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Budh Mahadasha Alert: जानिए बुध महादशा के प्रभाव, अंतरदशाएं और असरदार उपाय

Budh Mahadasha Alert: 17 साल में बदल सकती है आपकी किस्मत! बुध ग्रह को बुद्धिमत्ता, गणित, लेखन, व्यापार तथा तर्क शक्ति का कारक माना गया है।

Budh Mahadasha: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध महादशा को दिमाग, वाणी तथा करियर से जोड़कर देखा जाता है। यह महादशा की अवधि पूरे 17 वर्षों तक चलती है तथा इस महादशा से जातक के जीवन में शिक्षा, व्यापार, संचार कौशल तथा निर्णय क्षमता पर गहरा प्रभाव डालती है। बुध ग्रह को बुद्धिमत्ता, गणित, लेखन, व्यापार तथा तर्क शक्ति का कारक माना गया है।

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जानिए बुध महादशा के प्रभाव, अंतरदशाएं और असरदार उपाय

    अगर आपकी Kundli में बुध मजबूत स्थिति में हो, तो इस महादशा में जातक को नौकरी तथा शिक्षा में बेहतरीन रिजल्ट मिलते हैं। लेकिन ऐसा भी देख जाता है की यह अशुभ हो, तो धोखा, निर्णय लेने में कठिनाई, मानसिक तनाव तथा स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।

    दोस्तों आज हम आप इस लेख बुध महादशा के प्रभाव, अंतरदशाएं और असरदार उपाय के बारे में, तथा साथ ही इससे जुड़ी और भी जानकारी प्रदान करेंगे तो आप लोग इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े।

    बुध महादशा कितने वर्षों की होती है?

    बुध महादशा की कुल अवधि कुल 17 साल होती है। यह समय किसी भी जातक के जीवन की दिशा बदलने की क्षमता रखता है। शुभ बुध जातक को सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाता है, जबकि कमजोर बुध हो तो जातक को अस्थिरता तथा भ्रम पैदा कर सकता है।

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    बुध महादशा के प्रभाव क्या होते हैं?

    बुध महादशा का असर जातक की कुंडली में बुध की राशि भिन्न हो रक्त है, यह भाव तथा अन्य ग्रहों के साथ संबंध पर निर्भर करता है। यदि बुध कन्या राशि में उच्च हो, तो यह महादशा जातक के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। वहीं मीन राशि में नीच या पाप ग्रहों से प्रभावित तो बुध जातक के लिए नकारात्मक परिणाम दे सकता है।

    सकारात्मक प्रभाव

    • इस अवधि में जातक को संचार तथा बोलने की कला में सुधार होता है।
    • व्यक्ति को शिक्षा तथा करियर में तेज़ प्रगति से उन्नति प्राप्त होती है।
    • जातक को इस समय में व्यापार में मुनाफा तथा नए अवसर में वृद्धि होती है।
    • इस समय में तर्क शक्ति तथा निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।
    • व्यक्ति को लेखन, गणित, मीडिया तथा रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता मिलती है।
    • व्यापारिक सफलता और धन लाभ में जातक को सफलता मिलती है।
    • इस महादशा में व्यक्ति को यात्राओं के योग के अवसर बढ़ते हैं।

    नकारात्मक प्रभाव

    • इसमें धोखे तथा छल का सामना जातक को मिल सकता है।
    • मानसिक तनाव तथा असमंजस की संभावना बढ़ जाती है।
    • गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति हो सकती है।
    • जातक की वाणी में कटुता आ सकती है।
    • त्वचा, नर्वस सिस्टम तथा फेफड़ों से जुड़ी समस्याएँ आ सकती है।
    • पढ़ाई में रुकावट भी बढ़ सकती है।

    बुध महादशा में क्या खास होता है?

    इस बुध महादशा के दौरान जातक के जीवन में नई संभावनाओं के द्वार खुलते हैं। खासतौर पर व्यापार, मीडिया, लेखन, विज्ञान, गणित तथा संचार से जुड़े लोगों को बहुत ही बड़ा फायदा हो सकता है। लेकिन आपकी कुंडली में बुध कमजोर हो, तो गलतफहमियाँ तथा मानसिक परेशानियाँ बढ़ सकती हैं।

    बुध महादशा की अंतरदशाएं और उनका असर

    बुध महादशा – राहु अंतर्दशा

    • इस अवधि में अनिश्चितताओं से बढ़ता है।
    • इसमें जातक को भ्रम तथा धोखाधड़ी से बचना जरूरी होता है।
    • व्यक्ति को इस महादशा में अपने निर्णयों में सतर्क हो कर रहना चाहिए।
    • इस समय में जातक को अवैध धन को लेने से बचना चाहिए।

    बुध महादशा – केतु अंतर्दशा

    • इस दौरान जातक को आध्यात्मिक झुकाव बढ़ता है।
    • व्यक्ति को व्यापार में अस्थिरता रह सकती है।
    • इस अवधि में जातक को अपने मन को शांत रखे तथा नियमित योग करे।

    बुध महादशा – शुक्र अंतर्दशा

    • इस अवधि में जातक को प्रेम, कला तथा विलासिता में वृद्धि होता है।
    • इसमें महादशा में व्यक्ति के विवाह तथा प्रेम जैसे संबंधों में मधुरता मिलती है।
    • इस समय में जातक को अपने खर्चों पर नियंत्रण जरूरी रखना चाहिए।

    बुध महादशा – शनि अंतर्दशा

    • इस अवधि में करियर में धीमी लेकिन स्थिर प्रगति प्राप्त होती है।
    • व्यक्ति को मेहनत का फल देर से मिलता है।
    • इसमें जातक को धैर्य रखना बहुत ही जरुरी होता है।

    बुध महादशा – गुरु अंतर्दशा

    • इस अवधि में जातक को ज्ञान, शिक्षा तथा करियर में शानदार उन्नति का समय होता है।
    • इस समय में व्यक्ति को बहुत ही ठीक मार्गदर्शन की प्राप्ति मिलती है।
    • जातक को करियर तथा व्यापार में भी सफलता मिलती है।

    बुध महादशा – चंद्र अंतर्दशा

    • इस अवधि में मानसिक शांति और रचनात्मकता बढ़ती है।
    • का अपनी पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं।
    • जातक की भावनात्मक स्थिति संतुलित मिलता है।

    बुध महादशा – मंगल अंतर्दशा

    • इस अवधि में जातक का आत्मविश्वास बढ़ता है।
    • व्यक्ति इस समय में करियर में लाभ मिलता है, लेकिन गुस्से पर नियंत्रण बनाये रखे।
    • इस समय में जातक को गलत डिसीजन लेने से बचना चाहिए।

    बुध महादशा – सूर्य अंतर्दशा

    • इस समय में जातक को सरकारी क्षेत्र में सफलता के योग प्राप्त हो सकता है।
    • जातक का मान-सम्मान में बढ़ोतरी हो सकती है।
    • व्यक्ति को इस अवधि में अहंकार से बच कर रहना चाहिए।

    बुध महादशा – बुध अंतर्दशा

    • इस अवधि में बुध का पूर्ण प्रभाव दिखता है।
    • जातक को व्यापार और शिक्षा में तेज़ प्रगति मिलती है।
    • इस समय में व्यक्ति को अपनी वाणी में संयम बना कर रखना चाहिए।

    बुध महादशा के असरदार उपाय

    अगर आपको बुध महादशा में परेशानी हो रही है, तो ये कुछ उपाय आपके लिए मददगार हो सकते हैं:

    • इस बुध मंत्र का “ॐ बुं बुधाय नमः” रोज़ 108 बार जाप करें।
    • बुधवार के दिन जातक को हरे रंग के कपड़े पहनें चाहिए।
    • बुध ग्रह के संबंधित चीजे जैसे की हरे मूंग, हरी सब्ज़ियाँ तथा हरे वस्त्र दान करे।
    • बुधवार को गौ माता को अपने हाथ से हरी घास खिलाएँ।
    • सच्चे मन से हनुमान चालीसा तथा सुंदरकांड का पाठ करें।
    • ध्यान तथा योग से मानसिक संतुलन बनाए रखें।

    निष्कर्ष

    बुध महादशा जातक के जीवन में बुद्धि, व्यापार, संचार तथा शिक्षा से जुड़े बड़े बदलाव लाती है। शुभ बुध इसे सफलता का स्वर्ण काल बना सकता है, जबकि अशुभ बुध तनाव ततः अस्थिरता बढ़ा सकता है। सही उपाय को अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली (Kundli) में बुध महादशा का असर कैसा रहेगा, तो किसी आज ही मारे अनुभवी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें

    दोस्तों हम उम्मीद करते है की आज का ये ब्लॉग बुध महादशा के प्रभाव, अंतरदशाएं और असरदार उपाय आपको पसंद आया होगा। धन्यवाद!

    FAQs

    बुध महादशा कितने साल की होती है?

    बुध महादशा की अवधि 17 साल तक चलती है।

    बुध महादशा में जातक की किस्मत कब बदलती है?

    इस महादशा में जातक की किस्मत 17 साल में बदल सकती है।

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