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आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं और किस दिन लगाना चाहिए, जानें वास्तु नियम

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गुरुवार

Vastu Rules: आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं और किस दिन लगाना चाहिए – आक का पौधा बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। बहुत से लोग ऐसे मदार और आंकड़े के नाम से भी जानते है। ऐसा माना जाता है कि आक का पौधा भगवान शिव जी और गणेशजी का बहुत ही प्रिय होता है। इसलिए काफी लोग भगवान शिव और गणेशजी को आक का पौधा चढाते है।

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ये भी खा जाता है कि इससे भगवान शिव और गणेश प्रसन्न हो जाते है। ऐसा भी माना जाता है कि आक का पौधा तांत्रिक क्रिया में भी उपयोगी होता है। आक का पौधा की जड़ जहां जाती है। वहां भगवान गणेश जी का वास माना जाता है।

दोस्तो आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले है, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरूर पढ़े। तो आइए हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

आक का पौधा क्या होता है?

आक का पौधा एक झाड़ीदार पौधा होता है जो की बहुत ज्यादा मात्रा में सूखे और रेतीले क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके पत्ते बड़े, हरे और मोटे होते हैं, और इसके पत्ते से दूधिया रस निकलता है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यदि इसके फूल की बात करे तो सफेद और हल्के बैंगनी रंग के होते हैं और भगवान शिव जी की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं।

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आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं

आक का पौधा घर मे लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पौधा एक पवित्र पौधा माना जाता है और भगवान शिव तथा गणेशजी का प्रिय माना जाता है। माना जाता हैं कि अगर आप आक का पौधा घर मे लगाते है तो आपके जीवन मे कभी भी धन की कमी नही आती हैं। आपको आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

इसके अलावा आक का पौधा आपको सुख समृद्धि देने वाला भी होता है। इससे आपके घर मे हमेशा के लिए खुशियां बनी रहती है। घर के सदस्यों में कभी भी आपसी टकराव नही होता है और घर के सदस्य अच्छे से प्रेम भाव के साथ रहते है।

अगर किसी को धन की कमी है काफी मेहनत करने के बाद भी धन से जुड़ी समस्या खत्म नही हो रही है, तो ऐसे लोगो को अपने घर मे आक का पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इससे आपको अपार धन दौलत की प्राप्ती होती है।

आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए

बहुत से लोगो के मन में सवाल होता हैं कि आक का पौधा आपको किसी भी शुभ दिन को लगाना चाहिए, तो आपको बता दे कि आप आक का पौधा एकादशी, पूर्णिमा, सोमवार या मंगलवार के दिन लगा सकते है। आक का पौधा लगाने के लिए यह सभी दिन शुभ माने जाते है।

आक का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप आक का पौधा सही दिशा में लगाते हैं, तो इससे आपके घर मे हमेशा के लिए धन का आगमन बना रहता है। इसलिए आपको आक का पौधा दक्षिण-पूर्व की बीच वाली दिशा में लगाना चाहिए।

इसके अलावा आप आक का पौधा दक्षिण या उत्तर दिशा में भी लगा सकते है। आक का पौधा लगाते समय एक विशेष बात का ध्यान रखे जब भी आप घर से बाहर निकले तब आक का पौधा आपके दाहिनी तरफ होना चाहिए।

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आक का पौधा के फायदे

आक का पौधा औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। इसलिए यह हमारी सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। आक के पौधे का इस्तेमाल काफी सारी बीमारियों को खत्म करने के लिए भी किया जाता है। आक के पौधे के कुछ मुख्य फायदे हमने नीचे बताए है।

दाढ़ के दर्द में फायदेमंद

दाढ़ दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आक का पौधा काफी अच्छा माना जाता है। आक के दूध में रुई को अच्छे तरीके से भिगो लेने के बाद घी में अच्छे तरीके से भिगो ले। इसके बाद उसे दर्द वाली जगह पर रख दे। इससे आपको दाढ़ दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

अगर आपको दांत में दर्द है या फिर दांत हील रहे है, तो आक का दूध और थोड़ा नमक मिलाकर प्रभावित जगह पर रखने से दांत दर्द से छुटकारा मिलता है साथ-साथ दांत हिलना बंद हो जाते है।

कान और सिर दर्द में फायदेमंद

आक कान और सिर दर्द को ठीक करने में आपको मददरूप हो सकता है। अगर आपको कान में दर्द है, तो आक के पत्तो का रस निकालकर कान में दो बूंद डालने से कान दर्द की समस्या ठीक हो जाती है।

अगर आपको सिर दर्द बना रहता है, तो आपको आक का दूध सिर पर लगाना चाहिए। इससे सिर दर्द ठीक होता है तथा माइग्रेन जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

आंखों के लिए फायदेमंद

आक आंखों के लिए भी फायदा प्रदान करने वाला होता है आक की छाल को पीसकर उसमें गुलाब जल मिलाकर आंख में दो बूंद डालने से आंख दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है साथ-साथ आंखों का भारीपन भी दूर होता है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है कि आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं। आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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FAQs - (आक के पौधे से जुड़े सामान्य प्रश्न)

सफेद आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं?

नहीं जी, सफेद आक का पौधा घर में लगाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा और विवाद बढ़ाने का भी संकेत देता है।

मदार का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं?

जी नहीं, मदार का पेड़ घर में भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। इससे घर में तनाव और नकारात्मक का प्रभाव भी बढ़ता हैं।

क्या घर में आक का पौधा लगाना ठीक है?

जी नहीं, भूलकर भी घर में आक का पौधा न लगाए इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ता है।

घर में आंकड़े का पौधा किस स्थान पर नहीं लगाना चाहिए?

वास्तु रूल के अनुसार आकड़े का पौधा घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थल और आंगन में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में अशांति और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ाता है।

आक का पौधा किस दिशा में लगाना शुभ होता है?

वास्तु नियम के अनुसार आक  का पौधा दक्षिण दिशा में लगाना ही शुभ माना गया है।

आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए?

वास्तु के अनुसार सोमवार का दिन आक का पौधा लगाना र्वश्रेष्ठ माना गया है, खाशकर श्रावण महीने का सोमवार।

आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए?

वास्तु के अनुसार सोमवार का दिन आक का पौधा लगाना र्वश्रेष्ठ माना गया है, खाशकर श्रावण महीने का सोमवार।

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सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना | सपने में खुद को सजा हुआ देखना, जानिये

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बुधवार

सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना और खुद को सजा हुआ देखना – सोने के बाद सपने आना एक सामान्य बात हैं। सपने हर कोई देखता हैं और सपने दो प्रकार के आते हैं। एक अच्छे सपने और दुसरे बुरे सपने, लेकिन स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर एक सपने के पीछे कोई ना कोई अर्थ छिपा होता हैं। फिर वह सपना बुरा हो या अच्छा।

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सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना

आप भी सोने के बाद कुछ सपने देखते होगे। लेकिन उसके पीछे का अर्थ क्या होता हैं। यह शायद ही जानते होगे। आज हम कुछ सपनो के अर्थ बताने वाले हैं जो आपको जीवन में कभी ना कभी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना क्या अर्थ हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना

अगर आप सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। स्वप्न शास्त्र के अनुसार ऐसा सपना देखना आपके खराब भविष्य की तरफ इशारा करता हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार का सपना देखने से भविष्य में आपके साथ कोई भी बुरी घटना हो सकती हैं।

इसलिए ऐसा सपना देखने के बाद कुछ दिन या महीनो तक अच्छे काम से विराम ले। अगर आप यह सपना देखने के बाद भी कोई कार्य करते हैं तो कोई भी बाधा या घटना उत्पन्न हो सकती हैं।

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सपने में खुद को सजा हुआ देखना

सपने में खुद को सजा हुआ देखना यह सपना आपके लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं। स्वप्न शास्त्र के अनुसार यह सपना आपके लिए अतिउत्तम माना जाता हैं। इस सपने का अर्थ होता है की आने वाले कुछ ही समय में आपको सफलता की प्राप्ति होने वाली हैं। इसके अलावा यह सपना आपको ख़ुशी प्रदान करने वाला भी माना जाता हैं।

जिनकी शादी नही हुई हैं और जो लोग शादी के बंधन में जुड़ना चाहते हैं। उन लोगो के लिए ऐसा सपना देखना काफी अच्छा माना जाता हैं। इस प्रकार का सपना देखने के बाद जल्द ही आपकी शादी के योग बन सकते हैं और जल्द ही शादी हो सकती हैं।

इसके अलावा यह सपना संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपके परिवार में कोई मांगलिक कार्य होने वाला हैं। 

सपने में हल्दी की रस्म देखना

अगर आप सपने में हल्दी की रस्म देखते हैं तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपके परिवार में किसी सदस्य की शादी होने वाली हैं और आपके घर में मांगलिक कार्य होने वाले हैं।

अगर यह सपना कोई अविवाहित लड़का या लड़की देखती हैं तो उनके लिए भी यह सपना शुभ माना जाता हैं। इस प्रकार का सपना देखने के बाद अविवाहित लड़की या लड़के की जल्दी शादी हो सकती हैं और एक अच्छा जीवनसाथी मिल सकता हैं।

सपने में मेहंदी लगाते हुए देखना

अगर आप सपने में मेहंदी लगाते हुई दिखाई दे रही हैं तो यह सपना आप के लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपके जीवन में मेहंदी की तरह खुशियों के रंग भरने वाले हैं।

आपको सुख और शांति की प्राप्ति होने वाली हैं। यह सपना देखने के बाद आप जीवन में काफी अच्छी सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं। जिस प्रकार मेहंदी लगाने के बाद मेहंदी हाथो में अच्छे से रंग ले आती हैं। उसी प्रकार आपका जीवन भी सुख के रंगों से भरने वाला हैं।

सपने में शादी के ख्याल आना

अगर आपको सपने में शादी के ख्याल आते हैं तो यह सपना आपके लिए बहुत ही अच्छा और शुभ माना जाता हैं। अगर आप अविवाहित और इस प्रकार का सपना देखते हैं तो आने वाले निकट समय में आपके विवाह के योग बन सकते हैं। बहुत जल्दी आप विवाह के बंधन में बंधने वाले हैं।

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सपने में शादी टूटना का मतलब

अगर आपको शादी टूटने का सपना आता हैं तो यह सपना आपके लिए बिलकुल भी अच्छा नही माना जाता है। यह सपना आपको समस्या देने वाला माना जाता हैं।

अगर आप इस प्रकार का सपना देखते हैं तो आने वाले निकट समय में आपके कार्यो में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं। आप कोई भी कार्य करेगे वह रुक जायेगा। कार्य में अडचने आएगी और आपका कार्य कभी भी पूरा नही होगा।

सपने में शादी का मंडप और नाच गाना देखना

अगर आप सपने में मंडप और शादी में नाच गाना देखते हैं तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपके घर में कोई शुभ कार्य होने वाले हैं। आपके घर में किसी के शादी के योग भी बन सकते हैं।

सपने में अपनी शादी देखना

अगर आप सपने में अपनी शादी देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अच्छा माना जाता हैं। अगर आप अविवाहित है और इस प्रकार का सपना देखते हैं, तो आने वाले निकट समय में आपकी शादी हो सकती हैं।

अगर आप शादीशुदा हैं और इस प्रकार का सपना देखते हैं, तो यह भी आपके लिए शुभ माना जाता हैं। इससे माना जा सकता है की आप अपने करियर की शुरुआत करने वाले हैं। जिसमे आपको सफलता मिलेगी।

सपने में किसी की बारात देखना

अगर आप सपने में किसी की बारात देखते हैं, तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आप किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। यह सपना आपकी बीमारी को न्यौता देने वाला माना जाता हैं।

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सपने में दूल्हा दुल्हन को सात फेरे लेते हुए देखना

अगर आप इस प्रकार का सपना देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपके जीवन में काफी सारी समस्या और बाधा उत्पन्न होने वाली हैं। यह सपना आपको दुःख देने वाला और आपकी खुशियां छिनने वाला माना जाता हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना क्या अर्थ है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सपने में शादी की तैयारी होते हुए देखना। सपने में खुद को सजा हुआ देखना ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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FAQs

सपने में शादी की तैयारी देखना क्या शुभ होता है?

