गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने के साथ ही तटवर्ती क्षेत्रों की बस्तियों में पानी घुसने से दुश्वारियां बढ़ने लगी हैं। प्रशासन की ओर से राहत का दावा तो किया जा रहा है लेकिन पानी से घिरे अधिकतर लोगों ने प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिलने की बात कही है।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर सुबह दस बजे 63.980 मीटर दर्ज किया गया। डेढ़ बजे तक जलस्तर 64.010 मीटर तक पहुंच गया था। जिले में गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान से करीब 87 सेंटीमीटर ऊपर है। गंगा में उफान को देख तटवर्ती सहमे हुए हैं। गंगा का पानी निरंतर बस्तियों की ओर बढ़ रहा है। साथ ही बाढ़ को लेकर प्रशासनिक तैयारियों की पोल खुलती जा रही है। कहने को तो प्रशासन ने कागज पर सभी तरह की तैयारी समय से पहले पूरी कर लेने का दावा किया लेकिन धरातल पर तैयारियां दूर-दूर तक नहीं दिख रही है।
जिले में कुल 670 बाढ़ प्रभावित गांव हैं। इनमें 357 उच्च स्तर, 113 मध्य स्तर तथा 200 गांव निम्न जलस्तर बाढ़ प्रभावित घोषित हैं। बाढ़ को लेकर कुल 329 नावों को अधिग्रहित किया गया है। इनमें 54 मझोली तथा 275 बड़ी नाव है। इन सभी नावों के नाविकों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है ताकि जरूरत के मुताबिक जगहों पर राहत एवं बचाव आदि के लिए उनको भेजा जा सके।
इस संबंध में एसडीएम जमानिया प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित गांवों में बचाव एवं राहत कार्य जारी है। बाढ़ नियंत्रण में ड्यूटी में लगे कर्मी पूरी मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं।