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जानिए किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए और सभी रीति-रिवाज एक साथ

किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए? जानिए हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद किए जाने वाले सभी जरूरी कर्म, रीति-रिवाज, पूजा, नियम & परंपराएं आसान भाषा मे

शुक्रवार

/ by Sandeep Kumar Sharma

जानिए किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए और सभी रीति-रिवाज एक साथ - हिंदू सनातन धर्म में किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी सबसे पहले की जाती हैं। क्योंकि हिंदू सनातन धर्म में मृत्यु के बाद शव को रात में घर में नही रखा जाता हैं। सूर्यास्त होने से पहले ही शव के अंतिम संस्कार कर दिए जाते हैं। अंतिम संस्कार विधि सहित और कुछ रस्मो के साथ पूरा किया जाता हैं।

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जानिए किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए

    दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

    किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए

    किसी की मृत्यु के बाद सबसे पहले किए जाने वाले काम के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

    घर में शोक मानाया जाता है

    किसी की मृत्यु के बाद घर में शोक मनाया जाता हैं। जिसमें घर के सदस्य मृतक व्यक्ति को याद करते हैं। घर के सदस्य के द्वारा मृतक व्यक्ति के शव को संभाला जाता हैं और शव के अंतिम संस्कार की तैयारी की जाती हैं।

    रिश्तेदारों को सुचना पहुंचाई जाती है

    किसी के मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के रिश्तेदारों को सुचना पहुंचाई जाती हैं। ताकि वह भी मृतक व्यक्ति के अंतिम दर्शन के लिए पहुंच सके और उनकी शव यात्रा में शामिल हो सके।

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    अंतिम यात्रा की तैयारी की जाती है

    किसी की मृत्यु के बाद शव को ज्यादा समय तक घर में नही रखा जाता हैं। इसके लिए शव की अंतिम यात्रा की तैयारी की जाती हैं।

    इसके लिए घर के सदस्य शव को श्मशान तक पहुँचाने के लिए जो जरूरी चीज़ वस्तु लगती हैं। वह सामग्री खरीदकर लाते हैं और अपने समाज की प्रथा अनुसार विधि तथा रस्मे आदि निभाते हुए. शव को श्मशान तक पहुंचाया जाता हैं।

    अंतिम यात्रा के बाद दान आदि किया जाता है

    अंतिम यात्रा पूर्ण हो जाने के बाद मृतक व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए जरूरतमंद लोगो को परिवार वालो के द्वारा दान आदि किया जाता हैं। इससे परिवार वालो को भी पूण्य की प्राप्ति होती हैं, तो इस प्रकार से किसी की मृत्यु होने के बाद सबसे पहले इन सभी कामो को किया जाता हैं।

    मृत्यु के बाद शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता

    गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद शव को अकेला छोड़ना अच्छा नही माना जाता हैं। इसका बुरा प्रभाव हमारे पर ही पड़ता हैं। अगर आप मृत्यु के बाद शव को अकेला छोड़ते हैं, तो शव के आसपास मौजूद बुरी आत्मा शव में प्रवेश कर जाती हैं। इस वजह से मृतक व्यक्ति को जल्दी मोक्ष की प्राप्ति नही होती हैं।

    ऐसा करने से सिर्फ शव को ही नही परिवारों वालो को भी नुकसान हो सकता हैं। इसके अलावा शव को अकेला छोड़ने से वहां मौजूद कोई भी पशु शव को नोच करके खा सकता हैं। इसलिए मृत्यु के बाद शव को अकेला नही छोड़ना चाहिए।

    मृत्यु के बाद मुंडन क्यों कराया जाता है

    मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के सम्मान के लिए परिवार वाले मुंडन करवाते हैं। यह एक जरिया है जिसमे आप मृतक व्यक्ति से प्रेम जता रहे हैं। इसलिए मृत्यु के बाद मुंडन कराया जाता हैं। कई बार दुःख की भावना से भी मृतक व्यक्ति के लिए मुंडन करवाया जाता हैं।

    गरुड़ पुराण में बताया गया है की मृत्यु के बाद आत्मा भटकती रहती हैं और वह फिर से परिवारों वालो के पास आना चाहती हैं। जब वह परिवार वालो के पास वापस आना चाहती हैं। तब परिवार वालो के बालो का सहारा लेती हैं।

