Saraswati Puja 2026 Date: भारत में जैसे की सांस्कृतिक तथा धार्मिक देश में हर पर्व और व्रत का अपना विशेष ही महत्व होता है। आज के दिन इसी कड़ी में हम बात करेंगे कि साल 2026 में बसंत पंचमी का पर्व अत्यंत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। बात करे तो यह दिन ज्ञान, संगीत, कला तथा शिक्षा की देवी माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। इस दिन को ही सरस्वती पूजा का दिन कहा जाता है। यह साल यह पर्व माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को धूमधाम से मनाई जाती है।
![]() |
| सरस्वती पूजा 2026 कब है |
बसंत पंचमी का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं है, बल्कि इसके साथ मौसम परिवर्तन और प्रकृति के नूतन रूप का एक विशेष प्रतीक भी है। इस दिन से बसंत ऋतु का भी शुभ आरंभ होता है, जब हर ओर खेतों में सरसों की पीली लहलहाने फसलें दिखाई देने लगती हैं और वातावरण में मधुरता एक छाप सा बन जाती है।
दोस्तों आपको आज हम इस लेख के माध्यम से बताने वाले है कि इस साल saraswati puja date 2026 कब है (saraswati puja kab hai 2026)? बसंत पंचमी 2026 की तारीख, दिन और मुहूर्त कि बारे में तथा इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी विस्तार से प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी स्टेप by स्टेप प्रदान करते हैं।
सरस्वती पूजा 2026 कब है? When is Saraswati Puja 2026
Saraswati puja in 2026/ हिन्दू धर्म में हर पर्व में आगमन से पहले ही उसके बारे में सब लोग जानना चाहते है तो आज हम बात करे गए की saraswati puja kab hai 2026 में, तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बतायेगे की 2026 mein saraswati puja kab hai, इस साल 2026 me saraswati puja date ki date 23 जनवरी 2026 है। यह पर्व Friday को मनाया जायेगा। Saraswati pooja से रिलेटेड और भी जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अंत तक जरू पढ़े।
बसंत पंचमी 2026 की तारीख और दिन - saraswati puja kitne tarikh ko hai
2026 mein saraswati puja kab hai / 2026 सरस्वती पूजा की तारीख क्या है इसके बारे में हमने निचे बताये है:
- बसंत पंचमी 2026 (सरस्वती पूजा 2026) की तारीख: 23 जनवरी 2026, शुक्रवार
- तिथि आरंभ: 23 जनवरी 2026, सुबह 02:28 बजे से
- तिथि समाप्त: 24 जनवरी 2026, सुबह 01:46 बजे तक
2026 mein shivratri kab hai / इस प्रकार यानि 23 जनवरी 2026, दिन शुक्रवार को बसंत पंचमी तथा सरस्वती पूजा का पर्व पूरे भारत में हर तरफ श्रद्धा और उल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया जाएगा।
सरस्वती पूजा मुहूर्त 2026 - Saraswati Puja ka Muhurat
सरस्वती puja kab hai 2026 / इस साल बसंत पंचमी के दिन बात करे सरस्वती पूजा का मुहूर्त के बाटे में तो इस पूजा को किसी विशेष काल में ही करने से अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं। हर ओर इस पूजा को सामान्यतः सूर्य उदय से लेकर दोपहर के पहले तक का टाइम पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
सरस्वती पूजा शुभ मुहूर्त 2026 (शुभ समय):
- पूजन का श्रेष्ठ समय: प्रातः 07:13 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक (saraswati puja 2025 timing)
- मुहूर्त अवधि: 05 घंटे 20 मिनट
इन घंटों में माता सरस्वती की पूजन-अर्चना, वाद्य वादन, पुष्प अर्पण, पुस्तकों का पूजन और विद्या का कार्य आरंभ करना बहुत ही फलदायी माना गया है।
ये भी पढ़े: जानिए मंगलवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं और व्रत के नियम
2026 से 2035 तक सरस्वती पूजा कब है?
