मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जितने भी इमरजेंसी सेवा के लिए आवेदन आए हैं, 19 मई तक उन्हेंं अनुमति प्रदान कर दी जाए। साथ ही उनसे एक शपथ पत्र ले लिया जाए कि उनके पास सभी व्यवस्था है और वे सभी मानकों का पालन करेंगे।
एकल क्लीनिक खोलने पर विचार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि एकल क्लीनिकों को खोलने के बारे में उन्होंने शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया। नर्सिंग होम एसोसिएशन के सामने सबसे बड़ा संकट पंजीकरण के नवीनकरण का था, क्योंकि नवीनीकरण अप्रैल में ही होता है। इस समय लॉकडाउन के चलते हो नहीं पा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसकी अवधि छह माह बढ़ा दी है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एससी कौशिक, नॄसग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एके चतुर्वेदी व सचिव डॉ. धर्मेंद्र राय, डॉ. अमित मिश्रा, डॉ. शिवशंकर शाही सहित स्वास्थ्य विभाग के अनेक अपर मुख्य चिकित्साधिकारी शामिल थे।
आइएमए लंबे समय से कर रहा था मांग
लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी सेवा शुरू करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) सभी आवेदनों पर अनुमति देने की मांग कर रहा था। लगभग ढाई सौ अस्पतालों ने आवेदन किया था। स्वास्थ्य विभाग ने केवल 110 चिकित्सालयों को अनुमति प्रदान की थी, जिन्हेंं अनुमति प्रदान की गई थी उन अस्पतालों की जांच के बाद कुछ कमियां मिलने पर उनकी अनुमति निरस्त की जा रही थी। आइएमए इसका भी विरोध कर रहा था। अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी अस्पतालों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है।