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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

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शनिवार

बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें – हिन्दू सनातन धर्म में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की बरगद के पेड़ की पूजा करने से देवताओ के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। बरगद के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा, शाखाओं में भगवान शिव और छाल में भगवान विष्णु का वास माना जाता हैं।

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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है

इसलिए यह पेड़ भी पूजनीय और वंदनीय माना जाता हैं। जिस प्रकार पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता हैं। उसी प्रकार बरगद के पेड़ को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है

कुछ पुराने शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की बरगद के पेड़ में पानी डालने से हमें पुण्य की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा बरगद के पेड़ में पानी डालने से भगवान शिव के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती हैं। ऐसा माना जाता है की बरगद का पेड़ भगवान शिव का प्रतीक होता हैं।

अगर आप सोमवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना करने के पश्चात बरगद के पेड़ में पानी डालती हैं, तो इससे आपको भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। इससे आपके भाग्य के दरवाजे भी खुल जाते हैं और आपको पुण्य की प्राप्ति होती हैं।

बरगद के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है

बरगद के पेड़ की पूजा करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं तथा सभी प्रकार के बुरे ग्रहों से मुक्ति मिलती हैं।

ऐसा माना जाता है की अगर आपकी Kundli में कोई ग्रह बुरे प्रभाव से मौजूद हैं, तो शनिवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने के बाद जल अर्पित करना चाहिए। साथ-साथ भगवान शिव की आराधना उपासना करनी चाहिए।

इसके अलावा बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। अगर आप यह उपाय करते हैं। तो आपको सभी ग्रहों से मुक्ति मिलती हैं तथा भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं।

बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

सुहागन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। साथ साथ व्रत आदि भी करती हैं। बरगद के पेड़ की पूजा करने का पूरा तरीका हमने नीचे बताया हैं:

  • जिस दिन आप बरगद के पेड़ की पूजा करने का संकल्प लेते हैं। उस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर ले।
  • इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इसलिए आपको सोलह शृंगार करना चाहिए।
  • इसके बाद आपको पूजा का सामान लेकर बरगद के पेड़ के नीचे जाना हैं। सबसे पहले बरगद के पेड़ की घी या तेल का दीपक जलाकर कुमकुम आदि से पूजा करनी हैं।
  • इसके बाद आपको कथा का श्रवण करना हैं।
  • कथा श्रवण हो जाने के पश्चात बरगद के पेड पर रोली और चंदन का टिका लगाना हैं साथ आपको बरगद के पेड़ को पानी सींचना हैं।
  • अब कच्चे सूत के धागे से के साथ बरगद के पेड़ की परिक्रमा लगानी हैं।
  • इतना हो जाने के बाद आपकी पूजा पूर्ण हो जाएगी। पूजा पूर्ण हो जाने के पश्चात आपको आपके पति की लंबी उम्र की कामना करनी हैं।

बरगद के पेड़ का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ को वट वृक्ष और अक्षय वट भी कहा गया है, जिसे अत्यंत पवित्र और देवतुल्य माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इसकी जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने या छाल में भगवान विष्णु और शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है, इसलिए इसे त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है।

बरगद का वृक्ष दीर्घायु, स्थिरता और अक्षयत्व (कभी न समाप्त होने वाला फल) का प्रतीक है। इसी कारण इसे वट सावित्री व्रत, विशेष पर्वों और पितृ‑तर्पण से जुड़े उपायों में विशेष रूप से पूजा जाता है।

बरगद के पेड़ की पूजा कब करें?

ऐसा माना जाता है कि वट वृक्ष की पूजा हर दिन शुभ होता है, खाशकर सोमवार, गुरुवार, शनिवार तथा अमावस्या/पूर्णिमा जैसे तिथियों पर की जा सकती है, हालांकि हर क्षेत्रीय परंपराएं अलग-अलग हो सकती हैं। विवाहित महिलाओं के लिए ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाने वाला वट सावित्री व्रत विशेष बहुत ही प्रसिद्ध है, जिसमें बरगद की पूजा और परिक्रमा से अखंड सौभाग्य तथा पति की दीर्घायु की कामना की जाती है।

विशेष रूप से सावन महीने में शिव‑उपासना के साथ वट वृक्ष की पूजा को भी बहुत शुभ माना गया है, क्योंकि यह वह समय होता है की इस टाइम भक्त के ऊपर त्रिदेव की विशेष कृपा प्राप्त कराने वाला अवसर माना जाता है। कुछ ज्योतिषीय / Astrologers मतों में शनिवार के दिन बरगद के पेड़ के पास दीप जलाकर और काला या सफेद सूत बांधकर जल देने से घर में शनि‑शांति का विशेष उपाय माना जाता है।

बरगद के पेड़ की पूजा कब करनी चाहिए?

बरगद की पूजा जयेष्ट अमावस्या करना शुभ माना जाता हैं। इसके अलावा काफी जगह पर बरगद के पेड़ की पूजा जयेष्ट पूर्णिमा के दिन भी की जाती हैं। यह दोनों ही दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने के लिए शुभ माने जाते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है / बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

ये भी पढ़े: जानिए नींद भगाने का मंत्र और घरेलू उपाय

FAQs (बरगद के पेड़ की पूजा से जुड़े सामान्य प्रश्न)

बरगद को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

बरगद के पेड़ को इंग्लिश Banyan में कहते है।

बरगद के पेड़ पर जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?

बरगद के पेड़ में रविवार के दिन जल देने से बचाव करना चाहिए।

बरगद के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ के नीचे दिया जलाने से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा आपके घर में धन-धान्य की कमी दूर होती है।

क्या अविवाहित लड़कियां भी बरगद के पेड़ की पूजा कर सकती हैं?

जी हाँ, अविवाहित कन्याएँ भी वट वृक्ष की पूजा कर सकती हैं; कई जगह इसे अच्छे पति और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए भी किया जाता है।

क्या पीरियड्स के दौरान बरगद की पूजा की जा सकती है?

अलग‑अलग परंपराओं के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिलाओ को व्रत‑पूजा से दूरी रखी जाती है, इसलिए परिवार और व्यक्तिगत मान्यता के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए।

क्या हम रात में बरगद के पेड़ के नीचे सो सकते हैं?

जी नहीं, रत के समय में बरगद के पेड़ के नीचे भूल से भी नहीं सोना चाहिए। क्योकि पेड़ के नीचे सोने वाले जातक को ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने का खतरा बना रहता है।

बरगद के पेड़ में दूध चढ़ाने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ में दूध चढ़ाने से धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ दोष शांति, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

बरगद का पेड़ किस दिन काटना चाहिए?

पुरानी मान्यताओं के अनुसार बरगद का पेड़ रविवार या अमावस्या को काटना शुभ नहीं होता है।

बरगद के पेड़ में किस देवता का वास होता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तथा पितरों का वास माना जाता है, इसलिए इसकी इस पेड़ की पूजा होती है।

बरगद के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ की पूजा करने से आयु वृद्धि, पितृ दोष शांति, सुख-समृद्धि और परिवार में शनि बानी रहती है।

बरगद का पेड़ किस दिन लगाना चाहिए?

बरगद का पेड़ गुरुवार, सोमवार या अमावस्या के दिन लगाना शुभ माना जाता है।

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शुक्रवार

घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है – घर में छिपकली का होना हमारे लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं क्योकि छिपकली को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। अगर हमारे घर में छिपकली आती हैं, तो यह हमारे लिए शुभ फलदायी देने वाला होता हैं।

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घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है

लेकिन हमारे घर में ज्यादा छिपकली का होना हमारे लिए कुछ न कुछ संकेत देने वाला होता हैं। ऐसे ही कुछ संकेत के बारे में आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले हैं। इसलिए हमारे साथ अंत तक बने रहिए।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं

घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है

घर में छिपकली का होना वैसे तो अच्छा माना जाता हैं। घर में छिपकली का होना माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। इससे आपको अपार धन की प्राप्ति होती हैं और घर में छिपकली का आना माता लक्ष्मी का भी प्रतीक माना जाता हैं। लेकिन घर में ज्यादा छिपकली का होना हमारे लिए अशुभ माना जाता हैं।

अगर हमारे घर में ज्यादा छिपकली हैं, तो उसके निकालने के कुछ कार्य करने चाहिए। क्योकि घर में ज्यादा छिपकली का होना आपके घर में आर्थिक तंगी का संकेत माना जाता हैं। इससे आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं। इसके अलावा आपके फ़ालतू के खर्चे भी बढ़ सकते हैं।

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छिपकली को मारने से क्या होता है

छिपकली को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता हैं। इसलिए छिपकली को मारना महापाप माना जाता हैं। अगर आप छिपकली को मारते हैं तो आप बहुत बड़ा पाप करते हैं।

ऐसा करने से आपके पूण्य में कम होते हैं और आपके पाप बढ़ जाते हैं। अगर आप छिपकली को मारते हैं, तो इसकी सजा आपको अगले जन्म में भुगतनी पड़ सकती हैं।

शुक्रवार को छिपकली गिरने से क्या होता है

शुक्रवार को शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर छिपकली का गिरना अलग-अलग संकेत देता हैं जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

  • अगर शुक्रवार के दिन आपके माथे पर छिपकली गिरती हैं, तो यह बहुत ही शुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपको धन और संपति की प्राप्ति हो सकती हैं।
  • शुक्रवार के दिन नाक पर छिपकली गिरना भी काफी अच्छा माना जाता हैं। अगर नाक पर छिपकली गिरती हैं तो यह भाग्योदय का संकेत माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपके जीवन में अचानक से एक अच्छा सा परिवर्तन आ सकती हैं।
  • शुक्रवार के दिन गले पर छिपकली का गिरना अतिउत्तम माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होती हैं।
  • अगर शुक्रवार के दिन भौंह पर छिपकली गिरती हैं तो यह आपके लिए अशुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना संकेत देती है कि आने वाले कुछ ही समय में आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता हैं। इस घटना के बाद आपके फ़ालतू के खर्चे बढ़ सकते हैं।
  • अगर शुक्रवार के दाहिने कंधे पर छिपकली गिरती हैं, तो बहुत ही शुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आप किसी पर भी विजय पाने में सक्षम बनते हैं। अगर बाहिने कंधे पर छिपकली गिरती हैं तो यह घटना अशुभ मानी जाती हैं। इस घटना के बाद आपके शत्रु में बढ़ोतरी हो सकती हैं।
  • अगर शुक्रवार के दिन बालों पर छिपकली गिरती हैं तो किसी बड़ी घटना की और इशारा करती हैं। यह घटना आपके लिए अशुभ मानी जाती हैं।

किस दिन छिपकली दिखना शुभ माना जाता है

मान्यता के अनुसार छिपकली को माता लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है की जिस घर में छिपकली होती हैं। उस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।

दिवाली की रात को अगर हमारे घर में छिपकली दिखाई देती हैं तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे आपको माता लक्ष्मी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं और उनके आशीर्वाद से हमे धन की प्राप्ति होती हैं।

नए घर में छिपकली दिखना

अगर आप नये घर में प्रवेश कर रहे हैं और प्रवेश करने के दौरान आपको घर में छिपकली दिखती हैं, तो यह शुभ संकेत माना जाता हैं। नए घर में छिपकली का आना शुभ माना जाता हैं।

नये घर में छिपकली का आना मतलब हमारे पूर्वजो का आना माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की हमारे पूर्वज छिपकली के रूप में हमे आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। इसलिए नये घर में छिपकली का आगमन पूर्वजो के आशीर्वाद माने जा सकते हैं। इससे माना जा सकता है की हमारे पूर्वज हमारे साथ हैं।

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घर में दो छिपकली का लड़ना शुभ या अशुभ

अगर आपको घर में दो छिपकली लडती हुई दिखाई देती हैं, तो यह अशुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपका परिवार वालो के साथ मनमुटाव हो सकता हैं। घर के सदस्यों के बीच ही झगड़ा उत्पन्न हो सकता हैं।

घर में काली छिपकली दिखना शुभ या अशुभ

अगर आपको घर में काली छिपकली दिखती हैं तो यह अशुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं। यह धन-हानि की और इशारा करता हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

घर में एक साथ तीन छिपकली देखना कैसा होता है?

घर में एक साथ तीन छिपकली देखना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आने वाले समय में फायदा हो सकता हैं।

पूजा स्थल पर छिपकली का दिखाई देना कैसा होता है?

अगर पूजा घर में छिपकली दिखाई देती हैं, तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति हो सकती हैं।

दीवार पर से छिपकली का गिरना कैसा होता है?

दीवार पर से छिपकली का नीचे गिरना अशुभ माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले समय में कोई अनहोनी होने वाली हैं।

छिपकली घर की दीवार पर चढ़ती हुई दिखाई दे तो कैसा होता है?

यह शुभ माना जाता हैं। इस प्रकार की घटना के बाद आपको सफलता की प्राप्ति हो सकती हैं।

रात में छिपकली देखने से क्या होता है?

रात में छिपकली का दिखना एक सामान्य घटना है, बहुत से लोग इसे संयोग मानते हैं, इसलिए आपको चिंता और डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।

घर में छिपकली का होना शुभ या अशुभ?

घर में छिपकली का होना तो एक सामान्य बात है। वास्तु के अनुसार इसे न तो पूरी तरह शुभ ही माना गया है, और न अशुभ। यह छोटे-छोटे कीड़ों को खाकर घर को साफ रखने में भी मदद करती है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के जरिये ये सब बताया है की घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

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दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना | सपने में खुद को सजा हुआ देखना, जानिये

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बुधवार

सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना और खुद को सजा हुआ देखना – सोने के बाद सपने आना एक सामान्य बात हैं। सपने हर कोई देखता हैं और सपने दो प्रकार के आते हैं। एक अच्छे सपने और दुसरे बुरे सपने, लेकिन स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर एक सपने के पीछे कोई ना कोई अर्थ छिपा होता हैं। फिर वह सपना बुरा हो या अच्छा।

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सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना

आप भी सोने के बाद कुछ सपने देखते होगे। लेकिन उसके पीछे का अर्थ क्या होता हैं। यह शायद ही जानते होगे। आज हम कुछ सपनो के अर्थ बताने वाले हैं जो आपको जीवन में कभी ना कभी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना क्या अर्थ हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना

अगर आप सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। स्वप्न शास्त्र के अनुसार ऐसा सपना देखना आपके खराब भविष्य की तरफ इशारा करता हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार का सपना देखने से भविष्य में आपके साथ कोई भी बुरी घटना हो सकती हैं।

इसलिए ऐसा सपना देखने के बाद कुछ दिन या महीनो तक अच्छे काम से विराम ले। अगर आप यह सपना देखने के बाद भी कोई कार्य करते हैं तो कोई भी बाधा या घटना उत्पन्न हो सकती हैं।

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सपने में खुद को सजा हुआ देखना

सपने में खुद को सजा हुआ देखना यह सपना आपके लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं। स्वप्न शास्त्र के अनुसार यह सपना आपके लिए अतिउत्तम माना जाता हैं। इस सपने का अर्थ होता है की आने वाले कुछ ही समय में आपको सफलता की प्राप्ति होने वाली हैं। इसके अलावा यह सपना आपको ख़ुशी प्रदान करने वाला भी माना जाता हैं।

जिनकी शादी नही हुई हैं और जो लोग शादी के बंधन में जुड़ना चाहते हैं। उन लोगो के लिए ऐसा सपना देखना काफी अच्छा माना जाता हैं। इस प्रकार का सपना देखने के बाद जल्द ही आपकी शादी के योग बन सकते हैं और जल्द ही शादी हो सकती हैं।

इसके अलावा यह सपना संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपके परिवार में कोई मांगलिक कार्य होने वाला हैं। 

सपने में हल्दी की रस्म देखना

अगर आप सपने में हल्दी की रस्म देखते हैं तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपके परिवार में किसी सदस्य की शादी होने वाली हैं और आपके घर में मांगलिक कार्य होने वाले हैं।

अगर यह सपना कोई अविवाहित लड़का या लड़की देखती हैं तो उनके लिए भी यह सपना शुभ माना जाता हैं। इस प्रकार का सपना देखने के बाद अविवाहित लड़की या लड़के की जल्दी शादी हो सकती हैं और एक अच्छा जीवनसाथी मिल सकता हैं।

सपने में मेहंदी लगाते हुए देखना

अगर आप सपने में मेहंदी लगाते हुई दिखाई दे रही हैं तो यह सपना आप के लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपके जीवन में मेहंदी की तरह खुशियों के रंग भरने वाले हैं।

आपको सुख और शांति की प्राप्ति होने वाली हैं। यह सपना देखने के बाद आप जीवन में काफी अच्छी सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं। जिस प्रकार मेहंदी लगाने के बाद मेहंदी हाथो में अच्छे से रंग ले आती हैं। उसी प्रकार आपका जीवन भी सुख के रंगों से भरने वाला हैं।

सपने में शादी के ख्याल आना

अगर आपको सपने में शादी के ख्याल आते हैं तो यह सपना आपके लिए बहुत ही अच्छा और शुभ माना जाता हैं। अगर आप अविवाहित और इस प्रकार का सपना देखते हैं तो आने वाले निकट समय में आपके विवाह के योग बन सकते हैं। बहुत जल्दी आप विवाह के बंधन में बंधने वाले हैं।

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सपने में शादी टूटना का मतलब

अगर आपको शादी टूटने का सपना आता हैं तो यह सपना आपके लिए बिलकुल भी अच्छा नही माना जाता है। यह सपना आपको समस्या देने वाला माना जाता हैं।

अगर आप इस प्रकार का सपना देखते हैं तो आने वाले निकट समय में आपके कार्यो में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं। आप कोई भी कार्य करेगे वह रुक जायेगा। कार्य में अडचने आएगी और आपका कार्य कभी भी पूरा नही होगा।

सपने में शादी का मंडप और नाच गाना देखना

अगर आप सपने में मंडप और शादी में नाच गाना देखते हैं तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपके घर में कोई शुभ कार्य होने वाले हैं। आपके घर में किसी के शादी के योग भी बन सकते हैं।

सपने में अपनी शादी देखना

अगर आप सपने में अपनी शादी देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अच्छा माना जाता हैं। अगर आप अविवाहित है और इस प्रकार का सपना देखते हैं, तो आने वाले निकट समय में आपकी शादी हो सकती हैं।

अगर आप शादीशुदा हैं और इस प्रकार का सपना देखते हैं, तो यह भी आपके लिए शुभ माना जाता हैं। इससे माना जा सकता है की आप अपने करियर की शुरुआत करने वाले हैं। जिसमे आपको सफलता मिलेगी।

सपने में किसी की बारात देखना

अगर आप सपने में किसी की बारात देखते हैं, तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आप किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। यह सपना आपकी बीमारी को न्यौता देने वाला माना जाता हैं।

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सपने में दूल्हा दुल्हन को सात फेरे लेते हुए देखना

अगर आप इस प्रकार का सपना देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपके जीवन में काफी सारी समस्या और बाधा उत्पन्न होने वाली हैं। यह सपना आपको दुःख देने वाला और आपकी खुशियां छिनने वाला माना जाता हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना क्या अर्थ है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना। सपने में खुद को सजा हुआ देखना ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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FAQs

सपने में शादी की तैयारी देखना क्या शुभ होता है?

जी हाँ, यह आमतौर पर बहुत ही शुभ माना जाता है। यहाँ से जीवन का नया पड़ाव शुरू होता है और नए अवसर तथा खुशियों का भी प्रतीक होता है।

क्या यह सपना अपनी आने वाली शादी का संकेत देता है?

जी नहीं, पर ऐसा होता है कि यह आपके लिए किसी बड़े परिवर्तन या नई आरम्भ की ओर संकेत जरूर करता है।

यदि सपना अधूरी शादी का हो तो इसका क्या मतलब है?

सपना अधूरी शादी का हो तो यह आपकी अधूरी इच्छाओं और निर्णय लेने में हिचकिचाहट का एक संकेत मात्र हो सकता है।

अजनबी की शादी में खुद को तैयारी देखने का क्या अर्थ है?

अजनबी की शादी में खुद को रेडी होना यह बताता है कि आपकी भी ज़िंदगी में कोई नई व्यक्ति का आगमन या अवसर जल्द आने वाला ही है।

क्या ऐसे सपने का आना कोई धार्मिक अर्थ भी होता है?

जी हाँ, यदि स्वप्न शास्त्र के अनुसार बात करे तो यह शुभ अवसर, शादी योग और सामाजिक उन्नति का भी एक प्रतीक माना जा सकता है।

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सकट चौथ 2026: तिथि, पूजा विधि और भगवान गणेश की कहानी

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Sakat Chauth 2026 Date: साल 2026 में सकट चौथ जनवरी के प्रथम वीक में पड़ रहा है, सकट चौथ, जिसे संकट चतुर्थी या तिलकुट चौथ भी कहते हैं, बच्चों की लंबी उम्र, सेहत और खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला सबसे खास हिंदू व्रतों में से एक है। भारत और नेपाल में माताएं इस दिन कड़ा व्रत रखती हैं, भगवान गणेश और देवी सकट की पूजा करती हैं ताकि उनके जीवन की बाधाएं दूर हों और उनके बच्चों को खुशी, समझदारी और मुश्किलों से सुरक्षा मिले।

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साल 2026 में, सकट चौथ बहुत श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा, जिससे भक्त मंदिरों और सामुदायिक समारोहों में आएंगे, जबकि लाखों लोग घर पर व्रत रखेंगे। यह blog में हम आपको सकट चौथ 2026 की तारीख (Sakat chauth 2026 kab hai), पूरी पूजा विधि, व्रत के नियम, महत्व और इस त्योहार से जुड़ी भगवान गणेश की पवित्र कहानी के बारे में बतायेगे।

सकट चौथ 2026: तारीख और समय - Sakat Chauth 2026: Date and Time

Sakat Chauth Kab Hai 2026 / सकट चौथ हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है (North Indian Purnimanta Calendar के अनुसार)। महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में, अमांत कैलेंडर के अनुसार महीना अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इस त्योहार की तारीख वही रहती है।

When is Sakat Chauth in 2026?

सकट चौथ 2026 में कब है: बहुत से लोगो ले मन में सवाल होगा की साल 2026 में सकट चौथ कब है? तो हम आपको बता दे की साल 2026 में यह व्रत 6 जनवरी, दिन मंगलवार को पड़ रहा है।  

  • Sakat Chauth 2026 Date: मंगलवार, 6 जनवरी 2026

सकट चतुर्थी तिथि का समय

  • चतुर्थी चौथ शुरू: 06 जनवरी 2026, दिन:मंगलवार को सुबह 8:01 बजे से
  • चतुर्थी चौथ खत्म: 07 जनवरी 2026, दिन:बुधवार को सुबह 6:52 बजे तक

Moonrise Timing (For Breaking the Fast)

मुख्य बिंदु: संकट चौथ पर चंद्रोदय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।

  • 06 जनवरी 2026 को चंद्रोदय समय: रात के 8:54 बजे (लगभग)

सकट चौथ क्या है? - What Is Sakat Chauth?

सकट चौथ भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता हैं, और देवी सकट माता जी, जो बच्चों को परेशानियों और बीमारियों से बचाती हैं, और यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए पूरी श्रद्धा से यह व्रत रखती हैं। कुछ इलाकों में, शादीशुदा महिलाएं पूरे परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं।

सकट शब्द का मतलब है मुश्किलें, और भक्तों का मानना ​​है कि इस दिन पूजा करने से जीवन से मुश्किलें दूर होती हैं। यह भी माना जाता है कि इस व्रत के दौरान की गई कोई भी इच्छा भगवान गणेश पूरी करते हैं।

सकट चौथ 2026 का महत्व

बच्चों की भलाई के लिए

माताएं अपने बच्चों की अच्छी सेहत, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए इस व्रत रखती हैं। इस व्रत को बच्चों के प्रति बिना शर्त प्यार और समर्पण के रूप में देखा जाता है।

बाधाओं से सुरक्षा

इस दिन भगवान गणेश भक्तों के मार्ग से सभी बाधाएं दूर करते हैं, इसलिए इसे चतुर्थी को संकट मोचन चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

इच्छाओं की पूर्ति

भक्तों का यह भी मानना ​​है कि गणेश चतुर्थी पर जल्दी वरदान देते हैं, खासकर जब व्रत को सख्त नियम के साथ किया जाता है।

परिवार के साथ मज़बूत रिश्ता

इस दिन परिवार शाम की पूजा, चांद निकलने की रस्मों और प्रसाद बांटने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिससे एकता और आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ता है।

ज्योतिष में महत्व

माना जाता है कि सकट चौथ बच्चों की Kundli से जुड़े ग्रह दोषों के बुरे असर को कम करता है। भगवान गणपति जी नेगेटिव एनर्जी और राहु और केतु के बुरे असर से भी बचाते हैं।

सकट चौथ का व्रत कैसे रखें - How to Observe the Sakat Chauth Fast

सकट चौथ का व्रत बहुत ही सख्त माना जाता है और कई महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं, जबकि कुछ माताए सिर्फ फल या दूध लेती हैं।

सकट चौथ उपवास के प्रकार

  • निर्जला व्रत: यानि बिना खाना या पानी
  • फलाहार व्रत: फल और दूध की अनुमति
  • सात्विक आहार: बिना अनाज के एक बार का भोजन

इस व्रत में चंद्रोदय और चतुर्थी पूजा पूरी होने के बाद ही व्रत को तोड़ा जाता है।

सकट चौथ 2026 पूजा विधि - Sakat Chauth 2026 Puja Vidhi

आपको बता दे कि सकट चौथ की पूजा शाम को करनी चाहिए, खासकर चांद निकलने के समय। नीचे साल 2026 के लिए पूरी पूजा विधि दी गई है।

सकट चौथ में पूजा से पहले की तैयारियाँ

1. सुबह के काम

  • इस दिन जल्दी उठें, हो सके तो सूरज उगने से पहले।
  • पवित्र स्नान करें।
  • पूजा की जगह को ठीक से साफ़ करें।
  • भगवान गणेश और देवी सकट माता की मूर्ति या तस्वीर रखें।

2. उपवास संकल्प

  • मूर्ति के सामने बैठें और व्रत का प्रण लें:

“माता मैं यह सकट चौथ व्रत अपने बच्चों की खुशी, सेहत और सुरक्षा के लिए रख रही हूँ।”

3. पूजा सामग्री तैयार करें

आपको चाहिये होगा:

  • गणेश की मूर्ति
  • मिट्टी का दीया
  • तेल या घी
  • रोली, कुमकुम, हल्दी
  • दूर्वा घास (21 धागे)
  • फूल
  • तिल
  • गुड़
  • रेवड़ी, गजक
  • मूंगफली
  • नारियल
  • अक्षत (चावल)
  • पानी
  • पान के पत्ते
  • प्रसाद के लिए मिठाई
  • सकट माता की रोटी के लिए गेहूं का आटा

Sakat Chauth 2026 Evening Puja Vidhi

पूजा एरिया सेटअप करें

मूर्तियों को लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर रखें, दिप जलाएं और जगह को फूलों से सजाएं।

गणेश पूजा

  • कुमकुम और हल्दी लगाएं।
  • भगवान गणेश को 21 दूर्वा घास चढ़ाएं।
  • फूल और मोदक चढ़ाएं।
  • अगरबत्ती या धूप जलाएं।

तिल और गुड़ चढ़ाएं

सकट चौथ पर तिल और गुड़ ज़रूरी प्रसाद हैं। ऐसा माना जाता है कि:

“तिल और गुड़ से सकट माँ प्रसन्न होती हैं।”

सकट माता से प्रार्थना करें

प्रसाद के रूप में घी और गुड़ से बनी गेहूं के आटे की रोटी रखें।

सकट चौथ व्रत कथा पढ़ें या सुनें

व्रत पूरा करने के लिए कहानी सुनना ज़रूरी है।

चंद्रोदय अनुष्ठान

चाँद देखने के बाद:

  • जल (अर्घ्य) चढ़ाएं
  • तिल, फूल और चावल चढ़ाएं
  • बच्चों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें

उपवास तोड़ें

तिल, गुड़ और गजक का प्रसाद ग्रहण करें।

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सकट चौथ व्रत कथा (The Story of Lord Ganesha)

यदि आप सकट चौथ व्रत करना है तो आपको सबसे ज़रूरी हिस्सों में से एक है व्रत कथा। यह कहानी भक्ति की शक्ति और भगवान गणेश जी के भक्तों की रक्षा करने के चमत्कारी तरीकों पर रोशनी डालती है।

सकट चौथ के पीछे की कथा

बहुत समय पहले कि बात है, एक गांव में एक गरीब औरत अपने छोटे बेटे के साथ रहती थी। सकट चौथ पर जब सब लोग सकट माता और भगवान गणेश की पूजा करते थे, तो उस औरत के पास चढ़ाने के लिए कुछ नहीं था। अपनी गरीबी के बावजूद, उसने पूरी श्रद्धा से व्रत रखा। उसने तिल इकट्ठा किए, बचे हुए आटे से एक छोटी रोटी बनाई और पूरी श्रद्धा से पूजा की।

उस रात, डाकू गांव में घुस आए और कई घरों पर हमला किया। लेकिन चमत्कार से, महिला और उसके बेटे को कोई नुकसान नहीं हुआ। अगली सुबह जब गांव वालों ने यह देखा, तो उन्हें यकीन हो गया कि सकट माता ने मां की सच्ची भक्ति की वजह से उनकी रक्षा की है। उस दिन से, गांव वालों ने नई आस्था के साथ व्रत रखना शुरू कर दिया, और यह परंपरा अभी तक पीढ़ियों तक चलती रही।

एक और लोकप्रिय कहानी - गणेश और चंद्रमा की कहानी

पुरानी कहानी के अनुसार, एक बार भगवान गणेश दावत के बाद घर लौट रहे थे। अपने मूषक वाहन पर सवार होकर, वे अचानक लड़खड़ाकर गिर पड़े। चंद्र देव, चंद्र देव, उन पर ज़ोर से हंसे।

अपमानित होकर भगवान गणेश ने चाँद को श्राप दिया:

“जो कोई भी इस दिन चाँद को देखेगा, उसे झूठे इल्ज़ाम और बुरी किस्मत का सामना करना पड़ेगा।”

यह दिन कृष्ण चतुर्थी था, जिसे बाद में सकट चौथ के रूप में मनाया गया।

अपनी गलती का एहसास होने पर, चंद्र देव ने माफ़ी मांगी। गणेश ने श्राप कम करते हुए कहा:

“जो कोई भी आज चांद को देखेगा और श्रद्धा से सकट चौथ का व्रत रखेगा, वह सभी मुश्किलों से सुरक्षित रहेगा।”

यह कहानी बताती है:

  • सकट चौथ पर चांद की पूजा क्यों ज़रूरी है
  • भक्त दिन में चांद देखने से क्यों बचते हैं
  • व्रत खोलने में चांद निकलने का क्या अहम रोल होता है

सकट चौथ का आध्यात्मिक अर्थ - Spiritual Meaning of Sakat Chauth

बाधाओं पर विजय

भगवान गणेश ज्ञान और चुनौतियों से निपटने की क्षमता के प्रतीक हैं। माना जाता है कि यह व्रत नेगेटिविटी और कर्मों की रुकावटों को दूर करता है।

बच्चे और माँ के बीच के रिश्ते को मज़बूत करना

पारंपरिक रूप से, माताएं अपने बच्चों की सफलता, अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं।

आंतरिक अनुशासन

उपवास सेल्फ-कंट्रोल, धैर्य और आध्यात्मिक ध्यान सिखाता है।

मन और आत्मा की शुद्धि

पूजा, प्रार्थना और कहानी सुनाने से भक्त अपने विचारों और भावनाओं को शुद्ध करते हैं।

भारत भर में रीति-रिवाज और परंपराएँ

उत्तर भारत: महिलाएं गुड़ के साथ तिलकुट, गजक, रेवड़ी और रोटी बनाती हैं। समाज के लोग इकट्ठा होते हैं जहां महिलाएं मिलकर व्रत कथा पढ़ती हैं।

महाराष्ट्र: इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। भक्त मोदक, दूर्वा घास चढ़ाते हैं और संकष्टी गणेश कथा सुनते हैं।

दक्षिण भारत: कुछ समुदाय परिवार की खुशहाली के लिए बड़े पैमाने पर गणेश होमम करते हैं।

बिहार और उत्तर प्रदेश: तिल और गुड़ का खास महत्व है। परिवार खास रोटियां बनाते हैं और मूंगफली, मीठे व्यंजन और मौसमी फल चढ़ाते हैं।

सकट चौथ 2026 पर क्या करें और क्या न करें

क्या करें

  • सुबह जल्दी उठें और पवित्रता बनाए रखें।
  • पूरी श्रद्धा से व्रत रखें।
  • भगवान गणेश को 21 दूर्वा चढ़ाएं।
  • व्रत के बाद गायों को चारा खिलाएं या खाना दान करें।
  • सकट चौथ कथा पढ़ें या सुनें।

क्या न करें

  • चांद निकलने से पहले कुछ न खाएं-पिएं (अगर निर्जला व्रत कर रहे हैं)।
  • नॉन-वेजिटेरियन खाना खाने से बचें।
  • कठोर शब्द या नेगेटिव विचार न कहें।
  • चांद की पूजा न छोड़ें; व्रत पूरा करने के लिए यह ज़रूरी है।

सकट चौथ के बाद पारंपरिक रूप से खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ

जब व्रत खोला जाता है, तो भक्त इसका आनंद लेते हैं:

  • तिल-गुड़ के लड्डू
  • रेवड़ी / गजक
  • मूंगफली
  • गुड़ के साथ गेहूं की रोटी
  • दूध और मिठाई
  • मोदक
  • मौसमी फल

इन खाद्य पदार्थों को शुभ माना जाता है क्योंकि ये सर्दियों में गर्मी, ऊर्जा और पवित्रता दिखाते हैं।

सकट चौथ पर तिल इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

तिल सकट चौथ का मुख्य हिस्सा है। पुराने शास्त्रों में तिल को अमरता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक बताया गया है।

लाभ और प्रतीकवाद

  • लंबी उम्र दिखाता है
  • बुरी ताकतों से बचाता है
  • सर्दियों में शरीर की गर्मी को बैलेंस करता है
  • भक्ति और त्याग का प्रतीक

माना जाता है कि भगवान गणेश को तिल चढ़ाने से संकट दूर होते हैं।

सकट चौथ और ज्योतिष - Sakat Chauth and Astrology

ग्रहों का प्रभाव

  • माना जाता है कि यह व्रत राहु और केतु के दोष कम करता है।
  • यह चंद्रमा के प्रभाव को मजबूत करता है, जिससे इमोशनल स्टेबिलिटी बेहतर होती है।
  • गणेश बुरे ग्रहों के असर को दूर करते हैं और शुभ एनर्जी लाते हैं।

के लिए अनुशंसित

  • जिन बच्चों को हेल्थ प्रॉब्लम हैं
  • जिन लोगों को देरी या रुकावटें आ रही हैं
  • जिन लोगों को मेंटल स्ट्रेस, डर या एंग्जायटी है
  • कोई भी जो नया काम कामयाबी से शुरू करना चाहता है

निष्कर्ष

सकट चौथ 2026, इस साल 06 जनवरी को मनाया जाता है, भगवान गणेश और देवी सकट माता की भक्ति, व्रत और आशीर्वाद का एक शक्तिशाली दिन है। यह पवित्र व्रत एक माँ के प्यार और विश्वास का इज़हार है, माना जाता है कि यह रुकावटों को दूर करता है और बच्चों को मुश्किलों से बचाता है।

व्रत, पूजा, कहानी और चांद की पूजा से भक्त दैवीय शक्तियों से गहराई से जुड़ते हैं। चाहे आप इसे अपने बच्चों के लिए करें या अपने पूरे परिवार की खुशहाली के लिए, सकट चौथ आध्यात्मिक शक्ति, शांति और संतुष्टि लाता है।

भगवान गणेश जी आपकी सभी मुश्किलों को दूर करें और आपके परिवार में खुशियां और शांति लाएं।

FAQs

2026 mein sakat chauth kab ki hai?

साल 2026 में sakat chauth 06 जनवरी को है।

सकट चौथ में किस भगवान की पूजा होती है?

भगवान गणेश जी की पूजा होती है सकट चौथ के दिन।

जानिए तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं | तुलसी का पौधा घर में लगाने के नियम

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मंगलवार

तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं – हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता हैं। तुलसी को घर के आंगन में लगाया जाता है जिस से घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती हैं। तुलसी हिंदू शास्त्र में अच्छा तो माना जाता ही है लेकिन तुलसी में बहुत से औषधीय गुण होते हैं। इसलिए अधिकतर घरो में तुलसी का पौधा पाया जाता हैं।

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तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं | तुलसी का पौधा घर में लगाने के नियम

दोस्तों आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से आपको बताएगे की तुलसी का पौधा किसी से उपहार में लेना या किसी को उपहार में देना अच्छा है या नही। इस बारे में बताएगे तथा किन लोगो को तुलसी का पौधा घर में नही रखना चाहिए इसके बारे में भी चर्चा करेंगे, तो आप इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े।

तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं | तुलसी का पौधा उपहार में लेना लेना चाहिए

उपहार लेना और देना भारत में प्राचीन समय से चला आ रहा हैं। उपहार लेने देने से एक दुसरे के प्रति स्नेह और प्रेम बढ़ता हैं। लेकिन कई बार उपहार देने वाले नकारात्मक ऊर्जा आप के लिए बुरे अनुभव का कारण बन सकते हैं। इसलिए कुछ वस्तु को उपहार में लेने से नकारात्क ऊर्जा फैलती हैं। इन्ही में से एक है तुलसी का पौधा इसे भले ही पूजनीय माना जाता है लेकिन उपहार के तौर पर लेना या स्वीकार करना आप के लिए नकारात्मक प्रभाव वाला हो सकता हैं।

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तुलसी का पौधा घर में लगाने के नियम

तुलसी का पौधा ज्यादातर हिंदू घरों में पाया जाता हैं। जिसे भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता हैं। जिस घर में श्री कृष्ण की पूजा की जाती है उस घर में तुलसी का पौधा ज़रूर पाया जाता है क्योंकि श्री कृष्ण का कोई भी भोग तुलसी के बिना नही लग सकता हैं। इन घरो में श्री कृष्ण की पूजा के साथ तुलसी की भी पूजा की जाती हैं।

कई लोग सुबह या शाम के समय तुलसी के सामने घी का दीपक जलाते हैं। लेकिन तुलसी का पौधा सभी के लिए शुभ नही होता हैं। तुलसी का पौधा घर के आंगन में लगाने के लिए कुछ नियम का पालन करना जरूरी होता हैं। अगर नियम का पालन करे बिना तुलसी का पौधा घर में लगाया जाए तो आपको हानि भी हो सकती हैं।

तो आइए जानते है किन लोगो को तुलसी का पौधा घर में नही लगाना चाहिए और इसे लगाते समय किस बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • जिन लोगो के घर में मांस का सेवन होता हो उन लोगो को तुलसी नही रखनी चाहिए क्योंकि तुलसी को परम वैष्णव माना गया है। भगवान विष्णु या श्री कृष्ण के पूजन में तामसिक चीजों का इस्तेमाल नही होता उनकी पूजा सात्विक तरीके से की जाती हैं। इसलिए मांस खाने वाले तुलसी का पौधा अपने आंगन में नही लगा सकते हैं।
  • जो लोग मदिरा या शराब का सेवन करते है उन लोगो को तुलसी अपने घर में नही रखनी चाहिए। शराब पीने वाले घर में तुलसी लाभ की जगह हानि ही पहुंचाती हैं क्योंकि तुलसी को परम वैष्णव माना जाता हैं। इसलिए तुलसी को यह सभी चीजों से दूर रखने में ही भलाई हैं।
  • तुलसी को दक्षिण दिशा में नही रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में स्थापित तुलसी अशुभ फल देती हैं। तुलसी को हमेशा उत्तर दिशा की तरफ लगाए जिसे बुध की दिशा मानी जाती है इस दिशा में लगाने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
  • तुलसी को कभी भी जमीन में नहीं लगाना चाहिए तुलसी को हमेशा गमले में लगाना चाहिए। तुलसी को जमीन में लगाने से वह अशुभ फल देना शुरू कर देती है जिसकी असर घर के सदस्यों के सेहत पर पड़ती हैं।
  • दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में तुलसी को स्थापित नही करना चाहिए। इस दिशा में रखी गई तुलसी धन की समस्या पैदा करती है तथा घर में लाभ होने वाले कार्य कम हो जाते हैं।
  • तुलसी को छत पर नही लगाना चाहिए इस से बुध ग्रह खराब होता है इसके कारण व्यक्ति के जीवन में मानसिक विकार आने लगते हैं। तुलसी को अंडरग्राउंड भी नही लगाना चाहिए इस से घर में रोग और विकार जन्म लेते हैं। तुलसी को हमेशा घर के आंगन में या फिर केंद्र में तथा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए इस से ज्यादा लाभ होगा।
  • तुलसी की पूजा रविवार के दिन नही करनी चाहिए तथा इस दिन तुलसी के पत्तो को भी नही तोडना चाहिए। बाकी के दिनों में भी सूर्यास्त होने के बाद तुलसी के पत्ते नही तोड़ने चाहिए।
  • तुलसी को नैऋत्य कोण में भी लगाना अशुभ माना जाता है इस दिशा में लगाई तुलसी अधर्म को जन्म देती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने इस ब्लॉग में तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं | तुलसी का पौधा घर में लगाने के नियम के माध्यम से आपको तुलसी को उपहार में लेना अच्छा नहीं माना जाता है यह बताया तथा किन लोगो को अपने घर में तुलसी नहीं लगानी चाहिए। और तुलसी लगाते समय किन नियम का पालन करना जरुरी है। यह सभी जानकारी आपको प्रदान की हैं।

अगर आपको भी अपने घर में तुलसी लगानी है तो हमारे ब्लॉग में लिखी बाते ध्यान में रखके तुलसी स्थापित करे जिससे आपको काफी लाभ होगा और आपके कार्य शुभ होगे। दोस्तों आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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परीक्षा में टॉप करने के टोटके | परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई और मंत्र

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सोमवार

परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई और मंत्र - हर विधार्थी के जीवन में परीक्षा की घड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। हर एक माता-पिता चाहते है कि उनकी संतान परीक्षा में टॉप आए और परिवार का नाम रोशन करके अपना भविष्य भी उज्जवल बनाए।

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परीक्षा में टॉप करने के टोटके, चौपाई और मंत्र

परीक्षा की तैयारी करने के लिए शांत मन और ठंडे दिमाग से पढना पड़ता हैं। कुछ बच्चो को पढाई में दिलचस्पी नहीं होती हैं, तो बीना रूचि के पढाई करते हैं।

तो कुछ बच्चो को पढाई करने के बाद भी याद नहीं रहता हैं और फिर वह परीक्षा में कुछ भी लिखकर आ जाते हैं। हर विधार्थी यही चाहता है कि वह परीक्षा में टॉप आए।