जी हाँ, यह आमतौर पर बहुत ही शुभ माना जाता है। यहाँ से जीवन का नया पड़ाव शुरू होता है और नए अवसर तथा खुशियों का भी प्रतीक होता है।

क्या यह सपना अपनी आने वाली शादी का संकेत देता है?

जी नहीं, पर ऐसा होता है कि यह आपके लिए किसी बड़े परिवर्तन या नई आरम्भ की ओर संकेत जरूर करता है।

यदि सपना अधूरी शादी का हो तो इसका क्या मतलब है?

सपना अधूरी शादी का हो तो यह आपकी अधूरी इच्छाओं और निर्णय लेने में हिचकिचाहट का एक संकेत मात्र हो सकता है।

अजनबी की शादी में खुद को तैयारी देखने का क्या अर्थ है?

अजनबी की शादी में खुद को रेडी होना यह बताता है कि आपकी भी ज़िंदगी में कोई नई व्यक्ति का आगमन या अवसर जल्द आने वाला ही है।

क्या ऐसे सपने का आना कोई धार्मिक अर्थ भी होता है?

जी हाँ, यदि स्वप्न शास्त्र के अनुसार बात करे तो यह शुभ अवसर, शादी योग और सामाजिक उन्नति का भी एक प्रतीक माना जा सकता है।

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जाने मनोकामना पूरी होने के संकेत कैसे मिलते है!

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जाने मनोकामना पूरी होने के संकेत कैसे मिलते है– मनोकामना पूरी होने के संकेत कैसे मिलते है जाने – हर व्यक्ति के जीवन में कुछ ऐसी अपनी इच्छाएँ होती हैं। इस जगत में जन्मे हर एक व्यक्ति के मन में कुछ ना कुछ इच्छा और मनोकामना होती हैं। मनुष्य की यह इच्छा और मनोकामना की सीमा नहीं हैं। लेकिन मनुष्य के मन में एक तो ऐसी इच्छा होती ही है - जैसे संतान प्राप्ति की कामना, विवाह, धन, नौकरी, या कोई विशेष लक्ष्य होता है।

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जो इच्छा अपने जीवन में पूर्ण करने के प्रयास करते हैं। कुछ ऐसे भी लोग होते है जो अपने मन की इच्छा अपने अंदर दबा के रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते है की आपके मन की इच्छा पूर्ण होने से पहले कुछ संकेत मिलते हैं। ऐसा सवाल उठता है - कि ये संकेत कौन से होते हैं? तथा  इन्हें कैसे पहचाना जाए?

दोस्तों आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से आपको मनोकामना पूर्ण होने से पहले क्या संकेत मिलते है इस बारे में आपको बताएगे, तो आप इस ब्लॉग के अंत तक जरू पढ़े।

जाने मनोकामना पूरी होने के संकेत कैसे मिलते है 

हम सभी के मन कुछ ना कुछ इच्छा होती है, लेकिन हम यह नहीं जानते है कि इसे पूर्ण होने से पहले क्या आभास और संकेत मिलेगा। दुनिया में हर तरह के लोग होते हैं कोई गलत कर्म करके अपनी जिंदगी गुजारता है, तो कोई अच्छे कर्म करके या अच्छे कार्य करके अपना जीवन बिताते हैं।

बस फर्क इतना होता है की कोई गलत रास्ता चुन लेता है और कोई सही रास्ता चुन कर के अपना जीवन अच्छा बना लेता हैं। लेकिन सभी मनुष्य के अंदर मनोकामना छुपी होती है उसे प्राप्त करने के लिए इंसान हर प्रयास करता हैं।

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सपने में मिलता है मनोकामना पूर्ण होने का संकेत

बहुत से लोग ऐसे है जो मनोकामना पूर्ण करने के लिए काफी तपस्या करते है और कई तरह के कष्ट उठाते हैं। कुछ लोगो को मनोकामना पूर्ण होने का संकेत सपने में भी मिलता है लेकिन वह उन्हें समझने में असमर्थ होते हैं।

पुण्यशाली आत्मा ही समझ सकती है सपने में मिले संकेत

शास्त्रों के अनुसार जो पूण्य आत्मा होती है उनकी जो मन की इच्छा होती है वह पूर्ण होने से पहले जो संकेत मिलते है उसे आसानी से समझ सकते हैं। तथा जो लोग सांसारिक जीवन में उलझे हुए होते है उन्हें भी मनोकामना पूर्ण होने से पहले संकेत मिलते है लेकिन वह समझ नहीं पाते हैं।

छोटे बच्चे देते है मनोकामना पूर्ण होने के संकेत

आज हम जो आपको बताने जा रहे है यह उपाय त्रेता युग से ही चला आ रहा है और लोग इसे आजमाते भी हैं। सबसे पहले आप सुबह जब भी उठे किसी का मुंह न देखे और आपके घर में मौजूद 6 या 7 साल के बच्चे है उनके पास जाइए। घर में बच्चे है तो बहुत ही अच्छी बात हैं।

अब आप उन बच्चे के पास जाकर अपने हाथ की दो उंगलिया उस बच्चे के सामने रखे। अब आपके मन की जो भी इच्छा है एक उंगली पर समर्पित कर दे। अब उन छोटे बच्चे को दोनों उंगली में से किसी एक उंगली को पकड़ने के लिए कहिये।

यह प्रक्रिया आपको तिन बार करनी है। तिन बार में से दो बार अगर समर्पित उंगली बच्चा पकड़ता है तो समझ ले की आने वाले कुछ ही समय में आपकी इच्छा पूर्ण होने वाली हैं।

छोटे बच्चे होते है भगवान विष्णु का स्वरूप

यह काम आपको सिर्फ छोटे बच्चे से ही करवाना है क्योंकि छोटे बच्चे भगवान विष्णु का रूप होते हैं। वह जो भी उंगली का चुनाव करते है समझ ले भगवान विष्णु ही चुनाव कर रहे हैं। छोटे बच्चो में ना ही कोई छल कपट होता है और ना ही उनके मन में कोई पाप होता हैं।

यह एक पवित्र आत्मा होती है जिसके मन कोई भी प्रकार का लोभ या लालच नही होता हैं। इसलिए छोटे बच्चो को शास्त्रों में भगवान विष्णु का रूप माना जाता हैं।

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छोटे बच्चो को उनकी मनपसंद वस्तु दिलाए

दोस्तों यह सभी क्रिया होने के बाद उन छोटे बच्चो को जरुर कुछ खिलाए या उनकी मनपसंद वस्तु दिलाए जिस से बच्चा खुश होगा और उसकी दुआ तथा आशीर्वाद आपको मिलेगा जिस से आपकी मनोकामना जल्द ही पूर्ण हो जाएगी।

मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय

यदि आप ऐसा चाहते हैं कि आपकी इच्छाएँ जल्दी पूरी हों, तो कुछ सरल किंतु प्रभावी उपाय निचे दिए हैं:

  • हर दिन सुबह में सूर्योदय से पहले “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप मन से करें।
  • पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएँ तथा अपनी कामना को मन में बोलें।
  • हर गुरुवार को गुरु, और हर सोमवार को शिव जी की सच्चे मन से आराधना करें।
  • जरूरतमंद को भोजन कराने से मनोकामना पूर्ण होने की तेजी आती है।

हमेशा ये “मैं यह पा चुका हूँ” सोच के साथ बात करें, क्योंकि ‘पूर्ण विश्वास’ सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है।

मनोकामना पूरी होने के 10 प्रमुख संकेत होते है

  • मन में अद्भुत शांति का अनुभव होना
  • अचानक सकारात्म विचार आने लगते हैं
  • बार-बार एक ही संख्या को दिखना
  • अपने दिव्य सपनों का आना
  • अचानक से कोई शुभ समाचार मिलना
  • पक्षियों और जानवरों का व्यवहार बदलना
  • बार-बार वही व्यक्ति और स्थान दिखना
  • पूजा या जप के दौरान दिव्य सुगंध का अनुभव होना
  • मन में कृतज्ञता की भावना जागना
  • कार्यों में स्वतः सरलता आने लगना

हमारे कुछ शब्द

दोस्तों आज इस ब्लॉग "जाने मनोकामना पूरी होने के संकेत कैसे मिलते है" के माध्यम से हमने आपको मनोकामना पूर्ण होने से पहले आपको कैसे संकेत मिलते है इस बारे में बताया। अगर आपके मन में भी कुछ इच्छा या मनोकामना है तो हमारे द्वारा बताया गया उपाय जरुर करे जिस से आपको अवश्य लाभ होगा।

हम उम्मीद करते है कि आपको हमारा यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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FAQs

क्या हर व्यक्ति को मनोकामना पूरी होने के संकेत मिलते हैं?

जी हाँ, लेकिन हर जातक उन्हें समान रूप से पहचान नहीं पाता। कुछ लोग उन्हें संयोग मान लेते हैं, जबकि सजग जातक उन्हें ब्रह्मांडीय संवाद की तरह स्वीकार करते हैं।

अगर कोई संकेत मिले लेकिन मनोकामना पूरी न हो, तो क्या करें?

इसका मतलब यह नहीं कि संकेत गलत थे - बल्कि ब्रह्मांड आपको तैयारी करने का समय दे रहा था। धैर्य रखें तथा उस ऊर्जा से जुड़े रहें।

क्या हर सपना संकेत होता है?

जी नहीं, केवल वही सपने संकेत माने जाते हैं जिनमें दिव्यता, प्रकाश, और सकारात्मकता का अनुभव कराते हो।

मनोकामना जल्द पूरी करने के लिए कौन सा मंत्र सर्वोत्तम है?

मनोकामना जल्द पूरी करने के लिए “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का नियमित जप अत्यंत प्रभावी मंत्र माना गया है, विशेषकर यह आप सोमवार या गुरुवार को करे।

क्या ग्रहों की स्थिति मनोकामना पूर्ति में बाधक बन सकती है?

जी हाँ, अशुभ ग्रह या दशाएँ कभी-कभी विलंब कर सकती हैं। ऐसे में कुंडली के अनुसार उपाय (जप, दान, रत्न धारण आदि) करना लाभकारी भी होता है।

सकट चौथ 2026: तिथि, पूजा विधि और भगवान गणेश की कहानी

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Sakat Chauth 2026 Date: साल 2026 में सकट चौथ जनवरी के प्रथम वीक में पड़ रहा है, सकट चौथ, जिसे संकट चतुर्थी या तिलकुट चौथ भी कहते हैं, बच्चों की लंबी उम्र, सेहत और खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला सबसे खास हिंदू व्रतों में से एक है। भारत और नेपाल में माताएं इस दिन कड़ा व्रत रखती हैं, भगवान गणेश और देवी सकट की पूजा करती हैं ताकि उनके जीवन की बाधाएं दूर हों और उनके बच्चों को खुशी, समझदारी और मुश्किलों से सुरक्षा मिले।

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साल 2026 में, सकट चौथ बहुत श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा, जिससे भक्त मंदिरों और सामुदायिक समारोहों में आएंगे, जबकि लाखों लोग घर पर व्रत रखेंगे। यह blog में हम आपको सकट चौथ 2026 की तारीख (Sakat chauth 2026 kab hai), पूरी पूजा विधि, व्रत के नियम, महत्व और इस त्योहार से जुड़ी भगवान गणेश की पवित्र कहानी के बारे में बतायेगे।

सकट चौथ 2026: तारीख और समय - Sakat Chauth 2026: Date and Time

Sakat Chauth Kab Hai 2026 / सकट चौथ हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है (North Indian Purnimanta Calendar के अनुसार)। महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में, अमांत कैलेंडर के अनुसार महीना अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इस त्योहार की तारीख वही रहती है।

When is Sakat Chauth in 2026?

सकट चौथ 2026 में कब है: बहुत से लोगो ले मन में सवाल होगा की साल 2026 में सकट चौथ कब है? तो हम आपको बता दे की साल 2026 में यह व्रत 6 जनवरी, दिन मंगलवार को पड़ रहा है।  

  • Sakat Chauth 2026 Date: मंगलवार, 6 जनवरी 2026

सकट चतुर्थी तिथि का समय

  • चतुर्थी चौथ शुरू: 06 जनवरी 2026, दिन:मंगलवार को सुबह 8:01 बजे से
  • चतुर्थी चौथ खत्म: 07 जनवरी 2026, दिन:बुधवार को सुबह 6:52 बजे तक

Moonrise Timing (For Breaking the Fast)

मुख्य बिंदु: संकट चौथ पर चंद्रोदय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।

  • 06 जनवरी 2026 को चंद्रोदय समय: रात के 8:54 बजे (लगभग)

सकट चौथ क्या है? - What Is Sakat Chauth?

