गाजीपुर से लखनऊ तक बने पूर्वांचल एक्सप्रेव-वे जनता को समर्पित होने के साथ ही विकास के द्वार भी खुल गए। प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण के साथ ही इस पर न सिर्फ वाहन हवा की रफ्तार से बात करने लगे हैं, बल्कि विकास को भी पंख लगेंगे। इससे सब की राह सुगम होगी बल्कि आसपास औद्यौगिक विकास, खेती-किसानी, दुग्ध उत्पादन, सब्जी का उत्पादन क्रांति सरीखी होगी। कोरोना काल की दूसरी लहर में भी तेजी से हो रहे काम ने इसकी झलक दिखाई थी तो अब इस बदलाव की सुगंध लोग महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइव प्रसारण कार्यक्रम को जिला पंचायत सभागार में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने देखा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थ व्यवस्था वाले हैं। इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिग यूनिट्स हैं। इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।
एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से अब सिर्फ 10 घंटे में देश की राजधानी दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। यूपीडा की देखरेख में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे कासिमाबाद में पेट्रोल पंप व रेस्टूरेंट, प्रसाधन आदि का काम चल रहा है। गाजीपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर चढ़ने के लिए हैदरिया व मटेहू में एप्रोच मार्ग बनाए गए हैं। तीसरा कासिमाबाद में प्रस्तावित है जिसका काम दिसंबर महीने से शुरू हो जाएगा। जनपद में दो टोल प्लाजा होंगे।
गोरखपुर और बलिया लिक एक्सप्रेस-वे भी जुड़ेंगे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिक एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिक एक्सप्रेस-वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तीव्रतम की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे :
- एक नजर गाजीपुर में - लंबाई : 52 किमी
- सड़क : 120 मीटर चौड़ी
- गति : 100 किमी/घंटा, 120 किमी/घंटा की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है।
- एक्सप्रेस-वे का अंतिम स्थान : गाजीपुर का हैदरिया गांव (यूपी-बिहार बार्डर से 18 किमी पहले)
- कासिमाबाद के सहाबलपुर में फ्यूल पंप ।
- प्रसाधन ब्लाक मलिकपुरा में।
- हर 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिग पिट का प्रावधान।
- 1.44 लाख लगभग पौधों का रोपण।
- 33600 एक्सप्रेस वे के ऊपर फूल पौधे लगाए गए हैं।
- गाजीपुर जिले में तीन एप्रोच मार्ग हैदरिया, मटेहूं में बनाए गए हैं। कासिमाबाद में प्रस्तावित है।
- दो टोल प्लाजा बनाए गए चांदपुर व रायपुर रैंप प्लाजा बनाया गया है। - एक रेलवे ओवर ब्रीज करीमुद्दीनपुर में है। इस मार्ग के लिए गाजीपुर की जनता को शुभकामनाएं। इससे न सिर्फ लखनऊ की दूरी जल्द तय होगी बल्कि कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात में सुगमता आएगी। औद्योगिक हब के रूप में इसका विस्तार होने से हर तरह से लोगों को लाभ पहुंचेगा।