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Chandra Mahadasha Alert: जानें चंद्र महादशा के असर, अंतरदशाएं और आसान उपाय

Chandra Mahadasha: वैदिक ज्योतिष में चंद्र महादशा को मन तथा भावनाओं से जुड़ी सबसे संवेदनशील दशाओं में माना जाता है। यह महादशा की कुल अवधि 10 साल तक...

Chandra Mahadasha: वैदिक ज्योतिष में चंद्र महादशा को मन तथा भावनाओं से जुड़ी सबसे संवेदनशील दशाओं में माना जाता है। यह महादशा की कुल अवधि 10 साल तक चलती है। चंद्रमा मन, भावना, मानसिक स्थिति तथा पारिवारिक जीवन का कारक ग्रह माना गया है। जब जातक की कुंडली में चंद्र महादशा शुरू होती है, तो जातक के जीवन में मानसिक, भावनात्मक तथा पारिवारिक स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। ये बदलाव शुभ भी हो सकते हैं और चुनौतीपूर्ण भी - सब कुछ चंद्रमा की स्थिति तथा चल रही जातक की अंतर्दशाओं पर निर्भर करता है।

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जानें चंद्र महादशा के असर, अंतरदशाएं और आसान उपाय

    दोस्तों आज के इस ब्लॉग के जरिये से हम आपको चंद्र महादशा के असर, अंतरदशाएं और आसान उपाय के बारे में बताने वाले हैं। इसके साथ ही इस टॉपिक से जुड़ी और भी अन्य महत्त्व पूर्ण जानकारी के विस्तार से बतायेगे, तो आप आज इस मुख्य जानकारी को जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर से पढ़े।

    चंद्र महादशा के प्रभाव

    चंद्र महादशा सीधे जातक के मन पर बहुत ही गहरा असर डालती है। अगर चंद्रमा शुभ स्थिति में हो, तो यह समय सुख, शांति तथा आत्मविश्वास फल भी देता है। लेकिन यदि चंद्रमा नीच का हो या अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो जातक को मानसिक तनाव तथा अस्थिरता बढ़ सकती है।

    सकारात्मक प्रभाव

    • इस समय में जातक की मानसिक शांति तथा भावनात्मक स्थिरता में वृद्धि होती है।
    • सामाजिक मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा भी बढ़ती है
    • इस अवधि में जातक को पारिवारिक जीवन सुखद तथा सामंजस्यपूर्ण हो सकता है
    • कला, साहित्य तथा आध्यात्म में जातक की रुचि बढ़ती है।
    • धन लाभ तथा विदेश यात्रा के योग इस महादशा में बन सकते है।

    नकारात्मक प्रभाव

    • इसमें जातक का भावनात्मक उतार-चढ़ाव तथा मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
    • जातक को कोई भी निर्णय लेने में असमंजस हो सकती है।
    • रिश्तों में गलतफहमियाँ तथा मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
    • अनिद्रा, चिंता तथा हृदय से जुड़ी समस्याएँ इसमें जातक को हो सकती है।
    • अवसाद तथा नकारात्मक विचारों की आशंका भी घर सकती है।


    चंद्र महादशा की अंतर्दशाएं और उनका असर

    चंद्र महादशा – चंद्र अंतर्दशा

    • इस अवधि में जातक बेहद भावुक हो सकता है।
    • पारिवारिक तथा सामाजिक जातक के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं।
    • इस समय में जातको को सही निर्णय लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

    चंद्र महादशा – राहु अंतर्दशा

    • इस समय में मानसिक भ्रम तथा तनाव की स्थिति बढ़ सकती है।
    • हेल्थ जैसी समस्याएँ सिरदर्द, नींद की कमी तथा चिंता भी बढ़ सकती हैं।
    • गलत फैसलों की संभावना बहुत अधिक हो सकती है।
    • इस अवधि में सतर्क रहने तथा सही मार्गदर्शन की जातक को आवश्यकता होती है।

    चंद्र महादशा – शनि अंतर्दशा

    • जातक के जीवन में संघर्ष तथा जिम्मेदारियाँ बढ़ती हैं।
    • नौकरी-व्यापार में रुकावटें तथा अवसाद महसूस हो सकता है।
    • इस समय में नौकरी तथा व्यापार में कठिनाइयाँ भी हो सकती हैं।
    • इस अवधि में संयम तथा धैर्य से कार्य करने की सलाह दी जाती है।

    चंद्र महादशा – केतु अंतर्दशा

    • जातक को आध्यात्मिक की तरफ झुकाव बढ़ सकता है।
    • इस समय में जातक को पारिवारिक दूरी महसूस हो सकती है।
    • ऐसे में जातक को मन शांत के लिए ध्यान तथा योग लाभकारी हो सकते है।

    चंद्र महादशा – बुध अंतर्दशा

    • इस अवधि में बौद्धिक क्षमता तथा संवाद कौशल में सुधार होता है।
    • व्यापार, लेखन तथा शिक्षा में सफलता भी मिल सकती है।
    • इस समय में जातक को कुछ नया सीखने तथा समझने की क्षमता भी बढ़ती है।

    चंद्र महादशा – शुक्र अंतर्दशा

    • जातक को इस समय में विलासिता तथा भौतिक सुख पाने की ओर हो सकता है।
    • इस अवधि में प्रेम जीवन में सुधार और शादी-विवाह के योग बन सकते है।
    • आर्ट और रचनात्मक क्षेत्रों में अच्छे कार्य के योग बनते हैं।

    चंद्र महादशा – गुरु अंतर्दशा

    • इस समय में जातक को ज्ञान, शिक्षा और आध्यात्म में वृद्धि हो सकती है।
    • जातक का समाज के प्रति सम्मान तथा प्रतिष्ठा भी मिल सकती है।
    • करियर में उन्नति तथा सामाजिक सम्मान भी मजबूत हो सकता है।

    चंद्र महादशा – मंगल अंतर्दशा

    • इस अवधी में गुस्सा और जल्दबाजी से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ सकती है।
    • दुर्घटनाओं तथा स्वास्थ्य से रिलेटेड समस्याओं से सावधान रहना जरूरी है।
    • इस समय में जातक को आत्म नियंत्रण तथा संयम बनाए रखना चाहिए।

    चंद्र महादशा – सूर्य अंतर्दशा

    • इस अवधि में जातक का आत्मविश्वास तथा नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।
    • जातक को सरकारी कामों तथा अधिकारियों से लाभ मिलता है।
    • अपने पिता या बड़े अधिकारियों से संबंध अच्छे हो सकते है।

    चंद्र महादशा के असरदार उपाय

    यदि आपको भी ये चंद्र महादशा परेशान कर रही हो, तो ये निचे दिए गए उपाय लाभ दे सकते हैं:

    • हर दिन आप को इस मंत्र “ॐ सोम सोमाय नमः” का 108 बार जाप करना चाहिए।
    • इस महादशा में जातक को इन सभी चीजे जैसे की सफेद चावल, दूध, चांदी, सफेद वस्त्र तथा मोती का दान करना चाहिए।
    • सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा तथा इस दिन शिवलिंग पर दूध-जल अर्पित करें।
    • चंद्र महादशा में ज्योतिषीय सलाह से ही मोती (पर्ल) को पहने सकते है।
    • इस महादशा में आपको गीता और श्रीमद्भागवत का पाठ करना चाहिए।
    • मानसिक शांति के लिए शुद्ध पानी में थोड़ा दूध मिलाकर स्नान करें।

    चंद्र महादशा कितने समय की होती है?

    चंद्र की महादशा 10 साल तक चलती है। इस दौरान जातक को अलग-अलग ग्रहों की अंतर्दशाएं अपने-अपने प्रभाव को दिखाती हैं।

    चंद्र महादशा के बाद क्या होता है?

    चंद्र महादशा के बाद मंगल महादशा आरम्भ होती है, जो जातक के जीवन में ऊर्जा, साहस तथा निर्णय क्षमता को बढ़ाती है। अगर चंद्र महादशा भावनात्मक रूप से कठिन रही हो, तो मंगल महादशा नई शुरुआत का मौका आपको दे सकती है।

    निष्कर्ष:

    चंद्र महादशा जातक के मन तथा भावनाओं को गहराई से प्रभावित करने वाली एक मुख्य दशा है। सही स्थिति में यह जातक की कुंडली में हो तो सुख-शांति तथा सफलता देती है, जबकि कमजोर में चंद्रमा हो तो जातक के जीवन में मानसिक अस्थिरता ला सकता है। उचित उपाय तथा सही मार्गदर्शन से इस महादशा को संतुलित कर जातक अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।

    दोस्तों हम आशा करते है की आज का ये ब्लॉग चंद्र महादशा के असर, अंतरदशाएं और आसान उपाय के बारे में बताया है। हम उम्मीद करते है की आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा, यदि आपके मन में कोई सवाल है तो आप बिना किसी संकोच के कमेंट में पूछ सकते है। धन्यवाद!

    FAQs-

    चंद्र महादशा की अवधि कितने साल की होती है?

    चंद्र महादशा की अवधि 10 साल की होती है।

    चंद्र महादशा का मंत्र क्या है?

    चंद्र महादशा के दौरान इस मंत्र “ॐ सोम सोमाय नमः” का जप करे।

    चंद्र महादशा में क्या दान कर सकते है?

    चंद्र महादशा में जातक को सफेद चावल, सफेद वस्त्र, दूध, चांदी और मोती का दान करना चाहिए।

    चंद्र महादशा में कौन सा रत्न पहनना चाहिए?

    चंद्र महादशा में जातक को मोती रत्न को धारण करना चाहिए।

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