Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

Ghazipur News: बाजार के अनुसार औषधीय खेती करें किसान

औषधीय खेती से युवाओं को जोड़ने के लिए अमौरा गांव के शिव मंदिर परिसर में आयोजित दो दिवसीय औषधीय व सगंधी पौधों के उत्पादन विपणन व प्रसंस्करण संगोष्ठी के दूसरे दिन शनिवार को पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से पहुंचे किसानों को औषधीय खेती के गुर तथा उत्पादन को बाजार में बेचने के बारे में कृषि विपणन विशेषज्ञों ने जानकारी दी। विशेषज्ञों ने कहा कि किसान बाजार के अनुसार ही औषधीय खेती करें। कार्यक्रम का आयोजन हर्बल एग्रो मार्केटिग फेडरेशन, राष्ट्रीय औषधीय पादक बोर्ड, काशी हिदू विश्वविद्यालय गिलोय मिशन व काशी आर्गेनिक हर्बल उत्पाद की ओर से किया गया था।

मुख्य अतिथि राज्य कृषि प्रबंध संस्थान रहमान खेड़ा लखनऊ के निर्देशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य औषधीय पादप परषिद डा. पंकज त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना काल में जड़ी-बूटी के महत्व व प्रभाव को लोगों ने समझा। किसान यूरिया व तकनीकी यंत्र पर आधारित हो गया है। इसलिए खेती में समस्या उत्पन्न होने लगी। जड़ी-बूटी की खेती कर किसान अपनी आय को बढ़ा रहा है। जड़ी-बूटी के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। प्रदेश में इंटर व डिग्री कालेजों में हर्बल वाटिका खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य के लिए अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश सरकार औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को विभिन्न योजना दे रही है।

वहीं प्रधान वैज्ञानिक राष्ट्रीय औषधीय पादप परिषद दिल्ली की डा. कविता त्यागी ने मार्केटिग, बोआई, आमदनी को बड़े ही सारगर्भित ढंग से किसानों को बताया। कहा कि खेती करने से पहले किसान यह पता कर लें कि बाजार को चाहिए क्या? फिर बाजार के मुताबिक औषधीय खेती कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकता है। खेती संबंधित जानकारी खुद हासिल करें तो सफलता जरूर मिलेगी। भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, सतावरी,कालमेघ आदि की खेती करें। 

गंगा किनारे होगी आर्गेनिक खेती

वाराणसी के उप उद्यान निर्देशक मुन्ना यादव ने कहा की गंगा किनारे पांच किलोमीटर तक आर्गेनिक फार्मेसी कराई जाएगी। इसका बजट में प्रावधान कराया जाएगा। आर्गेनिक खेती से किसानों को सरकार अनुदान भी दे रही है। इस खेती में उत्पादन गुणवत्ता परक होती है। खादों का प्रयोग उपज बढ़ाने में खतरनाक साबित हो रहा है। इस खेती के लिए युवाओं को जागरूक कर जोड़ें। यह तय कर लें कि हमें खेती आर्गेनिक विधि से करनी है। जिसकी मांग हो उसकी खेती करें। नागौर राजस्थान के औषधीय पौधे के एक्सपोर्टर राकेश चौधरी ने बताया कि फसल का जलवायु के अनुसार चयन करें। मार्केट को ढूढें व उत्पादन करें। एग्रो टेक्निक विधि से फसल की बोआई करें। छह स्तरीय औषधीय खेती कर उद्यमी किसान बने।

एप पर मिलेगी पूरी जानकारी

आयुष मंत्रालय के मार्केटिग हेड डा. सौरभ शर्मा ने कहा कि किसान खेती की जानकारी के लिए ई-चरक एप डाउनलोड कर लाभ ले सकते हैं। इस एप पर रेट, उत्पादन व बाजार आदि की सही जानकारी मिलेगी। जब किसान को उसका बाजार मिल जाता है तो वह खेती कर अपनी आय को बढ़ाता है। राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निर्देशक डा. अरुण चंदन ने कहा कि दो दिवसीय इस कार्यक्रम में किसानों को कृषि विशेषज्ञों ने जो खेती संबंधित सुझाव दिए हैं उसका अमल कर सफलता हासिल करें। जड़ी-बूटी की खेती धीरे-धीरे बढ़ रही है। लोगों को जागरूक कर जोड़ने की जरूरत है। गाजीपुर में औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इस खेती को मनरेगा से भी जोड़ा जाएगा। 

ये थे उपस्थित

इस मौके पर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर व राज्य औषधि पादप परिषद के नोडल अधिकारी प्रदीप कनौजिया, डा. यूके सिंह, डा. चंदन, डा. पंकज पालसरा, किसान धर्मवीर, भूषण तिवारी, उत्कर्ष पांडेय, राकेश कुमार, सूर्यकुमार सिंह, रामनाथ, अरविद सिंह आदि लोग रहे। अध्यक्षता किसान रंग बहादुर सिंह व संचालन चंद्रशेखर मिश्रा ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ad Space

uiuxdeveloepr