Responsive Ad Slot

जानिए Tulsi Ka Paudha/तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं: पूरी जानकारी

कोई टिप्पणी नहीं

रविवार

मित्रो, आप को प्रेम पूर्वक नमस्कार, क्या आप जानना चाहते है कि तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं और तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने से क्या होता है इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानेगे, तो चलिए शुरू करते है। हिन्दू सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना जाता है। इसलिए बहुत से लोग अपने घरों में Tulsi Ka Paudha लगा कर पूजा-अर्चना करते हैं। अधिकांश हिन्दू घरों में तुलसी का पौधा पाया जाता है।

janiye-tulsi-ka-paudha-kisi-ko-dena-chahiye-ya-nhi

माना जाता है कि भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है। हालांकि, कई लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं। इस सवाल के जवाब के लिए और अधिक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।

मित्रों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको यह बताने जा रहे हैं कि तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं, और एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा, हम इस विषय से संबंधित और भी जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइये हम आपको इस विषय पर संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

जानिए क्या तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं?

तुलसी का पौधा इतना महत्वपूर्ण होने के कारण, आप इसे किसी को भी उपहार के रूप में प्रदान कर सकते हैं, बिना किसी चिंता के। इसमें कोई भी दोष नहीं है।

Tulsi Ka Paudha एक पवित्र पौधा है जो हिन्दू सामाजिक सांस्कृतिक में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे लोग घर के आंगन में या पूजा स्थल में उगाते हैं क्योंकि इसमें धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता है। तुलसी का पौधा और इसकी पत्तियां आरोग्य के लाभ के लिए भी प्रसिद्ध हैं। 

कई तंत्रों में इसे सुखद औऱ शुभ माना गया है और इसका दान करना किसी को सुख-शांति का अहसास करा सकता है। लोग विशेषकर एकादशी के दिन तुलसी को पूजते हैं और इसे उगाने का परंपरागत तरीके से करते हैं। इससे घर को प्रेम और शांति का वातावरण मिलता है।

एकादशी के दिन क्या तुलसी का पौधा लगाना चाहिए या नहीं?

एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना और उसमें जल अर्पित करना दोनों ही विशेष संस्कार माने जाते हैं। इसका कारण है कि इस दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह हुआ था, और इसी दिन माता तुलसी निर्जला व्रत करती हैं।

एकादशी के दिन Tulsi Ka Paudha लगाना हिन्दू धर्म में एक प्राचीन परंपरा है जो धार्मिक और सामाजिक महत्ता रखती है। तुलसी को एक देवी माना जाता है और उसका पौधा घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। एकादशी के दिन तुलसी को पूजने से व्यक्ति को मानवीय और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। 

तुलसी का पौधा और इसकी पत्तियां आरोग्य के लाभ के लिए भी जाने जाते हैं और इसे उगाने से घर की सुरक्षा बढ़ती है। इस पवित्र दिन पर तुलसी को उगाना एक आदर्श परंपरा मानी जाती है जो सुख, शांति, और प्रेम की भावना को बढ़ावा देती है।

इस व्रत में किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आने के लिए, इस दिन तुलसी का पौधा लगाना और उसमें जल अर्पित करना विशेष रूप से अनुपम माना जाता है।

तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने से क्या परिणाम होता है?

tulsi-ka-paudha

तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने से नहीं सिर्फ शांति और सुकून महसूस होता है, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार भी हो सकता है। तुलसी की महक और प्राकृतिक गुणधर्म तकिये के ऊपर अपना प्रभाव डालती है, जिससे नींद में भी लाभ हो सकता है। तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखने के लाभों को हमने नीचे वर्णित किया है।

  • कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखकर सोने से जागरूक व्यक्ति की जीवनशैली मधुर बनती है। उसके जीवन में मधुरता फैल जाती है।
  • तुलसी के पत्तों को तकिये के नीचे रखकर सोने से आर्थिक कठिनाइयों से राहत मिलती है, और इसके साथ ही मानसिक तनाव से भी मुक्ति होती है।
  • इसके अतिरिक्त, हमारे चारों ओर का वातावरण प्रशांत होता है, और कई बीमारियों से हमें राहत मिलती है।
  • यदि किसी को श्वास संबंधित समस्याएं हैं, तो उन्हें तकिये के नीचे तुलसी के पत्तों को रखकर सोने से लाभ होता है।
Also Read: 

तुलसी के पत्ते रखने से क्या प्राप्त होता है?

  • तुलसी के पत्तों को पास में रखने से हमारा स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
  • व्यक्ति अपने आप को सशक्त महसूस करता है।
  • जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता, उनके पास तुलसी के पत्ते रखना चाहिए।
  • जो बच्चे माता-पिता के कहने पर यादरहित हैं, उन बच्चों को तुलसी के पत्ते रखने चाहिए। इससे वे माता-पिता की सुनते होते हैं और उनकी सलाह मानने लगते हैं।
  • तुलसी के पत्तों को अपने पास रखने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।
  • जो व्यक्ति तुलसी के पत्तों को अपने पास रखता है, उसके ग्रह और नक्षत्र भी सुधर जाते हैं।

तुलसी के पत्ते क्यों नहीं खाने चाहिए?              

सामान्यत: तुलसी के पत्तों का सेवन बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। हालांकि, इसे अधिक मात्रा में खाने से कुछ हानि हो सकती है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है। इसलिए, तुलसी के पत्तों को अधिकतम सीमा में ही खाना चाहिए।

  • तुलसी में आयरन और पारा जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे दांतों को क्षति पहुंचा सकते हैं। इसलिए, तुलसी के पत्तों को अधिक चबाकर खाने से दांतों को क्षति हो सकती है।
  • तुलसी के पत्तों का अधिक मात्रा में सेवन करने से खून पतला होने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • गर्भवती महिला के लिए तुलसी के पत्ते हानिकारक साबित हो सकते हैं, इसलिए इन्हें खाना नहीं चाहिए।

तुलसी का पौधा दान करने से क्या प्राप्त होता है?

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी का पौधा दान करना बहुत ही श्रेष्ठ और शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधा दान से होने वाले कुछ लाभों के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की है।

  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए Tulsi Ka Paudha दान करना।
  • इसके अतिरिक्त, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त होती है। इससे हमें धन की प्राप्ति होती है।
  • तुलसी का पौधा दान करने से हमें सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • तुलसी का पौधा दान करने से हमें आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।

निष्कर्ष

मित्रों, आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको बताया है कि क्या तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं, और क्या एकादशी के दिन Tulsi Ka Paudha लगाना चाहिए या नहीं। इसके अलावा, इस विषय से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आज का हमारा लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

मित्रों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा आलेख 'तुलसी का पौधा/Tulsi Ka Paudha किसी को देना चाहिए या नहीं और तुलसी के पत्ते क्यों नहीं खाना चाहिए' पसंद आया होगा। धन्यवाद!

FAQs

घर में कौन-कौनसी तुलसी लगाना शुभ माना जाता है?

यद्यपि आप किसी भी प्रकार की तुलसी घर में लगा सकते हैं, लेकिन रामा और श्यामा तुलसी को घर में लगाना अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है।

क्या तुलसी के पौधे में दूध डाला जा सकता है?

हाँ, वैसे तो तुलसी के पौधे में पानी ही चाहिए, परंतु आप चाहें तो दूध भी डाल सकते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का नाम लेते हुए तुलसी के पौधे में दूध डालते हैं, तो इससे आपको धन की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

तुलसी किस देवता के लिए चढ़ाई नहीं जा सकती है?

तुलसी को आप भगवान शंकर, गणेशजी, हनुमानजी के लिए चढ़ाई नहीं जा सकती हैं।

तुलसी के पौधे के पट्टे में शिवलिंग रखा जा सकता है क्या?

नहीं, तुलसी के पौधे में कभी भी शिवलिंग न रखें। क्योंकि तुलसी को भगवान शिव को भी चढ़ाई नहीं जाती है।

तुलसी को कब नहीं छूना चाहिए?

हालांकि, आप प्रतिदिन तुलसी की पूजा आदि कर सकते हैं, पर कुछ ऐसे दिन भी होते हैं जिनसे बचना चाहिए। उन दिनों तुलसी की पूजा और छूने से भी बचना चाहिए।

सामान्यत: शाम के समय में तुलसी को छूने से बचना चाहिए, जैसा कि मान्यता है। इसके अलावा, रविवार, एकादशी, चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के दिनों पर भी तुलसी को छूने से बचना चाहिए।

तुलसी के पास क्या रखना नहीं चाहिए?

अगर आपके आंगन में तुलसी लगी है, तो उसके आसपास सफाई का खास ध्यान रखें। तुलसी के पास आपको शिवलिंग, झाड़ू, कांटे दार पौधे, कूड़ादान, और जूते-चप्पलें नहीं रखनी चाहिए।

तुलसी पर सिंदूर लगाना संभव है क्या?

