भांवरकोल क्षेत्र के परसदा गांव निवासी मुद्रिका राम के घर बने मानकविहीन शौचालय की दीवार गिरने से उसमें दबकर दो सगी मासूम बहनों की मौत हो गई। दोनों मासूम शौचालय की दीवार में बंधे अरगनी से खेल रही थी, इसी दौरान दीवार भरभरा कर गिर गई। मां किरन का रो-रोकर बुरा हाल था। दोनों अपनी मां के साथ दस दिन पूर्व ही अपने ननिहाल आई थीं। मुहम्मदाबाद बीडीओ व तहसीलदार ने पहुंचकर जानकारी ली।
बलिया के नरही थाना क्षेत्र के अमाव निवासी किरन अपनी तीन बेटी व एक बेटे के साथ दस दिन पूर्व परसदा स्थित अपने मायके आयी थी। सोमवार की दोपहर दोनों पुत्री अमिषा (6), प्रीता (4) खेलते-खेलते शौचालय के पास पहुंच गई। शौचालय की दीवार और आंगन में खड़े पेड़ में बंधे अरगनी पर वह झूलने लगी। इसी दौरान ने शौचालय की दीवार में पैर से धक्का मार दिया, जिससे दीवार भरभराकर गिर गई और दोनों उसमें दब गई। आनन-फानन स्वजन उपचार के लिए बिहार के बक्सर ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई।
तबतक उनके स्वजन भी अमाव से पहुंच गए और दोनों के शव को लेकर अपने घर चले आए। देर शाम भरौली गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया।मामले में अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है। स्वजन ने बताया कि तीन साल पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह शौचालय बना था। मानकविहीन होने के कारण स्वजन उसे तोड़ रहे थे। तीन तरफ की दीवार तोड़ दी थी। एक तरफ की दीवार तोड़नी बाकी थी। इस दौरान यह हादसा हो गया।
बलिया के भरौली थाना क्षेत्र के अमाव गांव में सोमवार को अचानक मातम पसर गया। गाजीपुर में ननिहाल गई दो बच्चियों की मौत की खबर सुनकर हर कोई अवाक रह गया। गाजीपुर में भांवरकोल थाना क्षेत्र के परसदा में शौचालय की दीवार ढहने से दो वर्षीय अनीशा और पांच वर्षीय अनामिका की मौत हो गई। मुद्रिका राम की पुत्री किरन की शादी अमाव में मनोज राम से हुई थी। उसकी दो बेटियां व एक बेटा था। कुछ दिन पहले किरन बच्चों के साथ मायके गई थी। सोमवार को अचानक हुए हादसे से परिवार पर वज्रपात टूट पड़ा। सुबह खबर मिलते ही पिता मनोज गाजीपुर के लिए निकल गए। वहां बच्चियों का अंतिम संस्कार करने के बाद देर शाम वह बेटे चंद्रकेश के साथ घर लौटे तो एक बार फिर स्वजन बिलख पड़े।