Ekadashi Vrat 2026 Date: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का विशेष महत्व माना गया है। यह व्रत न केवल पुण्य प्रदान करने वाला है, बल्कि मन की शुद्धि और आत्मिक उन्नति का भी साधन है। प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी का पालन किया जाता है, जो चंद्रमा के उज्ज्वल (शुक्ल) तथा अंधकारमय (कृष्ण) दोनों पक्षों में आती है। इस लेख में हम आपको साल 2026 की सभी एकादशी व्रत तिथियों (Ekadashi Vrat 2026 Date) के साथ-साथ उनके महत्व, पूजा विधि और व्रत कथाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
एकादशी व्रत का आध्यात्मिक महत्व - Spiritual significance of Ekadashi Vrat
हिंदू धर्मग्रंथों में कहा गया है कि एकादशी व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।एकादशी व्रत को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की उपासना के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है। यह भी मन जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और साधक को मोक्ष (Moksha) की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह तिथि पर शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का अद्भुत अवसर प्रदान करती है। यह व्रत मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। इस दिन व्रती अन्न का त्याग करके फलाहार करते हैं और दिनभर भगवान विष्णु की आराधना व भजन-कीर्तन में समय व्यतीत करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं ध्यान करने से जीवन में सुख, शांति और वैभव मिलता है।
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एकादशी व्रत के प्रमुख लाभ - Major Benefits of Ekadashi Vrat
मन और आत्मा की शुद्धि होती है, जिससे भक्त के जीवन में सकारात्मकता आती है। इसके अलावा शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है और पाचन तंत्र को आराम मिलता है। इस व्रत को करने से तनाव कम होता है, एकाग्रता और मानसिक शांतता का अनुभव मिलता है। यह भी कहा जाता है कि इस बारात को करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक माना गया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। वजन नियंत्रण और रक्तचाप संतुलन में मदद करता है। आयुर्वेदिक दृष्टि से, उपवास से त्रिदोष संतुलन (वात, पित्त, कफ) मिलता है। अनुशासन, संयम एवं नियमित जीवनशैली विकसित होती है।
2026 में एकादशी व्रत की महत्वपूर्ण तिथियां - 2026 Ekadashi List
आइये जानते है साल 2026 में जनवरी से दिसंबर तक के एकादशी व्रत कि तिथियां, नाम और दिन कौन सा है…
जनवरी 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat January 2026
- 14 जनवरी 2026, दिन: बुधवार- षटतिला एकादशी
- 29 जनवरी 2026, दिन: गुरुवार- जया एकादशी
फरवरी 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat February 2026
- 13 फरवरी 2026, दिन: शुक्रवार- विजया एकादशी
- 27 फरवरी 2026, दिन: शुक्रवार- आमलकी एकादशी
मार्च 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat March 2026
- 15 मार्च 2026, दिन: रविवार- पापमोचनी एकादशी
- 29 मार्च 2026, दिन: रविवार- कामदा एकादशी
अप्रैल 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat April 2026
- 13 अप्रैल 2026, दिन: सोमवार- वरूथिनी एकादशी
- 27 अप्रैल 2026, दिन: सोमवार- मोहिनी एकादशी
मई 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat May 2026
- 13 मई 2026, दिन: बुधवार- अपरा एकादशी
- 27 मई 2026, दिन: बुधवार- निर्जला एकादशी
जून 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat June 2026
- 11 जून 2026, दिन: गुरुवार- योगिनी एकादशी
- 25 जून 2026, दिन: गुरुवार- देवशयनी एकादशी
जुलाई 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat July 2026
- 10 जुलाई 2026, दिन: शुक्रवार– योगिनी एकादशी
- 25 जुलाई 2026, दिन: शनिवार- देवशयनी एकादशी
अगस्त 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat August 2026
- 09 अगस्त 2026, दिन: रविवार- कामदा एकादशी
- 23 अगस्त 2026, दिन: रविवार, पवित्रा एकादशी
सितंबर 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat September 2026
- 07 सितंबर 2026, दिन: सोमवार- अजा एकादशी
- 22 सितंबर 2026, दिन: मंगलवार- पद्मा एकादशी
अक्टूबर 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat October 2026
- 06 अक्टूबर 2026, दिन: मंगलवार- इंदिरा एकादशी
- 22 अक्टूबर 2026, दिन: गुरुवार- पापांकुशा एकादशी
नवंबर 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat November 2026
- 05 नवंबर 2026, दिन: गुरुवार- रमा एकादशी
- 20 नवंबर 2026, दिन: शुक्रवार, देवप्रबोधिनी एकादशी
दिसंबर 2026 में एकादशी व्रत | Ekadashi Vrat December 2026
- 04 दिसंबर 2026, दिन: शुक्रवार- उत्पत्ति एकादशी
- 20 दिसंबर 2026, दिन: रविवार- मोक्षदा एकादशी
यह सभी थीं एकादशी व्रत 2026 की प्रमुख तिथियां (Important dates of Ekadashi fasting in 2026)। प्रत्येक एकादशी का अपना एक विशेष आध्यात्मिक महत्व है और इन व्रतों को रखने से पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
एकादशी व्रत की पूजा विधि - Ekadashi Vrat Puja Vidhi
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और ब्रह्म मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु की पूजा में पीले पुष्प, तुलसी के पत्ते और पंचामृत का उपयोग करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें।
- इस दिन अन्न, मांस, लहसुन, प्याज और शराब से दूरी बनाएं, केवल फलाहार करें।
- रात्रि जागरण करते हुए भगवान विष्णु की कथाएं सुनें और भजन-कीर्तन करें।
- अगले दिन प्रातः में ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
यह है कि एकादशी व्रत कथा - Ekadashi Vrat Katha
प्राचीन काल में एक राजा अम्बरीष, विष्णु के परम भक्त थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें मोक्ष का वरदान दिया। असुर मुरासुर का संहार करते समय भगवान के शरीर से एकादशी देवी प्रकट हुईं, जिन्होंने मुरासुर को नष्ट किया। तब भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि जो भी एकादशी व्रत करेगा, उसे मोक्ष प्राप्त होगा।
दूसरी ओर, एक समय की बात है, असुरों के राजा मुरासुर ने पृथ्वी पर आतंक फैलाया था। भगवान विष्णु जी जब उससे युद्ध कर रहे थे, तो उनके शरीर से एक दिव्य शक्ति प्रकट हुई, जिसे एकादशी देवी कहा गया। इस देवी ने मुरासुर का वध किया। इसके उपरांत भगवान विष्णु ने यह वरदान दिया कि जो भी इस दिन व्रत करेगा, उसे सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होगी।
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एकादशी व्रत के नियम - Ekadashi Vrat ke Rule
- व्रती लोग ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- इस दिन क्रोध, हिंसा और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- दान-पुण्य इस दिन करें, जिससे व्रत का फल बढ़ता है।
- तुलसी के पत्ते बिना भगवन विष्णु कि पूजा अधूरी मानी जाती है।
Ekadashi Vrat 2026 न केवल आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम है, बल्कि मानसिक शांति, संयम एवं धैर्य की प्रेरणा भी देता है। इस एकादशी व्रत से जीवन में शक्ति और सकारात्मकता आती है।
यदि आप भी साल 2026 में एकादशी व्रत रखना चाहते हैं, तो इस शुभ तिथियों पर कर सकते है। यह लेख में दी गई सम्पूर्ण जानकारी आपको एक सही मार्गदर्शन देगी।
"एकादशी व्रत के दौरान: "हरे कृष्ण, हरे राम, या "श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय मंत्रो" का जाप करना चाहिए।
FAQs
साल 2026 में पहली एकादशी कब है?
इस साल पहली एकादशी 14 जनवरी को है जिसका नाम है षटतिला एकादशी।
2026 कि अंतिम एकादशी कौन सी है?
मोक्षदा एकादशी साल 2026 कि अंतिम एकादशी है।

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