कोरोना काल में लगाए गया लॉकडाउन मुश्किल के साथ-साथ ने देश में 'इनोवेशन' के नए रास्ते भी खोलने में मददगार हुआ है। मुश्किल दौर में सबसे ज्यादा पढ़ाई को लेकर है, जिसका हल आला थामने और सर्जरी करने दो डॉक्टर दोस्तों ने स्वदेशी विज लर्निंग सिस्टम ईजाद कर ढूंढा है।
मेडिकल फील्ड से जुड़ा होने के बावजूद इंजीनियरिंग का कौशल दिखाने वाले यह डॉक्टर हैं, लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के डॉ. अजय शुक्ला और फोर्टीस अस्पताल में सर्जन डॉ. आलोक तिवारी। फिलहाल इनके ईजाद सिस्टम से करीब पांच हजार मेडिकल स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों ही दोस्त बाकी बच्चों की पढ़ाई के लिए भी यह सिस्टम पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराने की तैयारी में हैं। मकसद है, कोई बच्चा घर पर खाली न बैठे। उनका कोर्स ने छूटे।
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभी तक प्रयोग होने वाले जूम समेत तमाम सिस्टम के सिक्योरिटी फीचर पर सवाल उठते रहे हैं। सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले जूम पर तो व्यापक डाटा चोरी करने का आरोप लग चुका है। कई जगह यह प्रतिबंधित है। इन्हीं तमाम दिक्कतों को देखते हुए डॉ. अजय शुक्ला और डॉ. आलोक तिवारी ने स्वदेशी मेडविज लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने की सोची। यह मौजूदा प्रचलित एप से काफी हद तक सुरक्षित है। सिस्टम का क्लाउड हैदराबाद की स्वदेशी कंपनी से लिया है। मेडविज लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम को राजीव गांधी यूनिवर्सटी ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक से जुड़े सभी मेडिकल कॉलेज, भोपाल और बनारस के कुछ शिक्षण संस्थानों ने अपनाया है। करीब पांच हजार मेडिकल छात्र फिलहाल इस सिस्टम से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैैं।