ताड़ीघाट-मऊ रेलखंड के विस्तारीकरण के तहत बनने वाले रेल सह सड़क पुल का काम इन दिनों तेजी में चल रहा है। पहले चरण की इस परियोजना को दिसंबर तक पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्थाएं जुट गई हैं। रेल सह सड़क पुल के ट्रांस और रेल डैक (बाहरी और अंदरूनी हिस्से) की अंतिम पेंटिग को सिल्वर रंग से किया जा रहा है। 13 स्पैनों में से अब तक एक स्पैन के पेंटिग का काम पूरा हो गया है। जबकि फाइनल पेंटिंग मई तक पूरी होगी।
वहीं, 14 पिलरों की चारो तरफ की दीवार और पुल के खुले हुए कुछ हिस्सों पर रंगाई को लेकर शुरूआती काम चल रहा है। पुल के उपर छह स्पैनों के स्लैब की ढलाई भी पूरी हो गई है। इसमें 52 स्पैरिकल बेयरिंग में से 24 बेयरिंग लगाए जा चुके है। करीब 1100 मीटर लंबे तीन लेन का यह पुल प्रदेश का पहला बोल्ट आधारित नवीन तकनीकी पुल है। पहले चरण की करीब 14 किमी लंबी 1200 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना को दिसंबर तक पूरा करना है। इससे पहले सोनवल से सिटी स्टेशन को जोड़ना है और इसे ट्रायल के लिए तैयार करने का लक्ष्य है। वहीं, इस पुल के ऊपर व अंदर थीम आधारित अत्याधुनिक लाइटें भी लगाई जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में जिला मुख्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में रिमोट के जरिए 1766 करोड़ की 51 किमी लंबी ताड़ीघाट-मऊ बहुप्रतिक्षित परियोजना का शुभारंभ किया था। इसके पहले चरण की लागत 1200 करोड़ है। इस परियोजना के तहत सोनवल एवं घाट स्टेशन पर 50 करोड़ की लागत से करीब 620 मीटर लंबे नए स्टेशन का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा रजागंज के पास एक ब्लाक हट स्टेशन भी प्रस्तावित है। अमनदीप गोयल, प्रोजेक्ट मैनेजर एसपी सिंग्ला कंस्ट्रक्शन ने बताया कि निर्माणाधीन रेल सह सडक पुल का निर्माण निर्धारित समय में पूर कर लिया जायेगा। यह प्रदेश का पहला बोल्ट आधारित डबल डेकर पुल होगा।