आज ही जाने साल 2026 से 2035 तक सरस्वती पूजा की तारीख और दिन कब-कब है:
- साल 2026 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: शुक्रवार, 23 जनवरी, 2026
- साल 2027 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: गुरुवार, 11 फरवरी, 2027
- साल 2028 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: सोमवार, 31 जनवरी, 2028
- साल 2029 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: शुक्रवार, 19 जनवरी, 2029
- साल 2030 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: गुरुवार, 7 फरवरी, 2030
- साल 2031 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: सोमवार, 27 जनवरी, 2031
- साल 2032 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: रविवार, 15 फ़रवरी, 2032
- साल 2033 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: शुक्रवार, 4 फ़रवरी, 2033
- साल 2034 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: मंगलवार, 24 जनवरी 2034
- साल 2035 में सरस्वती पूजा की तारीख: दिन: मंगलवार, 13 फरवरी, 2035
सरस्वती पूजा का धार्मिक महत्व - Significance of Saraswati Puja
शास्त्रों के अनुसार माँ सरस्वती जी को ब्रह्मा जी की शक्ति कहा गया है। वह ज्ञान, कला तथा संगीत की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। पुराणों के अनुसार कहे तो, जब ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की, तो उन्हें लगा कि सृष्टि में ध्वनि तथा ज्ञान का अभाव है। तब उन्होंने माँ सरस्वती जी को अपने कमंडल से प्रकट किया और उनसे अनुरोध किया कि वे सृष्टि में वाणी तथा बुद्धि का विकास करें।
आपने देखा होगा की माँ सरस्वती के हातों में वीणा (संगीत), वेद (ज्ञान), अक्षरमाला (वाणी), और कमल (पवित्रता) होते हैं। यही वह कारण है कि यह दिन केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि कलाकारों, संगीतज्ञों, शिल्पकारों और शिक्षकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
सरस्वती पूजा की विधि - Saraswati Puja ki Puja Vidhi
बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा विधि थोड़ी सरल होती है, लेकिन श्रद्धा तथा शुद्धता सर्वोपरि है। घरों, विद्यालयों और मंदिरों में प्रातः स्नान कर पीले वस्त्र धारण कर पूजा की जाती है। माँ सरस्वती की पूजा विधि निचे डिटेल में है:
- सबसे पहले सुबह में स्नान के बाद पूजा स्थल को ठीक से स्वच्छ करें और पीले या सफेद वस्त्र बिछाएं।
- इसके बात माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- माता की मूर्ति के सामने कुशासन या आसन बिछाकर शुद्ध चावल बिखेरें तथा अब कलश स्थापना करें।
- इस दिन पूजा में फूल, अक्षत, दीपक, अगरबत्ती, हल्दी, कुमकुम और पीले पुष्पों का उपयोग करना शुभ होता है।
- माँ सरस्वती को सफेद वस्त्र, पीले फूल, मिश्री तथा शुद्ध फल अर्पित करें।
- इस दिन विद्यार्थियों को अपनी पुस्तकों, नोटबुक्स और पेन आदि को पूजा स्थल पर रखकर माँ सरस्वती का आशीर्वाद लेना चाहिए।
- वीणा या किसी संगीत वाद्ययंत्र की पूजा का भी विशेष महत्व है।
- इसके बाद सरस्वती की वंदना और आरती करें।
- अंत में माता का प्रसाद सभी को दे।
सरस्वती पूजा में क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- खासकर इस दिन पीले वस्त्र पहने क्योंकि यह रंग बसंत तथा माँ सरस्वती का प्रतीक है।
- इस दिन से नई शिक्षा, संगीत और कला से संबंधित शुभ कार्य को शुरू करें।
- माँ सरस्वती की वंदना “या कुंदेन्दुतुषारहारधवला” श्लोक से करें।
- अपने घर में विद्या, ज्ञान तथा शुद्धता का वातावरण बनाए रखें।