हाँ, आप सुबह के समय पूजा के दौरान तुलसी पर सिंदूर लगा सकते हैं।

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार | कर्मों की सजा कैसे मिलती है

कोई टिप्पणी नहीं

शनिवार

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार - हम सभी लोग यह तो जानते ही है. की जैसा कर्म करेगे वैसे फल की प्राप्ति होगी। हमारे पुराने प्राचीन ग्रंथो में भी कर्मो के बारे में काफी बाते बताई गई हैं, जो मनुष्य अच्छा कर्म करता हैं। उसे अच्छे फल की प्राप्ति होती हैं तथा ऐसा मनुष्य सुख भोगता हैं और जो मनुष्य बुरे कर्म करता हैं। उसे बुरे फल की प्राप्ति होती हैं तथा ऐसा मनुष्य दुख भोगता हैं।

karmo-ka-phal-kaise-milta-hai-geeta-sar-janiye
कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार

इसलिए मनुष्य को बुरे कर्म को छोड़कर अच्छे कर्म करने की सलाह गरुड़ पुराण तथा गीता सार में भी दी गई हैं। मनुष्य को अच्छे फल की प्राप्ति के लिए धर्म के मार्ग पर चलकर अच्छे कर्म करने चाहिए। नहीं तो कर्मो की सजा मिल सकती हैं। यह कर्मो की सजा तथा फल कैसे मिलते हैं। यह जानने के लिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार के अनुसार बताने वाले हैं। इसके अलावा यह भी बताने वाले है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

ये भी पढ़े: जानिए कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र, उपाय और सम्पूर्ण जानकारी

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार | कर्मों की सजा कैसे मिलती है

गीता सार के अनुसार मनुष्य को कर्मो की सजा का फल कैसा मिलता हैं। इसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं:

  • जो व्यक्ति अभी के वर्तमान के समय में किसी अन्य व्यक्ति के पैसे लुटता हैं तथा चोरी आदि करता हैं। ऐसे व्यक्ति को गीता सार के अनुसार भयंकर दंडित किया जाता हैं। ऐसा माना जाता है की यमदूत ऐसे व्यक्ति को नर्क में ले जाकर इतना पिटते हैं की व्यक्ति बेहोश हो जाता हैं, और होश में आने पर फिर से पीटा जाता हैं।
  • जो व्यक्ति स्वार्थ के खातिर निर्दोष व्यक्ति की हत्या करते हैं। ऐसे लोगो को नर्क में ले जाकर गर्म तेल में डुबोकर तला जाता हैं।
  • जो पति-पत्नी अपने स्वार्थ के खातिर एक दुसरे के साथ रहते हैं। जब तक पैसे है एक दुसरे के साथ रहते हैं और पैसे नहीं होने पर साथ छोड़ देते हैं। ऐसे व्यक्ति को गर्म तवे की रोड पर सुलाकर पीटा जाता हैं। 
  • जो लोग दुसरो के पैसे हडप लेते हैं। उनको सांप से भरे कुएं में डाला जाता हैं।
  • जो लोग जानवर तथा मांसाहार का सेवन करते हैं। उनको नर्क में ले जाकर जानवरों के बीच में छोड़ा जाता हैं और फिर जानवर उन्हें खाते हैं।

किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है          

किस कर्म से कौन सी बीमारी होती हैं। इसके बारे में हमने नीचे जानकारी दी हैं:

  • अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का अपमान करता है या फिर अन्य व्यक्ति को निराश करता हैं, तो ऐसे व्यक्ति को मानसिक पीड़ा का दर्द झेलना पड़ता हैं।
  • अगर किसी व्यक्ति ने चूहे तथा सांप के छेद को बंध किया हैं। किसी जीव को घोटकर मारने का प्रयास किया हैं, तो ऐसे व्यक्ति को अस्थमा तथा निमोनिया आदि रोग हो सकते हैं।
  • जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जहर खिलाकर मार डालता है। उस व्यक्ति को सांप तथा बिच्छु आदि काटकर मार डालते है।

गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है

गीता के अनुसार किसी भी जीव की हत्या करना सबसे बड़ा पाप माना गया हैं।

पाप का मुख्य कारण क्या है

पाप का मुख्य कारण इच्छा होती हैं। जब किसी मनुष्य की इच्छा पूर्ण नहीं होती हैं, तो वह पाप के रास्ते पर चढ़कर अपनी इच्छा पूर्ण करने की कोशिश करते हैं और इस प्रकार मनुष्य के हाथ से पाप होता रहता हैं।

ये भी पढ़े: आज हम जानेंगे नारियल का मुख कैसे पहचाने

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार अनुसार बताया हैं। इसके अलावा यह भी बताया है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार / कर्मों की सजा कैसे मिलती है ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

इन्हें भी पढ़ें:-

नवरात्रि में क्या-क्या नहीं करना चाहिए

तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए

जानिए कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र, उपाय और सम्पूर्ण जानकारी

कोई टिप्पणी नहीं

कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय - कई बार कन्या की उम्र विवाह योग्य हो जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बनते हैं। ऐसी परिस्थति में कन्या के माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। कन्या का विवाह अगर योग्य समय पर नहीं हो पाता हैं, तो कन्या की उम्र बढ़ने के साथ अच्छे वर की भी प्राप्ति नहीं होती हैं।

kanya-ke-shighr-vivah-hetu-mantra-upay
कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र, उपाय

