दीपावली पर वाराणसी शहर में रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे फोड़ सकेंगे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को त्योहारों के मद्देनजर जिले भर में धारा 144 लागू करने का आदेश दिया है। सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू की हैं। यह निषेधाज्ञा आगामी 26 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी।
दीपावली के दौरान ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के अनुसार घोषित साइलेंस जोन में (अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक एवं जिला हेल्थ केयर सेन्टर, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, धार्मिक स्थल एवं अन्य घोषित क्षेत्र) के 100 मीटर के अंदर पटाखें न फोड़े जाएं।
ऐसे पटाखों का विक्रय प्रतिबंधित रहेगा, जिनमें एंटीमनी, लीथियम, मरकरी, आरसेनिक लेड के कम्पाउंड या स्ट्रांसियम कोमेट या बेरियम साल्ट का प्रयोग किया गया हो। दीपावली पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे के मध्य ही आतिशबाजी की जाएगी।
दीपावली पर दुर्घटनाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
दीपावली पर होने वाली घटनाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। बीएचयू समेत अन्य सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर इमरजेंसी में तुरंत इलाज मिलेगा। इमरजेंसी और बर्न वार्ड में बेड रिजर्व रखने के साथ ही चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी भी लगाई गई है। ताकि अस्पताल पहुंचने वालों को तुरंत बेहतर इलाज मिल सके।
आम तौर पर दीपावली पर पटाखे नहीं जलाने की अपील की जाती है। बावजूद लाखों के पटाखे हर साल दीपावली पर लोग जलाते हैं। किसी का हाथ जल जाता है तो किसी को सांस लेने में तकलीफ होती है। प्रभारी सीएमओ डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि मंडलीय अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल, शास्त्री अस्पताल रामनगर की इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर मरीजों को भर्ती कर जरूरी जांच भी की जाएगी। स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्राथमिक उपचार संबंधी सभी सुविधाएं रहेंगी।
एक फोन पर पहुंचेंगी एंबुलेंस
अगर किसी तरह की कोई घटना हो जाती है तो एक फोन पर एंबुलेंस पहुंचेगी। 108-102 एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि जलने, सांस की समस्या, हृदय रोग संबंधी परेशानी होने पर इमरजेंसी में 108 डायल करना होगा। जिले में 108 सेवा की 28 और 102 सेवा की 38 एंबुलेंस हैं। सभी एंबुलेंस में स्टाफ की ड्यूटी लगाए जाने के साथ ही ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाइयां भी रहेंगी।
पटाखे से जलने पर ये बरतें सावधानी
प्रभारी सीएमओ डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि दीपावली पर हाथ, चेहरे, आंख को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। प्रदूषण आंख, नाक और गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। प्रदूषण से सांस और एलर्जी की समस्या होती है। बच्चों को पटाखों से दूर रखना चाहिए, यदि आतिशबाजी करनी ही है तो बच्चों के साथ जरूर रहें।
सावधानी
- सबसे पहले जले हिस्से को बहते पानी से साफ कर लें।
- तत्काल सरकारी या निजी अस्पताल में परामर्श लें
- जले भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोना है।
- टूथपेस्ट या हल्दी भी नही लगानी है