Rahu Mahadasha: राहु महादशा एस्ट्रोलॉजी की सबसे रहस्यमयी दशाओं में से एक मानी जाती है, जिसकी समय अवधि पूरे 18 साल तक चलती है। राहु को एक छाया ग्रह कहा जाता है, जो अचानक घटनाओं, भ्रम, महत्वाकांक्षा तथा भौतिक इच्छाओं का प्रतीक माना जाता है। जब किसी जातक की कुंडली (Kundli) में राहु महादशा शुरू होते ही जीवन में बड़े तथा अप्रत्याशित बदलाव का आना शुरू होने लगते हैं। ये बदलाव अच्छे भी हो सकते हैं तथा मुश्किल भरेदोनों तो सकते है। सब कुछ राहु की स्थिति और अन्य ग्रहों की अंतर्दशाओं पर निर्भर करता है।
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| जानिए राहु महादशा के असर, खतरनाक साल, अंतर्दशाएं और अचूक उपाय |
राहु महादशा के प्रभाव (Rahu Mahadasha Effects)
राहु महादशा (Rahu Mahadasha) जातक के जीवन में तेज उतार-चढ़ाव लाती मानी जाती है। यह किसी व्यक्ति को अचानक ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है, तो किसी व्यक्ति को भ्रम और तनाव में उसे पूरी तरह भी डाल सकती है।
सकारात्मक प्रभाव:
- जातक का करियर में तेज़ी से तरक्की कर आगे बढ़ सकता हैं।
- व्यक्ति को विदेश यात्रा या अचानक धन लाभ संभव हो सकता है।
- किसी जातक को तकनीक, मीडिया, राजनीति तथा रहस्यमयी विषयों में रुचि बढ़ती है।
- यदि राहु शुभ हो तो व्यक्ति समाज में अलग ही पहचान और प्रसिद्धि पा सकता है।
नकारात्मक प्रभाव:
- मानसिक तनाव, चिंता तथा अवसाद बढ़ सकता है।
- इससे रिश्तों में धोखा, गलतफहमियां तथा भ्रम की संभावना बढ़ सकती हैं।
- जातक को गलत संगति तथा अवैध कार्यों में फंसने का खतरा बढ़ा रहता है।
- हेल्थ समस्याएँ जैसे की त्वचा रोग, नशे की लत और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
राहु महादशा के सबसे कठिन साल (Rahu Mahadasha Worst Years)
ऐसा माना जाता है की राहु महादशा के कुछ साल बेहद चुनौतीपूर्ण माने जाते हैं। आमतौर पर इस दशा की शुरुआत के 3 से 5 साल तथा आखिरी के 3 साल सबसे ज्यादा कठिन होते हैं। इस दौरान जातक को मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।
राहु महादशा की अलग-अलग अंतर्दशाओं का असर
यहां पर हमने राहु महादशा के कुछ अलग-अलग अंतर्दशाओं के बारे में निचे बताया है:
1. राहु–राहु अंतर्दशा:
- इस समय में जातक को अचानक सफलता या असफलता के योग का सामना करना पड़ता है।
- भ्रम और गलत फैसलों की आशंका लेने को संभावना बढ़ जाती है।
- इस समय व्यक्ति को मानसिक तनाव तथा अवदास भी बढ़ सकता है।
2. राहु–केतु अंतर्दशा:
- इस टाइम व्यक्ति को आध्यात्मिक और झुकाव बढ़ता है।
- जातक के सामाजिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
- इसमें जातक को परिवार से दूरी या विदेश यात्रा के योग भी बन सकते है।
3. राहु–शुक्र अंतर्दशा:
- ऐसेमे जातक को प्रेम संबंधों में उलझनें बढ़ सकती हैं।
- इस समय में व्यक्ति को भौतिक सुखों की चाह तेज होती है।
- धन लाभ के साथ अनैतिक कार्यों का खतरा भी बढ़ सकती है ।
4. राहु–चंद्र अंतर्दशा:
- मानसिक अस्थिरता और भावनात्मक कमजोरी की स्थिति व्यक्ति को बनी रह सकती है।
- इसमें व्यक्ति अनिर्णय रूप से कमजोर की स्थिति हो सकता है।
- रिश्तों में गलतफहमी की वजह से रिश्तों में तनाव आ सकती है।
5. राहु–मंगल अंतर्दशा:
- इसमें व्यक्ति को गुस्सा और आक्रामकता बढ़ सकती है।
- जातक को कानूनी विवाद में फसने की संभावना हो सकती है।
- ऐसे में दुर्घटना का योग तथा चोटों से बचाव करने की जरूरत होती है।
6. राहु–गुरु अंतर्दशा:
- इस टाइम जीवन में कुछ स्थिरता ले कर आती है।
- शिक्षा और आध्यात्मिक विकास के संकेत में अधिकता हो सकती है।
- करियर में सुधार, लेकिन सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
7. राहु–शनि अंतर्दशा:
- इस समय जातक को कड़ी मेहनत और संघर्ष करनी पड़ सकती है।
- धैर्य से काम लेने पर सफलता मिल सकती है।
- जीवन में बड़े बदलाव होने की संभावना हो सकती है।
8. राहु–बुध अंतर्दशा:
- जातक को बुद्धि और संवाद कौशल में सुधार हो सकता है।
- व्यापार और लेखन के काम में सफलता के योग बढ़ सकते है।
- इस समय में धोखे से सतर्क और चलाक रहने की जरूरत होती है।
9. राहु–सूर्य अंतर्दशा:
- इस समय में अहंकार और टकराव की इस्थिति बढ़ सकता है।
- सरकारी कामों में अड़चनें भी आ सकती है।
- पिता या वरिष्ठ अधिकारियों से मतभेद भी हो सकते है।
राहु महादशा के अचूक उपाय (Rahu Mahadasha Remedies)
अगर आपको राहु महादशा परेशान कर रही हो, तो ये आपके लिए निचे दिए गये उपाय मददगार हो सकते हैं:
- राहु मंत्र का जाप करे: हर दिन “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
- राहु से जुड़ी चीजों का दान करें: काले तिल, नारियल, सरसों का तेल, उड़द दाल तथा नीले कपड़े का दान जरूर करें।
- माँ सरस्वती और शिव भगवान की पूजा करें: राहु से जूझ रहे जातक को देवी सरस्वती और भगवान शिव की आराधना करने से लाभ मिलता है।
- गीता का पाठ पढ़े: श्रीमद्भगवद गीता के 7वें तथा 9वें अध्याय का नियमित से पाठ करें।
- गलत संगति से बचें: राहु महादशा के उपरांत जातक को बुरी आदतों तथा गलत लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए।
- ये रत्न धारण करें: ज्योतिषीय सलाह के बाद गोमेद या नीलम को पहनें।
राहु महादशा के बाद क्या होता है? (After Rahu Mahadasha)
राहु महादशा के बाद आमतौर पर गुरु या शनि की महादशा आती है, जो जातक के जीवन में स्थिरता लाती है। खासतौर पर 42 साल के बाद राहु का प्रभाव कम होने लगता है और जातक का जीवन के हालात धीरे-धीरे सुधरने लगते हैं।
राहु महादशा का समयकाल (Time Period)
- राहु महादशा की अवधि: 18 वर्ष
- इस दौरान हर ग्रह की अंतर्दशा अलग-अलग समय तक चलती है तथा अलग प्रभाव देती है।
निष्कर्ष:
राहु महादशा जीवन में अनिश्चितता, रहस्य तथा मानसिक उथल-पुथल ला सकती है, ऐसा भी होता है कि जातक को यही दशा अचानक सफलता और असफलता भी दिला सकती है। यदि जातक को सही मार्गदर्शन, संयम और उपायों के साथ राहु महादशा को डर की नहीं, बल्कि अवसर की तरह लिया जा सकता है। इसलिए जातक को समझ बूझ कर सही कदम अपनाकर इस महादशा को लाभ पूर्ण बनाया जा सकता है।
दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आज के ये हमारा लेख जानिए राहु महादशा के असर, खतरनाक साल, अंतर्दशाएं और अचूक उपाय आपको पसंद आया होगा। धन्यबाद!
FAQs
राहु महादशा कितने साल की होती है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु महादशा की अवधि 18 वर्ष की होती है।
राहु की महादशा कब शुभ होती है?
ऐसा कहा जाता है कि राहु महादशा तब शुभ होती है जब आपकी कुंडली में राहु मजबूत होता है।
राहु की महादशा कब शुभ फल देती है?
एस्ट्रोलॉजी के अनुसार राहु की महादशा शुभ फल तब देती है जब राहु उच्च, स्वराशि तथा केंद्र-त्रिकोण में हो, इस टाइम शुभ ग्रहों से युक्त हो और व्यक्ति धर्म, कर्म व संयम का पालन करे।
राहु की महादशा में किस्मत कब बदलती है?
राहु की महादशा में 18 साल में बदल सकती है आपकी किस्मत।
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