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Hanuman Jayanti 2026: हनुमान जयंती कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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मंगलवार

Hanuman Jayanti 2026 Date: हिन्दू धर्म में, हनुमान जयंती का त्योहार Hanuman Ji के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, भक्त बजरंगबली (Bajrangbalii) की कृपा प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है। इस ब्लॉग में जानिए हनुमान जयंती 2026 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इसका आध्यात्मिक महत्व के बारे में।

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    2026 में, हनुमान जन्मोत्सव 02 अप्रैल, गुरुवार को है। यह माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान जन्मोत्सव के दिन, मंदिरों में प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में आध्यात्मिक प्रवचनों का आयोजन किया जाता है और यह आयोजन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाते हैं।

    बात करे तो साल 2026 में हनुमान जन्मोत्सव ने सालों बाद एक अद्भुत संयोग बना लिया है। शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार को हनुमान जी का विशेष दिन माना जाता है और 2026 में हनुमान जन्मोत्सव का दिन भी गुरुवार को पड़ रहा है।

    हनुमान जयंती पर पूजा करके भक्तगण शक्ति और बुद्धि प्राप्त करते हैं, और उनकी समस्याएँ कम हो जाती हैं। हनुमान, एक संरक्षक के रूप में, अपने भक्तों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। आगामी चैत्र मास के साथ, इस वर्ष के हनुमान जयंती के उत्सव की विशेष तारीख, और शुभ समय के बारे में जागरूक रहना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।

    हनुमान जयंती 2026 कब है?

    Hanuman Jayanti 2026 Me Kab Hai: हनुमान जयंती को प्रमुख रूप से चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। आइए शुरुआत करें और 2026 के लिए चैत्र मास की पूर्णिमा की शुरुआत और समाप्ति की तिथियों का निर्धारण करें। 2026 में हनुमान जयंती का शुभोत्सव, जिसे ब्रह्मा उत्सव कहा जाता है, गुरुवार 02 अप्रैल, 2026 को सुबह होगा। इस दिन भक्तों को सुबह जल्दी ही भगवान हनुमान की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

    2026 में हनुमान जन्मोत्सव का तारीख और शुभ मुहूर्त -

    • चैत्र पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 01 अप्रैल 2026 को सुबह 07:06 AM शुरू होगी
    • चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त: 02 अप्रैल 2026 को सुबह 07:41 AM समाप्त होगी।

    इस तिथि को पूरे भारत में कई स्थानों पर विशेष पूजा-अनुष्ठान, हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड पाठ और भंडारों का भी आयोजन होता है।

    हनुमान जन्मोत्सव की आवश्यक सामग्री -

    • हनुमान जी की मूर्ति या छवि
    • गंगाजल या साफ पानी
    • श्रीराम और सीता माता की मूर्तियां (अगर हो सके)
    • तुलसी पत्तियां
    • रोली, चावल, दूध, दही, घी, शहद
    • बैलपत्र, बेल का फूल, लौंग, इलायची, सुपारी, कुमकुम, चंदन, अगरबत्ती, दीपक आदि।

    हनुमान जी की पूजा इस विधि से करें -

    हनुमान जी की पूजा को एक शुभ और विधिपूर्वक तरीके से करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

    • शुद्धिकरण: पूजा की शुरुआत अच्छे और शुद्ध मन से करें। हाथ धोकर पवित्रता बनाएं।
    • पूजा स्थल: हनुमान जी की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
    • कलश स्थापना: एक कलश में गंगाजल या साफ पानी भरकर उसे हनुमान जी के सामने रखें।
    • पूजा आरंभ: रोली, चावल, दूध, दही, घी, शहद से हनुमान जी की मूर्ति का स्नान कराएं।
    • तुलसी पूजन: तुलसी पत्तियों से हनुमान जी को अर्पित करें।
    • पूजा आरती: आरती करते समय श्रीराम, सीता माता, और लक्ष्मण जी की मूर्तियों को भी याद करें।
    • प्रसाद: हनुमान जी को विशेष रूप से प्रसाद के रूप में सीता राम का भोग अर्पित करें।
    • आरती के बाद: आरती के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी की कृपा के लिए प्रार्थना करें।
    • धूप, दीप, नैवेद्य: धूप, दीप, और नैवेद्य के साथ हनुमान जी की पूजा को समाप्त करें।

    नोट: पूजा में श्रद्धा और विश्वास रखें। मन में हनुमान जी की भक्ति और प्रेम के साथ पूजा करें। पूजा के बाद आप अपनी स्थिति और उत्साह में सुधार पाएंगे।

    हनुमान जयंती के लिए शक्तिशाली मंत्र:

    ॐ श्री हनुमते नमः 
    Om Shri Hanumate Namah

    ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम:

    Om Aim Bhrim Hanumante,

    Shri Ram Dutay Namah:

    ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ||
    Om Anjaneyay Vidmahe Vayuputraya Dhimahi. Tanno Hanumant Prachodayat ||

    हनुमान जन्मोत्सव के संबंधित पौराणिक कथा -

    हनुमान जन्मोत्सव से जुड़ी पौराणिक कथा विशेष रूप से "रामायण" महाकाव्य में मिलती है, जो वाल्मीकि ऋषि द्वारा रचित हुआ है। कहा जाता है कि हनुमान जी का जन्म सुन्दरकाण्ड के एक अध्याय में वर्णित है।

    अयोध्या के राजा दशरथ ने विश्वामित्र ऋषि के साथ राजा होने के दौरान अनेक यज्ञ किए थे, परंतु उनकी यज्ञशक्ति कमजोर थी। इससे उन्हें यज्ञ संपन्न करने में समस्या हो रही थी। इस पर विश्वामित्र ऋषि ने राजा से यह कहा कि उन्हें यज्ञ को सम्पन्न करने के लिए राम और लक्ष्मण को सहायता के लिए भगवान विष्णु के अवतार हनुमान को साथ लेना चाहिए। राजा ने राम और लक्ष्मण को भगवान विष्णु के स्वरूप में मानकर उन्हें विश्वामित्र के साथ भेज दिया।

    राम और लक्ष्मण ने विश्वामित्र के मार्गदर्शन में त्रिशीर्षा पर्वत पहुंचकर वहां तपस्या में रत ऋषियों से मिले। वहां विश्वामित्र ऋषि के आश्रम में जनकपुरी के राजा जनक की पुत्री सीता से स्वयंवर में प्रशान्त हुई सीता से मिले और उन्होंने धनुष को धनुषधारी श्रीराम के समर्थन में तोड़ दिया।

    राम और लक्ष्मण के साथ विश्वामित्र ऋषि के साथी बन गए और उनके साथ मिथिला नगरी में वापस आए। हनुमान का परिचय यहां होता है। हनुमान विश्वामित्र के उपदेश से राम के भक्त बन गए और उनके साथ विदेहा नगरी गए।

    विदेहा में, हनुमान ने अपनी अद्भुत भक्ति और सेवा भावना के साथ राम की पहचान की और वहां राम से मिलकर उनके सेवक बन गए। हनुमान जन्मोत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। भगवान हनुमान के जन्मोत्सव को मनाने से भक्तिभाव और पवित्रता में वृद्धि होती है और भक्त उनकी कृपा पा सकते हैं।

    इस रूप में, हनुमान जन्मोत्सव का आयोजन भक्तों के लिए एक पुण्यकारी और आध्यात्मिक अनुभव होता है, जो हनुमान जी के प्रति उनकी श्रद्धांजलि को और भी सामर्थ्यपूर्ण बना देता है।

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, अंजना एक अप्सरा थीं, जिनका श्राप के कारण उन्होंने पृथ्वी पर जन्म लिया, और इस श्राप को हटाने का उपाय यह था कि वह एक संतान को जन्म दें। रामायण के अनुसार, महाराज केसरी बजरंगबली जी के पिता थे, और वे सुमेरू के राजा थे जो केसरी नामक बृहस्पति के पुत्र थे। अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों तक भगवान शिव की अत्यंत गहन तपस्या की, और उसके परिणामस्वरूप उन्होंने संतान के रूप में हनुमान जी को प्राप्त किया। इस परम्परागत विश्वास के अनुसार, हनुमानजी भगवान शिव के स्वयं के अवतार माने जाते हैं।

    हनुमान जयंती का आध्यात्मिक महत्व

    हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और समर्पण का बिशेष प्रतीक माना जाता है। उन्हें 'अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता' कहा गया है। जीवन में जो भी भय, बाधा या मानसिक कमजोरी हो, हनुमान जी की उपासना से दूर होती है।

    हनुमान जयंती पर श्रद्धालु उपवास रखकर भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनके जीवन से संकट और भय समाप्त हो। इस दिन:

    • विद्यार्थियों के लिए बुद्धि व विद्या का आशीर्वाद

    • नौकरी/व्यापार में रुकावट दूर करने के लिए विशेष लाभकारी

    • ग्रह बाधाओं व शनि दोषों को दूर करने में अत्यंत फलदायी

    हनुमान जयंती पर इस क्रिया को अवश्य करें

    • हनुमान जयंती के दिन, स्थानीय मंदिर जाएं और हनुमान जी के दर्शन करें, उनके सामने घी या तेल का दीपक जलाएं। 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस प्रकार का आचरण करने से हनुमान जी सभी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं।
    • इस दिन, हनुमान जी से कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें गुलाब की माला समर्पित करें। यह हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सहज तरीका है।
    • इस दिन धन प्राप्ति के लिए, हनुमान मंदिर में हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। इसके अलावा, सिंदूर लगाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
    • किसी भी प्रकार की धन हानि से बचने के लिए, हनुमान जयंती पर 11 पीपल के पत्तों पर श्रीराम नाम लिखकर हनुमान जी को समर्पित करें। इस प्रक्रिया से आपकी धन संबंधित समस्याएं दूर हो सकती हैं।

    निष्कर्ष

    Hanuman Jayanti 2026 का पर्व न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें हनुमान जी जैसे गुणों – धैर्य, बल, सेवा, और भक्ति – को अपनाने की प्रेरणा देता है। इस दिन की गई सच्ची भक्ति और सेवा, जीवन को सकारात्मकता और सफलता से भर देती है। आप सभी को हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। 

    FAQs
    Hanuman Jayanti 2026 me kab hai?
    साल 2026 में हनुमान जयंती 02 अप्रैल, 2026 दिन गुरुवार को मनाया जायेगा।   

    हनुमान जयंती पर कौन-कौन से पाठ करना चाहिए?
    इस दिन आप लोग हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण, राम रक्षा स्तोत्र और “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप विशेष फलदायी माना जाता है।

    क्या हनुमान जयंती पर दान करना शुभ होता है?
    जी हां, इस दिन गरीबों को भोजन, फल और वस्त्र आदि का दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है और जीवन में सुख-शांति लाता है।

    इस हनुमान जयंती पर व्रत कैसे रखें?
    भक्त सूर्योदय से पूर्व स्नान कर, हनुमान जी की पूजा करते हैं। उपवास रखकर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और हनुमान जी के मंत्र जाप किया जाता है। दिनभर सात्त्विक भोजन या फलाहार कर सकते हैं।

    सपने में दीवार पर छिपकली देखना शुभ या अशुभ | सपने में छिपकली का हमला

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    सपने में दीवार पर छिपकली देखना शुभ या अशुभ - हर किसी जातक पर ये अप्लाई होता है कि सोने के बाद सपना आना यह एक सामान्य बात मानी जाती है। कई बार हमे सोने के बाद बुरे सपने आते है, जो हमे अशुभ फल देने वाले होते हैं जबकि कई बार हम अच्छे सपने देखते हैं, तो ऐसे सपने हमे शुभ फल देने वाले होते है।

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    सपने में दीवार पर छिपकली देखना शुभ या अशुभ

      आपने कई बार छिपकली को भी सपने में देखा होगा। सपने में छिपकली को देखना भी आपको शुभ या अशुभ संकेत देने वाला माना जाता है। आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से सपने में छिपकली देखने के कुछ शुभ और अशुभ संकेत के बारे में बताने वाले है। इसलिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। 

      दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की सपने में दीवार पर छिपकली देखना कैसा होता हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है।

      सपने में दीवार पर छिपकली देखना शुभ या अशुभ

      अगर आप दीवार पर छिपकली देखते हैं और वह छिपकली आप पर झपटा मारने की कोशिश कर रही हैं, तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं।

      यह सपना आपको संकेत देता है कि आपके दुशमन बढने वाले हैं। इसके अलावा यह भी माना जा सकता है की आपका दुश्मन आपके खिलाफ साजिश रच रहा हैं। इसलिए इस प्रकार का सपना देखने के बाद अपने दुशमन से सावधान रहे और अपने दुश्मनों से दुरी बनाकर रखे।

      अगर आपको दीवार पर छिपकली दिख रही हैं और छिपकली कीड़े खा रही हैं, तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता है। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपकी समस्या बढ़ सकती हैं या फिर आप किसी समस्या में फंस सकते है। इसलिए इस प्रकार का सपना देखने के बाद सावधान रहे।

      अगर आपको घर की दीवार पर छिपकली शांति से बैठी हुई दिखाई देती हैं, तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपको धन की प्राप्ति हो सकती हैं।

      ये भी पढ़े: तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए

      सपने में 3 छिपकली देखना

      अगर आप सपने में 3 छिपकली देखते हैं तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं क्योकि तीन का आंकड़ा कई बार हमारे लिए अशुभ होता हैं। इसलिए तीन के आंकड़े से तीन तीगडा काम बिगड़ा हो सकता हैं। इसलिए सपने में 3 छिपकली देखना अशुभ माना जाता हैं।

      अगर आप सपने में 3 छिपकली देखते हैं, तो यह सपना आपके फ़ालतू के खर्चे बढ़ा सकता हैं। साथ साथ इस सपने के कारण आपको नुकसान भी हो सकता हैं।

      सपने में छिपकली का हमला

      अगर सपने में छिपकली आप पर हमला कर रही हैं, तो यह सपना आपके लिए अशुभ माना जाता हैं। इस प्रकार का सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपके दुशमन बढ़ सकते हैं और आपको दुश्मनों से खतरा भी हो सकता हैं।

      इस प्रकार का सपना देखने के बाद आपके दुश्मन भी आप पर हमला कर सकते हैं। इसलिए ऐसा सपना देखने के बाद अपने दुश्मनों से दूर रहे हैं और उनसे सतर्क रहे।

      सपने में सफेद छिपकली देखना

      अगर आप सपने में सफ़ेद छिपकली देखते हैं तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। इस प्रकार का सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपको सुख की प्राप्ति होगी और आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां आएगी।

      इस प्रकार का सपना देखना आपके लिए पूर्ण रूप से शुभ माना जाता हैं। इसलिए इस प्रकार का सपना देखने के बाद आपको खुश होना चाहिए।

      सपने में छिपकली से डरना

      अगर आप छिपकली से डरने वाला सपना देखते हैं, तो यह सपना आपके लिए बिलकुल भी शुभ नही माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपके जीवन में ढेर सारी बाधाएं उत्पन्न होने वाली हैं। 

      इससे आपको किसी भी कार्य में सफलता नही मिलेगी। इसलिए इस प्रकार का सपना आपके लिए पूर्ण रूप से अशुभ माना जाता हैं।

      सपने में छिपकली के बच्चे देखना

      अगर आप सपने में छिपकली के बच्चे देखते हैं, तो यह सपना आपके लिए शुभ माना जाता हैं। यह सपना आपको संकेत देता है की आने वाले समय में आपको धन की प्राप्ति होगी और आपको आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।

      निष्कर्ष

      दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है सपने में दीवार पर छिपकली देखना कैसा होता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

      हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके। 

      दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा सपने में दीवार पर छिपकली देखना शुभ या अशुभ - सपने में छिपकली का हमला ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

      FAQs

      सपने में छिपकली का शरीर पर चढ़ना

      सपने में यदि छिपकली का शरीर पर चढ़ती है तो छोटे नुकसान होते है, विश्वासघात या किसी छिपी चिंता का संकेत होता है। यह सतर्क रहने, योजनाबद्ध निर्णय लेने और सावधानी बरतने की चेतावनी होती है।

      सपने में छिपकली देखना कैसा होता है

      सपने में छिपकली देखना किसी छुपे हुए पुराने खतरे, धोखे या झूठ का संकेत होता है। ऐसे में सतर्क रहने, समझदारी से फैसले लेने और जीवन में सावधानी बरतने की चेतावनी देता है।

      सपने में छिपकली को गलती से छूने का क्या मतलब होता है?

      सपने में छिपकली को गलती से छूना किसी अप्रत्याशित नुकसान, छल या परेशानियों का संकेत होता है। इस समय आपको सतर्क रहने, सोच-समझकर निर्णय लेने और बचावात्मक कदम उठाने की चेतावनी होती है।

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      शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे

      शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे | शिवलिंग पर दूर्वा कैसे चढ़ाएं

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      शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे - भगवान शिव मनुष्य की सभी प्रकार की समस्या दूर करने वाले देव माने जाते हैं। यानी की जो भी भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा और अर्चना करते हैं। ऐसे जातक को अवश्य ही शुभ फल प्राप्त होता हैं।

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      शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे

        भगवान शिव मनुष्य के दुःख दूर करके उनको सुख प्रदान करने वाले माने जाते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हम सभी लोग शिवलिंग की भी पूजा (Worship of Shivalinga) करते हैं और विभिन्न चीज़ वस्तु चढाने से विभिन्न प्रकार की समस्या दूर करते हैं।

        दोस्तों आज के दिन हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे बताने वाले हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं तो इन सभी महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

        शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे

        शिवलिंग पर इलायची चढ़ाना बहुत ही अच्छा माना जाता हैं अगर आपके घर में लगातार दरिद्रता बनी रहती हैं तो ऐसी स्थिति में आपको शिवलिंग पर इलायची चढ़ानी चाहिए। शिवलिंग पर इलायची चढाने से आपके घर में मौजूद दरिद्रता का नाश होता हैं।

        इसके अलावा इलायची नेगेटिव ऊर्जा को खत्म करने वाली भी मानी जाती हैं। अगर आपके घर में नेगेटिव ऊर्जा का वातावरण बना हुआ हैं तो ऐसे में आपको शिवजी के मंदिर (Shiva Temple) जाकर शिवलिंग पर इलायची अर्पित करनी चाहिए। इससे आपके घर में मौजूद सभी प्रकार की नेगेटिव ऊर्जा बाहर निकल जाती हैं।

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        शिवलिंग पर इत्र चढ़ाने के फायदे

        शिवलिंग पर इत्र चढ़ाना काफी अच्छा माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की शिवलिंग पर इत्र चढाने से जातक को धन धान्य की प्राप्ति होती हैं, और उसके मान सम्मान में वृद्धि होती हैं। इसके अलावा शिवलिंग पर इत्र चढाने से आपको धर्म की भी प्राप्ति होती हैं।

        शिवलिंग पर दूर्वा कैसे चढ़ाएं

        शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाना बहुत ही आसान होता हैं। शिवलिंग पर दूर्वा चढाने के लिए आप आपके आसपास के किसी भी शिवजी के मंदिर में जा सकते हैं और “ॐ नम शिवाय” मंत्र के साथ दूर्वा चढ़ा सकते हैं। अगर आप चाहे तो पानी में दूर्वा डालकर उस जल से भी अभिषेक कर सकते हैं।

        शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना चाहिए

        जी नहीं, शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पुरुषत्त्व का प्रतीक होता हैं। इसलिए कभी भूल से भी शिवलिंग पर हल्दी नही चढ़ाना चाहिए।

        शिवलिंग पर क्या चढाने से मिलता है कौन सा फल

        शिवलिंग पर विभिन्न प्रकार की वस्तु चढाकर विभिन्न प्रकार के फल की प्राप्ति की जा सकती है। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

        • शिवलिंग पर घी चढ़ाना काफी शुभ माना जाता हैं। अगर आप शिवलिंग पर घी चढाते हैं तो आपको तेज और सफलता की प्राप्ति होती हैं।
        • शिवलिंग पर दही चढ़ाना भी काफी अच्छा माना जाता हैं। अगर आपके जीवन में आनंद नही हैं, और आप आपके जीवन में हर्ष उल्लास चाहते हैं तो ऐसे में आपको शिवलिंग पर दही चढाना चाहिए।
        • अगर आप शिवलिंग पर दूध चढाते हैं तो इससे आपको आरोग्य का सुख मिलता हैं। यानी की आपको स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
        • यदि आप शिवलिंग पर बेलपत्र या फिर भांग चढाते हैं, तो इससे आपको बूटी शक्तियों से छुटकारा मिलता हैं।
        • अगर आप शिवलिंग पर शहद अर्पित करते हैं, तो आपको सौन्दर्य की प्राप्ति होती हैं। आपके जीवन में मिठास बनी रहती हैं।
        • यदि आप शिवलिंग पर सुंगंधित तेल अर्पित करते हैं, तो इससे आपको धन धान्य और सुख की प्राप्ति होती हैं।
        • शिवलिंग पर तिल चढ़ाना भी बहुत ही शुभ माना जाता हैं। शिवलिंग पर तिल चढाने से आपको तमाम प्रकार के रोग और पीड़ा से मुक्ति मिलती हैं।
        • अगर आप संतान सुख से वंचित हैं, तो ऐसे में आपको शिवलिंग पर धतुरा या फिर गेहूं चढ़ाना चाहिए। इससे आपको संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
        • यदि आप शिवलिंग पर गन्ने का रस और शक्कर चढाते हैं, तो इससे आपको अपार समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

        निष्कर्ष

        दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे (Benefits of offering cardamom to Shivling) बताए है। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

        हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

        दोस्तों हम आशा करते है कि आपको हमारा शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे। शिवलिंग पर दूर्वा कैसे चढ़ाएं ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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        FAQs

        सोमवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए

        सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल, कच्चा दूध, बेलपत्र, अक्षत, शहद सफेद फूल, भस्म, और गंगाजल चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ये सब चढ़ाने से भक्त की मनोकामनाएँ पूर्ण करने में सहायक होता है।

        शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने चाहिए या नहीं

        शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पापों का नाश, शांति और ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है। विशेषकर शनिवार और सोमवार को तिल अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

        शिवलिंग पर किस दिन क्या चढ़ाना चाहिए

        सोमवार के दिन जल-दूध, मंगलवार के दिन सिंदूर, बुधवार के दिन दूर्वा, गुरुवार के दिन चना-बेसन, शुक्रवार के दिन सफेद पुष्प, शनिवार के दिन काले तिल-सरसों तेल और रविवार के दिन लाल फूल शिवलिंग पर चढ़ाना शुभ माना जाता है।

        शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने से क्या होता है

        शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने से मन की शुद्धि, वाणी में मधुरता और रिश्तों में सौहार्द भी बढ़ता है। यह करने से भक्त की मनोकामनाएँ पूर्ण होती है, ग्रहदोष शांत करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने में सहायक भी माना जाता है।

        शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से क्या होता है

        शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से भक्त कि मनोकामनाएँ पूर्ण होती है, मानसिक शांति मिलती है और कष्टों में कमी आने का लाभ मिलता है। यह करने से वाणी में मधुर बनाता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाता है।

        तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए | तुलसी की माला कौन पहन सकता है!

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        तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए - हिन्दू सनातन धर्म में तुलसी का पौधा बहुत ही पूजनीय और वंदनीय माना जाता हैं। इसलिए तो काफी लोग अपने घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाते हैं, और उसकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि घर में तुलसी का पौधा लगाने से घर में माता लक्ष्मी का वास बना निरंतर रहता हैं। जिनके आशीर्वाद से हमे निरंतर धन की प्राप्ति होती रहती हैं।

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        तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए

          जिस प्रकार तुलसी के पौधा का महत्व (Importance of Tulsi plant) होता हैं। बिल्कुल उसी प्रकार तुलसी माला का भी विशेष महत्व होता हैं। काफी लोग जाप आदि करने के लिए गले में पहनने के लिए तुलसी माला का उपयोग करते हैं।

          तुलसी माला (Tulsi garland) पहनने के भी ढेर सारे लाभ हैं। लेकिन तुलसी की माला पहनने के भी कुछ महत्व पूर्ण नियम होते हैं। जिसके बारे में आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले हैं। इसलिए आज का हमारा यह ब्लॉग आप अंत तक जरुर पढ़े।

          दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

          तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए

          कुछ स्थिति में तुलसी की माला पहनने की मनाई है। जिसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी हमने नीचे प्रदान की हैं:

          • अगर आप लहसुन और प्याज का सेवन करते हैं, तो आपको तुलसी की माला नही पहननी चाहिए।
          • अगर आप शराब, मास और मदिरे का सेवन कर रहे हैं, तो इस स्थिति में भी आपको तुलसी की माला नही पहननी चाहिए।
          • अगर आप शौचालय में जा रहे हैं, तो इस दौरान अपने साथ तुलसी की माला ना लेकर जाए। तुलसी की माला शौचालय में ले जाना वर्जित माना जाता हैं।
          • जब आप प्रणय संबंध बना रहे हैं। उस दौरान भी आपको तुलसी की माला पहनने से बचना चाहिए।
          • अगर आपके हाथ अशुद्ध हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको तुलसी की माला को गंदे हाथ से छूने से बचना चाहिए।
          • अगर कोई जातक तुलसी की माला धारण करता हैं, और तुलसी की माला का उपयोग जाप में भी करता हैं तो जिस तुलसी की माला से आप जाप करते हैं। उसे कभी भी धारण नही करना चाहिए। धारण करने वाली और जाप करने वाली दोनों ही तुलसी की माला अलग-अलग होनी चाहिए।

          तुलसी की माला कौन पहन सकता है

          वैसे तो तुलसी की माला हर को व्यक्ति पहन सकता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी की माला महिला और पुरुष दोनों ही पहन सकते हैं। लेकिन आप भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के उपासक है, और उनकी पूजा अर्चना करते हैं तो ऐसे लोगो को विशेष रूप से तुलसी की माला पहननी चाहिए।

          ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार यदि बात करें तुलसी की माला धारण करने के बहुत कुछ लाभ हैं। तुलसी के माला पहनने के बाद आपके मन में सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना रहता हैं। इससे आप भगवान से जुड़े रहते हैं और आपको अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती हैं।

