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शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है, जानिए 5 आश्चर्यजनक फायदे

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शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है- हिन्दू सनातन धर्म में बेलपत्र को एक पवित्र पौधा माना जाता हैं। इसलिए शिवलिंग की पूजा करने के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाया जाता हैं। ऐसा माना जाता है की शिवलिंग पर बेलपत्र चढाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और बेलपत्र भगवान शिव का प्रिय माना जाता हैं। इसलिए शिवलिंग पर बेलपत्र चढाने का नियम हैं।

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शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है

बेलपत्र पवित्र होने के साथ साथ काफी सारे औषधीय गुणों से भी भरा होता हैं। इसके खाने से हमें काफी सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। शिवलिंग पर चढ़ाये गये बेलपत्र को खाने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले हैं। इसलिए इस महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से हमारे स्वास्थ्य को काफी सारा लाभ मिलता हैं। जिसके बारे में हमने नीचे विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की हैं:

इम्युनिट बढाने में फायदेमंद

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से आपकी इम्युनिटी पावर बढती हैं। अगर आप बार बार किसी भी छोटी मोटी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। तो आपको सुबह के समय भगवान शिव के शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाना चाहिए।

अगर आप खाली पेट शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाते हैं, तो आपकी इम्युनिटी पावर बढती हैं और आप छोटी मोटी जैसे की सर्दी, जुकाम आदि बीमारी से बचे रहते हैं।

ये भी पढ़े: बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

पेट से जुडी समस्या में फायदेमंद

अगर आपको पेट से जुडी कोई समस्या है जैसे की गैस, कब्ज, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी आदि की समस्या हैं, तो ऐसे में आपको सुबह के समय खाली पेट शिवलिंग पर चढ़ाया गया बेलपत्र खाना चाहिए। बेलपत्र औषधीय गुणों से भरपूर होता हैं जो आपकी पेट से जुडी समस्या को दूर करने में आपकी मदद करता है।

दिल को स्वस्थ रखने में फायदेमंद

दिल हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग माना जाता हैं। इसलिए दिल को स्वस्थ रखना हमारे लिए जरूरी हो जाता हैं। दिल को स्वस्थ रखने के लिए और दिल से जुडी बीमारी से दूर रहने के लिए आपको बेलपत्र खाना चाहिए।

अगर आप सुबह खाली पेट शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाते है तो इससे आपको दिल से जुडी बीमारी से छुटकारा मिलता हैं। साथ साथ आपका दिल स्वस्थ रखने भी मदद करता है।

शरीर को ठंडा रखने में फायदेमंद

अगर आपका शरीर हमेशा गर्म रहता हैं या फिर आपके शरीर की तासीर गर्म हैं, तो ऐसे में आपको बेलपत्र खाना चाहिए। क्योंकि बेलपत्र की तासीर ठंडी होती हैं जो आपके शरीर को ठंडा रखने में आपकी मदद करता हैं।

अगर आप सुबह उठकर खाली पेट शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाते हैं तो इससे आपका शरीर पुरे दिन ठंडा रहता हैं और आपको गर्मी का काफी कम अहसास होता हैं। गर्मी के मौसम से बेलपत्र खाना काफी लाभदायी होता हैं।

ब्लड शुगर लेवल में फायदेमंद

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और आपका ब्लड शुगर लेवल हाई रहता हैं, तो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए बेलपत्र काफी फायदेमंद होता हैं। अगर आप सुबह उठकर रोजाना खाली पेट शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाते हैं तो इससे आपको डायबिटीज की बीमारी में काफी हद तक राहत मिलती हैं।

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शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए

कुछ पुरानी मान्यताओं के अनुसार नीचे दी गई कुछ वस्तुओ को शिवलिंग पर नही चढ़ाना चाहिए:

  • फुल अगर आप केतकी का फुल शिवलिंग पर चढाते हैं तो यह अच्छा नही माना जाता हैं। केतकी का फुल कभी भी शिवलिंग पर नही चढ़ाना चाहिए।
  • हल्दी शिवलिंग पर नही चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है की हल्दी माता लक्ष्मी का स्वरूप हैं। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना जाता हैं
  • रोली और कुमकुम भी शिवलिंग पर नही चढ़ाना चाहिए। यह विष्णुप्रिय लक्ष्मी का सुहाग का प्रतीक माना जाता हैं। इसलिए शिवलिंग पर रोली और कुमकुम चढाने से भी बचना चाहिए।
  • शिवलिंग पर तुलसी कभी भी नही चढ़ाना चाहिए। क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु की पत्नी मानी जाती हैं। इसलिए शिवलिंग पर तुलसी चढाने से भी बचना चाहिए।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके। 

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

FAQs

शिवलिंग पर कैसा बेलपत्र चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर ऐसा बेलपत्र चढ़ाना चाहिए जो हरा-भरा हो, तीन पत्तियों वाला बेलपत्र ताजा होना चाहिए।

मंगलवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए?

मंगलवार को शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, लाल फूल, चंदन तथा शहद शुभ मन जाता है।

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए?

