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जानिए Tulsi Ka Paudha/तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं: पूरी जानकारी

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रविवार

मित्रो, आप को प्रेम पूर्वक नमस्कार, क्या आप जानना चाहते है कि तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं और तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने से क्या होता है इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानेगे, तो चलिए शुरू करते है। हिन्दू सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना जाता है। इसलिए बहुत से लोग अपने घरों में Tulsi Ka Paudha लगा कर पूजा-अर्चना करते हैं। अधिकांश हिन्दू घरों में तुलसी का पौधा पाया जाता है।

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    माना जाता है कि भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है। हालांकि, कई लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं। इस सवाल के जवाब के लिए और अधिक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।

    मित्रों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको यह बताने जा रहे हैं कि तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं, और एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा, हम इस विषय से संबंधित और भी जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइये हम आपको इस विषय पर संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

    जानिए क्या तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं?

    तुलसी का पौधा इतना महत्वपूर्ण होने के कारण, आप इसे किसी को भी उपहार के रूप में प्रदान कर सकते हैं, बिना किसी चिंता के। इसमें कोई भी दोष नहीं है।

    Tulsi Ka Paudha एक पवित्र पौधा है जो हिन्दू सामाजिक सांस्कृतिक में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे लोग घर के आंगन में या पूजा स्थल में उगाते हैं क्योंकि इसमें धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता है। तुलसी का पौधा और इसकी पत्तियां आरोग्य के लाभ के लिए भी प्रसिद्ध हैं। 

    कई तंत्रों में इसे सुखद औऱ शुभ माना गया है और इसका दान करना किसी को सुख-शांति का अहसास करा सकता है। लोग विशेषकर एकादशी के दिन तुलसी को पूजते हैं और इसे उगाने का परंपरागत तरीके से करते हैं। इससे घर को प्रेम और शांति का वातावरण मिलता है।

    एकादशी के दिन क्या तुलसी का पौधा लगाना चाहिए या नहीं?

    एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना और उसमें जल अर्पित करना दोनों ही विशेष संस्कार माने जाते हैं। इसका कारण है कि इस दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह हुआ था, और इसी दिन माता तुलसी निर्जला व्रत करती हैं।

    एकादशी के दिन Tulsi Ka Paudha लगाना हिन्दू धर्म में एक प्राचीन परंपरा है जो धार्मिक और सामाजिक महत्ता रखती है। तुलसी को एक देवी माना जाता है और उसका पौधा घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। एकादशी के दिन तुलसी को पूजने से व्यक्ति को मानवीय और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। 

    तुलसी का पौधा और इसकी पत्तियां आरोग्य के लाभ के लिए भी जाने जाते हैं और इसे उगाने से घर की सुरक्षा बढ़ती है। इस पवित्र दिन पर तुलसी को उगाना एक आदर्श परंपरा मानी जाती है जो सुख, शांति, और प्रेम की भावना को बढ़ावा देती है।

    इस व्रत में किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आने के लिए, इस दिन तुलसी का पौधा लगाना और उसमें जल अर्पित करना विशेष रूप से अनुपम माना जाता है।

    तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने से क्या परिणाम होता है?

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    तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने से नहीं सिर्फ शांति और सुकून महसूस होता है, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार भी हो सकता है। तुलसी की महक और प्राकृतिक गुणधर्म तकिये के ऊपर अपना प्रभाव डालती है, जिससे नींद में भी लाभ हो सकता है। तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने के लाभों को हमने नीचे वर्णित किया है।

    • कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखकर सोने से जागरूक व्यक्ति की जीवनशैली मधुर बनती है। उसके जीवन में मधुरता फैल जाती है।
    • तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखकर सोने से आर्थिक कठिनाइयों से राहत मिलती है, और इसके साथ ही मानसिक तनाव से भी मुक्ति होती है।
    • इसके अतिरिक्त, हमारे चारों ओर का वातावरण प्रशांत होता है, और कई बीमारियों से हमें राहत मिलती है।
    • यदि किसी को श्वास संबंधित समस्याएं हैं, तो उन्हें तकिये के नीचे तुलसी के पत्तों को रखकर सोने से लाभ होता है।
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    तुलसी के पत्ते रखने से क्या प्राप्त होता है?

    • तुलसी के पत्तों को पास में रखने से हमारा स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
    • व्यक्ति अपने आप को सशक्त महसूस करता है।
    • जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता, उनके पास तुलसी के पत्ते रखना चाहिए।
    • जो बच्चे माता-पिता के कहने पर यादरहित हैं, उन बच्चों को तुलसी के पत्ते रखने चाहिए। इससे वे माता-पिता की सुनते होते हैं और उनकी सलाह मानने लगते हैं।
    • तुलसी के पत्तों को अपने पास रखने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।
    • जो व्यक्ति तुलसी के पत्तों को अपने पास रखता है, उसके ग्रह और नक्षत्र भी सुधर जाते हैं।

    तुलसी के पत्ते क्यों नहीं खाने चाहिए?              

    सामान्यत: तुलसी के पत्तों का सेवन बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। हालांकि, इसे अधिक मात्रा में खाने से कुछ हानि हो सकती है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है। इसलिए, तुलसी के पत्तों को अधिकतम सीमा में ही खाना चाहिए।

    • तुलसी में आयरन और पारा जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे दांतों को क्षति पहुंचा सकते हैं। इसलिए, तुलसी के पत्तों को अधिक चबाकर खाने से दांतों को क्षति हो सकती है।
    • तुलसी के पत्तों का अधिक मात्रा में सेवन करने से खून पतला होने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
    • गर्भवती महिला के लिए तुलसी के पत्ते हानिकारक साबित हो सकते हैं, इसलिए इन्हें खाना नहीं चाहिए।

    तुलसी का पौधा दान करने से क्या प्राप्त होता है?

    शास्त्रों के अनुसार, तुलसी का पौधा दान करना बहुत ही श्रेष्ठ और शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधा दान से होने वाले कुछ लाभों के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की है।

    • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए Tulsi Ka Paudha दान करना।
    • इसके अतिरिक्त, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त होती है। इससे हमें धन की प्राप्ति होती है।
    • तुलसी का पौधा दान करने से हमें सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
    • तुलसी का पौधा दान करने से हमें आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।

    निष्कर्ष

    मित्रों, आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको बताया है कि क्या तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं, और क्या एकादशी के दिन Tulsi Ka Paudha लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा, इस विषय से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आज का हमारा लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

    मित्रों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा आलेख 'तुलसी का पौधा/Tulsi Ka Paudha किसी को देना चाहिए या नहीं और तुलसी के पत्ते क्यों नहीं खाना चाहिए' पसंद आया होगा। धन्यवाद!

    FAQs

    घर में कौन-कौनसी तुलसी लगाना शुभ माना जाता है?

    यद्यपि आप किसी भी प्रकार की तुलसी घर में लगा सकते हैं, लेकिन रामा और श्यामा तुलसी को घर में लगाना अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है।

    क्या तुलसी के पौधे में दूध डाला जा सकता है?

    हाँ, वैसे तो तुलसी के पौधे में पानी ही चाहिए, परंतु आप चाहें तो दूध भी डाल सकते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का नाम लेते हुए तुलसी के पौधे में दूध डालते हैं, तो इससे आपको धन की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

    तुलसी किस देवता के लिए चढ़ाई नहीं जा सकती है?

    तुलसी को आप भगवान शंकर, गणेशजी, हनुमानजी के लिए चढ़ाई नहीं जा सकती हैं।

    तुलसी के पौधे के पट्टे में शिवलिंग रखा जा सकता है क्या?

    नहीं, तुलसी के पौधे में कभी भी शिवलिंग न रखें। क्योंकि तुलसी को भगवान शिव को भी चढ़ाई नहीं जाती है।

    तुलसी को कब नहीं छूना चाहिए?

    हालांकि, आप प्रतिदिन तुलसी की पूजा आदि कर सकते हैं, पर कुछ ऐसे दिन भी होते हैं जिनसे बचना चाहिए। उन दिनों तुलसी की पूजा और छूने से भी बचना चाहिए।

    सामान्यत: शाम के समय में तुलसी को छूने से बचना चाहिए, जैसा कि मान्यता है। इसके अलावा, रविवार, एकादशी, चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के दिनों पर भी तुलसी को छूने से बचना चाहिए।

    तुलसी के पास क्या रखना नहीं चाहिए?

    अगर आपके आंगन में तुलसी लगी है, तो उसके आसपास सफाई का खास ध्यान रखें। तुलसी के पास आपको शिवलिंग, झाड़ू, कांटे दार पौधे, कूड़ादान, और जूते-चप्पलें नहीं रखनी चाहिए।

    तुलसी पर सिंदूर लगाना संभव है क्या?

