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बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए - बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए

बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए, बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए, बजरंग बाण पढ़ने के नियम और सावधानियां, बजरंग बाण के चमत्कार और फायदे, पाठ के विशेष नियम.

हिन्दू सनातन धर्म में हनुमानजी ही एक ऐसा देवता है, जो आज भी धरती पर हमारे बीच आज भी मौजूद हैं। इसलिए तो हनुमानजी महाराज को जाग्रत देवता के नाम भी जाना जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमानजी की पूजा और पाठ से जीवन की सारी मुश्किलें दूर होती हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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हम जीवन में सुख की प्राप्ति के लिए अक्सर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, लेकिन हमारे कुछ पुराने शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की हनुमान चालीसा के पाठ के साथ-साथ बजरंग बाण का पाठ (Bajrang Baan Ka Path) भी करना चाहिए। यह हनुमान जी का ही पाठ माना जाता हैं। बजरंग बाण हनुमानजी का विशेष मंत्र है, जो पढ़ने से उनका आशीर्वाद मिलता है और जीवन में हर बाधा दूर होती है।

प्रीय पाठक, आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है कि बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहिए।

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं...

बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए

बजरंग बाण का पाठ आप अपनी सुविधा और समय अनुसार बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं, जैसा कि आप आम तौर पर इसे 7, 11, 21 बार पढ़ सकते हैं। इसके अलावा आपके पास अधिक समय हैं, तो आप बजरंग बाण का पाठ 51, 101 या उससे भी अधिक बार पढ़ सकते हैं।

यानी Bajrang Baan का पाठ पढने के लिए कोई पाबंदी नहीं है, जितनी बार आप चाहें और जितने समय में कर सकें, उतनी बार कर सकते हैं।

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बजरंग बाण का पाठ कब और कितने बजे पढ़ना चाहिए

बजरंग बाण का पाठ आप किसी भी दिन कर सकते हैं। अगर आप हनुमान जी के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति चाहते हैं, लेकिन शनिवार और मंगलवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना गया है। इसके अलावा आप रोजाना नियमित रूप से भी बजरंग बाण का पाठ कर सकते है।

अगर आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो आपको सुबह के समय स्नान आदि करने के बाद करना चाहिए। दोपहर के समय आपको बजरंग बाण का पाठ कभी भी नही करना चाहिए। इसके अलावा आप शाम के समय (सूर्यास्त के आसपास) बजरंग बाण का पाठ कर सकती हैं। रात में पाठ करने से बचें।

अगर आप बजरंग बाण का पाठ करना चाहते हैं, तो सुबह या शाम के समय बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं। यह समय बजरंग बाण का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा और शुभ माना जाता हैं।

बजरंग बाण पढ़ने के नियम और सावधानियां

  • पाठ का समय: बजरंग बाण का पाठ तभी करें जब आप किसी बड़ी मुसीबत में हों, जैसे शत्रुओं से परेशान हों या हर काम में अड़चनें आ रही हों। 
  • कब न करें: इसे रोजाना नहीं पढ़ना चाहिए, क्योंकि यह एक शक्तिशाली तंत्रिक पाठ है और इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। 
  • अन्य पाठ: बजरंग बाण का पाठ करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए, ऐसा करने से लाभ मिलता है। 
  • श्रद्धा और विश्वास: पाठ करते समय मन में पूरी श्रद्धा और विश्वास रखें, तभी हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी। 
  • आसन: लाल आसन या कुशा के आसन पर बैठकर पाठ करें। 
  • अन्य नियम: इस पाठ के दौरान लाल रंग के वस्त्र धारण करना और ब्रह्मचर्य का पालन करना शुभ माना जाता है। 

बजरंग बाण के चमत्कार और फायदे

बजरंग बाण के पाठ से होता है फायदा: बजरंग बाण का पाठ बहुत ही चमत्कारिक पाठ माना जाता हैं। अगर आप प्रति दिन नियमति रूप से बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो आपके जीवन की सभी प्रकार की पीड़ा समस्या दूर होती हैं।

बजरंग बाण के पाठ से मिलती है शत्रु पर विजय: बजरंग बाण का पाठ करने से आपको आपके शत्रु से हमेशा के लिए मुक्ति मिलती हैं। अगर आप आपके शत्रु से किसी भी प्रकार का भय हैं, या फिर आपका शत्रु आपको नुकसान पहुंचा रहा हैं, तो रोजाना बजरंग बाण का पाठ करने से आप शत्रु पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

बजरंग बाण का पाठ एक महीने में देगा चमत्कारिक लाभ: अगर आप लगातार एक महीने तक बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो आपको चमत्कारिक लाभ मिलता हैं। ऐसा करने से आपकी बड़ी से बड़ी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर आपको सालो पुरानी मनोकामना पूर्ण नही हो रही हैं, तो ऐसे में आपको रोजाना एक महीने तक बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इससे आपकी सालो पुरानी मनोकामना पूर्ण होती हैं।

बजरंग बाण का पाठ करने से हर बाधा होगी दूर: अगर आपके घर पर किसी बुरी शक्ति का साया हैं या फिर आप पर किसी ने टोटका करवा दिया हैं। आपका काम पार नही पड़ रहा हैं। आपके घर में बुरी प्रेत आत्मा ने प्रवेश कर लिया हैं। तो ऐसे में आपको रोजाना बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इससे आपको हर बाधा से मुक्ति मिलती हैं।

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बजरंग बाण पाठ के विशेष नियम

  • बजरंग बाण का पाठ सदैव शुद्ध उच्चारण और मन की एकाग्रता से करना चाहिए।
  • पाठ करते समय मन में किसी के प्रति क्रोध या द्वेष न हो।
  • हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाना उत्तम माना जाता है।
  • पाठ के बाद ‘हनुमान चालीसा’ या ‘हनुमान आरती’ का गान करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

बजरंग बाण एक दिव्य और चमत्कारी स्तोत्र है जो संकट मोचन श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने का सरल मार्ग है। रोज़ाना या कम से कम मंगलवार और शनिवार को श्रद्धा से इसका पाठ करने पर सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। चाहे एक बार पढ़ें या कई बार, मुख्य बात यह है कि इसे पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ किया जाए।

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है कि बजरंग बाण का पाठ कितनी बार पढ़ना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें, ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके। धन्यवाद!!

FAQs

क्या बजरंग बाण का पाठ रोज पढ़ सकते हैं?

जी हाँ, आप बजरंग बाण का पाठ रोजाना पढ़ सकते हैं।

बजरंग बाण का पाठ कितनी बार पढ़ें?

इसे आप 7, 11, 21, 51 या 101 बार पढ़ सकते हैं।

बजरंग बाण पढ़े का सही समय क्या है?

बजरंग बाण पढ़े का सर्वश्रेष्ठ समय है सुबह या सूर्यास्त के समय।

बजरंग बाण किस दिन पड़ना शुभ होता है?

विशेष दिन है मंगलवार और शनिवार।

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