    आत्मा बालो का सहारा लेकर फिर परिवार वालो के पास ना आ जाए इसलिए भी मुंडन करवाया जाता हैं। इससे आत्मा को जल्दी मोक्ष की प्राप्ति होती हैं और परिवार वालो के मोह से मुक्त होती हैं।

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    घर में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या करें

    यदि घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाना परिवार के लिए बहुत ही दुखद का बहु समय होता है। इस समय में व्यक्ति को मानसिक संयम बनाए रखना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों को सहारा देना बहुत ही जरूरी है। शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार मृतक की आत्मा की शांति तथा घर की शुद्धि के लिए कुछ नियम बद्ध महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए, जो की निचे निम्न प्रकार से है:

    • घर में शांति बनाए रखें: घर में अनावश्यक शोर या तनावको करने से बचें।
    • मृतक व्तक्ति को उचित स्थान पर रखें: साफ वस्त्र पहनाकर मृतक को शांत स्थान पर रखें।
    • परिवार तथा बुजुर्गों को मृतक व्तक्ति के बारे में सूचित करें।
    • अंतिम संस्कार की तैयारी: इस समय में पंडित या बुजुर्गों की सलाह लें।
    • गीता पाठ या मंत्र जप करें: इस अवधि में मृतक की आत्मा की शांति के लिए गीता पाठ का करे।
    • परे घर की ठीक से सफाई तथा शुद्धि करें।
    • 13 दिन तक आपको शोक नियमों का पालन करें।
    • पितृ कर्म तथा सात्विक भोजन ही करें।

    इस कठिन अवधि के समय में परिवार एक-दूसरे का सहारा बने तथा संयम व श्रद्धा के साथ इन सभी रीति-रिवाजों का पालन करें।

    निष्कर्ष

    दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

    हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

    दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए जाने सभी रीति रीवाज ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

    FAQs - अक्सर पूछे जानें वाले सवाल

    किसी की मृत्यु के बाद क्या पहली चीज करनी चाहिए?

    यदि किसी की मृत्यु के तुरंत बाद शव को शांति से रखा जाए, ताबूत तथा अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू करें और अपने परिवार में सभी को सूचित करें।

    पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का मालिक कौन है?

    पिता की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति वसीयत अनुसार या कानून के तहत वारिसों में बाँटी जाती है। सामान्यत: पत्नी, बेटे‑बेटियाँ तथा परिवार के कानूनी उत्तराधिकारी ही इसका मालिक होते हैं।

    मृत्यु के बाद कितने दिन तक रीति-रिवाज किए जाते हैं?

    शास्त्र अनुसार, मृत्यु के 13 दिन तक कर्मकांडी रीति-रिवाज से किए जाते हैं, जिसमें अंतिम संस्कार, शोक संस्कार तथा श्राद्ध जैसे कार्य शामिल हैं।

    मृत्यु के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए?

    मृत्यु के बाद अधिकतर शास्त्रों के अनुसार 13 दिन तक शोक तथा पितृ कर्म का पालन किया जाता है। इसमें मुख्य पूजा तथा श्राद्ध कार्यक्रम अंतिम दिन या तेरहवें दिन तक भी किया जाता है।

    घर में मृत्यु होने पर कौन-से धार्मिक नियम पालन करना जरूरी हैं?

    यदि किसी की घर में मृत्यु होने पर आपको घर को शुद्ध करना, मृतक के लिए मंत्र पढ़ना, पितृ पूजा तथा भोजन का विशेष तयारी प्रबंध करना ये सब जरूरी कार्य होते है।

    परिवार में किसी की मृत्यु होने पर क्या नहीं करना चाहिए?

    परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उत्सव, शोर-शराबा, हास्य-विनोद तथा अनावश्यक घर के काम नहीं करना चाहिए। संयम, शांति तथा शोक के नियम का पालन करना इस समय बहुत ही शुभ माना जाता है।

    मृत्यु के बाद क्या कोई खास पूजा या मंत्र करना चाहिए?

    मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा की शांति के लिए घर में पितृ मंत्र, गीता पाठ तथा धर्म अनुसार विधि पूजा करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है।

    मृत्यु के बाद क्या घर में बदलाव करना चाहिए?

    शास्त्र अनुसार मृत्यु के बाद मृतक के कमरे की ठीक से सफाई, वस्तुओं का पुनर्विन्यास तथा घर में शांति का माहौल बनाए रखना सबके लिए बहु ही जरूरी होता है।

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