    हाँ, आप सुबह के समय पूजा के दौरान तुलसी पर सिंदूर लगा सकते हैं।

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    कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार | कर्मों की सजा कैसे मिलती है

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    शनिवार

    कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार - हम सभी लोग यह तो जानते ही है. की जैसा कर्म करेगे वैसे फल की प्राप्ति होगी। हमारे पुराने प्राचीन ग्रंथो में भी कर्मो के बारे में काफी बाते बताई गई हैं, जो मनुष्य अच्छा कर्म करता हैं। उसे अच्छे फल की प्राप्ति होती हैं तथा ऐसा मनुष्य सुख भोगता हैं और जो मनुष्य बुरे कर्म करता हैं। उसे बुरे फल की प्राप्ति होती हैं तथा ऐसा मनुष्य दुख भोगता हैं।

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    कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार

      इसलिए मनुष्य को बुरे कर्म को छोड़कर अच्छे कर्म करने की सलाह गरुड़ पुराण तथा गीता सार में भी दी गई हैं। मनुष्य को अच्छे फल की प्राप्ति के लिए धर्म के मार्ग पर चलकर अच्छे कर्म करने चाहिए। नहीं तो कर्मो की सजा मिल सकती हैं। यह कर्मो की सजा तथा फल कैसे मिलते हैं। यह जानने के लिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

      दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार के अनुसार बताने वाले हैं। इसके अलावा यह भी बताने वाले है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

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      कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार | कर्मों की सजा कैसे मिलती है

      गीता सार के अनुसार मनुष्य को कर्मो की सजा का फल कैसा मिलता हैं। इसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

      • जो व्यक्ति अभी के वर्तमान के समय में किसी अन्य व्यक्ति के पैसे लुटता हैं तथा चोरी आदि करता हैं। ऐसे व्यक्ति को गीता सार के अनुसार भयंकर दंडित किया जाता हैं। ऐसा माना जाता है की यमदूत ऐसे व्यक्ति को नर्क में ले जाकर इतना पिटते हैं की व्यक्ति बेहोश हो जाता हैं, और होश में आने पर फिर से पीटा जाता हैं।
      • जो व्यक्ति स्वार्थ के खातिर निर्दोष व्यक्ति की हत्या करते हैं। ऐसे लोगो को नर्क में ले जाकर गर्म तेल में डुबोकर तला जाता हैं।
      • जो पति-पत्नी अपने स्वार्थ के खातिर एक दुसरे के साथ रहते हैं। जब तक पैसे है एक दुसरे के साथ रहते हैं और पैसे नहीं होने पर साथ छोड़ देते हैं। ऐसे व्यक्ति को गर्म तवे की रोड पर सुलाकर पीटा जाता हैं। 
      • जो लोग दुसरो के पैसे हडप लेते हैं। उनको सांप से भरे कुएं में डाला जाता हैं।
      • जो लोग जानवर तथा मांसाहार का सेवन करते हैं। उनको नर्क में ले जाकर जानवरों के बीच में छोड़ा जाता हैं और फिर जानवर उन्हें खाते हैं।


      किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है/strong>

      किस कर्म से कौन सी बीमारी होती हैं। इसके बारे में हमने नीचे जानकारी दी हैं:

      • अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का अपमान करता है या फिर अन्य व्यक्ति को निराश करता हैं, तो ऐसे व्यक्ति को मानसिक पीड़ा का दर्द झेलना पड़ता हैं।
      • अगर किसी व्यक्ति ने चूहे तथा सांप के छेद को बंध किया हैं। किसी जीव को घोटकर मारने का प्रयास किया हैं, तो ऐसे व्यक्ति को अस्थमा तथा निमोनिया आदि रोग हो सकते हैं।
      • जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जहर खिलाकर मार डालता है। उस व्यक्ति को सांप तथा बिच्छु आदि काटकर मार डालते है।

      गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है

      गीता के अनुसार किसी भी जीव की हत्या करना सबसे बड़ा पाप माना गया हैं।

      पाप का मुख्य कारण क्या है

      पाप का मुख्य कारण इच्छा होती हैं। जब किसी मनुष्य की इच्छा पूर्ण नहीं होती हैं, तो वह पाप के रास्ते पर चढ़कर अपनी इच्छा पूर्ण करने की कोशिश करते हैं और इस प्रकार मनुष्य के हाथ से पाप होता रहता हैं।

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      निष्कर्ष

      दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार अनुसार बताया हैं। इसके अलावा यह भी बताया है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है।

      हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

      दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार / कर्मों की सजा कैसे मिलती है ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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      कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय - कई बार कन्या की उम्र विवाह योग्य हो जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बनते हैं। ऐसी परिस्थति में कन्या के माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। कन्या का विवाह अगर योग्य समय पर नहीं हो पाता हैं, तो कन्या की उम्र बढ़ने के साथ अच्छे वर की भी प्राप्ति नहीं होती हैं।

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      कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र, उपाय

        अगर आप भी कन्या के विवाह को लेकर परेशान हैं। आपकी कन्या की उम्र हो जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बन रहे है, तो आज हम कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताने वाले हैं। जिसे करने से आपकी कन्या का विवाह शीघ्र हो जाएगा और अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी। 

        दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताने वाले हैं। इसलिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है। 

        कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय

        अगर आप अपनी कन्या के लिए योग्य वर की तलाश करते करते थक गए हैं तथा आपकी कन्या की उम्र विवाह योग्य हो जाने के बाद भी विवाह के योग नहीं बन रहे है तो आपको नीचे दिए गया मंत्र और उपाय करना होगे। हमने कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और संपूर्ण विधि नीचे बताई हैं।

        कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र

        हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
        मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥

        यह माँ कात्यायनी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माना जाता हैं। जिसका जाप करने से कन्या के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं तथा अच्छे वर की प्राप्ति होती हैं।

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        यह मंत्र जाप करने से पहले आपको एक बाजोट पर माँ कात्यायनी यंत्र और कार्यसिद्धि माला को स्थापित करना हैं। इसके पश्चात ऊपर दिया गया मंत्र नियमित रूप से रोजाना एक माला जाप करना हैं। इस मंत्र का जाप आपको किसी निश्चित समय पर करना हैं तथा रोजाना एक ही आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करे। 

        यह मंत्र जाप करने से शीघ्र ही मंत्र सिद्ध हो जाता हैं तथा माँ भगवती की कृपा से जल्दी ही कन्या का विवाह संपन्न हो जाता हैं। इसके अलावा आप कुछ और भी उपाय कर सकते हैं जो हमने नीचे बताए हैं।

        कन्या शीघ्र विवाह करने के लिए वास्तुदोष को दूर करे

        कई बार विवाह में वास्तुदोष भी अड़चन रूप हो सकता हैं। अगर आपकी कन्या का विवाह योग्य समय नहीं हो रहा है या फिर काफी कोशिश करने के बाद भी योग्य वर नहीं मिल पा रहा हैं तो आपको अपने घर के वास्तु पर भी ध्यान देना चाहिए।

        वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि घर में गुरु का स्थान अगर दूषित हैं। जैसे की गुरु के स्थान पर गंदगी तथा कूड़ा कबाड़ा रखा हुआ है। तो इस कारण घर के शुभ कार्य तथा कन्या के विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए गुरु का स्थान साफ़ रखे। 

        इसके अलावा कन्या के शीघ्र विवाह के लिए कन्या का कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में रखे. तथा कन्या के हाथो बृहस्पती देव की पूजा-अर्चना करवाए। इससे कन्या का शीघ्र विवाह हो जाएगा तथा अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी।

        कन्या के शीघ्र विवाह के लिए शिव - पार्वती की पूजा करे

        भगवान शिव और पार्वती जल्दी प्रसन्न होने वाले देवी-देवता माने जाते हैं। अगर आप घर के ईशान कोण में शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करके नियमति रूप से उनकी पूजा करते हैं, तो कन्या का शीघ्र विवाह हो जाता हैं। कन्या को शीघ्र विवाह के लिए तथा मनचाहा वर पाने के लिए पार्वती मंगल का पाठ करना चाहिए। 

        हमने जो मंत्र और उपाय बताए है वह बहुत ही प्रभावशाली माने जाते है। इसलिए जिन कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हैं। उन्हें यह मंत्र जाप और उपाय जरुर करना चाहिए। इससे आपको कुछ ही दिनों मे परिवर्तन दिखाई देगा।

        कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय

        कन्या की जल्दी शादी के लिए घर में सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक आस्था का बड़ा प्रभाव डालती है। यदि आप माता-पिता है तो सबसे पहले आपकी हर शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए, तथा अपनी कन्या को पीले वस्त्र पहनाकर मंदिर में प्रसाद चढ़ाने को बोलना चाहिए। तथा सप्ताह के हर गुरुवार को व्रत रखना और उस दिन केले के पेड़ की पूजा करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि आप के ऊपर राहु-केतु के प्रभाव है तो ऐसे शांति के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा अगर संभव हो तो गाय को गुड़ तथा रोटी खिलाएँ। इन सभी सरल उपायों को करने से जल्दी शादी की बाधाएँ कम होती हैं और शीघ्र बहुत अच्छे घर से रिश्तों की आने की संभावना बढ़ती है।

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        शीघ्र विवाह के लिए अपनाएं ये टोटके

        गुरुवार को व्रत और पूजा: शीघ्र शादी के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखना और मंदिर में जाकर भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने से शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने में बेहद प्रभावी उपाय माना जाता है। इस दिन पीले वस्त्र को धारण करके पूजा करने से और भी जल्दी शुभ समाचार मिलता है।

        पास के मंदिर में दीपक जलाना: शीघ्र विवाह के लिए हर शुक्रवार को घर के पास के मदिर में शिव-पार्वती या राधा-कृष्ण को सरसों के तेल का दीपक जलाएँ चाहिए। यह टोटका को करने से रिश्तों में मिठास और विवाह योग को भी मजबूत बनता है।

        गौ की सेवा का महत्व: हर वीक आपको गाय को गुरुवार या सोमवार के दिन रोटी, गुड़ और हरी घास खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके ग्रहदोष शांत होते हैं तथा विवाह में आ रही देरी भी कम होती है।

        कन्या दान और गरीब बेटियों की मदद: शीघ्र शादी के लिए किसी जरूरतमंद लड़की को कपड़े, भोजन और पढ़ाई में मदद करना अत्यंत ही फलदायी माना गया है। ऐसा करने से आपको जल्दी शुभ प्रस्ताव मिलने लगते हैं।

        मंदिर में पीले चावल चढ़ाना: पास के मंदिर में जा कर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के चरणों में हल्दी मिले चावल अर्पित करने से विवाह योग को अधिक बल मिलता है और ऐसा करने से सौभाग्य बढ़ाता है।

        हनुमान चालीसा का पाठ: रोज शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके ऊपर चल रहे राहु-केतु का प्रभाव भी कम होता है और शादी-विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं।



        निष्कर्ष

        दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताए हैं। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आगे जरुर शेयर कर।

        दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

        यदि शीघ्र विवाह हेतु के और भी विस्तार से जानने के लिए अभी प्रसिद्ध ज्योतिष से बात करे / Talk to Astrologer और पाएं सही धार्मिक मार्गदर्शन!

        FAQs

        ज्योतिष शास्त्र में शीघ्र विवाह के कई उपाय बताए?

        जी हाँ, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को व्रत, मंदिर में दीपक जलना, गौ माता की सेवा, गरीब बेटियों की मदद करना और पीले चावल चढ़ाना ये सब शीघ्र विवाह के कारगर उपाय है।

        विवाह में हो रही है देरी तो करें इन मंत्रों का जाप?

        यदि विवाह में देरी हो रही हो तो हर दिन “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” और “ॐ शुक्लाम्बरधराय नमः” मंत्रों का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें। ऐसा करने से बाधाएँ दूर होगी और आपके विवाह योग को जल्दी मजबूती मिलेगी।

        शीघ्र विवाह के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

        शीघ्र विवाह के लिए हर गुरुवार को व्रत रखें, तथा भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें, प्रत्येक शुक्रवार को दीपक जलाएँ और हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से विवाह बाधाएँ दूर होगी और शुभ रिश्ते आने लगेंगे।

        शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से शादी जल्दी होती है?

        यदि आप जल्दी शादी होने के लिए सोचा रहे है तो आपको शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल, सफेद पुष्प और बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह आपको हर सोमवार के दिन यह पूजा नियमित रूप से करने पर विवाह में आ रही रुकावटें बहुत कम होती हैं।

        विवाह होने से पहले क्या संकेत मिलता है?

        विवाह से पहले अक्सर आपके जीवन में सकारात्मक संकेत का दिखाई देना, जैसे अचानक से अच्छे-अच्छे रिश्तों का आना, आपका मन का शांत होना, आपके घर में अनुकूल माहौल बनना तथा देवी-देवताओं को सपने में देखना। ये सब शुभ संकेत विवाह योग की ओर मुख्य रूप से इशारा करते हैं।

        जल्दी शादी के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए?

        जी हाँ, जल्दी शादी के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी तथा शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

        शादी में रुकावट आ रही है तो क्या उपाय करें?

        यदि शादी में रुकावट आ रही है तो गुरुवार को व्रत करे और गरीब लोगो की मदत करें तथा मंदिर में दीपक जलाये और काऊ को रोटी- गुड़ खिलाये।

        शीघ्र विवाह के लिए किस देवता की पूजा करनी चाहिए?

        शीघ्र विवाह के लिए के लिए भगवान विष्णु तथा माँ लक्ष्मी की पूजा करें।

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        अगर आप साल 2026 में अपने सपनों की कार, बाइक या कोई अन्य नया वाहन खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है। बात करें हिंदू परंपरा के अनुसार, किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले शुभ मुहूर्त देखना अत्यंत शुभ और बेहद जरुरी माना जाता है। जैसे की आप सभी जानते है विवाह, गृह प्रवेश या नये व्यापार आरंभ करने से पहले विशेष मुहूर्त चुना जाता है, वैसे ही वाहन खरीदने के लिए भी शुभ तिथियों और नक्षत्रों का ध्यान रखना शुभ फलदायक होता है।

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          ऐसा माना जाता है कि शुभ समय पर वाहन की खरीद न केवल जीवन में सुख-सुविधाओं को बढ़ाती है, बल्कि सफलता और समृद्धि के नए अवसर भी प्रदान करती है। इसी कारण 2026 में नया वाहन लेने से पहले शुभ मुहूर्त / Bike Aur Car Kharidne Ka Shubh Muhurat 2026 की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। इस लेख में हम आपको वर्ष 2026 के सभी प्रमुख महीनों में वाहन खरीद के लिए उपयुक्त शुभ तिथियां, नक्षत्र और मुहूर्त की पूरी जानकारी देंगे, जिससे आप अपने वाहन की खरीदारी सही समय पर कर सकें।

          साल 2026 में नए वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त: Vehicle Purchase Muhurat 2026

          प्रीय रीडर आपको बता दे कि वर्ष 2026 में वाहन खरीद जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अनेक शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat ) का सही चनाव कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हम आपके लिए साल 2026 के नये वाहन खरीद शुभ मुहूर्त (Vehicle Purchase Shubh Muhurat 2026) प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि आप सही तिथि चुनकर अपने महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर सकें।

          जनवरी 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: January 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          नए साल की शुरुआत के साथ ही अपने सपनों की गाड़ी खरीदने का परफेक्ट समय भी आ चुका है। जनवरी 2026 इस खास अवसर के लिए कई शुभ तिथियां लेकर आया है। बात करें हिन्दू पंचांग के अनुसार, तो जनवरी में वाहन खरीदने के लिए कुल 10 शुभ दिन उपलब्ध हैं। जैसे कि वाहन खरीदने के लिए 1, 2, 4, 5, 11, 12, 14, 21, 28 और 29 जनवरी 2026 अत्यंत शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों के विस्तृत शुभ मुहूर्त जानने के लिए आप नीचे दी गई सूची को अवश्य ध्यान से देखें।

          जनवरी 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (January 2026 Vehicle Purchase Shubh Muhurat)

          • 1 जनवरी 2026, बृहस्पतिवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:14 से रात में 10:22 तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: रोहिणी
          • 2 जनवरी 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 06:53 से रात में 08:04 तक, तिथि: पूर्णिमा, नक्षत्र: मृगशिरा
          • 4 जनवरी 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:15 से दोपहर में 12:29 तक, तिथि: प्रतिपदा, नक्षत्र: पुनर्वसु
          • 5 जनवरी 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:56 से दोपहर में 01:25 तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: पुष्य
          • 11 जनवरी 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:16 से सुबह में 10:20 तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: चित्रा
          • 12 जनवरी 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 12:42 से रात में 09:05 तक, तिथि: दशमी, नक्षत्र:स्वाती
          • 14 जनवरी 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:16 से शाम में 05:52 तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 21 जनवरी 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:14 से 22 जनवरी रात में 02:47 तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: धनिष्ठा और शतभिषा
          • 28 जनवरी 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:26 से 29 जनवरी सुबह में 07:11 तक, तिथि: दशमी और एकादशी, नक्षत्र: रोहिणी
          • 29 जनवरी 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:11 से दोपहर में 01:55 तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: मृगशिरा

