पूर्वांचल में प्रमुख नदियों का रुख अब घटाव की ओर होने के साथ ही तटवर्ती इलाकों में छाडऩ भी सूखने की ओर है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार भी नदियों संग बांधों का रुख अब अमूमन घटाव की ओर है। हालांकि, नदियों के निचले इलाकों और गड्ढों में छोड़े हुए पानी में सडऩ और बदबू से संक्रमण की संभावना बढ़ गई है। जबकि ठहरे पानी में मच्छरों के पनपने से मलेरिया और डेंगू का भी खतरा बढ़ गया है। जिन इलाकों में दोबारा बारिश और बाढ़ की वजह से सब्जियों की अगेती खेती चौपट हो चुकी थी वहां पर सूखने के बाद किसान खेती करना शुरू कर दिए हैं, जबकि हरे चारे का जिन क्षेत्रों में अभाव था वहां पर हरे चारे की खेती शुरू कर दी गई है।
बुधवार की सुबह केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बलिया के तुर्तीपार में सरसू नदी का जलस्तर 62.23 मीटर दर्ज किया गया जो चेतावनी बिंदु से सीजन में पहली बार नीचे आया है। जल आयोग के अनुसार घटाव के बाद अब नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है। अगर बारिश्ा हुई तो नदियों का रुख मामूली तौर पर एक बार फिर से बढ़ सकता है।