
- भगवान गणेश को 21 दूर्वा चढ़ाएं।
- व्रत के बाद गायों को चारा खिलाएं या खाना दान करें।
- सकट चौथ कथा पढ़ें या सुनें।
क्या न करें
- चांद निकलने से पहले कुछ न खाएं-पिएं (अगर निर्जला व्रत कर रहे हैं)।
- नॉन-वेजिटेरियन खाना खाने से बचें।
- कठोर शब्द या नेगेटिव विचार न कहें।
- चांद की पूजा न छोड़ें; व्रत पूरा करने के लिए यह ज़रूरी है।
सकट चौथ के बाद पारंपरिक रूप से खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ
जब व्रत खोला जाता है, तो भक्त इसका आनंद लेते हैं:
- तिल-गुड़ के लड्डू
- रेवड़ी / गजक
- मूंगफली
- गुड़ के साथ गेहूं की रोटी
- दूध और मिठाई
- मोदक
- मौसमी फल
इन खाद्य पदार्थों को शुभ माना जाता है क्योंकि ये सर्दियों में गर्मी, ऊर्जा और पवित्रता दिखाते हैं।
सकट चौथ पर तिल इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
तिल सकट चौथ का मुख्य हिस्सा है। पुराने शास्त्रों में तिल को अमरता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक बताया गया है।
लाभ और प्रतीकवाद
- लंबी उम्र दिखाता है
- बुरी ताकतों से बचाता है
- सर्दियों में शरीर की गर्मी को बैलेंस करता है
- भक्ति और त्याग का प्रतीक
माना जाता है कि भगवान गणेश को तिल चढ़ाने से संकट दूर होते हैं।
सकट चौथ और ज्योतिष - Sakat Chauth and Astrology
ग्रहों का प्रभाव
- माना जाता है कि यह व्रत राहु और केतु के दोष कम करता है।
- यह चंद्रमा के प्रभाव को मजबूत करता है, जिससे इमोशनल स्टेबिलिटी बेहतर होती है।
- गणेश बुरे ग्रहों के असर को दूर करते हैं और शुभ एनर्जी लाते हैं।
के लिए अनुशंसित
- जिन बच्चों को हेल्थ प्रॉब्लम हैं
- जिन लोगों को देरी या रुकावटें आ रही हैं
- जिन लोगों को मेंटल स्ट्रेस, डर या एंग्जायटी है
- कोई भी जो नया काम कामयाबी से शुरू करना चाहता है
निष्कर्ष
सकट चौथ 2026, इस साल 06 जनवरी को मनाया जाता है, भगवान गणेश और देवी सकट माता की भक्ति, व्रत और आशीर्वाद का एक शक्तिशाली दिन है। यह पवित्र व्रत एक माँ के प्यार और विश्वास का इज़हार है, माना जाता है कि यह रुकावटों को दूर करता है और बच्चों को मुश्किलों से बचाता है।
व्रत, पूजा, कहानी और चांद की पूजा से भक्त दैवीय शक्तियों से गहराई से जुड़ते हैं। चाहे आप इसे अपने बच्चों के लिए करें या अपने पूरे परिवार की खुशहाली के लिए, सकट चौथ आध्यात्मिक शक्ति, शांति और संतुष्टि लाता है।
भगवान गणेश जी आपकी सभी मुश्किलों को दूर करें और आपके परिवार में खुशियां और शांति लाएं।
FAQs
2026 mein sakat chauth kab ki hai?
साल 2026 में sakat chauth 06 जनवरी को है।
सकट चौथ में किस भगवान की पूजा होती है?
भगवान गणेश जी की पूजा होती है सकट चौथ के दिन।