          फरवरी 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: February 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          साल 2026 का दूसरा महीना फरवरी होता है फरवरी का महीना केवल प्रेम और वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक नहीं है, बात करें तो फरवरी में ठंडी हवाओं और नई शुरुआतों का प्रतीक माना जाता है। यह समय नए सपनों को दिशा देने और जीवन में प्रगति लाने का होता है। ऐसे टाइम में अगर आप वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो हिन्दू पंचाग के अनुसार, फरवरी में वाहन खरीदने के लिए कुल 5 शुभ दिन उपलब्ध हैं। फरवरी 2026 आपके लिए कुछ खास शुभ तिथियों के साथ आ रहा है। इस महीने कई ऐसे शुभ मुहूर्त हैं जिनमें वाहन खरीदने से सफलता और समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे। 1, 6, 11, 26 और 27 फरवरी 2026 को वाहन खरीदना विशेष रूप से मंगलकारी माना गया है।

          फरवरी 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (Vehicle Purchase 2026 Shubh Muhurat)

          • 1 फरवरी 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:10 बजे से रात में 11:58 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा, नक्षत्र: पुष्य
          • 6 फरवरी 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:07 बजे से 07 फरवरी सुबह में 07:06 बजे तक, तिथि: पञ्चमी और षष्ठी, नक्षत्र: हस्त और चित्रा
          • 11 फरवरी 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:58 बजे से 10:53 बजे तक, तिथि: दशमी, नवमी, नक्षत्र: ज्येष्ठा, अनुराधा
          • 26 फरवरी 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:50 बजे से दोपहर में 12:11 बजे तक, तिथि: दशमी, नक्षत्र: मृगशिरा
          • 27 फरवरी 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 10:48 बजे से रात में 10:32 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: पुनर्वसु

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          मार्च 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: March 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          मार्च का महीना नए अवसरों और सकारात्मक बदलावों की ओर इशारा करता है। वसंत ऋतु की शुरुआत जीवन में ऊर्जा, उत्साह और ताजगी लेकर आती है। ऐसे समय में नया वाहन खरीदना आपके लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है। इस महीने वाहन खरीदने के लिए कुल 10 शुभ दिन उपलब्ध हैं, जो नए सफर की शुरुआत करने के लिए परफेक्ट माने गए हैं। वाहन खरीदने के लिए साल 2026 में 1, 5, 6, 8, 9, 15, 16, 23, 25 और 27 मार्च 2026 की तिथियां विशेष रूप से शुभ हैं।

          मार्च 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (March Vehicle Purchase Shubh Muhurat)

          • 1 मार्च 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:47 बजे से 08:34 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: पुष्य
          • 5 मार्च 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 05:03 बजे से 06 मार्च सुबह में 06:42 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: हस्त
          • 6 मार्च 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:42 बजे से शाम में 05:53 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: हस्त, चित्रा
          • 8 मार्च 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:40 बजे से दोपहर में 01:31 बजे तक, तिथि: पञ्चमी, नक्षत्र: स्वाती
          • 9 मार्च 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 04:11 बजे से रात में 11:27 बजे तक, तिथि: षष्ठी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 15 मार्च 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:32 बजे से 09:16 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: श्रवण
          • 16 मार्च 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:40 बजे से 17 मार्च सुबह में 06:30 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: धनिष्ठा
          • 23 मार्च 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: रात में 08:49 बजे से 24 मार्च सुबह में 06:21 बजे तक, तिथि: षष्ठी, नक्षत्र: रोहिणी
          • 25 मार्च 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 01:50 बजे से शाम में 05:33 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: मृगशिरा
          • 27 मार्च 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 10:06 बजे से 28 मार्च सुबह में 06:17 बजे तक, तिथि: दशमी, नक्षत्र: पुनर्वसु और पुष्य

          अप्रैल 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: April 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          अप्रैल का महीना नई ताजगी और उम्मीदों का संदेश लेकर आता है। इस टाइम प्रकृति अपने रंग-बिरंगे स्वरूप में खिल उठती है और जीवन भी नई राहों पर बढ़ने को तैयार होता है। यदि आप अपने जीवन में नई शुरुआत करना चाहते हैं, तो इस महीने नया वाहन खरीदना आपके लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है। बात करें तो हिन्दू पंचाग के अनुसार, अप्रैल में वाहन खरीदने के लिए कुल 9 शुभ दिन उपलब्ध हैं। जो अप्रैल में कई ऐसे शुभ मुहूर्त हैं, जिन्हें वाहन खरीद के लिए उपयुक्त माना गया है। इस महीने 1, 2, 3, 6, 12, 13, 20, 24 और 29 अप्रैल 2026 को वाहन खरीदना विशेष रूप से शुभ रहेगा।

          अप्रैल 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (April Vehicle Purchase Shubh Muhurat 2026)

          • 1 अप्रैल 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 04:17 बजे से 2 अप्रैल सुबह में 06:11 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा, नक्षत्र: हस्त
          • 2 अप्रैल 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:11 बजे से 3 अप्रैल सुबह में 06:10 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा और प्रतिपदा, नक्षत्र: हस्त, चित्रा
          • 3 अप्रैल 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:10 बजे से 08:42 बजे तक, तिथि: प्रतिपदा, नक्षत्र: चित्रा
          • 6 अप्रैल 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 02:10 बजे से 7 अप्रैल रात में 02:57 बजे तक, तिथि: पञ्चमी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 12 अप्रैल 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:00 बजे से 13 अप्रैल सुबह में 05:59 बजे तक, तिथि: दशमी और एकादशी, नक्षत्र: श्रवण और धनिष्ठा
          • 13 अप्रैल 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:59 बजे से 14 अप्रैल सुबह में 01:08 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: धनिष्ठा, शतभिषा
          • 20 अप्रैल 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:52 बजे से 07:27 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: रोहिणी
          • 24 अप्रैल 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:48 बजे से शाम में 07:21 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: पुष्य
          • 29 अप्रैल 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:43 बजे से रात में 07:51 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: हस्त

          मई 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: May 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          मई का महीना भले ही गर्मी अपने चरम पर लेकर आता है, लेकिन यही समय ऊर्जा, नए संकल्प और प्रगति का प्रतीक भी होता है। यदि आप अपने जीवन में नई शुरुआत करना चाहते हैं, तो इस महीने नया वाहन खरीदना एक उत्तम निर्णय साबित हो सकता है। ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति इसे और अधिक मंगलकारी बना देती है। बात करें तो हिन्दू पंचाग के अनुसार, मई महीने में वाहन क्रय के लिए कुल 5 शुभ दिन हैं। जैसे कि इस महीने में वाहन खरीदने के लिए 1, 4, 10, 11 और 14 मई 2026 की तिथियां विशेष रूप से शुभ मानी गई हैं।

          मई 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (Vehicle Purchase Shubh Muhurat May 2026)

          • 1 मई 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:42 बजे से 2 मई, सुबह में 04:35 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा और प्रतिपदा, नक्षत्र:स्वाती
          • 4 मई 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:39 बजे से सुबह में 09:58 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: अनुराधा
          • 10 मई 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:35 बजे से दोपहर में 03:06 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: धनिष्ठा
          • 11 मई 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 03:24 बजे से 12 मई, रात में 01:28 बजे तक, तिथि: दशमी, नक्षत्र: शतभिषा
          • 14 मई 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 11:20 बजे से रात में 10:34 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: रेवती

          जून 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: June 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          जून का महीना बदलाव और प्रगति का प्रतीक माना जाता है। इस समय जहां गर्मी धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है, वहीं मानसून की दस्तक नई उम्मीदें लेकर आती है। ऐसा दौर नई शुरुआत के लिए बिल्कुल उपयुक्त माना जाता है, और नया वाहन खरीदना इसमें एक शुभ कदम हो सकता है। बात करे तो इस महीने में वाहन खरीदने के लिए कुल 4 शुभ दिन उपलब्ध हैं। जून 2026 में ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूल स्थिति इसे और भी खास बना रही है। इस महीने 17, 22, 24 और 25 जून को वाहन खरीदने के लिए विशेष शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।

          जून 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (June Vehicle Purchase Shubh Muhurat 2026)

          • 17 जून 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:24 बजे से रात में 09:38 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: पुनर्वसु, पुष्य
          • 22 जून 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 10:22 बजे से दोपहर में 03:39 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: हस्त
          • 24 जून 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:26 बजे से 25 जून, सुबह में 05:26 बजे तक, तिथि: दशमी और एकादशी, नक्षत्र: चित्रा और स्वाती
          • 25 जून 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:26 बजे से दोपहर में 04:29 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: स्वाती

          जुलाई 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: July 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          जुलाई का महीना मानसून की ठंडी फुहारों के साथ धरती को ताजगी और मन को सुकून देता है। यह समय जीवन में भी नई ऊर्जा और उत्साह भरने के लिए जाना जाता है। ऐसे माहौल में यदि आप नया वाहन खरीदने का सोच रहे हैं, तो जुलाई 2026 आपके लिए कुल 9 शुभ दिन उपलब्ध हैं। इस महीने 2, 3, 5, 8, 12, 19, 24, 29 और 30 जुलाई 2026 को वाहन खरीदना विशेष रूप से शुभ माना गया है।

          जुलाई 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (July Vehicle Purchase 2026 Shubh Muhurat)

          • 2 जुलाई 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:37 बजे से 3 जुलाई, सुबह में 05:29 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: श्रवण
          • 3 जुलाई 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:29 बजे से 11:20 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: श्रवण
          • 5 जुलाई 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:30 बजे से दोपहर में 03:12 बजे तक, तिथि: पञ्चमी और षष्ठी, नक्षत्र: शतभिषा
          • 8 जुलाई 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:31 बजे से दोपहर में 12:21 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: रेवती
          • 12 जुलाई 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:33 बजे से रात में 10:29 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: रोहिणी और मृगशिरा
          • 19 जुलाई 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 06:12 बजे से 20 जुलाई, सुबह में 03:29 बजे तक, तिथि: षष्ठी, नक्षत्र: हस्त
          • 24 जुलाई 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:39 बजे से 25 जुलाई, सुबह में 04:36 बजे तक, तिथि: दशमी और एकादशी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 29 जुलाई 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 03:37 बजे से 30 जुलाई, सुबह में 05:42 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा और प्रतिपदा, नक्षत्र: श्रवण
          • 30 जुलाई 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:42 बजे से रात में 09:30 बजे तक, तिथि: प्रतिपदा, नक्षत्र: श्रवण, धनिष्ठा

          Read Also:- जानें 2026 प्रॉपर्टी खरीदने के लिए इस वर्ष का शुभ समय और तिथियाँ

          अगस्त 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: August 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          अगस्त का महीना ऊर्जा और प्रगति का प्रतीक होता है। वर्ष का दूसरा चरण इसी समय नई योजनाओं और गति के साथ आगे बढ़ता है। यदि आप नया वाहन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अगस्त 2026 इसके लिए अत्यंत शुभ साबित हो सकता है। बात करें तो हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस महीने में वाहन खरीदने के लिए कुल 10 शुभ दिन उपलब्ध हैं। यह महीना न केवल मानसून की ठंडी फुहारों से ताजगी लाता है, बल्कि आपके जीवन में नई रफ्तार और समृद्धि जोड़ने वाले कई शुभ संयोग भी प्रदान करता है। इस अगस्त महीने 7, 9, 10, 16, 17, 20, 26, 27, 28 और 31 अगस्त 2026 को वाहन खरीदना विशेष रूप से शुभ रहेगा।

          अगस्त 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (Vehicle Purchase Shubh Muhurat August 2026)

          • 7 अगस्त 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 06:43 बजे से 08 अगस्त, सुबह में 05:47 बजे तक, तिथि: दशमी, नक्षत्र: रोहिणी
          • 9 अगस्त 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:48 बजे से 11:04 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: मृगशिरा,
          • 10 अगस्त 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 12:26 बजे से 11 अगस्त, सुबह में 04:54 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: पुनर्वसु
          • 16 अगस्त 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 04:52 बजे से 17 अगस्त, सुबह में 05:52 बजे तक, तिथि: पंचमी, नक्षत्र: हस्त, चित्रा
          • 17 अगस्त 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:52 बजे से 18 अगस्त, सुबह में 05:53 बजे तक, तिथि: पंचमी और षष्ठी, नक्षत्र: चित्रा
          • 20 अगस्त 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:08 बजे से रात में 09:18 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 26 अगस्त 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:57 बजे से 07:59 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: श्रवण
          • 27 अगस्त 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:08 बजे से 28 अगस्त, सुबह में 05:58 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा, नक्षत्र: धनिष्ठा और शतभिषा
          • 28 अगस्त 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:58 बजे से 29 अगस्त, सुबह में 03:13 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा और प्रतिपदा, नक्षत्र: शतभिषा
          • 31 अगस्त 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 05:59 बजे से 08:50 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: रेवती

          सितंबर 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: September 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          सितंबर का महीना परिवर्तन और संतुलन का संदेश लाता है। यह समय बदलते मौसम को अपनाने और जीवन में नए सामंजस्य की ओर बढ़ने का होता है। इस दौर में सकारात्मक बदलाव करना बेहद शुभ माना जाता है, और नया वाहन खरीदना उस दिशा में एक उत्कृष्ट निर्णय हो सकता है। बात करें तो इस वाहन खरीदने के लिए कुल 8 शुभ दिन उपलब्ध हैं। यदि आप सितंबर 2026 में अपने जीवन में नई ऊर्जा और रफ्तार जोड़ना चाहते हैं, तो आपके पास कई शुभ तिथियां उपलब्ध हैं - 4, 6, 7, 13, 14, 16, 17 और 24 सितंबर 2026 को वाहन खरीदना विशेष रूप से शुभ रहेगा।

          सितंबर 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (September 2026 Vehicle Purchase Shubh Muhurat)

          • 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:01 बजे से 5 सितम्बर, रात में 12:13 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: रोहिणी, मृगशिरा
          • 6 सितम्बर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: रात में 07:52 बजे से 7 सितम्बर, सुबह में 06:03 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: पुनर्वसु
          • 7 सितम्बर 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:03 बजे से शाम में 05:03 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: पुनर्वसु
          • 13 सितम्बर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:08 बजे से 14 सितम्बर, सुबह में 06:06 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: हस्त, चित्रा
          • 14 सितम्बर 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:06 बजे से 07:06 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: चित्रा,
          • 16 सितम्बर 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 05:22 बजे से 17 सितम्बर, सुबह में 06:08 बजे तक, तिथि: षष्ठी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 17 सितम्बर 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:08 बजे से 10:47 बजे तक, तिथि: षष्ठी, नक्षत्र: अनुराधा
          • 24 सितम्बर 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:11 बजे से रात में 11:18 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: धनिष्ठा और शतभिषा

          अक्टूबर 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: October 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          अक्टूबर का महीना अपनी खूबसूरती और बदलते मौसम के साथ नए अवसरों का प्रतीक है। यह आत्मचिंतन, कृतज्ञता और आने वाली सर्दियों की तैयारी का समय माना जाता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार, अक्टूबर 2026 में वाहन खरीदने के लिए कुल 5 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जिनमें 21, 22, 25, 28 और 30 अक्टूबर 2026 विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में अक्टूबर की सुंदरता को अपनाते हुए इन शुभ तिथियों में से किसी एक पर नया वाहन खरीदना एक उत्तम निर्णय हो सकता है।

          अक्टूबर 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (October Vehical Purchase Shubh Muhurat)

          • 21 अक्टूबर 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:26 बजे से 22 अक्टूबर, सुबह में 06:27 बजे तक, तिथि: दशमी, एकादशी, नक्षत्र: धनिष्ठा और शतभिषा
          • 22 अक्टूबर 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:27 बजे से दोपहर में 02:47 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: शतभिषा
          • 25 अक्टूबर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 11:55 बजे से शाम में 07:22 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा, नक्षत्र: रेवती
          • 28 अक्टूबर 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 01:26 बजे से 29 अक्टूबर, रात में 01:06 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: रोहिणी
          • 30 अक्टूबर 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:32 बजे से 09:04 बजे तक, तिथि: पञ्चमी, नक्षत्र: मृगशिरा

          नवंबर 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: November 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          नवंबर का महीना गहन चिंतन और आभार व्यक्त करने का समय माना जाता है। यह वह दौर है जब हम अपने जीवन के आशीर्वाद को पहचानते हैं और नए अनुभवों के लिए स्थान बनाते हैं। अपने जीवन में नई शुरुआत और सकारात्मकता जोड़ने के लिए, बात करें तो हिन्दू पंचाग के अनुसार, नवंबर में वाहन खरीदने के लिए कुल 5 शुभ दिन उपलब्ध हैं, जिनमें 1, 6, 7, 25, 26 और 29 नवंबर 2026 की तिथियां वाहन खरीदने के लिए विशेष रूप से शुभ मानी गई हैं।

          नवंबर 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (Vehicle Purchase Shubh Muhurat November 2026)

          • 1 नवंबर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 02:51 बजे से 2 नवंबर, सुबह में 04:30 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: पुष्य
          • 6 नवंबर 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 10:30 बजे से 7 नवंबर, सुबह में 06:38 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: हस्त और चित्रा
          • 25 नवंबर 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:52 बजे से शाम में 04:50 बजे तक, तिथि: प्रतिपदा, नक्षत्र: रोहिणी
          • 26 नवंबर 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 01:15 बजे से शाम में 05:47 बजे तक, तिथि: तृतीया, नक्षत्र: मृगशिरा
          • 29 नवंबर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:55 बजे से 10:59 बजे तक, तिथि: षष्ठी, नक्षत्र: पुष्य

          दिसंबर 2026 में वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: December 2026 Vehicle Purchase Muhurat

          दिसंबर उत्सवों और खुशियों से भरा महीना है, जो साल के समापन के साथ नई शुरुआत की आशा भी जगाता है। यह समय आनंद, उदारता और प्रियजनों संग यादगार पल बिताने का होता है। यदि आप इस महीने में नया वाहन खरीदना चाहते हैं, तो हिन्दू पंचाग के अनुसार, दिसंबर महीने में वाहन खरीदने के लिए कुल 8 शुभ दिन उपलब्ध हैं, जिनमें 3, 4, 6, 13, 14, 15, 23, 24, 30 और 31 दिसंबर 2026 की तिथियां इसके लिए अत्यंत शुभ मानी गई हैं।

          दिसंबर 2026 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त यहाँ देखें ! (December 2026 Vehical Purchase Shubh Muhurat)

          • 3 दिसंबर 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 09:23 बजे से 4 दिसंबर, सुबह में 06:59 बजे तक, तिथि: दशमी और एकादशी, नक्षत्र: हस्त
          • 4 दिसंबर 2026, शुक्रवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 06:59 बजे से रात में 11:44 बजे तक, तिथि: एकादशी, नक्षत्र: हस्त और चित्रा
          • 6 दिसंबर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:00 बजे से दोपहर में 01:38 बजे तक, तिथि: त्रयोदशी, नक्षत्र: स्वाती
          • 13 दिसंबर 2026, रविवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: शाम में 04:47 बजे से 14 दिसंबर, सुबह में 07:06 बजे तक, तिथि: पञ्चमी, नक्षत्र: श्रवण
          • 14 दिसंबर 2026, सोमवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:06 बजे से 15 दिसंबर, सुबह में 07:07 बजे तक, तिथि: पञ्चमी, षष्ठी, नक्षत्र: श्रवण और धनिष्ठा
          • 23 दिसंबर 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 10:47 बजे से 24 दिसंबर, सुबह में 04:53 बजे तक, तिथि: पूर्णिमा, नक्षत्र: मृगशिरा
          • 30 दिसंबर 2026, बुधवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: दोपहर में 03:36 बजे से 31 दिसंबर, सुबह में 07:14 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: हस्त
          • 31 दिसंबर 2026, गुरुवार – वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह में 07:14 बजे से दोपहर में 12:32 बजे तक, तिथि: अष्टमी, नक्षत्र: हस्त

          वाहन की खरीदारी शुभ मुहूर्त में ही क्यों जरूरी है? जानें इसका Astrology महत्व

          क्या आप साल 2026 में नई बेस्ट कार या बेस्ट बाइक खरीदने का विचार कर रहे हैं? और क्या आप यह जानना चाहते हैं कि इसे खरीदने का सबसे शुभ समय कौन सा होगा? हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत यदि शुभ मुहूर्त में की जाए, तो उसका परिणाम अधिक सफल और फलदायी होता है। यही कारण है कि वाहन खरीद जैसे बड़े निर्णय में भी शुभ समय का ध्यान रखना आवश्यक माना जाता है।

          Shubh Muhurat में वाहन खरीदने से वह जीवनभर सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक बन जाता है। मान्यता है कि इस समय वाहन खरीदे जाने पर स्वामी को धन, यश और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। साथ ही भविष्य में वाहन से संबंधित दुर्घटनाओं या परेशानियों की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है।

          वाहन खरीदने के लिए कौन सा दिन सबसे होती हैं शुभ?

          वाहन खरीदते समय / Vehicle Purchase Time इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) का पालन किया जाए, अन्यथा बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और रविवार वाहन खरीदने के लिए शुभ दिन माने जाते हैं, जबकि शनिवार को वाहन खरीदना उचित नहीं होता क्योंकि यह दिन शनि ग्रह से जुड़ा है। सभी दिनों में Friday को सबसे भाग्यशाली माना गया है। इसके अलावा, वर्ष भर में कई शुभ नक्षत्र और मुहूर्त भी आते हैं जिनमें वाहन क्रय करना विशेष लाभदायक होता है। साथ ही, एकादशी का दिन भी वाहन खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

          वाहन खरीदने के लिए कौन-कौन से नक्षत्र शुभ माने जाते हैं?

          Which nakshatra is good for vehicle purchase: ऑटोमोबाइल या अन्य वाहन खरीदने के लिए कई नक्षत्र शुभ माने जाते हैं। इनमें स्वाति, पुनर्वसु, शतभिषा और धनिष्ठा प्रमुख हैं। इसके साथ ही अश्विनी, मघा और चित्रा जैसे नक्षत्र भी वाहन क्रय के लिए अनुकूल माने जाते हैं। तिथियों की बात करें तो प्रथम, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी विशेष रूप से शुभ मानी जाती हैं। इसके अलावा पूर्णिमा की तिथि पर वाहन खरीदना भी अत्यंत मंगलकारी होता है।

          Vedic Astrology के अनुसार, अनुसार Rahu को एक अशुभ ग्रह माना जाता है, जो जीवन में विपरीत परिणाम ला सकता है। राहु को शुभ कार्यों में बाधा डालने वाला ग्रह भी कहा गया है। इसी कारण यह सलाह दी जाती है कि राहु काल/ Rahu Kaal के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए। भले ही दिन शुभ हो, लेकिन राहु काल में कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए। विशेष रूप से, वाहन की खरीद या बिक्री राहु काल में करना अशुभ माना जाता है।

          वाहन खरीदते समय अमावस्या तिथि से बचना चाहिए, क्योंकि इसे नए कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। साथ ही, जब आप वाहन खरीदने की योजना बना रहे हों, तो यह सुनिश्चित करें कि चंद्रमा आपकी कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में न हो। एक और महत्वपूर्ण सुझाव यह है कि अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से अवश्य करवाएं, ताकि ग्रहों की स्थिति के अनुसार आपके लिए उपयुक्त दिन और समय का चयन किया जा सके। इसलिए, वाहन खरीदते समय शुभ तिथि और मुहूर्त को गंभीरता से ध्यान में रखना चाहिए। इसी कारण 2026 में वाहन खरीदने के लिए बताए गए शुभ मुहूर्त / Shubh Muhurat to Buy a Vehicle in 2026 का पालन करना अत्यंत लाभकारी होगा।

          अपने वाहन की पूजा ऐसे करें: Worship Your Vehicle in This Way

          Good Time for Vehicle Pooja Today: भारतीय संस्कृति में वाहन की पूजा का विशेष महत्व है, जहां वाहनों को धार्मिक और शुभ दृष्टि से देखा जाता है। यह पूजा न केवल वाहन की सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है, बल्कि सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करती है। नीचे दिए गए हैं वाहन पूजा करने के कुछ सामान्य तरीके:

          • सफाई (Cleaning): पूजा से पहले अपने वाहन को अच्छी तरह साफ करें, ताकि वह नया और शुद्ध दिखाई दे।
          • सजावट (Decoration): वाहन को फूलों, पत्तियों, पट्टियों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाएं। इससे वाहन आकर्षक लगेगा और पूजा के लिए तैयार होगा।
          • पूजा सामग्री (Pooja Samagri): वाहन की पूजा के लिए कुमकुम, अक्षत (चावलों के दाने), दीपक, धूप, फूल और नर्मदा जल जैसी सामग्री आवश्यक होती है।
          • स्थान (Place): वाहन पूजा के लिए ऐसा स्थान चुनें जो स्वच्छ, शांत और शुभ हो।
          • विधि (Vidhi): पूजा शुरू करने से पहले हाथ धो लें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। वाहन पर कुमकुम और अक्षत चढ़ाएं। दीपक और धूप जलाएं तथा वाहन के चारों ओर घूमें। फिर मंत्रों का जाप करते हुए श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें।
          • आरती (Aarti): पूजा के बाद वाहन की प्रदक्षिणा करें और आरती उतारें। चाहें तो विशेष वाहन आरती मंत्रों का भी प्रयोग करें।
          • प्रसाद (Prasad): पूजा पूर्ण होने के बाद वाहन पर जल छिड़कें और प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद में मिठाई, फल या पकवान चढ़ाए जा सकते हैं।

          Rahu काल में वाहन क्यों नहीं खरीदते?

