यूपी के गाजीपुर जिले में गंगा के अलावा कर्मनाशा नदी में भी जलस्तर बढ़ गया है। इसकी वजह से खेत जहां पानी में डूब चुके हैं वहीं कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लोगों का निचले इलाकों में आवागमन प्रभावित हो चुका है। जिले में कर्मनाशा नदी इस समय पूरे उफान पर है। नदी का जलस्तर तीव्र गति से बढ़ रहा है। जलस्तर में तेजी से हो रहे वृद्धि से किनारे बसे गांव बाढ़ व कटान पीड़ितों के दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है।
कर्मनाशा का पानी तटवर्ती गांवों में प्रवेश कर गया है। रविवार सुबह की स्थित देखकर ऐसा लगने लगा है कि कर्मनाशा इस बार 2013 का इतिहास दोहराने की ओर बढ़ रही हैं। कर्मनाशा नदी साल 2013 की तरह फिर एक बार रौद्र रूप में आने लगी है। उस समय कई दिनों तक बाढ़ के पानी से गांव घिर गए थे। जहां लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ा था। तब क्षेत्र के लोग शुद्ध पेयजल के लिए भी तरस गए थे।
क्षेत्र के लोग तब के उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं। इधर, गंगा का जलस्तर बढ़ने से जहां हजारों बीघे में लगीं फसलें जलमग्न हो गईं हैं। सेवराई तहसील के ग्राम सभा भतौरा व मगरखाई के दर्जन भर से अधिक घरों व रिहायसी झोपड़ियों में पानी घुस गया है। घरों व झोपड़ियों के निचले हिस्से में पानी भर जाने से लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए विवश हैं।
गंगा व कर्मनाशा में बाढ़ के कारण गांवों में विषैले जीव-जंतुओं का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी के साथ तरह-तरह के छोटे-बड़े विषैले जीव घरों के अंदर प्रवेश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों के बीच न सिर्फ दहशत का माहौल व्याप्त है।
गंगा खतरे के निशान से ऊपर, तटवर्ती इलाकों में दहशत
जमानिया जिले में गंगा सहित सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती इलाकों में दहशत बनी हुई है। गंगा का जलस्तर शुक्रवार रात में ही खतरे के निशान 63.105 को पार करके तटवर्ती इलाके में फैलने लगा। गंगा के रौद्र रुप को देखकर तटवर्ती इलाकों के लोग काफी भयभीत हैं। गंगा में बढ़ाव जारी रहा तो तटवर्ती इलाकों में फसल डूब जाएगी और पशुओं को हरा चारा मिलना मुश्किल हो जाएगा।
मालूम हो कि 2019 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर हो गया था। जबकि बाढ़ की स्थिति का मापदंड सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर तथा चेतावनी बिंदु निम्न स्तर 61.550 मीटर एवं खतरा बिंदु मध्य स्तर 63.105 मीटर है। बाढ़ का उच्च स्तर 65.220 मीटर है।
क्षेत्र के ग्राम हरपुर, मतसा, डुहिया, मलसा, देवरिया, बैरनपुर, खाँंवपुरा, ताजपुर सिवान के निचले स्तर में बाढ़ का पानी आ गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण सब्बलपुर बांड़, देवरिया बांड़ एवं मतसा बांड़ के गंगबरार में निवास करने वाले लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं।
गृहस्थी के सभी सामान संग जानवरों को लोग नाव से सुरक्षित स्थानों की ओर ले जा रहे हैं। गंगा की विभीषिका को देखकर तहसील प्रशासन ने बाढ़ राहत कार्य के लिए गंगा और कर्मनाशा के लिए कुल 50 बाढ़ चौकियां बनाई है।