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          तुलसी माला के साइड इफेक्ट्स

          वैसे तो आज दिन तक तुलसी माला धारण करने के बाद कोइ भी साइड इफेक्ट नही दिखे हैं। इससे आपको लाभ ही लाभ होता हैं।

          लेकिन तुलसी की माला धारण करने के बाद कुछ नियम का पालन करना होता हैं। अगर आप नियम का पालन नही करते हैं, तो आपको साइड इफेक्ट दिख सकते हैं। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

          • अगर आप तुलसी की माला धारण करने के बाद मास और मदिरे का सेवन करते हैं, तो इससे आपको हानि हो सकती हैं।
          • इसके अलावा आप तुलसी की माला धारण करने के बाद गंदे हाथ से माला को छूते है। या फिर माला के साथ शौचालय में जाते हैं, तो इससे आपको साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इससे आपके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।
          • अगर आप तुलसी की माला के साथ रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं, तो इससे भी आपको नुकसान हो सकता हैं।
          • इसलिए तुलसी की माला धारण करने के बाद इससे होने वाले साइड इफेक्ट से बचने के लिए नियमो का पालन अवश्य करे। अगर आप नियमो का पालन करते हैं, तो आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां होगी। आपको बहुत लाभ ही लाभ प्राप्त होगा।

          निष्कर्ष

          दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है कि तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

          हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

          दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

          FAQs

          तुलसी माला पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए

          तुलसी माला पहनने के बाद आपको मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, अपशब्द कहना, अपवित्र स्थानों पर जाना, क्रोध करना और किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। शुद्धता, संयम और श्रद्धा हमेसा बनाए रखें।

          क्या महिलाएं तुलसी की माला पहन सकती हैं

          जी हाँ, महिलाएं तुलसी की माला पहन सकती हैं। यह माला पवित्रता, स्वास्थ्य और मानसिक शांति देती है। बस इसे पहनकर शुद्धता, सात्त्विक आचरण और नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है।

          तुलसी की माला से कौन सा जाप करना चाहिए

          तुलसी की माला से प्रायः “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”, “हरे कृष्ण हरे राम” या “ॐ नारायणाय नमः” मंत्र का जाप करना बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। यह मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है।

          क्या तुलसी की माला हर कोई पहन सकता है

          जी हाँ, तुलसी की माला हर कोई पहन सकता है। इस माला को धारण करने से पवित्रता, संरक्षण और मानसिक शांति प्रदान मिलती है। बस पहनते समय सात्त्विक आचरण, शुद्धता और सम्मानपूर्ण का व्यवहार बनाए रखना चाहिए।

          तुलसी की माला किस दिन पहननी चाहिए

          आपको बता दे कि तुलसी की माला बुधवार या गुरुवार को, प्रातः स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पहननी चाहिए। इस दिन इसे धारण करना अत्यंत ही पवित्र माना जाता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान होता है।

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          सोमवार

          सोमवार को भगवान शिव जी का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण समझा जाता है। हालांकि, आप भगवान शिव की पूजा-अर्चना कभी भी कर सकते हैं। हिंदू सनातन धर्म में भगवान शिव को सभी देवताओं में सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

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            इस संसार में भगवान शिव / Lord Shiva के लाखों भक्त हैं। भक्तों द्वारा भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कुछ व्यक्ति भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर कुछ ना कुछ चढ़ाते हैं, जिससे भगवान शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं। इससे हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

            दोस्तों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाने और शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने के फायदे बता रहे हैं। इसके अलावा, हम आपको मूंग, सरसों तेल, केसर, और शहद चढ़ाने के लाभों की भी जानकारी प्रदान करेंगे। इस महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारे ब्लॉग को अन्त तक पढ़ें। क्योकि हम आपको इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

            शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाने के फायदे

            शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाने के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। गुड़ में भरपूर मिठास और पोषण होता है, जिससे पूजा का मौषम आनंदमय होता है। यह भगवान शिव जी को भी प्रिय है और उन्हें संतुष्ट करने में सहायक होता है। गुड़ की महक आस्था को बढ़ाती है और मानवता को शांति एवं समृद्धि की प्राप्ति का अनुभव होता है। इसके अलावा, गुड़ का उपयोग शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और सामाजिक दृष्टि से भी एकता बनाए रखता है। गुड़ चढ़ाने से भक्तों को आनंद, शांति और धन की प्राप्ति होती है।

            यदि आपके घर में परिवार के सदस्यों के बीच आपसी विरोध बढ़ रहा है और घराने में झगड़े उत्पन्न हो रहे हैं, तथा आप आर्थिक कमी का सामना कर रहे हैं, तो आपको ऐश्वर्य की कमी का सामना करना पड़ रहा है, तो शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाना उपयुक्त है। गुड़ मीठा होता है, इसलिए यह परिवार में मिठास बढ़ाएगा और शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाने से धन और ऐश्वर्य की भी प्राप्ति हो सकती है।

            शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने के फायदे

            यदि आपको शनिदेव के प्रभाव में कठिनाई हो रही है, तो आप शनि के कष्ट से मुक्ति प्राप्त करने के लिए काले रंग के कपड़े में काली मिर्च बांधकर उसमें 11 रूपये रख सकते हैं। इस पोटली को शिवलिंग से स्पर्श कराकर आप किसी भी व्यक्ति को दान करें। इस प्रक्रिया से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, और आपको उनके अनुकूल प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।

            शिवलिंग पर मूंग चढ़ाने के फायदे

            ऐसा माना जाता है की भगवान शिव जी को मुंग अतिप्रिय हैं। अगर आप सोमवार के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर मुंग अर्पित करके भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं, तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

            शिवलिंग पर मुंग चढाने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। अगर आपके घर में कोई भी कार्य करने से पहले बाधा तथा समस्या आ रही हैं, तो शिवलिंग पर मुंग चढाने से इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

            शिवलिंग पर सरसों का तेल चढ़ाने के फायदे

            शिवलिंग पर सरसों का तेल अर्पित करने से ग्रह्बाधा समाप्त हो जाती हैं। इसके लिए आपको सरसों तेल से एक समान धार बनाते हुए। शिवलिंग पर अर्पित करना हैं, इसके अलावा शिवलिंग पर सरसों का तेल चढाने से जातक को हर एक क्षेत्र में सफलता मिलती हैं, जातक के सभी कार्य सिद्ध होने लगते हैं।

            शिवलिंग पर शहद चढ़ाने के फायदे

            अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित है और बार-बार कोई ना कोई छोटी-मोटी बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं, तो भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर शहद अर्पित करे। यह उपाय करने से आपको रोगों से मुक्ति मिलेगी। अगर आपको कोई असाध्य बीमारी भी हैं, तो यह उपाय करने से आपको फायदा होता हैं।

            शिवलिंग पर केसर चढ़ाने के फायदे

            कहा जाता है कि केसर भगवान शिव का अतिप्रिय माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है की शिवलिंग पर केसर युक्त दूध चढाने से विवाह संबंधित बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा शिवलिंग पर केसर का टिका करने से या केसर अर्पित करने से सौम्यता की प्राप्ति होती हैं।

            शिवलिंग पर भांग चढ़ाने के फायदे

            भांग का नाम तो आपने सुना ही होगा, भांग भगवान शिव जी का प्रिय माना जाता हैं। शिवलिंग पर भांग या भांग के पत्ते चढाने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। यह उपाय करने से आपके अंदर मौजूद नेगेटिव विचार दूर होते हैं। आपके अंदर मौजूद बुराई तथा कमियां भी दूर होती हैं। यह दूर होने पर आप किसी भी क्षेत्र में सफल होने में सक्षम हो जाते हैं।

            शिवलिंग पर जौ चढाने के फायदे

            अगर घर में मनमुटाव चल रहा हैं या फिर घर के सदस्यों में प्रेम नही हैं। छोटी बातो पर बार-बार झगड़े उत्पन्न हो रहे हैं, तो ऐसे में शिवलिंग पर हर सोमवार के दिन जौ चढाने चाहिए। इससे आपके घर के सभी आपसी मतभेद दूर होते हैं।

            शिवलिंग पर घी चढाने के फायदे

            शिवलिंग पर शुद्ध देसी घी चढ़ाना काफी अच्छा माना जाता हैं। अगर कोई जातक शारीरिक रूप से काफी कमजोर हैं, और लंबे समय से अपनी खराब सेहत से परेशान हो चूका हैं, तो ऐसे में जातक को श्रावण के माह में शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर घी चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं।

            शिवलिंग पर गेहूं चढाने के फायदे

            शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाना अतिउत्तम माना जाता हैं। सोमवार के दिन शिवलिंग पर गेहूं चढाने के बाद किसी जरूरतमंद लोगो को गेहूं का दान कर से जातक के जीवन में संतान से जुडी समस्या खत्म होती हैं। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।

            शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने के फायदे

            अगर कोई व्यक्ति धन की कमी का सामना कर रहा हैं। यदि वह आर्थिक रूप से काफी परेशान हैं, तो ऐसे जातक को श्रावण माह में जल के साथ काले तिल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाने से धन की कमी और आर्थिक तंगी दूर होती हैं।

            शिवलिंग पर चावल चढाने के फायदे

            शिवलिंग पर प्र्त्येक दिन चावल चढ़ाने से भगवान शिव जातक पर प्रसन्न होते हैं। इससे जातक की सभी प्रकार की समस्या दूर होती हैं। इससे जातक को सुख, शांति, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती हैं।

            निष्कर्ष

            दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाने के फायदे तथा शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने के फायदे बताए हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

            दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह शिवलिंग पर गुड़ चढ़ाने के फायदे - शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने के फायदे आर्टिकल अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!!

            FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

            शिवलिंग पर कौन से लोटे से जल चढ़ाना चाहिए?

            अगर आप शिवलिंग पर जल चढाते हैं. तो आपको तांबे, सोने या फिर चांदी के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। आपको शिवलिंग पर जल चढाने के लिए लोहे या स्टील के लोटे का उपयोग नही करना चाहिए।

            शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ा सकते हैं?

            शिवलिंग पर आप अपनी इच्छा अनुसार बेलपत्र चढ़ा सकते हैं, लेकिन कुछ मान्यता के अनुसार आपको शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ा सकते हैं।

            श्रावण माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से क्या होता है?