लेकिन टॉप आना विधार्थी के लिए मुश्किल काम हो जाता हैं। लेकिन हम आपकी इस मुश्किल को घड़ी इस ब्लॉग के माध्यम से दूर करेगे। इसलिए हमारा यह ब्लॉग आप लोग अंत तक जरुर पढ़े।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से परीक्षा में टॉप करने के टोटके तथा परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई और मंत्र के बारे में बताने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

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परीक्षा में टॉप करने के टोटके

परीक्षा में टॉप करने के कुछ टोटके हमने नीचे बताए हैं। जिसे करने से आप परीक्षा में अवश्य ही टॉप आएगे:

  • परीक्षा में टॉप होने के लिए परीक्षा के कुछ दिन पहले से ही मिश्री और तुलसी के पत्तो का सेवन करना शुरू कर दे और परीक्षा के दिन भी मिश्री और तुलसी के 11 पत्ते खाकर परीक्षा देने के लिए जाए। यह एक टोटका है जो आपको परीक्षा में टॉप कराने में मदद करेगा।
  • परीक्षा में टॉप करने के लिए आपके रूम में माता सरस्वती की प्रतिमा लगाकर रखे। इससे आपको पॉजिटिव ऐनर्जी मिलेगी और पढ़ा हुआ आपको याद रहेगा।
  • परीक्षा में टॉप करने के लिए आपके पास या आपकी बुक में एक मोरपंख हमेशा के लिए रखे। इससे आपका दिमाग शांत रहेगा और पढ़ा हुआ याद रहने की शक्ति बढ़ेगी।
  • परीक्षा में टॉप करने के लिए परीक्षा के दिन अपने माथे पर केसर का तिलक लगाकर जाए। घर के बड़ो का आशीर्वाद लेकर ही परीक्षा देने के लिए जाए।
  • परीक्षा में टॉप करने के लिए आप तीन तुलसी के पत्ते लेकर हनुमानजी के मंदिर में चढ़ा दीजिए। इसमें से एक पत्ता आप अपने पास रखे। इससे हनुमानजी की शक्ति आपके आसपास रहेगी और आपको परीक्षा में घबराहट नहीं होगी। इस कारण आप अच्छा लिख पाएगे। यह टोटका आपको परीक्षा शुरू होने के कुछ दिन पहले से शुरू करके परीक्षा के दिन तक रोजाना करना हैं।
  • परीक्षा में टॉप करने के लिए गीता के 11 और 12 नंबर के श्लोक का पाठ करना चाहिए तथा पाठ करते समय भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा अपने पास रखनी चाहिए। यह उपाय आपको टॉप कराने में मदद करेगा।
  • परीक्षा में टॉप करने के लिए सूर्य भगवान को अक्षत चावल और कुमकुम मिश्रित जल अर्पित करे। इससे आप अवश्य ही परीक्षा में टॉप होगे। जब परीक्षा देने के लिए जाए तब माँ सरस्वती से प्रार्थना करके तथा उनके आशीर्वाद लेकर घर से निकले। इससे आपमें पॉजिटिव ऐनर्जी बनी रहेगी।

परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई

परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई हमने नीचे बताई हैं, जिसे आप ध्यान से देखे:

हर तरह की परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई

जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी।
कवि उर अजिर नचावहिं बानी।।
मोरि सुधारहिं सो सब भांती।
जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।

परीक्षा में पास होने के लिए मंत्र

परीक्षा में पास होने के लिए नीचे दिए गए इस विशेष मंत्रो का जाप करे:

ओम शारदा माता ईश्वरी, मै नित सुमरि तोय, हाथ जोड़ अरजी करू विद्या वर दे मोय

——————

गुरु गृहन गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब आई

परीक्षा में पास होने के लिए इन मंत्रो को नियमित रूप से जाप करे। इन मंत्रो के जाप करने की कोई भी विधि नहीं हैं। आप जब चाहे इन मंत्रो का जाप कर सकते हैं। आप प्रातकाल: उठकर दिन भर भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से परीक्षा में टॉप करने के टोटके तथा परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई और मंत्र बताए है। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है, तो आगे जरुर शेयर करे।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह परीक्षा में टॉप करने के टोटके - परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई और मंत्र ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद !

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उधारी वसूलने के उपाय मंत्र कौनसा है | रुपया नहीं दे तो कौन सा टोटका करें

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उधारी वसूलने के उपाय मंत्र कौनसा है - कई बार हम देखते है की हमारे पैसे उधारी में फंस जाते हैं और हमारा दिया गया पैसा हमे आसानी से नही मिलता हैं। ऐसे में आप कुछ धार्मिक उपाय और मंत्र जाप से उधारी वसूल कर सकते हैं।

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उधारी वसूलने के उपाय मंत्र कौनसा है, टोटका करें

हमारे शास्त्रों में कुछ ऐसे मंत्र बताए गए हैं। जिसके जाप से आपका उधारी वाला पैसा आपको मिल जाता हैं। आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से ऐसे ही कुछ मंत्र और मंत्र जाप करने की विधि के बारे में बताने वाले हैं। इसलिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। 

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से उधारी वसूलने के उपाय मंत्र बताने वाले हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। तो आइये हम आप को इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। 

उधारी वसूलने के उपाय मंत्र

उधारी वसूलने का सबसे अच्छा और प्रभावशाली मंत्र हमने नीचे बताया हैं साथ-साथ हमने मंत्र जाप करने की विधि भी बताई हैं।

ओम श्री कृष्णाय नम:

यह उधारी वसूलने का बीज मंत्र माना जाता हैं। यह भगवान श्री कृष्ण का मंत्र माना जाता हैं। इस मंत्र जाप से आपको आपकी पुरानी से पुरानी उधारी मिल सकती हैं।

इस मंत्र का जाप आपको रोजाना सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद करना हैं। आप अपनी इच्छा अनुसार इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.। किन जितनी अधिक बार जाप करेगे उतना अधिक आपको फायदा होगा।

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इसलिए रोजाना इस मंत्र का जाप अधिक से अधिक बार करे। इस मंत्र जाप की शुरुआत करने के बाद आपको आपका उधारी मिल जायेगा।

उधारी वसूलने के लिए आप एक दुसरे मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। जिसके बबारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं।

ओम आदित्याय नम:

यह मंत्र भी उधारी वसूलने का अच्छा मंत्र माना जाता हैं। यह मंत्र जाप आपको सुबह के समय करना होगा। इस मंत्र जाप के लिए आपको सुबह उठकर स्नान आदि करना हैं। इसके बाद तांबे के पात्र में शुद्ध जल लेना हैं। अब इस पानी में 11 लाल मिर्च के दाने डाल देने है।

इतना हो जाने के पश्चात ऊपर दिया गया सूर्य नारायण के मंत्र का जाप करते हुए जल को भगवान सूर्य नारायण को अर्पित करना है। यह उपाय आप प्रतिदिन कर सकते हैं। इस मंत्र जाप और उपाय से आपके फंसे हुए उधारी के पैसे जल्दी मिल जाते हैं।

रुपया नहीं दे तो कौन सा टोटका करें

अगर कोई आपको आपका रुपया नही दे रहा हैं और आपके रूपये फंस गए हैं, तो आपको नीचे बताए गए टोटके करने चाहि। हमारे द्वारा बताये गए टोटके करने से आपको अवश्य ही आपके रूपये मिल जाते हैं।

शनिवार का टोटका करे

अगर आपको कोई आपके रूपये नही दे रहा हैं तो एसे में आपको शनिवार के दिन का चुनाव करना होगा। इसके बाद शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में मुंह करके बैठ जाए। अपने सामने हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करे। इसके बाद सरसों के तेल से एक दीपक जलाए और उसमे दो लौंग और कुछ सरसों के दाने डाल दें।

इतना हो जाने के बाद बजरंग बाण का पाठ तीन बार करे। इसके पश्चात हनुमानजी को सात्विक भोग लगाये और फंसे हुए रूपये मिलने की प्रार्थना करें। इसके बाद दिए की राख से एक कपड़े पर उस व्यक्ति का नाम लिखे जो आपका रुपया नही लौटा रहा हैं।

अब इस कपड़े से एक बाती बनाये और फिर से इसे दीपक में रखकर जला दे। इतना हो जाने के बाद बजरंग बाण का पाठ दुबारा पांच बार करे। यह टोटका करने से आपको आपका रुपया मिल जायेगा।

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कौड़ी से टोटका करे

अगर आपको कोई रुपया नही दे रहा हैं या फिर आपका रुपया फंस गया हैं, तो आपको पांच पीली कौड़ी लेनी हैं और इन कौड़ी को अपने पूजा स्थान पर रख देना हैं। अब इस कौड़ी की रोजाना पूजा करनी हैं। इससे आपको आपका रुपया कुछ ही दिनों में मिल जायेगा।

शुक्रवार के दिन टोटका करे

अगर कोई आपको आपका रुपया नही दे रहा हैं, तो आपको एक भोजपत्र लेना हैं और काजल से भोजपत्र पर आपको जिससे रुपया लेना हैं। उसका नाम लिख लेना हैं। अब इस भोजपत्र को अपनी तिजोरी में रख देना हैं। यह उपाय आपको शुक्रवार के दिन करना हैं। ऐसा माना जाता है की यह उपाय करने से आपको आपका रुपया मिल जाता हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से उधारी वसूलने के उपाय मंत्र बताए है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

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Maha Shivratri 2026: महाशिवरात्रि कब है, नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

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रविवार

Maha Shivratri 2026 Date: हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व होता है। उन्हें दयालु और कृपालु भगवान माना जाता है, जिनकी प्रतिष्ठा बहुत उच्च है। वे एक लोटे के जल से भी संतुष्ट हो जाते हैं। महाशिवरात्रि शिवभक्तों के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस पर्व पर भगवान शंकर की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है और भक्त व्रत और पूजन के साथ इसे धूमधाम से मनाते हैं।

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हिंदू पंचांग के अनुसार साल में दो बार महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। पहली महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है और दूसरी महाशिवरात्रि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। दोनों महाशिवरात्रि पर्व बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। फाल्गुन मास में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि के संदर्भ में कई मान्यताएं भी प्रचलित हैं। इस दिन विधिवत भगवान शिव की पूजा करने से सोखी विवाही जीवन की प्राप्ति होती है और सौभाग्य की कामना की जाती है। जानिए 2026 में महाशिवरात्रि कब मनाई जाएगी और महाशिवरात्रि 2026 की तिथि।

साल 2026 में महाशिवरात्रि 15 फरवरी, Sunday को मनाई जाएगी। यह महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट मिट जाते हैं। इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। आइए, हम जानते हैं महाशिवरात्रि की पूजा की तिथि और महत्व के बारे में।

महाशिवरात्रि 2026 की तारीख और पूजा समय:

महाशिवरात्रि के अवसर पर दिन के चार प्रहरों में पूजा की जाती है। निम्नलिखित है महाशिवरात्रि 2026 की तारीख और पूजा का समय...

  • चतुर्दशी तिथि की शुरुआत: 15 फरवरी 2026, 05:04 PM बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्ति: 16 फरवरी 2026, 05:34 PM बजे
  • महाशिवरात्रि 2026 की पूजा रात्रि के प्रथम प्रहर में: शाम 06:11से 9:23 PM बजे तक
  • महाशिवरात्रि 2026 की पूजा रात्रि के दूसरे प्रहर में: 16 फरवरी 2026, 9:23 PM से रात्रि 12:35AM बजे तक
  • महाशिवरात्रि 2026 की पूजा रात्रि के तीसरे प्रहर में: 16 फरवरी 2026, 12:35 AM से 3:47 AM बजे तक
  • महाशिवरात्रि 2026 की पूजा रात्रि के चौथे प्रहर में: 16 फरवरी 2026, 3:47 AM से 6:59 AM बजे तक

महाशिवरात्रि का महत्व और मनाने का कारण

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का संकेत होता है। रात्रि के चार प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि का यह महत्वपूर्ण त्योहार भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और शक्ति की पूजा करने से मनुष्य की सारी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और सभी संकट दूर होते हैं।

महाशिवरात्रि व्रत विधि

महाशिवरात्रि का व्रत एक कठिन व्रत होता है जिसमें दिन भर उपवास और रात्रि में जागरण किया जाता है:

  • प्रातः स्नान करके शिवलिंग पर जल, दूध, शहद अर्पित करें।
  • बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल चढ़ाएं।
  • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
  • चार पहर की पूजा करें या कम से कम निशीथ काल की पूजा करें।
  • अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

निष्कर्ष

महाशिवरात्रि 2026 एक अत्यंत शुभ दिन है जब भक्त भगवान शिव की आराधना करके अपने जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करते हैं। अगर आप भी शिवभक्त हैं, तो इस दिन की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व को समझें और पूरे भक्ति भाव से इस पर्व को मनाएं।

FAQs

Sal 2026 me maha shivaratri kab hai?

Dear friends 2026 me maha shivaratri 15 February, 2026 ko hai.

कौन सी शिवरात्रि सबसे बड़ी है?

महाशिवरात्रि भारत और नेपाल के शैव संप्रदाय के हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक पर्व है।

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार | कर्मों की सजा कैसे मिलती है

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शनिवार

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार - हम सभी लोग यह तो जानते ही है. की जैसा कर्म करेगे वैसे फल की प्राप्ति होगी। हमारे पुराने प्राचीन ग्रंथो में भी कर्मो के बारे में काफी बाते बताई गई हैं, जो मनुष्य अच्छा कर्म करता हैं। उसे अच्छे फल की प्राप्ति होती हैं तथा ऐसा मनुष्य सुख भोगता हैं और जो मनुष्य बुरे कर्म करता हैं। उसे बुरे फल की प्राप्ति होती हैं तथा ऐसा मनुष्य दुख भोगता हैं।

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कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार

इसलिए मनुष्य को बुरे कर्म को छोड़कर अच्छे कर्म करने की सलाह गरुड़ पुराण तथा गीता सार में भी दी गई हैं। मनुष्य को अच्छे फल की प्राप्ति के लिए धर्म के मार्ग पर चलकर अच्छे कर्म करने चाहिए। नहीं तो कर्मो की सजा मिल सकती हैं। यह कर्मो की सजा तथा फल कैसे मिलते हैं। यह जानने के लिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार के अनुसार बताने वाले हैं। इसके अलावा यह भी बताने वाले है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

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कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार | कर्मों की सजा कैसे मिलती है

गीता सार के अनुसार मनुष्य को कर्मो की सजा का फल कैसा मिलता हैं। इसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

  • जो व्यक्ति अभी के वर्तमान के समय में किसी अन्य व्यक्ति के पैसे लुटता हैं तथा चोरी आदि करता हैं। ऐसे व्यक्ति को गीता सार के अनुसार भयंकर दंडित किया जाता हैं। ऐसा माना जाता है की यमदूत ऐसे व्यक्ति को नर्क में ले जाकर इतना पिटते हैं की व्यक्ति बेहोश हो जाता हैं, और होश में आने पर फिर से पीटा जाता हैं।
  • जो व्यक्ति स्वार्थ के खातिर निर्दोष व्यक्ति की हत्या करते हैं। ऐसे लोगो को नर्क में ले जाकर गर्म तेल में डुबोकर तला जाता हैं।
  • जो पति-पत्नी अपने स्वार्थ के खातिर एक दुसरे के साथ रहते हैं। जब तक पैसे है एक दुसरे के साथ रहते हैं और पैसे नहीं होने पर साथ छोड़ देते हैं। ऐसे व्यक्ति को गर्म तवे की रोड पर सुलाकर पीटा जाता हैं। 
  • जो लोग दुसरो के पैसे हडप लेते हैं। उनको सांप से भरे कुएं में डाला जाता हैं।
  • जो लोग जानवर तथा मांसाहार का सेवन करते हैं। उनको नर्क में ले जाकर जानवरों के बीच में छोड़ा जाता हैं और फिर जानवर उन्हें खाते हैं।

किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है          

किस कर्म से कौन सी बीमारी होती हैं। इसके बारे में हमने नीचे जानकारी दी हैं:

  • अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का अपमान करता है या फिर अन्य व्यक्ति को निराश करता हैं, तो ऐसे व्यक्ति को मानसिक पीड़ा का दर्द झेलना पड़ता हैं।
  • अगर किसी व्यक्ति ने चूहे तथा सांप के छेद को बंध किया हैं। किसी जीव को घोटकर मारने का प्रयास किया हैं, तो ऐसे व्यक्ति को अस्थमा तथा निमोनिया आदि रोग हो सकते हैं।
  • जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जहर खिलाकर मार डालता है। उस व्यक्ति को सांप तथा बिच्छु आदि काटकर मार डालते है।

गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है

गीता के अनुसार किसी भी जीव की हत्या करना सबसे बड़ा पाप माना गया हैं।

पाप का मुख्य कारण क्या है

पाप का मुख्य कारण इच्छा होती हैं। जब किसी मनुष्य की इच्छा पूर्ण नहीं होती हैं, तो वह पाप के रास्ते पर चढ़कर अपनी इच्छा पूर्ण करने की कोशिश करते हैं और इस प्रकार मनुष्य के हाथ से पाप होता रहता हैं।

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार अनुसार बताया हैं। इसके अलावा यह भी बताया है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है।

