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Mangal Mahadasha Alert: जानिए मंगल महादशा का असर, अंतर्दशाएं और पक्के उपाय

Mangal Mahadasha: वैदिक ज्योतिष में मंगल महादशा को ऊर्जा, साहस तथा संघर्ष से जुड़ी अहम ग्रह दशा में से एक माना जाता है। इसकी महादशा की अवधि 7 साल होती

Mangal Mahadasha: वैदिक ज्योतिष में मंगल महादशा को ऊर्जा, साहस तथा संघर्ष से जुड़ी अहम ग्रह दशा में से एक माना जाता है। इसकी महादशा की अवधि 7 साल होती है। इस समय में मंगल ग्रह की शक्ति जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। यदि जातक की कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में हो तो आत्मविश्वास, साहस तथा सफलता मिलती है, लेकिन वहीं मंगल अशुभ हो तो जातक को गुस्सा, दुर्घटनाएं तथा लगातार संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। मंगल महादशा का प्रभाव जातक की कुंडली (Kundli) में मंगल की स्थिति, भाव तथा अन्य ग्रहों से युति पर काफी निर्भर करता है।

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जानिए मंगल महादशा का असर, अंतर्दशाएं और पक्के उपाय

    दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से मंगल महादशा के प्रभाव, अंतर्दशाएं और इससे जुड़े असरदार उपाय बताने वाले हैं। इसके अलावा इसके जुड़ी और भी अन्य और भी जानकारी के बारे में जानेगे, तो यह सभी जानकारी को जाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको मंगल महादशा बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

    मंगल महादशा कितने वर्षो की होती है?

    मंगल महादशा की अवधि हर जातक के लिए 7 साल तक होती है। इस महादशा में व्यक्ति की आपकी किस्मत बदल सकती है।

    मंगल महादशा के प्रमुख प्रभाव (Mangal Mahadasha Effects)

    सकारात्मक प्रभाव:

    • इस अवधि में आत्मविश्वास तथा साहस में बढ़ोतरी मिलती है।
    • व्यक्ति को करियर तथा व्यवसाय में उन्नति प्रदान होता है।
    • जातक को भूमि, संपत्ति तथा रियल एस्टेट से लाभ की प्राप्ति होती है।
    • खेल, सेना तथा पुलिस जैसी सेवाओं में सफलता की मिलती है।

    नकारात्मक प्रभाव:

    • इसमें जातक को क्रोध तथा आक्रामकता में वृद्धि होती है।
    • इस अवधि में दुर्घटनाओं तथा चोट लगने की आशंका बढ़ जाती है।
    • पारिवारिक और वैवाहिक तनाव भी होता है।
    • इस महादशा में जातक की आर्थिक उतार-चढ़ाव होता है।

    अगर जातक को मंगल महादशा नकारात्मक असर दे रही हो, तो सभी सही उपाय अपनाकर इसके दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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    मंगल महादशा में अलग-अलग ग्रहों की अंतर्दशाओं का असर

    मंगल महादशा – मंगल अंतर्दशा:

    इस समय में मंगल की ऊर्जा सबसे अधिक जातक के ऊपर प्रभावी होती है। जातक को साहस तथा आत्मनिर्भरता बढ़ती है। इसमें खेल, सेना, पुलिस तथा राजनीति में सफलता मिलने के अधिक चांश हो सकते है।

    मंगल महादशा – राहु अंतर्दशा:

    यह अवधि में जातक को अचानक घटनाओं तथा मानसिक तनाव की हो सकती है। इस दौरान जातक को दुर्घटनाओं तथा शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत होती है। इस समय में मंगल महादशा तथा राहु अंतर्दशा का मिश्रण अचानक घटनाओं तथा अप्रत्याशित बदलाव का एक जन्म हो सकता है।

    मंगल महादशा – शनि अंतर्दशा:

    इस महादशा में जातक को संघर्ष तथा कठिन परिश्रम का समय भी ला सकता है। इसमें व्यक्ति को धैर्य तथा अनुशासन से ही सफलता मिलती है।

    मंगल महादशा – गुरु अंतर्दशा:

    इस अवधि में जातक को ज्ञान, आध्यात्मिकता तथा करियर में प्रगति का समय होता है। यदि जातक की कुंडली में गुरु शुभ हो तो यह चरण व्यक्ति के लिए बेहद फलदायी हो सकती है।

    मंगल महादशा – केतु अंतर्दशा:

    यह समय में जातक को दौर रहस्यमयी तथा मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। इस महादशा में व्यक्ति को आध्यात्मिक की ओर झुकाव का सामना करना पड़ सकता है।

    मंगल महादशा – बुध अंतर्दशा:

    इस अवधि में जातक को बुद्धि तथा संवाद क्षमता अहम भूमिका निभाती है। इसमें व्यक्ति को व्यापार तथा लेखन से जुड़े लोगों को लाभ मिल सकता है।

    मंगल महादशा – शुक्र अंतर्दशा:

    इस अवधि के दौरान जातक को प्रेम संबंधों तथा वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आने संभव हैं। यदि कुंडली में मंगल-शुक्र में टकराव हो तो रिश्तों में तनाव की स्थिति आ सकता है।