शिवलिंग पर मुख्यतः पर तीन, पांच या सात बेलपत्र चढ़ाने चाहिए, यह संख्या भगवान शिव की प्रिय मानी जाती है और इससे शुभ की प्राप्ति होती है।

रोग नाश के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

रोग नाश के लिए शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, तजा बेलपत्र, कच्चा दूध और सफेद फूल चढ़ाएं, और साथ में महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खा सकते हैं?

जी नहीं, शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र सामान्यतः नहीं खाना चाहिए, इसे प्रसाद नहीं माना जाता है।

शिवलिंग पर जल में क्या डालकर चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर जल चढ़ाते टाइम उसमें कच्चा दूध, गंगाजल, शहद,और बेलपत्र का रस मिलाना चढ़ाना शुभ माना जाता है।

शिवलिंग पर चढ़ा बेलपत्र खाने से क्या होता है?

मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ा बेलपत्र को खाने से दोष लग सकता है, स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए कभी।

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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है, जाने बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें – हिन्दू सनातन धर्म में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की बरगद के पेड़ की पूजा करने से देवताओ के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। बरगद के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा, शाखाओं में भगवान शिव और छाल में भगवान विष्णु का वास माना जाता हैं।

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बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है

इसलिए यह पेड़ भी पूजनीय और वंदनीय माना जाता हैं। जिस प्रकार पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता हैं। उसी प्रकार बरगद के पेड़ को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है

कुछ पुराने शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की बरगद के पेड़ में पानी डालने से हमें पुण्य की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा बरगद के पेड़ में पानी डालने से भगवान शिव के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती हैं। ऐसा माना जाता है की बरगद का पेड़ भगवान शिव का प्रतीक होता हैं।

अगर आप सोमवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना करने के पश्चात बरगद के पेड़ में पानी डालती हैं, तो इससे आपको भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। इससे आपके भाग्य के दरवाजे भी खुल जाते हैं और आपको पुण्य की प्राप्ति होती हैं।

बरगद के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है

बरगद के पेड़ की पूजा करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं तथा सभी प्रकार के बुरे ग्रहों से मुक्ति मिलती हैं।

ऐसा माना जाता है की अगर आपकी Kundli में कोई ग्रह बुरे प्रभाव से मौजूद हैं, तो शनिवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने के बाद जल अर्पित करना चाहिए। साथ-साथ भगवान शिव की आराधना उपासना करनी चाहिए।

इसके अलावा बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। अगर आप यह उपाय करते हैं। तो आपको सभी ग्रहों से मुक्ति मिलती हैं तथा भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं।

बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें

सुहागन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। साथ साथ व्रत आदि भी करती हैं। बरगद के पेड़ की पूजा करने का पूरा तरीका हमने नीचे बताया हैं:

  • जिस दिन आप बरगद के पेड़ की पूजा करने का संकल्प लेते हैं। उस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर ले।
  • इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इसलिए आपको सोलह शृंगार करना चाहिए।
  • इसके बाद आपको पूजा का सामान लेकर बरगद के पेड़ के नीचे जाना हैं। सबसे पहले बरगद के पेड़ की घी या तेल का दीपक जलाकर कुमकुम आदि से पूजा करनी हैं।
  • इसके बाद आपको कथा का श्रवण करना हैं।
  • कथा श्रवण हो जाने के पश्चात बरगद के पेड पर रोली और चंदन का टिका लगाना हैं साथ आपको बरगद के पेड़ को पानी सींचना हैं।
  • अब कच्चे सूत के धागे से के साथ बरगद के पेड़ की परिक्रमा लगानी हैं।
  • इतना हो जाने के बाद आपकी पूजा पूर्ण हो जाएगी। पूजा पूर्ण हो जाने के पश्चात आपको आपके पति की लंबी उम्र की कामना करनी हैं।

बरगद के पेड़ का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ को वट वृक्ष और अक्षय वट भी कहा गया है, जिसे अत्यंत पवित्र और देवतुल्य माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इसकी जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने या छाल में भगवान विष्णु और शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है, इसलिए इसे त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है।

बरगद का वृक्ष दीर्घायु, स्थिरता और अक्षयत्व (कभी न समाप्त होने वाला फल) का प्रतीक है। इसी कारण इसे वट सावित्री व्रत, विशेष पर्वों और पितृ‑तर्पण से जुड़े उपायों में विशेष रूप से पूजा जाता है।

बरगद के पेड़ की पूजा कब करें?

ऐसा माना जाता है कि वट वृक्ष की पूजा हर दिन शुभ होता है, खाशकर सोमवार, गुरुवार, शनिवार तथा अमावस्या/पूर्णिमा जैसे तिथियों पर की जा सकती है, हालांकि हर क्षेत्रीय परंपराएं अलग-अलग हो सकती हैं। विवाहित महिलाओं के लिए ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाने वाला वट सावित्री व्रत विशेष बहुत ही प्रसिद्ध है, जिसमें बरगद की पूजा और परिक्रमा से अखंड सौभाग्य तथा पति की दीर्घायु की कामना की जाती है।

विशेष रूप से सावन महीने में शिव‑उपासना के साथ वट वृक्ष की पूजा को भी बहुत शुभ माना गया है, क्योंकि यह वह समय होता है की इस टाइम भक्त के ऊपर त्रिदेव की विशेष कृपा प्राप्त कराने वाला अवसर माना जाता है। कुछ ज्योतिषीय / Astrologers मतों में शनिवार के दिन बरगद के पेड़ के पास दीप जलाकर और काला या सफेद सूत बांधकर जल देने से घर में शनि‑शांति का विशेष उपाय माना जाता है।

बरगद के पेड़ की पूजा कब करनी चाहिए?

