वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। पूरी उम्मीद है कि नवंबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। सावन से पहले कॉरिडोर के मंदिर चौक को पूरा कर लिया जाएगा। इसके पूरा होते ही शिरडी के साईं मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर की तरह यहां भी श्रद्धालुओं को सुविधा मिलने लगेगी।
अभी तक सावन के महीने और विशेष पर्वों पर भीड़ उमड़ती है तो लोगों की कतार सड़कों पर लगानी पड़ती है। मंदिर से करीब दो किलोमीटर तक के इलाके को बैरिकेडिंग कर यातायात भी प्रतिबंधित करना पड़ता है। इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है बल्कि आसपास का बाजार और दुकानदार भी परेशान होते हैं। इस परेशानी को सावन से दूर करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
शिरणी के साईं मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर की तरह विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए जिग-जैग स्टाइल में स्टील की रेलिंग लगेगी। इससे कई हजार लोग मंदिर परिसर में ही कतार बद्ध हो सकेंगे। रेलिंग के नीचे लाल कारपेट बिछेगी और विशेष अवसरों पर धूप आदि से बचाने के लिए भी व्यवस्था होगी। सड़कों पर कतार नहीं लगने से दुकानदारों को काफी राहत मिलेगी। आम लोगों को भी अपने वाहनों के साथ आने जाने में सहूलियत हो जाएगी।
अंतिम चरण में कॉरिडोर का निर्माण
सन-2019 से निर्माणाधीन विश्वनाथ कॉरिडोर में ज्यादातर इलाका अपना रूप धारण कर चुका है। उनमें कुछ अब निर्माण के अंतिम चरण में हैं। सबसे पहले मंदिर चौक तैयार होगा। यह करीब 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला है। विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह, तारकेश्वर महादेव, रानी भवानी, माता पार्वती व अन्नपूर्णा, भगवान विष्णु के स्थान इसी परिसर में स्थित हैं। चुनार के लाल बलुआ पत्थर से बारामदा और मोटी-मोटी दीवारें बन चुकी हैं। पत्थरों पर विभिन्न शैलियों में मनमोहक आकृतियां उकेरी गई हैं। परिसर में अब केवल मकराना के मार्बल की फ्लोरिंग का काम शेष रह गया है। उसे सावन से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
नवम्बर तक कॉरिडोर तैयार करने का लक्ष्य
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि कॉरिडोर का 55 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बरसात को देखते हुए घाट किनारे के काम तेजी से कराए जा रहे हैं। पूरा प्रयास है कि नवम्बर कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लिया जाय। मंडलायुक्त ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू खत्म होने के बाद मजदूरों की संख्या भी बढ़ा दी गयी है। सावन से पहले विश्वनाथ जी के गर्भगृह वाला मंदिर परिसर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। अब केवल मार्बल की फ्लोरिंग शेष है। वह एक माह के अंदर पूरा हो जाएगा।