अगर आप भी कन्या के विवाह को लेकर परेशान हैं। आपकी कन्या की उम्र हो जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बन रहे है, तो आज हम कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताने वाले हैं। जिसे करने से आपकी कन्या का विवाह शीघ्र हो जाएगा और अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी। 

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताने वाले हैं। इसलिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है। 

कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय

अगर आप अपनी कन्या के लिए योग्य वर की तलाश करते करते थक गए हैं तथा आपकी कन्या की उम्र विवाह योग्य हो जाने के बाद भी विवाह के योग नहीं बन रहे है तो आपको नीचे दिए गया मंत्र और उपाय करना होगे। हमने कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और संपूर्ण विधि नीचे बताई हैं।

कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र

हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥

यह माँ कात्यायनी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माना जाता हैं। जिसका जाप करने से कन्या के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं तथा अच्छे वर की प्राप्ति होती हैं।

ये भी पढ़े: शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने के फायदे

यह मंत्र जाप करने से पहले आपको एक बाजोट पर माँ कात्यायनी यंत्र और कार्यसिद्धि माला को स्थापित करना हैं। इसके पश्चात ऊपर दिया गया मंत्र नियमित रूप से रोजाना एक माला जाप करना हैं। इस मंत्र का जाप आपको किसी निश्चित समय पर करना हैं तथा रोजाना एक ही आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करे। 

यह मंत्र जाप करने से शीघ्र ही मंत्र सिद्ध हो जाता हैं तथा माँ भगवती की कृपा से जल्दी ही कन्या का विवाह संपन्न हो जाता हैं। इसके अलावा आप कुछ और भी उपाय कर सकते हैं जो हमने नीचे बताए हैं।

कन्या शीघ्र विवाह करने के लिए वास्तुदोष को दूर करे

कई बार विवाह में वास्तुदोष भी अड़चन रूप हो सकता हैं। अगर आपकी कन्या का विवाह योग्य समय नहीं हो रहा है या फिर काफी कोशिश करने के बाद भी योग्य वर नहीं मिल पा रहा हैं तो आपको अपने घर के वास्तु पर भी ध्यान देना चाहिए।

वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि घर में गुरु का स्थान अगर दूषित हैं। जैसे की गुरु के स्थान पर गंदगी तथा कूड़ा कबाड़ा रखा हुआ है। तो इस कारण घर के शुभ कार्य तथा कन्या के विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए गुरु का स्थान साफ़ रखे। 

इसके अलावा कन्या के शीघ्र विवाह के लिए कन्या का कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में रखे. तथा कन्या के हाथो बृहस्पती देव की पूजा-अर्चना करवाए। इससे कन्या का शीघ्र विवाह हो जाएगा तथा अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी।

कन्या के शीघ्र विवाह के लिए शिव - पार्वती की पूजा करे

भगवान शिव और पार्वती जल्दी प्रसन्न होने वाले देवी-देवता माने जाते हैं। अगर आप घर के ईशान कोण में शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करके नियमति रूप से उनकी पूजा करते हैं, तो कन्या का शीघ्र विवाह हो जाता हैं। कन्या को शीघ्र विवाह के लिए तथा मनचाहा वर पाने के लिए पार्वती मंगल का पाठ करना चाहिए। 

हमने जो मंत्र और उपाय बताए है वह बहुत ही प्रभावशाली माने जाते है। इसलिए जिन कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हैं। उन्हें यह मंत्र जाप और उपाय जरुर करना चाहिए। इससे आपको कुछ ही दिनों मे परिवर्तन दिखाई देगा।

कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय

कन्या की जल्दी शादी के लिए घर में सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक आस्था का बड़ा प्रभाव डालती है। यदि आप माता-पिता है तो सबसे पहले आपकी हर शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए, तथा अपनी कन्या को पीले वस्त्र पहनाकर मंदिर में प्रसाद चढ़ाने को बोलना चाहिए। तथा सप्ताह के हर गुरुवार को व्रत रखना और उस दिन केले के पेड़ की पूजा करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि आप के ऊपर राहु-केतु के प्रभाव है तो ऐसे शांति के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा अगर संभव हो तो गाय को गुड़ तथा रोटी खिलाएँ। इन सभी सरल उपायों को करने से जल्दी शादी की बाधाएँ कम होती हैं और शीघ्र बहुत अच्छे घर से रिश्तों की आने की संभावना बढ़ती है।

ये भी पढ़े: जानें साल 2026 में शुभ विवाह मुहूर्त, मैरिज तिथि लिस्ट यहाँ देखें!

शीघ्र विवाह के लिए अपनाएं ये टोटके

गुरुवार को व्रत और पूजा: शीघ्र शादी के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखना और मंदिर में जाकर भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने से शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने में बेहद प्रभावी उपाय माना जाता है। इस दिन पीले वस्त्र को धारण करके पूजा करने से और भी जल्दी शुभ समाचार मिलता है।

पास के मंदिर में दीपक जलाना: शीघ्र विवाह के लिए हर शुक्रवार को घर के पास के मदिर में शिव-पार्वती या राधा-कृष्ण को सरसों के तेल का दीपक जलाएँ चाहिए। यह टोटका को करने से रिश्तों में मिठास और विवाह योग को भी मजबूत बनता है।

गौ की सेवा का महत्व: हर वीक आपको गाय को गुरुवार या सोमवार के दिन रोटी, गुड़ और हरी घास खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके ग्रहदोष शांत होते हैं तथा विवाह में आ रही देरी भी कम होती है।

कन्या दान और गरीब बेटियों की मदद: शीघ्र शादी के लिए किसी जरूरतमंद लड़की को कपड़े, भोजन और पढ़ाई में मदद करना अत्यंत ही फलदायी माना गया है। ऐसा करने से आपको जल्दी शुभ प्रस्ताव मिलने लगते हैं।

मंदिर में पीले चावल चढ़ाना: पास के मंदिर में जा कर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के चरणों में हल्दी मिले चावल अर्पित करने से विवाह योग को अधिक बल मिलता है और ऐसा करने से सौभाग्य बढ़ाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ: रोज शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके ऊपर चल रहे राहु-केतु का प्रभाव भी कम होता है और शादी-विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय बताए हैं। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आगे जरुर शेयर कर।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कन्या के शीघ्र विवाह हेतु मंत्र और उपाय ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

यदि शीघ्र विवाह हेतु के और भी विस्तार से जानने के लिए अभी प्रसिद्ध ज्योतिष से बात करे / Talk to Astrologer और पाएं सही धार्मिक मार्गदर्शन!

FAQs

ज्योतिष शास्त्र में शीघ्र विवाह के कई उपाय बताए?

जी हाँ, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को व्रत, मंदिर में दीपक जलना, गौ माता की सेवा, गरीब बेटियों की मदद करना और पीले चावल चढ़ाना ये सब शीघ्र विवाह के कारगर उपाय है।

विवाह में हो रही है देरी तो करें इन मंत्रों का जाप?

यदि विवाह में देरी हो रही हो तो हर दिन “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” और “ॐ शुक्लाम्बरधराय नमः” मंत्रों का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें। ऐसा करने से बाधाएँ दूर होगी और आपके विवाह योग को जल्दी मजबूती मिलेगी।

शीघ्र विवाह के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

शीघ्र विवाह के लिए हर गुरुवार को व्रत रखें, तथा भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें, प्रत्येक शुक्रवार को दीपक जलाएँ और हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से विवाह बाधाएँ दूर होगी और शुभ रिश्ते आने लगेंगे।

शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से शादी जल्दी होती है?

यदि आप जल्दी शादी होने के लिए सोचा रहे है तो आपको शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल, सफेद पुष्प और बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह आपको हर सोमवार के दिन यह पूजा नियमित रूप से करने पर विवाह में आ रही रुकावटें बहुत कम होती हैं।

विवाह होने से पहले क्या संकेत मिलता है?

विवाह से पहले अक्सर आपके जीवन में सकारात्मक संकेत का दिखाई देना, जैसे अचानक से अच्छे-अच्छे रिश्तों का आना, आपका मन का शांत होना, आपके घर में अनुकूल माहौल बनना तथा देवी-देवताओं को सपने में देखना। ये सब शुभ संकेत विवाह योग की ओर मुख्य रूप से इशारा करते हैं।

जल्दी शादी के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए?

जी हाँ, जल्दी शादी के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी तथा शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

शादी में रुकावट आ रही है तो क्या उपाय करें?

यदि शादी में रुकावट आ रही है तो गुरुवार को व्रत करे और गरीब लोगो की मदत करें तथा मंदिर में दीपक जलाये और काऊ को रोटी- गुड़ खिलाये।

शीघ्र विवाह के लिए किस देवता की पूजा करनी चाहिए?

शीघ्र विवाह के लिए के लिए भगवान विष्णु तथा माँ लक्ष्मी की पूजा करें।

इन्हें भी पढ़ें:-

जानें सुहागन स्त्री को बाल कब धोना चाहिए

पूर्णिमा का व्रत क्यों किया जाता है

शिवलिंग पर इलायची चढ़ाने के फायदे

तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए

जाने पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे | बहुत ही प्रभावशाली तरीके

कोई टिप्पणी नहीं

पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे - इस संसार में मनुष्य जो चाहता है अपनी मर्जी अनुसार कर सकता हैं। भगवान मनुष्य को कभी भी नही रोकते हैं। भले ही मनुष्य अच्छे काम करे या फिर बुरे काम करे। भगवान कभी भी कोई भी कार्य करने से मनुष्य को रोकता नही हैं।

par-stri-gaman-ka-praycshshit-kaise-kre-janiye
पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे

लेकिन ध्यान में सब कुछ रखता है यानी की आप अच्छे कार्य कर रहे है, तो भगवान आपको शुभ फल प्रदान करते हैं और आप गलत कार्य करते है, तो भगवान आपको रोकता नही हैं लेकिन आपके कार्यो को ध्यान में रखकर आपको उसकी सजा जरुर देता हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है कि पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े। तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे

अगर आपने पर स्त्री गमन कर लिया हैं, तो ऐसे में आपको भगवान बहुत बड़ी सजा दे सकते हैं। पर स्त्री गमन करना पाप माना जाता हैं, पर स्त्री गमन करने की आपको बहुत बड़ी सजा मिल सकती हैं। लेकिन आपको पर स्त्री गमन करने का दुःख है और आप प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो आप नीचे बताई गई बातो को ध्यान में रखे:

  • अगर आपने पर स्त्री गमन किया हैं, तो आपको कुछ अच्छे कार्य करने होगे जिससे भगवान आप पर प्रसन्न होगे और इससे आपके पुण्य में बढ़ोतरी होगी।
  • जैसे की पर स्त्री गमन करने के बाद आपको एक संकल्प लेना होगा की आज के बाद आब दुबारा कभी भी पर स्त्री गमन नही करेगे. और इस प्रकार का संकल्प लेने के बाद आपको भूलकर भी पर स्त्री गमन नही करना चाहिए। 
  • अगर आप पर स्त्री गमन का प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो आपको रोजाना जरूरतमंद व्यक्ति को दान आदि करना चाहिए और पुण्य कमाना चाहिए।
  • हमेशा जरूरतमंद लोगो की सेवा और मदद करे। उनके साथ हमेशा खड़े रहे।
  • हमारे आसपास रहने वाले जानवरों की सेवा करे। जैसे की उनको खाना खिलाए। आपके द्वार पर गाय माता आती हैं, तो उनको रोटी खिलाए।
  • कुत्तो को खाना खिलाए और चीटियों को आटा खिलाए।
  • पक्षियों और मछलियों को खाना खिलाएं।
  • पर स्त्री गमन के बारे में कभी भी ना सोचे और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाये।
  • अपने माता पिता की सेवा में अपना मन लगाये, अपने गरुदेव की सेवा करे।
  • अगर आपने पर स्त्री गमन किया है, तो भगवान की शरण में जाए और उनसे अपनी गलती की माफ़ी मांगे।

पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाने वालों को नर्क में क्या सज़ा मिलती है

पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाने वाले लोगो को बहुत ही भयंकर सजा दी जाती हैं। यमराज ने ऐसे लोगो के लिए बहुत भयंकर सजा निर्धारित की हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगो को नर्म में गर्म लोहे के खंभे से आलिंगन कारवाया जाता हैं और उसको बहुत ही तडपाया जाता हैं।

किसी भी पाप का प्रायश्चित करने पर मन की स्थिति कैसी होती है

किसी भी पाप का प्रायश्चित करने पर पर मन में शांति की अनुभूति होती हैं, लेकिन हमारे मन में कही ना कही उस कार्य को लेकर अच्छा नही लगता हैं। पर प्रायश्चित करने के बाद थोडा मन हल्का होता हैं।

लेकिन आपको प्रायश्चित करने के बाद उस कार्य को कभी भी नही करना चाहिए। जिससे आपको दुःख हुआ था। लेकिन किसी भी पाप का प्रायश्चित करने के बाद कही ना कही हमारे मन को शांति अवश्य ही मिलती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे। इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं।

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे बहोत ही प्रभावशाली तरीके जाने ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

इन्हें भी पढ़ें:-

जानिए नींद भगाने का मंत्र और घरेलू उपाय

जानिए प्रसिद्ध होने के उपाय | मान-सम्मान के लिए मंत्र

पूजा के बाद नारियल का क्या करें

आज हम जानेंगे नारियल का मुख कैसे पहचाने | पूजा के बाद नारियल का क्या करें

कोई टिप्पणी नहीं

नारियल का मुख कैसे पहचाने - हिंदू सनातन धर्म में नारियल की पूजा की जाती हैं। हिंदू सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य किया जाता है। या फिर हमारे घर में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान आदि रखा जाता हैं। तब सबसे पहले नारियल को इस्तेमाल में लिया जाता हैं। धार्मिक अनुष्ठान शुरू होने से पहले नारियल पर कुमकुम आदि का टिका लगाकर विधिवत पूजा आदि भी की जाती हैं।

nariyal-ka-mukh-kaise-pahchane-pooja-ke-bad-kya-kre
नारियल का मुख कैसे पहचाने

इसके अलावा हमने नया मकान लिया है, या फिर किसी बिजनेस की शुरुआत की है, तो शुभ मुहूर्त में नारियल स्थापित किया जाता हैं। इस तरीके से हिंदू सनातन धर्म में काफी धार्मिक कार्यो में नारियल का इस्तेमाल किया जाता हैं।

आज हम नारियल के बारे में ही कुछ जानकारी आपको प्रदान करेगे। इसलिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक जरुर पढ़े।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले है की नारियल का मुख कैसे पहचाने तथा पूजा के बाद नारियल का क्या करें। इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करेगे, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

ये भी पढ़े: जानिए ब्रह्म कमल का पौधा कैसे लगाये

नारियल का मुख कैसे पहचाने

नारियल का मुख पहचानने के लिए जब हम नारियल को छिलते हैं, तो अंदर से तीन काले बिंदु हमे मिलते हैं। ऐसा माना जाता है की यह तीन काले बिंदु नारियल की दो आँखें और एक मुंह हैं, तो नारियल को छिलने के बाद आप जिस साइड तीन बिंदु को पाते हैं। वही नारियल का मुख हैं तो इस तरीके से आप नारियल के मुख की पहचान कर सकते हैं।

पूजा के बाद नारियल का क्या करें

पूजा के बाद कुछ लोग नारियल को तोड़कर प्रसाद के रूप में बांट देते हैं, तो कुछ लोग पूजा के बाद नारियल को बहते हुए पानी में विसर्जित कर देते हैं।

घर के मंदिर में नारियल रखने से क्या होता है

हमारे पुराने शास्त्रों के अनुसार नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना गया हैं। वास्तु शास्त्र में भी नारियल को अधिक महत्व दिया गया हैं। ऐसा माना जाता है की घर के मंदिर में नारियल रखने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा के लिए हमारे ऊपर रहता हैं।

नारियल को श्री फल के नाम से भी जाना जाता हैं। घर के मंदिर में नारियल रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। इसलिए घर के मंदिर में नारियल रखना चाहिए।

नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए

आप जब भी आपके घर में पूजा आदि करते हैं या फिर धार्मिक अनुष्ठान का आहवान करते हैं। पूजा आदि संपूर्ण हो जाने के पश्चात नारियल को पानी में विसर्जित किया जाता है या फिर तोड़कर प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं।

आप नारियल अपने घर में कभी भी तोड़ सकते हैं। नारियल तोड़ने के लिए कोई भी दिन निश्चित नहीं हैं। कुछ लोग तो नारियल की चटनी तथा नारियल से बनने वाली रेसिपी बनाने के लिए कभी भी नारियल को ले आते है और तोड़ देते हैं. इसलिए आप नारियल कभी भी किसी भी दिन तोड़ सकते हैं।

ये भी पढ़े: क्रासुला का पौधा कैसे लगाएं जानें

मंदिर में नारियल क्यों फोड़ा जाता है

नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता हैं। मंदिर में नारियल फोड़ने से देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं क्योंकि यह त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है। पूजा में या फिर मंदिर में नारियल फोड़ने का मतलब होता है कि हमने अपने आप को इष्टदेव या फिर देवी-देवता को समर्पित कर दिया हैं।

स्वयं समर्पित होकर पूजा आदि करने से देवता प्रसन्न होते हैं। इसलिए मंदिर में भगवान की प्रतिमा के सामने नारियल फोड़ा जाता हैं।

अगर आप मंदिर में जाकर या पूजा आदि के दौरान नारियल नहीं फोड़ते हैं, तो यह समझा जाता है कि आपने स्वयं को भगवान के समर्पित नही किया हैं। ऐसा करने पर भी आपको शुभ फल की प्राप्ति तो होती हैं। लेकिन नारियल फोड़ने से जो शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। वह शुभ फल की प्राप्ति अधिक होती है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताया है की नारियल का मुख कैसे पहचाने तथा पूजा के बाद नारियल का क्या करें। इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह नारियल का मुख कैसे पहचाने। पूजा के बाद नारियल का क्या करें ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

इन्हें भी पढ़ें:-

शिवलिंग पर दूर्वा कैसे चढ़ाएं

जानें सुहागन स्त्री को बाल कब धोना चाहिए

जानिए नींद भगाने का मंत्र और घरेलू उपाय

सोमवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए

जानें क्या है खाटू श्याम जी के उपाय | खाटू श्याम की ज्योत कैसे जलाते हैं!