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जानिए कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र, उपाय और सम्पूर्ण जानकारी

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कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय - कई बार कन्या की उम्र विवाह योग्य हो जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बनते हैं। ऐसी परिस्थति में कन्या के माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। कन्या का विवाह अगर योग्य समय पर नहीं हो पाता हैं, तो कन्या की उम्र बढ़ने के साथ अच्छे वर की भी प्राप्ति नहीं होती हैं।

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कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र, उपाय

अगर आप भी कन्या के विवाह को लेकर परेशान हैं। आपकी कन्या की उम्र हो जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बन रहे है, तो आज हम कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताने वाले हैं। जिसे करने से आपकी कन्या का विवाह शीघ्र हो जाएगा और अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी। 

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताने वाले हैं। इसलिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है। 

कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय

अगर आप अपनी कन्या के लिए योग्य वर की तलाश करते करते थक गए हैं तथा आपकी कन्या की उम्र विवाह योग्य हो जाने के बाद भी विवाह के योग नहीं बन रहे है तो आपको नीचे दिए गया मंत्र और उपाय करना होगे। हमने कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और संपूर्ण विधि नीचे बताई हैं।

कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र

हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥

यह माँ कात्यायनी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माना जाता हैं। जिसका जाप करने से कन्या के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं तथा अच्छे वर की प्राप्ति होती हैं।

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यह मंत्र जाप करने से पहले आपको एक बाजोट पर माँ कात्यायनी यंत्र और कार्यसिद्धि माला को स्थापित करना हैं। इसके पश्चात ऊपर दिया गया मंत्र नियमित रूप से रोजाना एक माला जाप करना हैं। इस मंत्र का जाप आपको किसी निश्चित समय पर करना हैं तथा रोजाना एक ही आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करे। 

यह मंत्र जाप करने से शीघ्र ही मंत्र सिद्ध हो जाता हैं तथा माँ भगवती की कृपा से जल्दी ही कन्या का विवाह संपन्न हो जाता हैं। इसके अलावा आप कुछ और भी उपाय कर सकते हैं जो हमने नीचे बताए हैं।

कन्या शीघ्र विवाह करने के लिए वास्तुदोष को दूर करे

कई बार विवाह में वास्तुदोष भी अड़चन रूप हो सकता हैं। अगर आपकी कन्या का विवाह योग्य समय नहीं हो रहा है या फिर काफी कोशिश करने के बाद भी योग्य वर नहीं मिल पा रहा हैं तो आपको अपने घर के वास्तु पर भी ध्यान देना चाहिए।

वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि घर में गुरु का स्थान अगर दूषित हैं। जैसे की गुरु के स्थान पर गंदगी तथा कूड़ा कबाड़ा रखा हुआ है। तो इस कारण घर के शुभ कार्य तथा कन्या के विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए गुरु का स्थान साफ़ रखे। 

इसके अलावा कन्या के शीघ्र विवाह के लिए कन्या का कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में रखे. तथा कन्या के हाथो बृहस्पती देव की पूजा-अर्चना करवाए। इससे कन्या का शीघ्र विवाह हो जाएगा तथा अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी।

कन्या के शीघ्र विवाह के लिए शिव - पार्वती की पूजा करे

भगवान शिव और पार्वती जल्दी प्रसन्न होने वाले देवी-देवता माने जाते हैं। अगर आप घर के ईशान कोण में शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करके नियमति रूप से उनकी पूजा करते हैं, तो कन्या का शीघ्र विवाह हो जाता हैं। कन्या को शीघ्र विवाह के लिए तथा मनचाहा वर पाने के लिए पार्वती मंगल का पाठ करना चाहिए। 

हमने जो मंत्र और उपाय बताए है वह बहुत ही प्रभावशाली माने जाते है। इसलिए जिन कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हैं। उन्हें यह मंत्र जाप और उपाय जरुर करना चाहिए। इससे आपको कुछ ही दिनों मे परिवर्तन दिखाई देगा।

कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय

कन्या की जल्दी शादी के लिए घर में सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक आस्था का बड़ा प्रभाव डालती है। यदि आप माता-पिता है तो सबसे पहले आपकी हर शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए, तथा अपनी कन्या को पीले वस्त्र पहनाकर मंदिर में प्रसाद चढ़ाने को बोलना चाहिए। तथा सप्ताह के हर गुरुवार को व्रत रखना और उस दिन केले के पेड़ की पूजा करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि आप के ऊपर राहु-केतु के प्रभाव है तो ऐसे शांति के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा अगर संभव हो तो गाय को गुड़ तथा रोटी खिलाएँ। इन सभी सरल उपायों को करने से जल्दी शादी की बाधाएँ कम होती हैं और शीघ्र बहुत अच्छे घर से रिश्तों की आने की संभावना बढ़ती है।

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शीघ्र विवाह के लिए अपनाएं ये टोटके

गुरुवार को व्रत और पूजा: शीघ्र शादी के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखना और मंदिर में जाकर भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने से शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने में बेहद प्रभावी उपाय माना जाता है। इस दिन पीले वस्त्र को धारण करके पूजा करने से और भी जल्दी शुभ समाचार मिलता है।

पास के मंदिर में दीपक जलाना: शीघ्र विवाह के लिए हर शुक्रवार को घर के पास के मदिर में शिव-पार्वती या राधा-कृष्ण को सरसों के तेल का दीपक जलाएँ चाहिए। यह टोटका को करने से रिश्तों में मिठास और विवाह योग को भी मजबूत बनता है।

गौ की सेवा का महत्व: हर वीक आपको गाय को गुरुवार या सोमवार के दिन रोटी, गुड़ और हरी घास खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके ग्रहदोष शांत होते हैं तथा विवाह में आ रही देरी भी कम होती है।

कन्या दान और गरीब बेटियों की मदद: शीघ्र शादी के लिए किसी जरूरतमंद लड़की को कपड़े, भोजन और पढ़ाई में मदद करना अत्यंत ही फलदायी माना गया है। ऐसा करने से आपको जल्दी शुभ प्रस्ताव मिलने लगते हैं।

मंदिर में पीले चावल चढ़ाना: पास के मंदिर में जा कर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के चरणों में हल्दी मिले चावल अर्पित करने से विवाह योग को अधिक बल मिलता है और ऐसा करने से सौभाग्य बढ़ाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ: रोज शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके ऊपर चल रहे राहु-केतु का प्रभाव भी कम होता है और शादी-विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताए हैं। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आगे जरुर शेयर कर।

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FAQs

ज्योतिष शास्त्र में शीघ्र विवाह के कई उपाय बताए?

जी हाँ, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को व्रत, मंदिर में दीपक जलना, गौ माता की सेवा, गरीब बेटियों की मदद करना और पीले चावल चढ़ाना ये सब शीघ्र विवाह के कारगर उपाय है।

विवाह में हो रही है देरी तो करें इन मंत्रों का जाप?

यदि विवाह में देरी हो रही हो तो हर दिन “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” और “ॐ शुक्लाम्बरधराय नमः” मंत्रों का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें। ऐसा करने से बाधाएँ दूर होगी और आपके विवाह योग को जल्दी मजबूती मिलेगी।

शीघ्र विवाह के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

शीघ्र विवाह के लिए हर गुरुवार को व्रत रखें, तथा भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें, प्रत्येक शुक्रवार को दीपक जलाएँ और हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से विवाह बाधाएँ दूर होगी और शुभ रिश्ते आने लगेंगे।

शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से शादी जल्दी होती है?

यदि आप जल्दी शादी होने के लिए सोचा रहे है तो आपको शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल, सफेद पुष्प और बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह आपको हर सोमवार के दिन यह पूजा नियमित रूप से करने पर विवाह में आ रही रुकावटें बहुत कम होती हैं।

विवाह होने से पहले क्या संकेत मिलता है?

विवाह से पहले अक्सर आपके जीवन में सकारात्मक संकेत का दिखाई देना, जैसे अचानक से अच्छे-अच्छे रिश्तों का आना, आपका मन का शांत होना, आपके घर में अनुकूल माहौल बनना तथा देवी-देवताओं को सपने में देखना। ये सब शुभ संकेत विवाह योग की ओर मुख्य रूप से इशारा करते हैं।

जल्दी शादी के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए?

जी हाँ, जल्दी शादी के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी तथा शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

शादी में रुकावट आ रही है तो क्या उपाय करें?

यदि शादी में रुकावट आ रही है तो गुरुवार को व्रत करे और गरीब लोगो की मदत करें तथा मंदिर में दीपक जलाये और काऊ को रोटी- गुड़ खिलाये।

शीघ्र विवाह के लिए किस देवता की पूजा करनी चाहिए?

शीघ्र विवाह के लिए के लिए भगवान विष्णु तथा माँ लक्ष्मी की पूजा करें।

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