            श्रावण माह भगवान शिव का माह माना जाता हैं। इस महीने भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। श्रावण माह में शिवलिंग पर जल चढाने से आपकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं। आपको धन, संपति और संतान की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं।

            जाने दुकान के गले में क्या रखना चाहिए और तिजोरी में क्या रखना चाहिए

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            क्या आप भी जानना कहते है कि दुकान के गले में क्या रखना चाहिए और साथ ही तिजोरी  में क्या रखना चाहिए, कई बार हम दुकान में काफी मेहनत करने के बाद, हमें उतनी ही कमाई नहीं होती जितनी होनी चाहिए। मेहनत करने के बाद, ग्राहक के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के बाद भी, हमारी दुकान से अच्छी कमाई नहीं हो रही है। इसलिए, समझिए कि हम कहीं ना कही कुछ गलतियाँ कर रहे हैं।

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              कई बार दुकान की अच्छी से चलने में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का भी प्रभाव होता है। अगर हमारी दुकान की वास्तुशास्त्रिक योजना अच्छी नहीं है या फिर दुकान का गुणा वास्तुशास्त्र के अनुसार नहीं किया गया है, तो इसका सीधा प्रभाव दुकान के व्यापार पर पड़ सकता है। इसलिए, दुकान को अच्छे से चलाने के लिए वास्तुशास्त्र का भी ध्यान रखना जरूरी है।

              मित्रों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि दुकान के गले में क्या रखना चाहिए और तिजोरी में क्या रखना चाहिए। इसके अलावा, हम यह भी साझा करेंगे कि दुकान का काउंटर किस दिशा में होना चाहिए। इस सभी महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें। तो चलिए, हम आपको इस विषय में पूरी जानकारी प्रदान करते हैं।

              दुकान के गले में क्या रखना चाहिए?

              ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यापार को अच्छे से चलाने के लिए दुकान के गले में साबुत सुपारी और लक्ष्मीजी की प्रतिमा वाला चांदी का सिक्का रखना चाहिए। यह दोनों वस्तुएँ दुकान के गले में रखने से व्यापार में सफलता होती है। इससे धन की प्राप्ति होती है और ग्राहक भी हमारी दुकान की तरफ आकर्षित होते हैं।

              आप दुकान के गले में साबुत सुपारी और चांदी का सिक्का किसी भी दिन रख सकते हैं, लेकिन इन दोनों वस्तुओं को गले में रखने से पहले शुभ मुहूर्त निकालें। इसके पश्चात, शुभ मुहूर्त में ही गले में ये दोनों वस्तुएँ रखें।

              गले में साबुत सुपारी और लक्ष्मीजी की प्रतिमा वाला चांदी का सिक्का रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे व्यापार में वृद्धि होती है, आपके दुकान में बरकत आती है, धन का अनुपयोग कम होता है, और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन की वर्षा होती है।

              तिजोरी में क्या रखना चाहिए?

              तिजोरी में हम सभी अपनी कीमती वस्तुएँ और पैसा इत्यादि रखते हैं, जैसा कि माना जाता है कि तिजोरी को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए। हमारे घर में लगातार धन की प्राप्ति होती रहे, इसलिए नीचे दी गई वस्तुएँ तिजोरी में रखनी चाहिए।

              • तिजोरी में साबुत सुपारी रखने से धन की लगातार प्राप्ति होती रहती है।
              • इसके अलावा, आप तिजोरी में 10-10 के नोटों की गड्डी तथा चांदी और तांबे के सिक्के भी रख सकते हैं। इससे धन की प्राप्ति होती है।
              • शुक्रवार के दिन पीले कपड़े में थोड़ा सा केसर, चांदी का सिक्का तथा 5 कौड़ी रखके घर या दुकान की तिजोरी में रख ले। यह उपाय करने से धन की प्राप्ति होती रहेगी तथा बरकत बनी रहेगी।
              • कई बार हमारा चालू बिजनेस अचानक से ठप हो जाता हैं। ऐसे में एक पीपल का पत्ता लेकर उसे घी में डुबोकर उसपर सिंदूर ओम लिख दे। अब इस पीपल के पत्ते को तिजोरी में रख दे। यह उपाय लगातार पांच शनिवार करे। इसके पश्चात आपका बिजनेस पहले की तरह चलने लगेगा, और धन की प्राप्ति होगी, तथा आपको आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा।

              तो यह सभी वस्तु तिजोरी में आप रख सकते हैं। इन सभी वस्तुओं को तिजोरी में रखने से आपको फायदा होगा। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आप अपने घर और दुकान में बरकत चाहते हैं, या फिर लगातार धन की प्राप्ति चाहते हैं।

              तो अपने घर या दुकान की तिजोरी कभी भी खाली न रखें। तिजोरी में कुछ ना कुछ रखना जरूरी होता है। खाली तिजोरी रखने से धन का व्यय अधिक होने लगता है, तथा इसका असर व्यापार पर भी पड़ता है।

              दुकान का काउंटर किस दिशा में होना चाहिए?

              वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे ऐसा स्वीकृति मिलता है कि व्यापार में वृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए, दुकान का काउंटर इस प्रकार स्थित होना चाहिए कि हमें जब भी काउंटर खोलें, उसका मुंह उत्तर दिशा की ओर हो।

              निष्कर्ष

              मित्रों, आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको बताया है कि दुकान के गले में क्या रखना चाहिए और तिजोरी में क्या रखना चाहिए। साथ ही, हमने यह भी साझा किया है कि दुकान का काउंटर किस दिशा में होना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि आज का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

              मित्रों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा लेख 'दुकान के गले में क्या रखना चाहिए और दुकान का काउंटर किस दिशा में होना चाहिए' पसंद आया होगा। धन्यवाद!

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