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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें – हिन्दू सनातन धर्म में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता हैं।

बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें – हिन्दू सनातन धर्म में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की बरगद के पेड़ की पूजा करने से देवताओ के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। बरगद के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा, शाखाओं में भगवान शिव और छाल में भगवान विष्णु का वास माना जाता हैं।

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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है

इसलिए यह पेड़ भी पूजनीय और वंदनीय माना जाता हैं। जिस प्रकार पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता हैं। उसी प्रकार बरगद के पेड़ को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है

कुछ पुराने शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की बरगद के पेड़ में पानी डालने से हमें पुण्य की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा बरगद के पेड़ में पानी डालने से भगवान शिव के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती हैं। ऐसा माना जाता है की बरगद का पेड़ भगवान शिव का प्रतीक होता हैं।

अगर आप सोमवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना करने के पश्चात बरगद के पेड़ में पानी डालती हैं, तो इससे आपको भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। इससे आपके भाग्य के दरवाजे भी खुल जाते हैं और आपको पुण्य की प्राप्ति होती हैं।

बरगद के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है

बरगद के पेड़ की पूजा करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं तथा सभी प्रकार के बुरे ग्रहों से मुक्ति मिलती हैं।

ऐसा माना जाता है की अगर आपकी Kundli में कोई ग्रह बुरे प्रभाव से मौजूद हैं, तो शनिवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने के बाद जल अर्पित करना चाहिए। साथ-साथ भगवान शिव की आराधना उपासना करनी चाहिए।

इसके अलावा बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। अगर आप यह उपाय करते हैं। तो आपको सभी ग्रहों से मुक्ति मिलती हैं तथा भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं।

बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

सुहागन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। साथ साथ व्रत आदि भी करती हैं। बरगद के पेड़ की पूजा करने का पूरा तरीका हमने नीचे बताया हैं:

  • जिस दिन आप बरगद के पेड़ की पूजा करने का संकल्प लेते हैं। उस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर ले।
  • इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इसलिए आपको सोलह शृंगार करना चाहिए।
  • इसके बाद आपको पूजा का सामान लेकर बरगद के पेड़ के नीचे जाना हैं। सबसे पहले बरगद के पेड़ की घी या तेल का दीपक जलाकर कुमकुम आदि से पूजा करनी हैं।
  • इसके बाद आपको कथा का श्रवण करना हैं।
  • कथा श्रवण हो जाने के पश्चात बरगद के पेड पर रोली और चंदन का टिका लगाना हैं साथ आपको बरगद के पेड़ को पानी सींचना हैं।
  • अब कच्चे सूत के धागे से के साथ बरगद के पेड़ की परिक्रमा लगानी हैं।
  • इतना हो जाने के बाद आपकी पूजा पूर्ण हो जाएगी। पूजा पूर्ण हो जाने के पश्चात आपको आपके पति की लंबी उम्र की कामना करनी हैं।

बरगद के पेड़ का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ को वट वृक्ष और अक्षय वट भी कहा गया है, जिसे अत्यंत पवित्र और देवतुल्य माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इसकी जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने या छाल में भगवान विष्णु और शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है, इसलिए इसे त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है।

बरगद का वृक्ष दीर्घायु, स्थिरता और अक्षयत्व (कभी न समाप्त होने वाला फल) का प्रतीक है। इसी कारण इसे वट सावित्री व्रत, विशेष पर्वों और पितृ‑तर्पण से जुड़े उपायों में विशेष रूप से पूजा जाता है।

बरगद के पेड़ की पूजा कब करें?

ऐसा माना जाता है कि वट वृक्ष की पूजा हर दिन शुभ होता है, खाशकर सोमवार, गुरुवार, शनिवार तथा अमावस्या/पूर्णिमा जैसे तिथियों पर की जा सकती है, हालांकि हर क्षेत्रीय परंपराएं अलग-अलग हो सकती हैं। विवाहित महिलाओं के लिए ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाने वाला वट सावित्री व्रत विशेष बहुत ही प्रसिद्ध है, जिसमें बरगद की पूजा और परिक्रमा से अखंड सौभाग्य तथा पति की दीर्घायु की कामना की जाती है।

विशेष रूप से सावन महीने में शिव‑उपासना के साथ वट वृक्ष की पूजा को भी बहुत शुभ माना गया है, क्योंकि यह वह समय होता है की इस टाइम भक्त के ऊपर त्रिदेव की विशेष कृपा प्राप्त कराने वाला अवसर माना जाता है। कुछ ज्योतिषीय / Astrologers मतों में शनिवार के दिन बरगद के पेड़ के पास दीप जलाकर और काला या सफेद सूत बांधकर जल देने से घर में शनि‑शांति का विशेष उपाय माना जाता है।

बरगद के पेड़ की पूजा कब करनी चाहिए?

बरगद की पूजा जयेष्ट अमावस्या करना शुभ माना जाता हैं। इसके अलावा काफी जगह पर बरगद के पेड़ की पूजा जयेष्ट पूर्णिमा के दिन भी की जाती हैं। यह दोनों ही दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने के लिए शुभ माने जाते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है / बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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FAQs (बरगद के पेड़ की पूजा से जुड़े सामान्य प्रश्न)

बरगद को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

बरगद के पेड़ को इंग्लिश Banyan में कहते है।

बरगद के पेड़ पर जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?

बरगद के पेड़ में रविवार के दिन जल देने से बचाव करना चाहिए।

बरगद के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ के नीचे दिया जलाने से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा आपके घर में धन-धान्य की कमी दूर होती है।

क्या अविवाहित लड़कियां भी बरगद के पेड़ की पूजा कर सकती हैं?

जी हाँ, अविवाहित कन्याएँ भी वट वृक्ष की पूजा कर सकती हैं; कई जगह इसे अच्छे पति और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए भी किया जाता है।

क्या पीरियड्स के दौरान बरगद की पूजा की जा सकती है?

अलग‑अलग परंपराओं के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिलाओ को व्रत‑पूजा से दूरी रखी जाती है, इसलिए परिवार और व्यक्तिगत मान्यता के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए।

क्या हम रात में बरगद के पेड़ के नीचे सो सकते हैं?

जी नहीं, रत के समय में बरगद के पेड़ के नीचे भूल से भी नहीं सोना चाहिए। क्योकि पेड़ के नीचे सोने वाले जातक को ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने का खतरा बना रहता है।

बरगद के पेड़ में दूध चढ़ाने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ में दूध चढ़ाने से धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ दोष शांति, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

बरगद का पेड़ किस दिन काटना चाहिए?

पुरानी मान्यताओं के अनुसार बरगद का पेड़ रविवार या अमावस्या को काटना शुभ नहीं होता है।

बरगद के पेड़ में किस देवता का वास होता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तथा पितरों का वास माना जाता है, इसलिए इसकी इस पेड़ की पूजा होती है।

बरगद के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ की पूजा करने से आयु वृद्धि, पितृ दोष शांति, सुख-समृद्धि और परिवार में शनि बानी रहती है।

बरगद का पेड़ किस दिन लगाना चाहिए?

बरगद का पेड़ गुरुवार, सोमवार या अमावस्या के दिन लगाना शुभ माना जाता है।

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