धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी काशी पर्यटकों को सदैव लुभाती रही है। काशी की संस्कृति के संग गंगा घाट, महात्मा बुद्ध की कर्मभूमि सारनाथ समेत अन्य पर्यटन स्थल को देखने के लिए दुनिया से प्रति वर्ष हजारों पर्यटक यहां आते हैं। अब पर्यटक आसमान से भी काशी की सुंदरता निहार सकेंगे। यह उम्मीद देव दीपावली पर 17 से 19 तक चले अंतरराष्ट्रीय हाट बैलून फेस्टिवल से जगी है।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि वेंडर काशी में हाट एयर बैलून राइड को लेकर खासा उत्साह दिखा रहे हैं। साथ ही इस सेवा के लिए स्थायी स्टेशन की स्थापना की चाहत है। पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर खासा संभावनाएं भी जता रहे हैं। वेंडरों का कहना है कि यह प्रदेश का बहुत बड़ा हब बन सकता है। जयपुर में यह सेवा सफल है। पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। भागदौड़ के इस दौर में सभी कुछ पल शांति से गुजारना चाहते हैं। हाट एयर बैलून राइड से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। यह एडवेंचर भी है। युवाओं में यह बहुत पापुलर हो चुका है। कमिश्नर ने कहा कि वेंडरों के उत्साह को देखते हुए शीघ्र ही इस पर कुछ ठोस निर्णय हो सकता है।
जमीन से एक हजार फीट की ऊंचाई पर सफर
हाट एयर बैलून राइड जमीन से एक हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरता है। इसकी उड़ान हवा की दिशा पर निर्भर करती है। लगभग एक घंटे तक यह आसमान रह सकता है। किसी एक स्थल पर इसे उतारा नहीं जा सकता है। यह हवा के मूवमेंट पर निर्भर करता है। यही एडवेंचर भी है। आसमान से आप पूरी काशी को निहारेंगे।
तीन दिनी अभियान सफल
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि देव दीपावली के अवसर पर तीन दिन तक हाट एयर बैलून राइड का संचालन हुआ। यह पूरी तरह सफल रहा। कुछ अफवाहें जरूर सामने आई लेकिन निराधार रहीं। स्थायी राइड पर तत्काल निर्णय की उम्मीद है। खिड़किया घाट व गंगा उस पार हेलीपैड निर्माण होना है। हेलीपैड के पास इसका भी स्टेशन बनाया जा सकता है। सुबह व शाम राइड की छूट दी जा सकती है। पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा वहीं पर्यटन उद्यमियों को विशेष लाभ होगा।