          राहु काल वैदिक ज्योतिष में एक अशुभ समय माना जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत, जैसे वाहन की खरीद, नहीं करनी चाहिए। राहु काल में किए गए कार्य बाधाओं और नकारात्मक परिणामों की ओर ले जा सकते हैं, इसलिए इस दौरान वाहन खरीदना टालना उचित है।

          भारतीय परिवारों में यह परंपरा प्रचलित है कि राहु काल के दौरान नए वाहन की खरीद या बिक्री से परहेज किया जाता है। राहु काल को धार्मिक अनुष्ठानों, शुभ कार्यों और महत्वपूर्ण शुरुआत के लिए अशुभ माना जाता है। इसी कारण इस समय वाहन खरीदने से बचा जाता है, क्योंकि इसे नकारात्मक परिणामों से जोड़कर देखा जाता है।

          यह एक धार्मिक परंपरा है, जिसका पालन व्यक्ति की आस्था, मूल्यों और ज्योतिषीय विश्वासों पर निर्भर करता है। हालांकि समय के साथ और आधुनिक दृष्टिकोण के प्रभाव में इन परंपराओं के पालन की भावना बदल सकती है, इसलिए इसे मानना या न मानना पूरी तरह व्यक्तिगत निर्णय होता है।

          वाहन खरीदारी के लिए कौन सा नक्षत्र सबसे शुभ माना जाता है?

          ज्योतिष शास्त्र में वाहन खरीदने के लिए कई नक्षत्रों को शुभ माना गया है। इनका चयन प्रायः व्यक्ति की जन्मकुंडली और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। नीचे कुछ प्रमुख नक्षत्र दिए गए हैं जिन्हें वाहन खरीदने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है:

          • अश्विनी: वाहन खरीदने के लिए अत्यंत शुभ नक्षत्र माना जाता है।
          • पूर्वाफाल्गुनी: इस नक्षत्र में वाहन की खरीदारी शुभ और फलदायी होती है।
          • हस्त: इस नक्षत्र में वाहन खरीदना भी लाभकारी माना जाता है।
          • पूर्वाषाढ़ा: वाहन क्रय के लिए यह नक्षत्र विशेष रूप से शुभ है।
          • उत्तराषाढ़ा: इस नक्षत्र में वाहन खरीदना उपयुक्त और मंगलकारी समझा जाता है।
          • रेवती: यह नक्षत्र भी वाहन खरीदने के लिए अत्यंत अनुकूल माना गया है।

          वाहन खरीदने के लिए कौन सा नक्षत्र अशुभ माना जाता है?

          ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माने जाने वाले नक्षत्र इस प्रकार हैं:

          • भरणी: इस नक्षत्र में वाहन खरीदना अशुभ माना जाता है।
          • कृत्तिका: इस नक्षत्र के दौरान वाहन क्रय से बचना चाहिए।
          • आर्द्रा: इस नक्षत्र में वाहन खरीदना उचित नहीं समझा जाता।
          • पूर्वफाल्गुनी: इस नक्षत्र में वाहन क्रय को शुभ नहीं माना जाता।
          • शतभिषा: इस नक्षत्र के दौरान वाहन खरीदना भी अशुभ माना गया है।

          वाहन खरीदारी के लिए कौन-सा लग्न सबसे शुभ माना जाता है?

          ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के लग्न के आधार पर वाहन खरीदना शुभ या अशुभ माना जाता है। नीचे दिए गए लग्न वाहन क्रय के लिए अशुभ समझे जाते हैं:

          • मेष लग्न (Aries Ascendant): इस लग्न के जातकों के लिए वाहन खरीदना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि राहु यहां अशुभ फल देता है।
          • कर्क लग्न (Cancer Ascendant): इस लग्न में वाहन क्रय अशुभ माना जाता है, क्योंकि शनि इस लग्न में प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
          • कन्या लग्न (Virgo Ascendant): इस लग्न के लिए भी वाहन खरीदना अनुकूल नहीं होता, क्योंकि राहु यहां शुभ फल प्रदान नहीं करता।
          • मकर लग्न (Capricorn Ascendant): इस लग्न में वाहन खरीदना अशुभ है, क्योंकि केतु यहां नकारात्मक परिणाम देता है।

          Read Also: जानें 2026 में सोना खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त और तिथियाँ

          क्या शनिवार को नया वाहन लेना सही रहता है?

          Car Purchase on Saturday: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को वाहन खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन शनि ग्रह का प्रभाव प्रबल रहता है। शनि ग्रह को धार्मिक और आर्थिक उन्नति का प्रतीक माना गया है, इसलिए कई लोग इस दिन वाहन लेने को मंगलकारी समझते हैं।

          फिर भी, केवल ज्योतिषीय मान्यता ही नहीं, बल्कि आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियाँ, जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति, दशाएँ, आर्थिक क्षमता और वाहन की आवश्यकता को ध्यान में रखना भी ज़रूरी है।

          वाहन खरीदते समय उचित शुभ मुहूर्त जानने के लिए अपने परिवार, पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें। वे आपकी कुंडली और परिस्थिति के अनुसार सही दिन और समय की सलाह देंगे, जिसमें शनिवार का चयन भी संभव हो सकता है।

          अपनी राशि के हिसाब से किस रंग की गाड़ी खरीदें?

          ज्योतिष शास्त्र में राशि का निर्धारण जन्मकुंडली के आधार पर किया जाता है। इसी आधार पर वाहन के शुभ रंग का चयन भी संभव है। नीचे दी गई राशियों के अनुसार वाहन के रंग से जुड़ी कुछ सामान्य जानकारियाँ प्रस्तुत हैं:

          • मेष राशि: लाल, गुलाबी और नारंगी जैसे चमकदार रंग।
          • वृषभ राशि: सफेद, हल्का पीला, हल्का हरा और गहरा नीला।
          • मिथुन राशि: पीला, नीला और सफेद जैसे ताज़गी भरे रंग।
          • कर्क राशि: चांदी, सफेद और नीले शेड।
          • सिंह राशि: सूर्य से जुड़े रंग जैसे नारंगी, सुनहरा और लाल।
          • कन्या राशि: हल्का हरा, चमकदार नीला और सफेद।
          • तुला राशि: गुलाबी, चमकीला नीला और हल्का भूरा।
          • वृश्चिक राशि: गहरा लाल, मरून और काला।
          • धनु राशि: नीला, पीला और लाल।
          • मकर राशि: काला, गहरा नीला और हल्का सफेद।
          • कुम्भ राशि: नीला, काला और सफेद।
          • मीन राशि: गुलाबी, गहरा नीला और हल्का हरा।

          एकादशी के दिन वाहन खरीदना शुभ माना जाता है क्या?

          हां, एकादशी के दिन वाहन खरीदना संभव है। एकादशी एक प्रमुख हिन्दू परंपरा है, जिसमें भक्त उपवास रखते हैं और भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। इस व्रत के दिन किसी भी वस्तु की खरीद-बिक्री पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं माना गया है। इसलिए, इस दिन वाहन खरीदने में किसी प्रकार की ज्योतिषीय या धार्मिक बाधा नहीं होती।

          हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि एकादशी का मुख्य उद्देश्य व्रत, पूजा और ईश्वर की भक्ति है। यदि आप इस तिथि पर वाहन खरीदने जा रहे हैं, तो अपने धार्मिक नियमों का पालन करते हुए पूजा और व्रत पर विशेष ध्यान देना उचित होगा।

          नए वाहन में भगवान की मूर्ति

          वाहन में प्रतिमा स्थापित करना एक परंपरा और धार्मिक आस्था से जुड़ी आदत है, जो व्यक्ति की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और मान्यताओं पर आधारित होती है। इस प्रथा में लोग अपनी श्रद्धा और पूजा-पद्धति के अनुसार अलग-अलग देवताओं की मूर्तियों का चयन करते हैं। इस प्रकार मूर्ति का चुनाव व्यक्ति की आस्था, धार्मिक परंपरा और संस्कारों के अनुरूप बदल सकता है।

          साधारण रूप से वाहन में जिन प्रमुख देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं, वे हैं:

          • भगवान गणेश को वाहन का शुभ देवता माना जाता है, इसलिए उनकी प्रतिमाएँ वाहन में स्थापित की जाती हैं। माना जाता है कि गणेश जी की उपस्थिति से सफलता, विजय और बाधामुक्त यात्रा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
          • भगवान हनुमान बल, ऊर्जा और रक्षा के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी प्रतिमा वाहन में रखने से सुरक्षित और निर्भय यात्रा की भावना जुड़ी रहती है।
          • माता दुर्गा शक्ति, संरक्षण और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उनकी प्रतिमा स्थापित करके व्यक्ति सुरक्षा और सौभाग्य की प्रार्थना करता है।

          निष्कर्ष

          हमारे जीवन में समय का अत्यधिक महत्व होता है, क्योंकि यही हमारे नए आरंभ को सफलता की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक बनता है। वर्ष 2026 में वाहन खरीदने के लिए शुभ तिथि और मुहूर्त का पालन करना आपके नए सफर की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हम आपके इस नए आरंभ के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हैं और आपके नए वाहन के साथ खुशहाल एवं मंगलमय यात्रा की कामना करते हैं। इस विशेष निर्णय के बाद आपका जीवन सफलता, खुशियों और उपलब्धियों से परिपूर्ण हो, यही हमारी प्रार्थना है।

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          पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे

            लेकिन ध्यान में सब कुछ रखता है यानी की आप अच्छे कार्य कर रहे है, तो भगवान आपको शुभ फल प्रदान करते हैं और आप गलत कार्य करते है, तो भगवान आपको रोकता नही हैं लेकिन आपके कार्यो को ध्यान में रखकर आपको उसकी सजा जरुर देता हैं।

            दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

            पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे

            अगर आपने पर स्त्री गमन कर लिया हैं, तो ऐसे में आपको भगवान बहुत बड़ी सजा दे सकते हैं। पर स्त्री गमन करना पाप माना जाता हैं, पर स्त्री गमन करने की आपको बहुत बड़ी सजा मिल सकती हैं। लेकिन आपको पर स्त्री गमन करने का दुःख है और आप प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो आप नीचे बताई गई बातो को ध्यान में रखे:

            • अगर आपने पर स्त्री गमन किया हैं, तो आपको कुछ अच्छे कार्य करने होगे जिससे भगवान आप पर प्रसन्न होगे और इससे आपके पुण्य में बढ़ोतरी होगी।
            • जैसे की पर स्त्री गमन करने के बाद आपको एक संकल्प लेना होगा की आज के बाद आब दुबारा कभी भी पर स्त्री गमन नही करेगे. और इस प्रकार का संकल्प लेने के बाद आपको भूलकर भी पर स्त्री गमन नही करना चाहिए। 
            • अगर आप पर स्त्री गमन का प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो आपको रोजाना जरूरतमंद व्यक्ति को दान आदि करना चाहिए और पुण्य कमाना चाहिए।
            • हमेशा जरूरतमंद लोगो की सेवा और मदद करे। उनके साथ हमेशा खड़े रहे।
            • हमारे आसपास रहने वाले जानवरों की सेवा करे। जैसे की उनको खाना खिलाए। आपके द्वार पर गाय माता आती हैं, तो उनको रोटी खिलाए।
            • कुत्तो को खाना खिलाए और चीटियों को आटा खिलाए।
            • पक्षियों और मछलियों को खाना खिलाएं।
            • पर स्त्री गमन के बारे में कभी भी ना सोचे और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाये।
            • अपने माता पिता की सेवा में अपना मन लगाये, अपने गरुदेव की सेवा करे।
            • अगर आपने पर स्त्री गमन किया है, तो भगवान की शरण में जाए और उनसे अपनी गलती की माफ़ी मांगे।

            पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाने वालों को नर्क में क्या सज़ा मिलती है

            पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाने वाले लोगो को बहुत ही भयंकर सजा दी जाती हैं। यमराज ने ऐसे लोगो के लिए बहुत भयंकर सजा निर्धारित की हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगो को नर्म में गर्म लोहे के खंभे से आलिंगन कारवाया जाता हैं और उसको बहुत ही तडपाया जाता हैं।

            किसी भी पाप का प्रायश्चित करने पर मन की स्थिति कैसी होती है

            किसी भी पाप का प्रायश्चित करने पर पर मन में शांति की अनुभूति होती हैं, लेकिन हमारे मन में कही ना कही उस कार्य को लेकर अच्छा नही लगता हैं। पर प्रायश्चित करने के बाद थोडा मन हल्का होता हैं।

            लेकिन आपको प्रायश्चित करने के बाद उस कार्य को कभी भी नही करना चाहिए। जिससे आपको दुःख हुआ था। लेकिन किसी भी पाप का प्रायश्चित करने के बाद कही ना कही हमारे मन को शांति अवश्य ही मिलती हैं।

            निष्कर्ष

            दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

            हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

            दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे बहोत ही प्रभावशाली तरीके जाने ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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            पूजा के बाद नारियल का क्या करें

            आज हम जानेंगे नारियल का मुख कैसे पहचाने | पूजा के बाद नारियल का क्या करें

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            नारियल का मुख कैसे पहचाने - हिंदू सनातन धर्म में नारियल की पूजा की जाती हैं। हिंदू सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य किया जाता है। या फिर हमारे घर में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान आदि रखा जाता हैं। तब सबसे पहले नारियल को इस्तेमाल में लिया जाता हैं। धार्मिक अनुष्ठान शुरू होने से पहले नारियल पर कुमकुम आदि का टिका लगाकर विधिवत पूजा आदि भी की जाती हैं।

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            नारियल का मुख कैसे पहचाने

              इसके अलावा हमने नया मकान लिया है, या फिर किसी बिजनेस की शुरुआत की है, तो शुभ मुहूर्त में नारियल स्थापित किया जाता हैं। इस तरीके से हिंदू सनातन धर्म में काफी धार्मिक कार्यो में नारियल का इस्तेमाल किया जाता हैं।

              आज हम नारियल के बारे में ही कुछ जानकारी आपको प्रदान करेगे। इसलिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

              दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की नारियल का मुख कैसे पहचाने तथा पूजा के बाद नारियल का क्या करें। इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करेगे, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

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              नारियल का मुख कैसे पहचाने

              नारियल का मुख पहचानने के लिए जब हम नारियल को छिलते हैं, तो अंदर से तीन काले बिंदु हमे मिलते हैं। ऐसा माना जाता है की यह तीन काले बिंदु नारियल की दो आँखें और एक मुंह हैं, तो नारियल को छिलने के बाद आप जिस साइड तीन बिंदु को पाते हैं। वही नारियल का मुख हैं तो इस तरीके से आप नारियल के मुख की पहचान कर सकते हैं।

              पूजा के बाद नारियल का क्या करें

              पूजा के बाद कुछ लोग नारियल को तोड़कर प्रसाद के रूप में बांट देते हैं, तो कुछ लोग पूजा के बाद नारियल को बहते हुए पानी में विसर्जित कर देते हैं।

              घर के मंदिर में नारियल रखने से क्या होता है

              हमारे पुराने शास्त्रों के अनुसार नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना गया हैं। वास्तु शास्त्र में भी नारियल को अधिक महत्व दिया गया हैं। ऐसा माना जाता है की घर के मंदिर में नारियल रखने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा के लिए हमारे ऊपर रहता हैं।

              नारियल को श्री फल के नाम से भी जाना जाता हैं। घर के मंदिर में नारियल रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। इसलिए घर के मंदिर में नारियल रखना चाहिए।



              नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए

              आप जब भी आपके घर में पूजा आदि करते हैं या फिर धार्मिक अनुष्ठान का आहवान करते हैं। पूजा आदि संपूर्ण हो जाने के पश्चात नारियल को पानी में विसर्जित किया जाता है या फिर तोड़कर प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं।

              आप नारियल अपने घर में कभी भी तोड़ सकते हैं। नारियल तोड़ने के लिए कोई भी दिन निश्चित नहीं हैं। कुछ लोग तो नारियल की चटनी तथा नारियल से बनने वाली रेसिपी बनाने के लिए कभी भी नारियल को ले आते है और तोड़ देते हैं. इसलिए आप नारियल कभी भी किसी भी दिन तोड़ सकते हैं।

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              मंदिर में नारियल क्यों फोड़ा जाता है

              नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता हैं। मंदिर में नारियल फोड़ने से देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं क्योंकि यह त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है। पूजा में या फिर मंदिर में नारियल फोड़ने का मतलब होता है कि हमने अपने आप को इष्टदेव या फिर देवी-देवता को समर्पित कर दिया हैं।

              स्वयं समर्पित होकर पूजा आदि करने से देवता प्रसन्न होते हैं। इसलिए मंदिर में भगवान की प्रतिमा के सामने नारियल फोड़ा जाता हैं।

              अगर आप मंदिर में जाकर या पूजा आदि के दौरान नारियल नहीं फोड़ते हैं, तो यह समझा जाता है कि आपने स्वयं को भगवान के समर्पित नही किया हैं। ऐसा करने पर भी आपको शुभ फल की प्राप्ति तो होती हैं। लेकिन नारियल फोड़ने से जो शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। वह शुभ फल की प्राप्ति अधिक होती है।

              निष्कर्ष

              दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की नारियल का मुख कैसे पहचाने तथा पूजा के बाद नारियल का क्या करें। इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

              दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह नारियल का मुख कैसे पहचाने। पूजा के बाद नारियल का क्या करें ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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