    मंगल महादशा – सूर्य अंतर्दशा:

    इस मंगल महादशा में जातक को नेतृत्व क्षमता बढ़ती है तथा करियर में उन्नति भी मिल सकती है। लेकिन जातक का इस टाइम अहंकार तथा गुस्से पर नियंत्रण जरूरी होता है।

    मंगल महादशा – चंद्र अंतर्दशा:

    इस समय में व्यक्ति की भावनात्मक असंतुलन बढ़ सकता है। पारिवारिक जीवन में समस्याएं की उत्पन्न आ सकती हैं, इस समय में जातक को मानसिक संतुलन बना कर रखना चाहिए।

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    मंगल महादशा के असर उपाय (Mangal Mahadasha Remedies)

    अगर आपको मंगल महादशा परेशान कर रही हो, तो निचे कुछ ये उपाय लाभकारी हो सकते हैं आपके लिए जानिए:

    • मंगल ग्रह को शांत करने के लिए हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ मन से करें ये सबसे उपाय में से एक है।
    • इस ग्रह की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन का व्रत रखें।
    • ज्योतिषीय सलाह से मंगल महादशा को शांत करने से लिए मूंगा रत्न धारण करें।
    • मंत्र जाप करें: “ॐ अं अंगारकाय नमः” (108 बार) हर दिन जप करे।
    • मंगलवार के दिन मसूर दाल, गुड़, तांबे का सिक्का तथा लाल कपड़े का दान करना अति शुभ होता है।
    • इस ग्रह को हैप्पी रखने के लिए लाल चंदन का तिलक यह एक बेस्ट उपाय है।
    • मंगल के सकारात्मक प्रभाव को काम करने के लिए घर में मंगल यंत्र की स्थापना करें।

    मंगल महादशा और विवाह जीवन

    मंगल महादशा विवाह तथा दांपत्य जीवन को भी प्रभावित हो सकती है। यदि जातक की कुंडली में मंगल अशुभ हो, तो शादी में देरी तथा वैवाहिक तनाव की स्थिति हो सकता है। ऐसे में मंगल दोष निवारण, कुंभ विवाह तथा मंगल शांति के लिए पूजा कराई जाती है।

    निष्कर्ष:

    मंगल महादशा जातक के जीवन में साहस, प्रतिस्पर्धा तथा संघर्ष लेकर आती है। मंगल शुभ हो तो यह व्यक्ति को ऊंचे पद, धन तथा बड़ी सफलता दिला सकती है। वहीं मंगल अशुभ हो तो गुस्सा, टकराव तथा आर्थिक परेशानियां जैसे समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इस समय में आप सही ज्योतिषीय से बात करे और उपाय अपनाकर मंगल की सकारात्मक ऊर्जा का पूरा लाभ उठाया जा सकता है।

    दोस्तों आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से मंगल महादशा का असर, अंतर्दशाएं और पक्के उपाय बताये है। हम आशा करते है की आज का ये हमारा ब्लॉग मंगल महादशा का असर आपके लिए लाभदायक हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आप अपने दोस्तों और रिलेटिव के साथ साझा जरुर करे तथा अपने अनुभव के बारे में कमेंट में बताये। धन्यवाद!

    FAQs - मंगल महादशा में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    मंगल महादशा क्या होती है तथा इसकी अवधि कितनी होती है?

    मंगल महादशा एस्ट्रोलॉजी में एक प्रमुख दशा है, जिसकी अवधि 7 साल होती है। इस समय मंगल ग्रह जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव के कर आता है।

    मंगल महादशा में जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

    इस मंगल महादशा में जातक के जीवन पर साहस, ऊर्जा, तथा आत्मविश्वास बढ़ता है, लेकिन साथ ही क्रोध, विवाद, दुर्घटना तथा जल्दबाजी की संभावनाएं भी रहती हैं।

    मंगल महादशा की अंतर्दशाएं कौन-कौन सी होती हैं?

    मंगल महादशा में हर जातक के लिए कुल 9 अंतर्दशाएं होती हैं - मंगल-मंगल, मंगल-राहु, मंगल-गुरु, मंगल-शनि, मंगल-बुध, मंगल-केतु, मंगल-शुक्र, मंगल-सूर्य तथा मंगल-चंद्र अंतर्दशाएं है।

    क्या मंगल महादशा में विवाह तथा करियर प्रभावित होते हैं?

    जी हां, यदि मंगल अशुभ हो तो शादी में देरी, तनाव तथा करियर में उतार-चढ़ाव आ सकता है, जबकि शुभ मंगल सफलता तथा नेतृत्व क्षमता देता है।

    मंगल महादशा में जातक की किस्मत कितने साल में बदल सकती है?

    मंगल महादशा में जातक की किस्मत की किस्मत 7 साल में बदल सकती है।

    मंगल महादशा के नकारात्मक प्रभाव कम करने के पक्के उपाय क्या हैं?

    मंगल महादशा के कारगर उपाए ये है जैसे की हनुमान जी की पूजा, मंगल मंत्र का जाप, मंगलवार का व्रत, लाल वस्तुओं का दान तथा क्रोध पर नियंत्रण रखे ये सभी उपाय प्रभावी माने जाते हैं।

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