बरगद की पूजा जयेष्ट अमावस्या करना शुभ माना जाता हैं। इसके अलावा काफी जगह पर बरगद के पेड़ की पूजा जयेष्ट पूर्णिमा के दिन भी की जाती हैं। यह दोनों ही दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने के लिए शुभ माने जाते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बरगद के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है / बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

ये भी पढ़े: जानिए नींद भगाने का मंत्र और घरेलू उपाय

FAQs (बरगद के पेड़ की पूजा से जुड़े सामान्य प्रश्न)

बरगद को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

बरगद के पेड़ को इंग्लिश Banyan में कहते है।

बरगद के पेड़ पर जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?

बरगद के पेड़ में रविवार के दिन जल देने से बचाव करना चाहिए।

बरगद के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ के नीचे दिया जलाने से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा आपके घर में धन-धान्य की कमी दूर होती है।

क्या अविवाहित लड़कियां भी बरगद के पेड़ की पूजा कर सकती हैं?

जी हाँ, अविवाहित कन्याएँ भी वट वृक्ष की पूजा कर सकती हैं; कई जगह इसे अच्छे पति और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए भी किया जाता है।

क्या पीरियड्स के दौरान बरगद की पूजा की जा सकती है?

अलग‑अलग परंपराओं के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिलाओ को व्रत‑पूजा से दूरी रखी जाती है, इसलिए परिवार और व्यक्तिगत मान्यता के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए।

क्या हम रात में बरगद के पेड़ के नीचे सो सकते हैं?

जी नहीं, रत के समय में बरगद के पेड़ के नीचे भूल से भी नहीं सोना चाहिए। क्योकि पेड़ के नीचे सोने वाले जातक को ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने का खतरा बना रहता है।

बरगद के पेड़ में दूध चढ़ाने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ में दूध चढ़ाने से धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ दोष शांति, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

बरगद का पेड़ किस दिन काटना चाहिए?

पुरानी मान्यताओं के अनुसार बरगद का पेड़ रविवार या अमावस्या को काटना शुभ नहीं होता है।

बरगद के पेड़ में किस देवता का वास होता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तथा पितरों का वास माना जाता है, इसलिए इसकी इस पेड़ की पूजा होती है।

बरगद के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ की पूजा करने से आयु वृद्धि, पितृ दोष शांति, सुख-समृद्धि और परिवार में शनि बानी रहती है।

बरगद का पेड़ किस दिन लगाना चाहिए?

बरगद का पेड़ गुरुवार, सोमवार या अमावस्या के दिन लगाना शुभ माना जाता है।

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जाने नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं | नवरात्रि में क्या-क्या नहीं करना चाहिए

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नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं - शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में नौ दिन तक माता रानी की पूजा और अर्चना की जाती हैं। इन दिनों माता रानी के अलग-अलग स्वरूप की धूमधाम से पूजा की जाती हैं। उन्हें हर दिन अलग नाम से याद किया जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन (Nine days of Navratri) माता रानी की पूजा और अर्चना करने से और उनको याद करने से हमारी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं।

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नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं

इसलिए Navratri के नौ दिन तक अंखड ज्योति भी प्रज्ज्वलित की जाती हैं। नवरात्रि के दिन कुछ ऐसे भी काम होते हैं, जिसे करने की मनाई होती हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। तो आप यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

तो आइये हम बिना किसी देर के आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं

जी नहीं, नवरात्रि के नौ दिन आपको भूलकर भी सिलाई नही करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिन में सिलाई करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति नही होती हैं, इसलिए नवरात्रि में सिलाई करना वर्जित (Sewing is prohibited during Navratri) माना गया हैं।

पति–पत्नी को नवरात्रि में क्या करना चाहिए

Navratri के दिनों में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से दूर रहना चाहिए। इन दिनों पति-पत्नी को पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि नवरात्रि में शारीरिक संबंध के बारे में सोचने से आपका मन विचलित हो सकता हैं। इस वजह से माता रानी की पूजा - अर्चना में विघ्न उप्तन्न हो सकता हैं।

इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता रानी स्त्री के अंदर भी वास करती हैं, इसलिए भी अपने आपको पवित्र रखना चाहिए और शारीरिक संबंध बनाने से भली भाती बचना चाहिए।

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नवरात्रि में क्या–क्या नहीं करना चाहिए

नवरात्रि के दिनों में भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए जैसे कि बाल कटवाना, दाढ़ी बनाना और नाखून काटना। बात करें तो नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन जैसे कि लहसुन, प्याज, शराब और मांस का सेवन भूल से भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, आपको चमड़े से बनी हुई वस्तुओ का उपयोग नहीं करना चाहिए। यदि आप नवरात्रि का व्रत (Navratri fasting) कर रहे है तो दिन में न सोएं और अपने घर को नकारात्मकता ऊर्जा से बचें। 

नवरात्रि में किन–किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए

नवरात्रि के नौ दिन कुछ ऐसे काम होते हैं, जो हमे नही करने चाहिए। कुछ ऐसे Rule होते हैं, जिनका पालन करना चाहिए। नवरात्रि में कुछ बातो को ध्यान में रखना होता हैं, जिसके बारे में हमने आपके लिए नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमे नवरात्रि के नौ दिन तक बाल और नाख़ून काटने से बचना चाहिए।
  • जो लोग नवरात्रि के नौ दिन उपवास करते हैं और माता-रानी की सेवा और पूजा करते हैं। उन लोगो को नवरात्रि के दिनों में सिलाई और बुनाई करने से भी बचना चाहिए।
  • नवरात्रि के नौ दिन माता रानी के समक्ष अंखड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती हैं। इसलिए हमे घर पर ही रहना चाहिए। घर इ दरवाजे बंद करके कही बाहर नही जाना चाहिए।
  • नवरात्रि के नौ दिन आपको माता दुर्गा का पाठ यानि दुर्गा चालीसा पढ़ना चाहिए तथा उनके मंत्रो का जाप करना चाहिए।
  • नवरात्रि के दिनों में पति पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इन दिनों शारीरिक संबंध बनाना वर्जित माना जाता हैं।
  • नवरात्रि के नौ दिन आपको सात्विक भोजन अपने आहार में लेना चाहिए। तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखे।
  • इसके अलावा अगर आप मास और मदिरा का सेवन करते हैं, तो नवरात्रि के नौ दिन इस प्रकार की चीज़ वस्तु खाने से बचे।
  • नवरात्रि के दिनों में आपको लहसुन और प्याज खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि प्याज और लहसुन तामसिक आहार की श्रेणी में आते हैं।
  • नवरात्रि के दिनों (Navratri days) में चमड़े से बनी वस्तु पहनना भी अशुभ माना जाता हैं। इन दिनों चमड़े का पर्स, बेल्ट, जूते चप्पल आदि का उपयोग में लेने से बचे।
  • नवरात्रि के दिनों में दाढ़ी और मुछ कटवाना भी मनाई होती हैं। इसलिए इस प्रकार की क्रिया करने से बचे।
  • नवरात्रि के नौ दिन तन और मन से शुद्ध रहे और सच्चे मन से माता रानी की पूजा अर्चना करे।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है कि नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी महत्व पूर्ण जानकारी प्रदान की हैं।

हम आप से उम्मीद करते है कि आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर यह उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगों तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा नवरात्रि में सिलाई करनी चाहिए या नहीं - नवरात्रि में क्या-क्या नहीं करना चाहिए ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद !

FAQs

नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए

नवरात्रि के दिनों में मांस और मदिरा का सेवन न करें, बाल न कटवाएँ, नींद अधिक न लें, झूठ बोलने से बचें, तामसिक भोजन न खाएँ और कलह या नकारात्मक विचारों से दूरी रखें।

नवरात्रि में क्या खाना चाहिए

नवरात्रि में मौसमी फल, साबूदाना, कुट्टू-राजगिरा आटा, सेंधा नमक, दही, दूध, मेवे, नारियल पानी और हल्का सत्त्विक भोजन खाना चाहिए। ताजे फल व ऊर्जा देने वाले सहज पचने वाले खाद्य सर्वोत्तम हैं।

अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या करना चाहिए

यदि अखंड ज्योति बुझ जाए तो घबराएँ नहीं। पहले दीपक को ठीक से साफ करें, नई बत्ती लगाएँ, शुद्ध घी या तेल डालकर पुनः ज्योति प्रज्वलित करें और मां दुर्गा से क्षमा की प्रार्थना करें।

नवरात्रि में पति-पत्नी को क्या करना चाहिए

नवरात्रि के दिनों में पति-पत्नी को मिलकर कलश स्थापना करनी चाहिए, मां दुर्गा की पूजा, व्रत पालन, सात्त्विक भोजन, सकारात्मक वातावरण, दान और पुण्य तथा विनम्र व्यवहार करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग और संयम बनाए रखना चाहिए।

कौन से काम नवरात्रि में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए

नवरात्रि के दिनों में मांस और मदिरा सेवन, तामसिक भोजन, झूठ-कलह, बाल कटवाना, नाखून काटना, देर तक सोना, अपवित्रता, अनावश्यक क्रोध और नकारात्मक कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए। पूजा स्थल पर शुद्धता बनाए रखें।

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बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ । काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ, जानें रहस्य

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बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ | काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ – हम कई बार देखते है की हमारे घर में कुछ जानवर घर आदि बनाकर रहने लगते हैं। जैसे की घर में बिलनी का घर बनाना। हम कई जगह पर देखते है की बिलनी घर बनाकर रहने लगती हैं। लेकिन कई बार हम ऐसी घटना को नजरअंदाज करते हैं। 

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बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ । काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ

लेकिन क्या बिलनी का घर बनाना शुभ है या अशुभ। इस बारे में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ

अगर बिलनी घर बनाती हैं तो यह हमारे लिए शुभ माना जाता हैं। यह घटना आपके लिए अतिउत्तम मानी जाती हैं ऐसा माना जाता है की बिलनी का घर बनाना हमारी सुख-सुविधा में वृद्धि होना होता हैं। अगर बिलनी घर बनाती हैं तो हमारी सुख और सुविधा में बढ़ोतरी होती हैं।

अगर किसी के घर में वास्तुदोष हैं, तो बिलनी का घर बनाने से वास्तुदोष निवारण हो जाता हैं। इस घटना के बाद घर के सभी सदस्यों के भाग्य खुल जाते हैं। इसके बाद व्यक्ति के जीवन में सुख ही सुख होता हैं तथा आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता हैं। इसलिए बिलनी का घर बनाना शुभ माना जाता हैं।

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काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ

काला भंवरा घर में आना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। यह घटना आपके लिए अतिउत्तम मानी जाती हैं। यह घटना संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपको खुशखबरी मिल सकती हैं। ऐसा भी माना जाता है की आपके घर में किसी नए सदस्य का आगमन भी हो सकता हैं।

कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ या अशुभ

कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ माना जाता हैं। हम में से काफी लोग घर में कबूतर पालना भी पसंद करते हैं। घर में कबूतर पालना और कबूतर का घर में घोंसला बनाना दोनों ही शुभ माना जाता हैं। 

कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता हैं। अगर हमारे घर में कबूतर घोंसला बनाकर रहने लगता हैं, तो इससे हमारे घर में भी शांति बनी रहती हैं। इससे घर के सदस्यों में कभी झगड़े आदि नही होते हैं और घर के सभी सदस्य प्रेम भाव से रहते हैं।

घर में चमगादड़ का रहना शुभ या अशुभ

अगर घर में चमगादड़ अपना बसेरा बना लेता हैं, तो यह घटना आपके लिए अशुभ मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है की चमगादड़ का घर में बसेरा करना अशुभ समाचार का संकेत हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके साथ कोई बुरा होने वाला हैं। 

इसलिए जब भी आप घर में चमगादड़ देखते हैं, तो उसके निकाल करने का काम करना चाहिए। लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखे की चमगादड़ को कोई भी हानि नही होनी चाहिए।

घर में गौरैया का घोंसला बनाना शुभ या अशुभ

घर में गोरैया का घोंसला बनाना शुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके सुख में बढ़ोतरी होने वाले हैं। आपको अपार धन की प्राप्ति हो सकती हैं साथ-साथ आपको आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिल सकता हैं।

ऐसा भी माना जाता है इससे घर में रहने वाले सभी सदस्यों के भाग्य खुल जाते हैं और घर के सभी सदस्य जीवन में तरक्की करने लगते हैं। इसलिए इस घटना के बाद आपको खुश होना चाहिए।

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घर में काली तितली का आना शुभ या अशुभ

घर में काली तितली का आना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। यह आपको संकेत देती है की आने वाले समय में आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां आने वाली हैं। आपको एक शुभ समाचार की भी प्राप्ति होने वाली हैं। इसलिए काली तितली का आना शुभ और अच्छा माना जाता हैं।

घर में रंगीन तितली का आना शुभ या अशुभ

घर में रंगीन तितली का शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आने वाले निकट समय में व्यवसाय और नौकरी में तरक्की मिल सकती हैं। साथ साथ इससे दांपत्य जीवन में भी खुशियां आ सकती हैं।

घर में जुगनू का आना शुभ या अशुभ

अगर घर में जुगनू आता हैं, तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे माना जा सकता है की आपके जीवन में सब अच्छा चल रहा हैं। इससे आपको आने वाले समय में लाभ हो सकता हैं।

घर में जुगनू का आना माना जाता है की आपको धन लाभ होने वाला हैं। आपकी आर्थिक परिस्थिति दूर होने वाली हैं।

घर में तोते का आना शुभ या अशुभ

घर में तोते का आना शुभ माना जाता हैं। तोते को कामदेव का वाहन और कुबेर से संबंधित पक्षी माना जाता हैं। इसलिए तोता हमारे लिए भी शुभ माना जाता हैं। अगर तोता घर में आता है तो मान लीजिए आपको धन और व्यवसाय में लाभ होने वाला हैं।

घर में कछुआ आना शुभ या अशुभ

घर में कछुआ आना भी शुभ माना जाता हैं। यह भगवान विष्णु का कच्छप अवतार भी माना जाता हैं। इसलिए घर में कछुआ आने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। साथ साथ इससे आपको धन लाभ होता हैं. इससे आपको सुख शांति की प्राप्ति होती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बिलनी का घर बनाना शुभ या अशुभ। काला भंवरा घर में आना शुभ या अशुभ ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

घर में दो मुंहा साप आना कैसा होता है?

