एमसीआई से मान्यता मिलने के बाद महर्षि विश्वामित्र राजकीय मेडिकल कालेज जिले को समर्पित कर दिया जाएगा। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदियों से तरस रहे जनपद के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। बेहतर उपचार के लिए लोगों को अब गैर जनपद नहीं जाना पड़ेगा। जिले में आयी एमसीआई की टीम को यदि सबकुछ मानक के अनुरूप मिला तो मान्यता मिलने में देरी नहीं होगी। इसके बाद यहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई के साथ रोगियों का उपचार भी शुरू हो जाएगा।
जिले के लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने के लिए नगर के आरटीआई मैदान में राजकीय मेडिकल कालेज का निर्माण अंतिम दौरान में है। निर्माण कार्य लगभग 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।विभागाध्यक्षों के तैनाती एवं जूनियर डाक्टरों के आने का सिलसिला एक महीने से चल रहा है। जिले में अब चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी नहीं होगी और यहां से जिले के साथ देश को चिकित्सक मिल सकेंगे। संचालित होने वाले एनाटॉमी, बोयोकेमेस्ट्री और फिजियोलाजी विभागों के उपकरण की खरीदारी शीघ्र होने वाली है। कालेज के तीन विभागों बायोकेमेस्ट्री, एनाटामी एवं फिजियोलाजी के संचालन से पूर्व फर्नीचर और उपकरण का कार्य हो रहा है। कालेज से संबद्ध जिला और महिला अस्पताल को मिलाकर बेडों की संख्या 300 है, जिसे बढ़ाकर 360 बेड किया जा रहा है। हालांकि उपकरण एवं फर्नीचर की खरीदारी को लेकर अभी समय है।
सभी विभागों के लिए तय हो रही बेड संख्या
मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला और महिला अस्पताल में विभिन्न विभागों को रोगियों को भर्ती करने के लिए बेडों की संख्या निर्धारित की जा रही है। इसमें सर्जरी के लिए 78 बेड, मेडिसिन के लिए 78, आर्थो 25 बेड, टीबी के मरीजों के लिए 10 बेड, चर्म रोग के लिए 10 बेड, बाल रोग से संबंधित 24 बेड, आंख के मरीजों के लिए 10 बेड, नाक, कान व गला के लिए 10 बेड, मानसिक रोग के मरीजों के लिए 10 बेड, महिला मरीजों के लिए 45 बेड, आईसीयू में 30 बेड और आपातकालीन वार्ड में 30 बेड होंगे।
मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। इससे पहले ही आगे का काम शुरू कर दिया गया है। एमसीआई की टीम निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ले गई। शीघ्र ही मेडिकल कालेज का एमसीआई से मान्यता मिलने की उम्मीद है। इसके बाद यहां एमबीबीएस की कक्षाएं भी चलने लगेंगी। फिलहाल रोगियों का उपचार शुरू कर दिया गया है।