क्या न करें:
- इस दिन किसी का भी अपमान न करें तथा झूठ बोलें से बचे।
- नशा और मांस-मदिरा का सेवन इस दिन भूल से भी न करें।
- इस दिन अपनी पुस्तकों को अनादरपूर्वक न रखें; क्योकि माता सरस्वती इनसे प्रतीकात्मक रूप से जुड़ी हैं।
बसंत पंचमी का सांस्कृतिक महत्व - The cultural significance of Basant Panchami
भारत के हर राज्यों में 2026 बसंत पंचमी का पर्व अलग-अलग परंपराओं से मनाई जाती है जो की निचे डिटेल में बताया है:
- उत्तर भारत: उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब तथा हरियाणा में इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, और माँ सरस्वती की धूम-धाम से पूजा करते है। कई जगह पर किसान भाई लोग खेतों में सरसों की पूजा करते हैं और इस दिन पतंगबाजी का आयोजन करते हैं।
- पश्चिम बंगाल: यहाँ बसंत पंचमी को "माँ सरस्वती पूजा" के रूप में अत्यधिक भव्यता के साथ मनाया जाता है। कॉलेजों तथा स्कूलों में युवा वर्ग के लोग माँ सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर मन लगा कर पूजा करते है।
- राजस्थान तथा गुजरात: यहाँ खेतों में पीले फूल को चढ़ाकर सूर्य देव तथा माँ सरस्वती की पूजा की जाती है।
- दक्षिण भारत: इस दिन देवी सरस्वती की विशेष आराधना की जाती है और इसके साथ-साथ कृषि कार्यों की शुरुआत भी की जाती है।
सरस्वती पूजा का ज्योतिषीय महत्व - Astrological significance of Saraswati Puja
एस्ट्रोलॉजी में कहा जाता है कि बसंत पंचमी का सीधा संबंध सूर्य और बुध ग्रह से भी है। इस टाइम सूर्य मकर राशि में तथा बुध ग्रह शक्तिशाली स्थिति में रहते हैं। यदि बात करे तो ज्योतिष के अनुसार यह दिन बुद्धि, शिक्षा तथा संवाद शक्ति के विकास के लिए अत्यंत उत्तम दिन माना गया है।
यदि आप विद्यार्थियों है तो इस दिन आपको शिक्षा आरंभ कराने, वाणी दोष निवारण, तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आरंभ करने से आपको विशेष लाभ मिलता है।
बसंत पंचमी 2026 में कौन से कार्य शुभ माने जाएंगे
- विद्या आरंभ: इस दिन बच्चों को अक्षर का ज्ञान या नई शिक्षा की आंरभ कराना अत्यंत शुभ होता है।
- न्यू व्यापार प्रारंभ: इस दिन व्यवसाय और कला से जुड़ा नया कार्य को प्रारंभ करना शुभ है।
- संगीत सीखना: इस दिन आपको संगीत व कला की शिक्षा आरंभ करने वालों के लिए यह दिन अत्युत्तम माना जाता है।
- वाणी शुद्धि हेतु उपाय: यदि किसी की वाणी में दोष और हकलाहट है, तो इस दिन माँ सरस्वती कि साधना से बहुत सुधार होता है।
- विवाह, गृहप्रवेश या नामकरण संस्कार: इस दिन से ‘अबूझ मुहूर्त’ के रूप में इन कार्यों को विशेष ग्रहयोग के बिना भी किया जा सकता है।
बसंत पंचमी के रंग और भोजन परंपरा
इस पर्व का प्रिय रंग पीला माना जाता है। यह रंग न्यू ऊर्जा, ज्ञान, सौभाग्य तथा आशा का प्रतीक है। इस दिन लोग पीले कपड़े धारण करते हैं, और इस दिन हर घरों में पीले व्यंजन जैसे केसर हलवा, मीठा चावल, बेसन लड्डू, खिचड़ी आदि का सेवन करना उचित माना जाता है।
खाशकर माँ सरस्वती की आराधना में पीले फूल जैसे सरसों, चंपा तथा गेंदे के फूलों का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
ये भी पढ़े: जानिए ब्रह्म कमल का पौधा कैसे लगाये | ब्रह्म कमल किस देवता को चढ़ाया जाता है
विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा
इस दिन भारत के अधिकांश विद्यालयों, तथा और यूनिवर्सिटीज़ में माँ सरस्वती की पूजा भव्य रूप में की जाती है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों और पुस्तकों की पूजा करते हैं। बहुत से जगह पूजन के बाद संस्कृति कार्यक्रम, गीत-संगीत, कविता और नृत्य प्रतियोगिताएँ रखी जाती हैं।