घर में दो मुंहा साप आना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको धन लाभ हो सकता हैं. देवताओ के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं।

घर में मेंढक का आना कैसा होता हैं?

चीन में मेंढक को धन का प्रतीक माना जाता हैं। मेंढक का घर में आना शुभ माना जा सकता हैं। इससे आपको धन की प्राप्ति हो सकती हैं।

घर में काली चींटी आना कैसा होता है?

घर में काली चींटी आना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। घर में सुख का वातावरण बना रहता हैं। इससे आपको धन और शांति की प्राप्ति होती हैं।

घर में बिलनी होने से क्या होता है?

घर में बिलनी होना एक सामान्य बात है कहा जाता है कि घर में कुछ नया होने वाला है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है।

काला भंवरा काटने से क्या होता है?

यदि काला भंवरा काटने पर आ कटे हुए स्थान पर हल्की जलन, सूजन या लालपन हो सकता है। यदि ज्यादा होता है तो डॉक्टर की सलाह ले।

काला भंवरा घर में आने से क्या होता है?

ऐसा माना जाता है कि काला भंवरा घर में आना बहुत ही शुभ संकेत है। आपके घर कुछ अच्छे खबर के आने का एक इशारा माना जाता है।

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महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए - जानें क्या है रहस्य

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महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए - आज के कलयुग के समय में हनुमान जी ही एक ऐसा देवता है जो जाग्रत देवता माने जाते हैं। यानी की हनुमानजी इस सृष्टि में आज भी मौजूद है। हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से भक्त के सभी दुखो का नाश होता हैं और मनुष्य को कष्टों से मुक्ति मिलती हैं।

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महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए

वैसे तो हनुमानजी की कृपा पाने के लिए काफी कुछ किया जा सकता हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है की बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमानजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तो की जल्दी सुनते हैं। क्योंकि बजरंग बाण का पाठ हनुमानजी का पाठ माना जाता हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए

आज के कलयुग के समय में परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए और दुखो से मुक्ति पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ किया जाता हैं। इससे हनुमानजी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

लेकिन ऐसा माना जाता है कि बजरंग बाण का पाठ सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं। महिलाएं बजरंग बाण का पाठ नही कर सकती हैं।

हमारे पुराने धर्म शास्त्रों में भी बताया गया है कि महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नही करना चाहिए। इसके पीछे यह वजह मानी जाती है कि हनुमान जी महिलाओं को माता के समान मानते हैं और कोई माता इनके सामने झुके यह उनको पसंद नही हैं।

इससे हनुमानजी नाराज हो जाते हैं पवन पुत्र हनुमान जी स्वयं स्त्री जाती को नमन करते हैं। इसके अलावा हनुमानजी ब्रह्मचारी माने जाते हैं। इसलिए महिलाओं को हनुमानजी को छूना वर्जित माना जाता हैं। इन सभी कारणों से महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नही करना चाहिए।

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हनुमानजी की पूजा में महिलाओं को नही करने चाहिए यह काम

हनुमानजी की पूजा में महिलाओं को कुछ नियम का पालन करना होता हैं। कुछ काम होते है जिसे महिलाओं को हनुमानजी की पूजा में नही करने चाहिए। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

  • महिलाओं को हनुमान जी की पूजा में कभी भी जनेऊ अर्पित नही करनी चाहिए।
  • माताओ को हनुमान जी को अपने हाथ से कभी भी सिंदूर नही लगाना चाहिए क्योंकि हनुमान जी ब्रह्मचारी माने जाते हैं और महिलाओं के द्वारा हनुमान जी को छूना वर्जित माना जाता हैं।
  • महिलाओ को हनुमान जी का बजरंग बाण का पाठ नही करना चाहि। क्योंकि हनुमान जी महिलाओं को अपनी माता के समान मानते हैं। वह स्वयं स्त्री जाती को नमन करते हैं।
  • किसी भी महिला को हनुमान जी को चोला चढाने से भी बचना चाहिए।
  • अगर कोई स्त्री रजस्वला हो जाती है, तो हनुमान जी से जुड़े किसी भी कार्य को नही करना चाहिए।
  • महिलाओं को हनुमान जी के चरण स्पर्श करने से भी बचना चाहिए।
  • महिलाओं को हनुमान जी के कोई भी लंबे अनुष्ठान करने से भी बचना चाहिए।
  • महिलाओं को हनुमान जी को कपड़ो का जोड़ा भी समर्पित करने से बचना चाहिए।
  • महिलाओं को हनुमान जी को पंचामृत स्नान नही करवाना चाहिए।

हनुमान जी की पूजा में महिलाऐं क्या क्या कर सकती है

हनुमान जी की पूजा में महिलाएं नीचे दिए गये कार्य कर सकती हैं:

  • महिलाएं हनुमान जी को धुप दीप कर सकती हैं।
  • महिलाएं हनुमान जी को अपने हाथ से बनाया हुआ भोग लगा सकती हैं।
  • महिलाएं हनुमान जी को गूगल धुप आदि कर सकती हैं।
  • महिलाएं हनुमान जी की आराधना के लिए हनुमान चालीसा, संकट मोचन, सुंदरकांड आदि के पाठ कर सकती हैं।

बजरंग बाण रोज पढ़ने से क्या होता है?

बजरंग बाण रोज पढने से ढेर सारे लाभ मिलते हैं। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

  • बजरंग बाण का पाठ रोजाना करने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं। हमे लंबी बीमारियों से छुटकारा मिलता हैं।
  • अगर कोई जातक रोजाना बजरंग बाण का पाठ करता हैं, तो उसके घर में हमेशा के लिए खुशियाँ बनी रहती हैं।
  • जिस घर में रोजाना बजरंग बाण का पाठ होता हैं। ऐसे घर में कभी भी नेगेटिव ऊर्जा नही आती हैं।
  • बजरंग बाण का पाठ करने वाला जातक जीवन में हर एक सफलता पाने में सक्षम होता हैं।
  • बजरंग बाण का पाठ करने से संतान सुख की भी प्राप्ति होती हैं।
  • बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से आर्थिक तंगी दूर होती हैं और धन की प्राप्ति होती हैं।
  • बजरंग बाण का पाठ सुख प्रदान करने वाला माना जाता हैं। यह पाठ करने से आपकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं।
  • बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा से आपके जीवन के सारे संकट खत्म हो जाते है। आपके सारे काम आसानी से पूर्ण होने लगते हैं।

सबसे शक्तिशाली चालीसा कौन सा है?

हनुमान चालीसा ही सबसे शक्तिशाली चालीसा मानी जाती हैं। हनुमान चालीसा से जुडी कुछ बातो को ध्यान में रखे:

  • हनुमान चालीसा का पाठ आपको कम से कम 7, 11 और 21 बार जरुर करना चाहिए।
  • हनुमान चालीसा का पाठ स्वच्छ होकर ही करना चाहिए।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करने के दौरान अपने मन में बुरे विचार ना लाये।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले जातक को पराई स्त्री पर बुरी नजर कभी नही रखनी चाहिए।
  • अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो कम से 5 मिनिट तक अवश्य करे और शांत गति के साथ पाठ करे।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

बजरंग बाण का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

अगर आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो आपको कम से 7, 11 या 21 बार बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।

बजरंग बाण का पाठ कब करना चाहिए?

बजरंग बाण का पाठ जातक शनिवार और मंगलवार के दिन कर सकते हैं।

बजरंग बाण का पाठ कब ना करे?

बजरंग बाण का पाठ करने के दौरान आपको कुछ नियम ध्यान में रखने होते हैं जैसे की ब्रह्मचर्य का पालन करना, मांस मदिरा नही खाना, महिलाएं मासिक धर्म में बजरंग बाण का पाठ ना करे।

बजरंग बाण का पाठ महिआओं को करना चाहिए या नही?

महिआओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए क्योकि सभी महिलाओं हनुमान जी माता मानते है।

बजरंग बाण का पाठ कितने दिन करना चाहिए?

बजरंग बाण का पाठ आमतौर पर आप 21 दिनों तक कर सकते है। इसे करने से आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होने में मदद मिलता है।

क्या बजरंग बाण का पाठ रोज कर सकते हैं?

जी हाँ, बजरंग बाण का पाठ रोज़ किया जा सकता है। बशर्ते आपको यह पाठ श्रद्धा से करना चाहिए।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं तो आगे जरुर शेयर करे । ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए - जानें क्या है रहस्य ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है - जानें सम्पूर्ण जानकारी

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घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है – घर में छिपकली का होना हमारे लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं क्योकि छिपकली को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। अगर हमारे घर में छिपकली आती हैं, तो यह हमारे लिए शुभ फलदायी देने वाला होता हैं।

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घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है

लेकिन हमारे घर में ज्यादा छिपकली का होना हमारे लिए कुछ न कुछ संकेत देने वाला होता हैं। ऐसे ही कुछ संकेत के बारे में आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले हैं। इसलिए हमारे साथ अंत तक बने रहिए।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं

घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है

घर में छिपकली का होना वैसे तो अच्छा माना जाता हैं। घर में छिपकली का होना माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। इससे आपको अपार धन की प्राप्ति होती हैं और घर में छिपकली का आना माता लक्ष्मी का भी प्रतीक माना जाता हैं। लेकिन घर में ज्यादा छिपकली का होना हमारे लिए अशुभ माना जाता हैं।

अगर हमारे घर में ज्यादा छिपकली हैं, तो उसके निकालने के कुछ कार्य करने चाहिए। क्योकि घर में ज्यादा छिपकली का होना आपके घर में आर्थिक तंगी का संकेत माना जाता हैं। इससे आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं। इसके अलावा आपके फ़ालतू के खर्चे भी बढ़ सकते हैं।

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छिपकली को मारने से क्या होता है

छिपकली को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता हैं। इसलिए छिपकली को मारना महापाप माना जाता हैं। अगर आप छिपकली को मारते हैं तो आप बहुत बड़ा पाप करते हैं।

ऐसा करने से आपके पूण्य में कम होते हैं और आपके पाप बढ़ जाते हैं। अगर आप छिपकली को मारते हैं, तो इसकी सजा आपको अगले जन्म में भुगतनी पड़ सकती हैं।

शुक्रवार को छिपकली गिरने से क्या होता है

शुक्रवार को शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर छिपकली का गिरना अलग-अलग संकेत देता हैं जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

  • अगर शुक्रवार के दिन आपके माथे पर छिपकली गिरती हैं, तो यह बहुत ही शुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपको धन और संपति की प्राप्ति हो सकती हैं।
  • शुक्रवार के दिन नाक पर छिपकली गिरना भी काफी अच्छा माना जाता हैं। अगर नाक पर छिपकली गिरती हैं तो यह भाग्योदय का संकेत माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपके जीवन में अचानक से एक अच्छा सा परिवर्तन आ सकती हैं।
  • शुक्रवार के दिन गले पर छिपकली का गिरना अतिउत्तम माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले कुछ ही समय में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होती हैं।
  • अगर शुक्रवार के दिन भौंह पर छिपकली गिरती हैं तो यह आपके लिए अशुभ संकेत माना जाता हैं। यह घटना संकेत देती है कि आने वाले कुछ ही समय में आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता हैं। इस घटना के बाद आपके फ़ालतू के खर्चे बढ़ सकते हैं।
  • अगर शुक्रवार के दाहिने कंधे पर छिपकली गिरती हैं, तो बहुत ही शुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आप किसी पर भी विजय पाने में सक्षम बनते हैं। अगर बाहिने कंधे पर छिपकली गिरती हैं तो यह घटना अशुभ मानी जाती हैं। इस घटना के बाद आपके शत्रु में बढ़ोतरी हो सकती हैं।
  • अगर शुक्रवार के दिन बालों पर छिपकली गिरती हैं तो किसी बड़ी घटना की और इशारा करती हैं। यह घटना आपके लिए अशुभ मानी जाती हैं।

किस दिन छिपकली दिखना शुभ माना जाता है

मान्यता के अनुसार छिपकली को माता लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है की जिस घर में छिपकली होती हैं। उस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।

दिवाली की रात को अगर हमारे घर में छिपकली दिखाई देती हैं तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे आपको माता लक्ष्मी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं और उनके आशीर्वाद से हमे धन की प्राप्ति होती हैं।

नए घर में छिपकली दिखना

अगर आप नये घर में प्रवेश कर रहे हैं और प्रवेश करने के दौरान आपको घर में छिपकली दिखती हैं, तो यह शुभ संकेत माना जाता हैं। नए घर में छिपकली का आना शुभ माना जाता हैं।

नये घर में छिपकली का आना मतलब हमारे पूर्वजो का आना माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की हमारे पूर्वज छिपकली के रूप में हमे आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। इसलिए नये घर में छिपकली का आगमन पूर्वजो के आशीर्वाद माने जा सकते हैं। इससे माना जा सकता है की हमारे पूर्वज हमारे साथ हैं।

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घर में दो छिपकली का लड़ना शुभ या अशुभ

अगर आपको घर में दो छिपकली लडती हुई दिखाई देती हैं, तो यह अशुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपका परिवार वालो के साथ मनमुटाव हो सकता हैं। घर के सदस्यों के बीच ही झगड़ा उत्पन्न हो सकता हैं।

घर में काली छिपकली दिखना शुभ या अशुभ

अगर आपको घर में काली छिपकली दिखती हैं तो यह अशुभ माना जाता हैं। इस घटना के बाद आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं। यह धन-हानि की और इशारा करता हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

घर में एक साथ तीन छिपकली देखना कैसा होता है?

घर में एक साथ तीन छिपकली देखना शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आने वाले समय में फायदा हो सकता हैं।

पूजा स्थल पर छिपकली का दिखाई देना कैसा होता है?

अगर पूजा घर में छिपकली दिखाई देती हैं, तो यह शुभ माना जाता हैं। इससे आपको आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति हो सकती हैं।

दीवार पर से छिपकली का गिरना कैसा होता है?

दीवार पर से छिपकली का नीचे गिरना अशुभ माना जाता हैं। यह घटना आपको संकेत देती है की आने वाले समय में कोई अनहोनी होने वाली हैं।

छिपकली घर की दीवार पर चढ़ती हुई दिखाई दे तो कैसा होता है?

यह शुभ माना जाता हैं। इस प्रकार की घटना के बाद आपको सफलता की प्राप्ति हो सकती हैं।

रात में छिपकली देखने से क्या होता है?

रात में छिपकली का दिखना एक सामान्य घटना है, बहुत से लोग इसे संयोग मानते हैं, इसलिए आपको चिंता और डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।

घर में छिपकली का होना शुभ या अशुभ?

घर में छिपकली का होना तो एक सामान्य बात है। वास्तु के अनुसार इसे न तो पूरी तरह शुभ ही माना गया है, और न अशुभ। यह छोटे-छोटे कीड़ों को खाकर घर को साफ रखने में भी मदद करती है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के जरिये ये सब बताया है की घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह घर में ज्यादा छिपकली का होना क्या संकेत देता है का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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