जिले की अधिकांश सड़कों के गड्ढों में तब्दील होने का मामला तूल पकड़ने लगा है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जिला प्रशासन को कमेटी गठित कर सड़कों के खस्ताहाल होने की रिपोर्ट बनाकर भेजने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन सड़कों का ब्यौरा तैयार करने में जुटा है। वहीं सामाजिक संगठनों व विपक्षी दलों ने मानक के अनुरूप सड़कों के नहीं बनने और ओवरलोड वाहनों पर पाबंदी नहीं लगाने का आरोप लगाया है।
जिले की सड़कों स्थिति को देखने से सिर्फ निर्माण में अनियमितता ही बल्कि ओवरलोड वाहनों का आवागमन काफी हद तक जिम्मेदार है। ओवरलोड वाहनों के बेरोकटोक परिचालन से ही कर्मनाशा नदी पर पुल दिसंबर 2019 को डैमेज हो गया था। जिले में सकलडीहा, बरहनी, धानापुर, चहनियां क्षेत्र में सड़कों की स्थिति अत्यंत खराब है। संपर्क मार्गों के साथ ही मुख्य मार्गों पर गड्ढे दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। अलीनगर-सकलडीहा मार्ग पर ट्रक व डंपर बेरोकटोक आवागमन कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की ओर से नो-इंट्री के बाद भी दिन में ओवरलोड वाहनों का आवागमन होता रहा है। इससे लोगों को जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ा। संभागीय परिवहन व खनन विभाग के अधिकारी सिर्फ नेशनल हाईवे पर अभियान चलाकर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। सीएम के फरमान के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। अब देखना है कि सड़कों के गड्ढों में तब्दील होने की रिपोर्ट में किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरती है। इस संबंध में डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से सड़कों का ब्योरा मांगा गया है। टीम गठित कर जांच कराई जा रही है।