बसंत पंचमी का पर्यावरणीय संदेश
बसंत पंचमी का यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि पर्यावरण तथा मौसम परिवर्तन का प्रतीक भी माना जाता है। बसंत ऋतु आती है, जब वायु में नया जीवन तथा उत्साह भर जाता है। प्रकृति में नये-नये फूल खिलते हैं, हर ओर पक्षियों का कलरव गूंजता है, और हर ओर खेतों में फसलें अपने पूर्ण रूप में निखरती हैं।
बसंत पंचमी हमें यह बताती है कि जीवन में ज्ञान और सौंदर्य का समन्वय ही सच्ची समृद्धि है।
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की साल 2026 में सरस्वती पूजा कब है? बसंत पंचमी 2026 की तारीख, दिन और मुहूर्त के बारे मे, इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान की है। हम आप से उम्मीद करते है की आज का हमारा यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुआ होगा।
2026 ka saraswati puja kab hai / बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा 2026 का पर्व 23 जनवरी 2026 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। इस दिन ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की आराधना से मनुष्य को बुद्धि, विद्या तथा वाणी में निपुणता प्राप्त होती है। इस दिन दिन हर विद्यार्थी, कलाकार तथा शिक्षक के लिए प्रेरणादायक होता है।
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सरस्वती पूजा 2026 कब है? बसंत पंचमी 2026 की तारीख, दिन और मुहूर्त (saraswati puja kab hai kitne tarikh ko) का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!
Happy Saraswati Puja 2026!
FAQs - (2026 में सरस्वती पूजा)
2026 में सरस्वती पूजा क्या तारीख को है?
जी हाँ, साल 2026 में सरस्वती पूजा की सही तारीख 23 जनवरी है। (2026 saraswati puja date)
2026 में सरस्वती पूजा कब मनाया जाएगा?
इस वर्ष 2026 में सरस्वती पूजा 23 जनवरी दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।
2026 में सरस्वती पूजा किस दिन है?
साल 2026 में सरस्वती पूजा शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा।
2026 में सरस्वती पूजा कब पड़ रहा है?
इस साल यानि 2026 में सरस्वती पूजा का पर्व 23 जनवरी दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।
सरस्वती पूजा 2026 में कब है?
Saraswati puja kab hai 2026 mein/ सरस्वती पूजा 2026 में साल के पहले महीने में 23 जनवरी (शुक्रवार) को मनाया जायेगा।
इस साल बसंत पंचमी कब है?
साल 2026 में बसंत पंचमी 23 जनवरी को हर जगह मनाया जायेगा।
2026 mein saraswati puja kab hai kitne tarikh ko?
Sal 2026 mein saraswati puja ka parav 23 January 2026 ko hai.
Hello google saraswati puja kab hai?
Bahut se log search krte hai ki google saraswati puja kab hai. Es sal google ka search ke anusar saraswati puja 2026 me 23 January ko hai.
2026 में सरस्वती पूजा किस तारीख को है?
साल 2026 में सरस्वती पूजा की तारीख 23 जनवरी को पड़ रही है।
बसंत पंचमी 2026 की तारीख कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल बसंत पंचमी की तारीख 23 जनवरी को है उस दिन शुक्रवार पड़ रहा है।
इन्हें भी पढ़ें:-
आज हम जानेंगे नारियल का मुख कैसे पहचाने | पूजा के बाद नारियल का क्या करें
गुरुवार के दिन पैसा मिलना शुभ या अशुभ, जानें इस दिन क्या खरीदना चाहिए
जानिए भगवत गीता घर में रखना चाहिए या नहीं और घर में रखने से क्या होता है
परीक्षा में टॉप करने के टोटके | परीक्षा में पास होने के लिए चौपाई और मंत्र

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें