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आलू-प्याज के रेट उड़ान भर रहे हैं, इसलिए खरीदारी पहले ही कर लें, इसकी वजह को जानें

आम जनता को एक और महंगाई का झटका लगने वाला है। दरअसल, आलू-प्याज के रेट सातवें आसमान पर पहुंचने वाले हैं। यह बताया गया है कि एक महीने में आलू कीमतें 20 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ गईं हैं। साथ ही, छोटे आलू के दाम 20 से 22 रुपए हो गए हैं, जो कुछ दिन पहले 14 रुपए प्रति किलोग्राम थे।

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आम लोगों को जल्द ही महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। आलू और प्याज की कीमतें न केवल उनकी रातों की नींद उड़ा सकती हैं, बल्कि इससे कोई मजाक भी नहीं है। रिटेल मार्केट में पिछले एक महीने में आलू की कीमत में करीब 30 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है।

दूसरी ओर, प्याज के निर्यात के खुलने के बाद कीमतों में वृद्धि की संभावना उठाई जा रही है। यह इसका संकेत देता है कि आने वाले दिनों में महंगाई में वृद्धि हो सकती है। आइए, आपको भी बताते हैं कि आलू और प्याज के दाम में कितना वृद्धि हुआ है।

सांख्यिकीय डेटा के अनुसार, पिछले एक महीने में आलू कीमतें 20 रुपए से बढ़कर 30 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं। इससे स्पष्ट होता है कि आलू कीमत में 10 रुपए प्रति किलोग्राम का वृद्धि हुआ है। रिटेल मार्केट में चिप्सोना आलू 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर उपलब्ध है। साथ ही, छोटे आलू के दाम 20 से 22 रुपए हो गए हैं, जो कुछ दिन पहले 14 रुपए प्रति किलोग्राम थे। इस वृद्धि की तेजी से बढ़ती आलू की कीमतों के संकेत मिलते हैं।

जानकार प्याज की महंगाई की भविष्यवाणी भी कर रहे हैं। सरकार ने प्याज के निर्यात को अनुमति दे दी है, जिससे प्याज उत्पादक अपने उत्पाद को विश्वभर में भेज सकेंगे। ऐसे में, आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में वृद्धि की संभावना है। भारत के प्याज के निर्यात पर रोक लगाई गई थी तो दूसरे देशों में प्याज की कीमतें 100 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं। वर्तमान समय में भी निर्यात मार्केट में प्याज कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम है, जिससे घरेलू उपयोग में आने वाले प्याज की कीमतों में वृद्धि हो रही है।

देश के रिटेल इंफ्लेशन में सब्जियों की महंगाई का वेटेज 7.4 फीसदी है, जबकि फूड इंफ्लेशन में सब्जियों का वेटेज लगभग 15 फीसदी है। वर्तमान में सब्जियों की महंगाई में लगातार वृद्धि हो रही है। गर्मियों में हरी सब्जियों की डिमांड ज्यादा होती है, जिनकी कीमतें भी बढ़ रही हैं। इस दौरान, सब्जियों की महंगाई के कारण कुल महंगाई दर डबल डिजिट में बढ़ सकती है।

दूसरी ओर, देश में हीटवेव का माहौल विद्यमान है। इसके कारण बारिश और दुर्भाग्यपूर्ण समय में खराब होने वाली सब्जियों में अधिकतम देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हीटवेव के कारण फल और सब्जियों की कीमतों में तेजी देखने की संभावना है। वहीं, ज्यादा गर्मी के कारण लॉजिस्टिक और परिवहन संबंधी चुनौतियों के कारण आवक में कमी देखने की संभावना है।

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