सकट चौथ भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता हैं, और देवी सकट माता जी, जो बच्चों को परेशानियों और बीमारियों से बचाती हैं, और यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए पूरी श्रद्धा से यह व्रत रखती हैं। कुछ इलाकों में, शादीशुदा महिलाएं पूरे परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं।

सकट शब्द का मतलब है मुश्किलें, और भक्तों का मानना ​​है कि इस दिन पूजा करने से जीवन से मुश्किलें दूर होती हैं। यह भी माना जाता है कि इस व्रत के दौरान की गई कोई भी इच्छा भगवान गणेश पूरी करते हैं।

सकट चौथ 2026 का महत्व

बच्चों की भलाई के लिए

माताएं अपने बच्चों की अच्छी सेहत, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए इस व्रत रखती हैं। इस व्रत को बच्चों के प्रति बिना शर्त प्यार और समर्पण के रूप में देखा जाता है।

बाधाओं से सुरक्षा

इस दिन भगवान गणेश भक्तों के मार्ग से सभी बाधाएं दूर करते हैं, इसलिए इसे चतुर्थी को संकट मोचन चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

इच्छाओं की पूर्ति

भक्तों का यह भी मानना ​​है कि गणेश चतुर्थी पर जल्दी वरदान देते हैं, खासकर जब व्रत को सख्त नियम के साथ किया जाता है।

परिवार के साथ मज़बूत रिश्ता

इस दिन परिवार शाम की पूजा, चांद निकलने की रस्मों और प्रसाद बांटने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिससे एकता और आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ता है।

ज्योतिष में महत्व

माना जाता है कि सकट चौथ बच्चों की Kundli से जुड़े ग्रह दोषों के बुरे असर को कम करता है। भगवान गणपति जी नेगेटिव एनर्जी और राहु और केतु के बुरे असर से भी बचाते हैं।

सकट चौथ का व्रत कैसे रखें - How to Observe the Sakat Chauth Fast

सकट चौथ का व्रत बहुत ही सख्त माना जाता है और कई महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं, जबकि कुछ माताए सिर्फ फल या दूध लेती हैं।

सकट चौथ उपवास के प्रकार

  • निर्जला व्रत: यानि बिना खाना या पानी
  • फलाहार व्रत: फल और दूध की अनुमति
  • सात्विक आहार: बिना अनाज के एक बार का भोजन

इस व्रत में चंद्रोदय और चतुर्थी पूजा पूरी होने के बाद ही व्रत को तोड़ा जाता है।

सकट चौथ 2026 पूजा विधि - Sakat Chauth 2026 Puja Vidhi

आपको बता दे कि सकट चौथ की पूजा शाम को करनी चाहिए, खासकर चांद निकलने के समय। नीचे साल 2026 के लिए पूरी पूजा विधि दी गई है।

सकट चौथ में पूजा से पहले की तैयारियाँ

1. सुबह के काम

  • इस दिन जल्दी उठें, हो सके तो सूरज उगने से पहले।
  • पवित्र स्नान करें।
  • पूजा की जगह को ठीक से साफ़ करें।
  • भगवान गणेश और देवी सकट माता की मूर्ति या तस्वीर रखें।

2. उपवास संकल्प

  • मूर्ति के सामने बैठें और व्रत का प्रण लें:

“माता मैं यह सकट चौथ व्रत अपने बच्चों की खुशी, सेहत और सुरक्षा के लिए रख रही हूँ।”

3. पूजा सामग्री तैयार करें

आपको चाहिये होगा:

  • गणेश की मूर्ति
  • मिट्टी का दीया
  • तेल या घी
  • रोली, कुमकुम, हल्दी
  • दूर्वा घास (21 धागे)
  • फूल
  • तिल
  • गुड़
  • रेवड़ी, गजक
  • मूंगफली
  • नारियल
  • अक्षत (चावल)
  • पानी
  • पान के पत्ते
  • प्रसाद के लिए मिठाई
  • सकट माता की रोटी के लिए गेहूं का आटा

Sakat Chauth 2026 Evening Puja Vidhi

पूजा एरिया सेटअप करें

मूर्तियों को लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर रखें, दिप जलाएं और जगह को फूलों से सजाएं।

गणेश पूजा

  • कुमकुम और हल्दी लगाएं।
  • भगवान गणेश को 21 दूर्वा घास चढ़ाएं।
  • फूल और मोदक चढ़ाएं।
  • अगरबत्ती या धूप जलाएं।

तिल और गुड़ चढ़ाएं

सकट चौथ पर तिल और गुड़ ज़रूरी प्रसाद हैं। ऐसा माना जाता है कि:

“तिल और गुड़ से सकट माँ प्रसन्न होती हैं।”

सकट माता से प्रार्थना करें

प्रसाद के रूप में घी और गुड़ से बनी गेहूं के आटे की रोटी रखें।

सकट चौथ व्रत कथा पढ़ें या सुनें

व्रत पूरा करने के लिए कहानी सुनना ज़रूरी है।

चंद्रोदय अनुष्ठान

चाँद देखने के बाद:

  • जल (अर्घ्य) चढ़ाएं
  • तिल, फूल और चावल चढ़ाएं
  • बच्चों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें

उपवास तोड़ें

तिल, गुड़ और गजक का प्रसाद ग्रहण करें।

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सकट चौथ व्रत कथा (The Story of Lord Ganesha)

यदि आप सकट चौथ व्रत करना है तो आपको सबसे ज़रूरी हिस्सों में से एक है व्रत कथा। यह कहानी भक्ति की शक्ति और भगवान गणेश जी के भक्तों की रक्षा करने के चमत्कारी तरीकों पर रोशनी डालती है।

सकट चौथ के पीछे की कथा

बहुत समय पहले कि बात है, एक गांव में एक गरीब औरत अपने छोटे बेटे के साथ रहती थी। सकट चौथ पर जब सब लोग सकट माता और भगवान गणेश की पूजा करते थे, तो उस औरत के पास चढ़ाने के लिए कुछ नहीं था। अपनी गरीबी के बावजूद, उसने पूरी श्रद्धा से व्रत रखा। उसने तिल इकट्ठा किए, बचे हुए आटे से एक छोटी रोटी बनाई और पूरी श्रद्धा से पूजा की।

उस रात, डाकू गांव में घुस आए और कई घरों पर हमला किया। लेकिन चमत्कार से, महिला और उसके बेटे को कोई नुकसान नहीं हुआ। अगली सुबह जब गांव वालों ने यह देखा, तो उन्हें यकीन हो गया कि सकट माता ने मां की सच्ची भक्ति की वजह से उनकी रक्षा की है। उस दिन से, गांव वालों ने नई आस्था के साथ व्रत रखना शुरू कर दिया, और यह परंपरा अभी तक पीढ़ियों तक चलती रही।

एक और लोकप्रिय कहानी - गणेश और चंद्रमा की कहानी

पुरानी कहानी के अनुसार, एक बार भगवान गणेश दावत के बाद घर लौट रहे थे। अपने मूषक वाहन पर सवार होकर, वे अचानक लड़खड़ाकर गिर पड़े। चंद्र देव, चंद्र देव, उन पर ज़ोर से हंसे।

अपमानित होकर भगवान गणेश ने चाँद को श्राप दिया:

“जो कोई भी इस दिन चाँद को देखेगा, उसे झूठे इल्ज़ाम और बुरी किस्मत का सामना करना पड़ेगा।”

यह दिन कृष्ण चतुर्थी था, जिसे बाद में सकट चौथ के रूप में मनाया गया।

अपनी गलती का एहसास होने पर, चंद्र देव ने माफ़ी मांगी। गणेश ने श्राप कम करते हुए कहा:

“जो कोई भी आज चांद को देखेगा और श्रद्धा से सकट चौथ का व्रत रखेगा, वह सभी मुश्किलों से सुरक्षित रहेगा।”

यह कहानी बताती है:

  • सकट चौथ पर चांद की पूजा क्यों ज़रूरी है
  • भक्त दिन में चांद देखने से क्यों बचते हैं
  • व्रत खोलने में चांद निकलने का क्या अहम रोल होता है

सकट चौथ का आध्यात्मिक अर्थ - Spiritual Meaning of Sakat Chauth

बाधाओं पर विजय

भगवान गणेश ज्ञान और चुनौतियों से निपटने की क्षमता के प्रतीक हैं। माना जाता है कि यह व्रत नेगेटिविटी और कर्मों की रुकावटों को दूर करता है।

बच्चे और माँ के बीच के रिश्ते को मज़बूत करना

पारंपरिक रूप से, माताएं अपने बच्चों की सफलता, अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं।

आंतरिक अनुशासन

उपवास सेल्फ-कंट्रोल, धैर्य और आध्यात्मिक ध्यान सिखाता है।

मन और आत्मा की शुद्धि

पूजा, प्रार्थना और कहानी सुनाने से भक्त अपने विचारों और भावनाओं को शुद्ध करते हैं।

भारत भर में रीति-रिवाज और परंपराएँ

उत्तर भारत: महिलाएं गुड़ के साथ तिलकुट, गजक, रेवड़ी और रोटी बनाती हैं। समाज के लोग इकट्ठा होते हैं जहां महिलाएं मिलकर व्रत कथा पढ़ती हैं।

महाराष्ट्र: इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। भक्त मोदक, दूर्वा घास चढ़ाते हैं और संकष्टी गणेश कथा सुनते हैं।

दक्षिण भारत: कुछ समुदाय परिवार की खुशहाली के लिए बड़े पैमाने पर गणेश होमम करते हैं।

बिहार और उत्तर प्रदेश: तिल और गुड़ का खास महत्व है। परिवार खास रोटियां बनाते हैं और मूंगफली, मीठे व्यंजन और मौसमी फल चढ़ाते हैं।

सकट चौथ 2026 पर क्या करें और क्या न करें

क्या करें

  • सुबह जल्दी उठें और पवित्रता बनाए रखें।
  • पूरी श्रद्धा से व्रत रखें।
  • भगवान गणेश को 21 दूर्वा चढ़ाएं।
  • व्रत के बाद गायों को चारा खिलाएं या खाना दान करें।
  • सकट चौथ कथा पढ़ें या सुनें।

क्या न करें

  • चांद निकलने से पहले कुछ न खाएं-पिएं (अगर निर्जला व्रत कर रहे हैं)।
  • नॉन-वेजिटेरियन खाना खाने से बचें।
  • कठोर शब्द या नेगेटिव विचार न कहें।
  • चांद की पूजा न छोड़ें; व्रत पूरा करने के लिए यह ज़रूरी है।

सकट चौथ के बाद पारंपरिक रूप से खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ

जब व्रत खोला जाता है, तो भक्त इसका आनंद लेते हैं:

  • तिल-गुड़ के लड्डू
  • रेवड़ी / गजक
  • मूंगफली
  • गुड़ के साथ गेहूं की रोटी
  • दूध और मिठाई
  • मोदक
  • मौसमी फल

इन खाद्य पदार्थों को शुभ माना जाता है क्योंकि ये सर्दियों में गर्मी, ऊर्जा और पवित्रता दिखाते हैं।

सकट चौथ पर तिल इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

तिल सकट चौथ का मुख्य हिस्सा है। पुराने शास्त्रों में तिल को अमरता, पवित्रता और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक बताया गया है।

लाभ और प्रतीकवाद

  • लंबी उम्र दिखाता है
  • बुरी ताकतों से बचाता है
  • सर्दियों में शरीर की गर्मी को बैलेंस करता है
  • भक्ति और त्याग का प्रतीक

माना जाता है कि भगवान गणेश को तिल चढ़ाने से संकट दूर होते हैं।

सकट चौथ और ज्योतिष - Sakat Chauth and Astrology

ग्रहों का प्रभाव

  • माना जाता है कि यह व्रत राहु और केतु के दोष कम करता है।
  • यह चंद्रमा के प्रभाव को मजबूत करता है, जिससे इमोशनल स्टेबिलिटी बेहतर होती है।
  • गणेश बुरे ग्रहों के असर को दूर करते हैं और शुभ एनर्जी लाते हैं।

के लिए अनुशंसित

  • जिन बच्चों को हेल्थ प्रॉब्लम हैं
  • जिन लोगों को देरी या रुकावटें आ रही हैं
  • जिन लोगों को मेंटल स्ट्रेस, डर या एंग्जायटी है
  • कोई भी जो नया काम कामयाबी से शुरू करना चाहता है

निष्कर्ष

सकट चौथ 2026, इस साल 06 जनवरी को मनाया जाता है, भगवान गणेश और देवी सकट माता की भक्ति, व्रत और आशीर्वाद का एक शक्तिशाली दिन है। यह पवित्र व्रत एक माँ के प्यार और विश्वास का इज़हार है, माना जाता है कि यह रुकावटों को दूर करता है और बच्चों को मुश्किलों से बचाता है।

व्रत, पूजा, कहानी और चांद की पूजा से भक्त दैवीय शक्तियों से गहराई से जुड़ते हैं। चाहे आप इसे अपने बच्चों के लिए करें या अपने पूरे परिवार की खुशहाली के लिए, सकट चौथ आध्यात्मिक शक्ति, शांति और संतुष्टि लाता है।

भगवान गणेश जी आपकी सभी मुश्किलों को दूर करें और आपके परिवार में खुशियां और शांति लाएं।

FAQs

2026 mein sakat chauth kab ki hai?

साल 2026 में sakat chauth 06 जनवरी को है।

सकट चौथ में किस भगवान की पूजा होती है?

भगवान गणेश जी की पूजा होती है सकट चौथ के दिन।

चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ - जानें पूरी जानकारी

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मंगलवार

चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ - कई बार हम देखते है की हमारे घर में किसी चिड़िया ने घोंसला बना लिया है या फिर हमने काफी घरो में चिड़िया का घोंसला देखा भी होगा। यह सब देखकर हम सोच में डूब जाते है की ऐसा होना शुभ होता है या अशुभ होता हैं। अगर आप भी इस सवाल का जवाब चाहते हैं, तो आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

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दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ

अगर किसी के या आपके घर में किसी चिड़िया ने घोंसला बना लिया है, तो आपको खुश होना चाहिए. चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की घर में चिडियां घोंसला बना ले तो उस घर में सुख-समृद्धि आती हैं। परिवार में सुख बना रहता है। इससे आपके घर का वास्तु दोष ठीक हो जाता हैं।

काली चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ

काली चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ माना जाता हैं। इससे आपके घर में हो रहा मनमुटाव दूर होता हैं। आपके घर में शांति बनी रहती हैं। इससे आपके घर में हो झगड़े खत्म हो जाते हैं।

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बुलबुल का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ

बुलबुल का घर में घोंसला बनाना भी शुभ माना जाता हैं। यह आपको संकेत देता है की आने वाले कुछ ही समय में आपकी सारी परेशानी दूर हो जाती हैं। आपके सारे सपने आने वाले कुछ ही समय में पुरे होगे। इसलिए ऐसी घटना के बाद आपको खुश होना चाहिए।

टिटहरी का बोलना शुभ है या अशुभ

टिटहरी को टिटरी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की टिटहरी का बोलना अशुभ होता हैं। अगर आपके घर के आसपास टिटहरी बोलती हैं, तो यह घटना आपके लिए दुखद मानी जाती है। यह घटना आपको संकेत देती हैं की आने वाले कुछ ही समय में आपको अशुभ संदेश मिल सकता हैं।

घर में कबूतर का बोलना शुभ या अशुभ

अगर आपके घर में आकर कबूतर बोलता है तो यह आपके लिए शुभ संकेत माना जाता हैं। कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है। अगर आपके घर में आकर कबूतर बोलता हैं, तो आपके घर में भी शांति का वातावरण बनता है। घर में हो रहे झगड़े और मनमुटाव दूर होते हैं।

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अच्छे दिन आने के संकेत क्या है

अच्छे दिन आने के कुछ संकेत हमने नीचे बताए हैं:

  • अगर घर से निकलते समय आपको दूध या खाली बर्तन दिख जाता हैं। यह आपके लिए शुभ माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की आपका वह दिन अच्छा निकलने वाला हैं।
  • अगर आपको रास्ते में पैसो का नोट मिल जाता हैं, तो यह आपके लिए शुभ संकेत माना जाता हैं। इस घटना से माना जाता है की आपको आने वाले कुछ ही समय में धन लाभ होने वाला हैं।
  • अगर घर से निकलते समय कबूतर आपके ऊपर बीट कर लेता हैं, तो यह घटना भी आपके लिए शुभ मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है की इससे आपकी आर्थिक तंगी दूर होने वाली हैं और आपको किसी भी काम में सफलता मिलने वाली है। साथ-साथ आपको धन लाभ भी हो सकता हैं।
  • अगर घर से निकलते समय कोई भिखारी आपके सामने आकर भीख मांगता हैं, तो उसे भीख दे देना चाहिए। अगर आप ऐसा करते है तो मान लीजिए के आपका कर्ज कम हो गया।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह जल्दी चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ। टिटहरी का बोलना शुभ है या अशुभ ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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आज ही जानें काला धागा बांधने का तरीका, मंत्र तथा फायदे

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काला धागा बांधने का तरीका, मंत्र तथा फायदे – आपने काफी लोगो के हाथ, पैर, बाजु आदि पर काला धागा बांधा हुआ देखा होगा। काला धागा बांधना यह पुराने समय से चला आ रहा हैं। पुराने समय में भी लोग काले धागे का उपयोग करते थे। ऐसा माना जाता है की काला धागा बांधने से बुरी शक्तियाँ हमारे से दूर रहती हैं और हमे किसी की बुरी नजर नही लगती हैं।

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इसके अलावा भी काला धागा बांधने के काफी सारे फायदे हैं। कुछ लोग तो तांत्रिक क्रियाओं में भी काले धागे का उपयोग करते हैं। लेकिन आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से काला धागा बांधने का सही तरीका बताएगे, तो यह महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए हमारे साथ अंत तक बनी रहिए।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से काला धागा बांधने का तरीका बताने वाले हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

काला धागा बांधने का तरीका | शनिवार के दिन काला धागा कैसे बांधे

काला धागा बांधने का सही तरीका हमने नीचे विस्तार से बताया हैं:

  • काला धागा बांधने से पहले उसको अभिमंत्रित जरुर करे। इसके बाद ही काला धागा धारण करे।
  • अभिमंत्रित होने के बाद काले धागे पर नौ गांठ बांध ले।
  • काले धागे को हमेशा ही ब्रह्म मुहूर्त या अच्छे मुहूर्त में ही पहनना चाहिए।
  • इसके लिए आप किस योग्य ज्योतिष या ब्राह्मण की सलाह ले सकते हैं।
  • आप जिस हाथ में काला धागा बांध रहे हैं। उस हाथ में कोई अन्य रंग का धागा ना बांधे जैसे की पीले या लाल रंग का धागा नही बांधना चाहिए।
  • काले धागे को शनिदेवता का प्रतीक माना जाता हैं। इसलिए हो सके तो शनिवार के दिन काला धागा बांधे।
  • काला धागा बांधते समय ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् इस मंत्र का जाप करे। अगर हो सके तो काला धागा बांधने के बाद भी इस मंत्र का जाप रोजाना अपने इच्छा अनुसार करे। इससे आपको अधिक लाभ होगा।
  • आप शनिवार के दिन भी बिलकुल इसी प्रकार से काला धागा बांध सकते हैं।

तो कुछ इस आसान तरीके से आप काला धागा अपनी कलाई, बाजु, हाथ, पैर आदि जगह बांध सकते हैं।

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काला धागा बांधने का मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्

यह काला धागा बांधने का सबसे अच्छा और प्रभावशाली मंत्र माना जाता हैं। काला धागा बांधते समय इस मंत्र का जाप करने से काले धागे से होने वाले फायदे बढ़ जाते हैं। इससे आपको अधिक लाभ होता हैं। काला धागा बांधते समय इस मंत्र का कम से कम दो से पांच बार जाप जरुर करे। 

काला धागा बांधने के फायदे

काला धागा बांधने के कुछ फायदे हमने नीचे बताए हैं आप इसे ध्यान से देखे:

  • काला धागा बांधने से बुरी शक्तियाँ हमारे आसपास नहीं भटकती हैं।
  • काला धागा बांधने से हमारे आसपास हमेशा ही पॉजिटिव ऊर्जा बनी रहती हैं। नेगेटिव ऊर्जा हमारे से दूर रहती हैं।
  • काला धागा बांधने से हम किसी की बुरी नजर से बच सकते हैं।
  • अगर आपके बिजनेस और दूकान को किसी की बार-बार नजर लग जाती हैं, तो काले धागे में एक साबुत नींबू और सात मिर्च पिरोकर मुख्य द्वार पर लगाने से आपके धंधे रोजगार पर किसी की नजर नही लगती हैं।
  • काला धागा शनिदेवता का प्रतीक भी माना जाता हैं। अगर आपके जीवन में शनिदेवता का बुरा प्रभाव बना हुआ है, तो आपको काला धागा बांधना चाहिए। इससे आप शनिदेवता के बुरे प्रकोप से बच सकते हैं।
  • राहू केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भी काला धागा हमारे लिए फायदेमंद माना जाता हैं।
  • अगर आप अपने दाहिने पैर में काला धागा बांधते हैं, तो आपको कभी भी धन की कमी नहीं होती हैं।
  • अंगुठे पर काला धागा बांधने से आपके पेट से जुडी समस्या खत्म हो जाती हैं।

काला धागा बांधने का नियम

अगर आप काला धागा बांधना चाहते हैं, तो काला धागा बांधने से पहले उसके नियम जानने जरूरी हैं। अगर आप काला धागा बांधने के बाद उसका पूरा फायदा लेना चाहते हैं तो उसके नियम जान ले।

काला धागा बांधने के कुछ नियम हमने नीचे बताए हैं:

  • काला धागा महिला या पुरुष कोई भी बाँध सकता हैं। इसलिए आप महिला है या पुरुष नि:संकोच होकर काला धागा बाँध सकते हैं।
  • काला धागा आप हाथ या पैर दोनों में अपनी इच्छा अनुसार बाँध सकते हैं।
  • अगर आप एक महिला है और काला धागा पैर में बाँध रही हैं, तो महिलाओ को काला धागा बाए पैर में बाँधना चाहिए।
  • अगर आप पुरुष हैं. और पैर में काला धागा बांधना चाहते हैं, तो पुरुष को काला धागा हमेशा ही दाए पैर में बांधना चाहिए।
  • अगर आप काला धागा हाथ में बांधना चाहते हैं, तो महिला हो या पुरुष काला धागा हमेशा ही दाए हाथ में ही बांधना चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है की दाहिने हाथ में काला धागा बांधने से जातक की कुंडली / Kundli में मौजूद शनि, राहू और केतु का दोष दूर होता हैं।

काला धागा किस दिन पहनना चाहिए

अगर आप काला धागा पहनना चाहते हैं तो आपको शनिवार या मंलवार के दिन काला धागा पहनना चाहिए। शास्त्रों में इस दिन काला धागा पहनना शुभ माना जाता हैं।

अगर आप इस दिन काला धागा पहनते हैं तो आपके जीवन में आ रही बाधा दूर होती हैं। इससे आपको खुशियों की प्राप्ति होती हैं। अगर आप मंगलवार के दिन काला धागा बांधते हैं, तो इससे आपके जीवन में चल रही सभी प्रकार की आर्थिक समस्या खत्म हो जाती हैं।

इसके अलावा अगर आप शनिवार के दिन काला धागा बांधते हैं, तो इससे आपके जीवन में चल रहा शनि दोष दूर होता हैं। अगर आपके जीवन में शनि देवता का बुरा प्रभाव बना हुआ हैं तो ऐसे में आपको शनिवार के दिन शनि देवता की पूजा अर्चना करने के बाद काला धागा बांधना चाहिए।

पैर में काला धागा बांधना से क्या होता है

शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की पैर में काला धागा बांधने से राहू और केतु के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती हैं। अगर आपके जीवन में राहू और केतु के कारण दोष उत्पन्न हो रहे हैं, तो आपको पैर में काला धागा बांधना चाहिए। इससे आपको अवश्य ही राहू केतु के दोष से मुक्ति मिलती हैं और आपको सुख की प्राप्ति होती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से काला धागा बांधने का तरीका बताया है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह काला धागा बांधने का तरीका, मंत्र तथा फायदे ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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