कोई टिप्पणी नहीं

शुक्रवार

खाटू श्याम की ज्योत कैसे जलाते हैं - राजस्थान के सीकर में मौजूद खाटू श्यामजी के मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्तगण दर्शन करने के लिए जाते हैं। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को हर साल खाटू श्यामजी का जन्मदिवस मनाया जाता हैं। इस मौके पर काफी लोग भक्त बाबा के चरणों में हाजरी लगाने जाते हैं।

khatu-shyam-ji-ke-upay-aur-jyot-kaise-jlate-hai

ऐसा माना जाता है की श्री खाटू श्यामजी की दर्शन मात्र से ही भक्तो के सभी दुख दूर हो जाते हैं तथा भक्तो की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं। अगर आप घर बैठे ही खाटू श्याम जी से संबंधित कुछ उपाय करते हैं, तो आपका जीवन भी सुखमय बन जाता हैं।

दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से खाटू श्याम जी के उपाय बताने वाले हैं। इसके आलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े, तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है।

खाटू श्याम जी के उपाय

खाटू श्याम जी का एक बहुत ही कारगर और प्रभावशाली उपाय हमने नीचे बताया हैं। जिसे करने से मनुष्य की सभी प्रकार की समस्या का निवारण होता हैं।

  • खाटू श्याम जी का उपाय करने के लिए सबसे पहले उनकी प्रतिमा को किसी भी साफ़ जगह पर साफ वस्त्र पर स्थापित कर ले।
  • इसके पश्चात पुष्प, धूपदीप, अगरबत्ती, प्रसाद, भोग, पंचामृत आदि को तैयार करकर रख ले।
  • अब खाटू श्याम जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाए। इसके पश्चात शुद्ध जल से फिर से स्नान करवाने के बाद मुलायम कपड़े से प्रतिमा को साफ कर ले।
  • इसके पश्चात पुष्प आदि चढाने के बाद घी का दीपक जलाए और अगरबत्ती करे।
  • इसके बाद खाटू श्याम जी की प्रतिमा के समक्ष कच्चा दूध चढ़ाए और सात्विक प्रसाद जैसे की पेंडा, हलवा, लड्डू आदि का भोग लगाए।
  • इतना करने के बाद खाटू श्याम जी से क्षमा याचना करे तथा अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करे।
  • खाटू श्याम जी को चढाया हुआ प्रसाद स्वयं ग्रहण करे और दुसरो में भी बांट दे।
  • यह उपाय आपको रोजाना नियमति रूप से सुबह के समय स्नान आदि करने के बाद करना हैं। यह उपाय करने से खाटू श्याम जी के आशीर्वाद की आपको प्राप्ति होगी तथा उनके आशीर्वाद से आपका जीवन सुखमय होगा।

खाटू श्याम की ज्योत कैसे जलाते हैं | खाटू श्याम के 11 नाम

खाटू श्याम जी की ज्योत उनके 11 नाम का जयकारा लगाकर की जाती हैं। उनके 11 नाम हमने नीचे बताए हैं:

  • जय खाटू वाले श्याम
  • जय श्री श्याम
  • जय हो कलियुग देव की
  • जय हो शीश के दानी
  • जय खाटू नरेश
  • जय हो खाटू वाले नाथ की
  • जय मोर्वये
  • लीले के अश्वार की जय
  • जय मोर्विनंदन श्याम
  • हारे के सहारे की जय
  • लखदातार की जय

निशान क्यों चढ़ाया जाता है?

श्याम बाबा ने बलिदान में अपना शीश दान कर दिया था। इसलिए उनके इस बलिदान और विजय पर निशान चढ़ाया जाता हैं। निशान एक ध्वजा होती हैं जो नीला, केसरी, सफ़ेद और लाल रंग की होती हैं।

श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए

जैसे हम अन्य देवी देवताओं की पूजा करते हैं। उसी तरीके सामान्य रूप से श्याम बाबा की पूजा की जाती हैं। श्याम बाबा की पूजा करने के लिए स्नान आदि करने के बाद उनकी प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाकर तथा पुष्प आदि चढ़ाकर की जाती हैं। अंत में आप ऊपर बताए गए श्याम बाबा के 11 नाम का जयकारा लगा सकते हैं और उनकी आरती कर सकते हैं।

ये भी पढ़े: भगवान परशुराम की पूजा क्यों नहीं होती?

खाटू श्याम कब जाना चाहिए?

वैसे तो आप खाटू श्याम जी के दर्शन करने के लिए कभी भी जा सकते हैं। लेकिन कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन उनके जन्मदिवस पर काफी भक्तगण दर्शन करने के लिए जाते हैं। वहां पर मेला भी लगता हैं। इस विशेष मौके पर आप खाटू श्याम जा सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस ब्लॉग के माध्यम से खाटू श्याम जी के उपाय बताए हैं। इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं, तो आगे जरुर शेयर करे। ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह खाटू श्याम जी के उपाय | खाटू श्याम की ज्योत कैसे जलाते हैं ब्लॉग अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

इन्हें भी पढ़ें:-

ब्रह्म कमल किस देवता को चढ़ाया जाता है

क्रासुला का पौधा किस दिन लगाना चाहिए

पूर्णिमा के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं

Don't Miss
© all rights reserved
made with by DildarNagar