सीएम योगी ने आगामी सोमवार से 11 और जिलों में 18 से 44 साल तक के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने का आदेश दिया है। अभी यह अभियान प्रदेश के सिर्फ सात जिलों में चल रहा है। सीएम योगी ने कहा है कि जिन जिलों में वैक्सीनेशन शुरू होने वाला है वहां सम्बंधित प्रभारी मंत्री/स्थानीय जनप्रतिनिधि किसी न किसी टीकाकरण केंद्र पर उपस्थित रहें। लोगों का उत्साहवर्धन के लिए जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति सहायक होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री के स्तर से वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सतत संपर्क बनाये रखा जाए।
लखनऊ में टीम 9 के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि 24 घंटे में 2,41,403 कोविड टेस्ट किए गए हैं। इसी अवधि में 28,076 नए पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है, जबकि 33,117 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। वर्तमान में 2,54,118 कुल एक्टिव केस हैं। इनमें 1,98,857 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। सीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया प्रदेश में तेजी से चल रही है। अब तक 01 करोड़ 34 लाख 30 हजार से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। अधिक संक्रमण दर वाले सात जिलों में 18-44 आयु वर्ग के 85,566 लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। यह अच्छा है कि इस आयु वर्ग में वैक्सीन वेस्टेज घटकर 0.11% रह गया है। इसे शून्य तक लाने की आवश्यकता है। - प्रदेश सरकार सभी नागरिकों को टीकाकरण का सुरक्षा कवर निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार कोरोना संक्रमित अथवा लक्षण वाले लोग अभी टीकाकरण न कराएं। इसी प्रकार स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कोविड संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ होने के न्यूनतम एक माह बाद ही वैक्सीनेशन कराना चाहिए। स्वास्थ्य संबंधी इन महत्वपूर्ण जानकारियों से लोगों को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि टीकाकरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो। ऑन-द-स्पॉट पंजीयन से अव्यवस्था हो सकती है। अनावश्यक भीड़ न हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था को ही लागू रखना उचित होगा। जिनकी बारी है उनसे यथासंभव एक-दो दिन पूर्व फोन से संपर्क कर लिया जाना उचित होगा। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए गांव-गांव टेस्टिंग का महा अभियान चल रहा है। लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं। निगरानी समितियां घर-घर जाएं, स्क्रीनिंग करें, होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। लक्षणयुक्त लोगों के बारे में आरआरटी को सूचना देकर उनका एंटीजन टेस्ट कराया जाए। डीएम और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि टेस्ट की यह प्रक्रिया गांव में ही हो। सीएचसी/पीएचसी पर जाने की कोई अवश्यकता नहीं है। आरआरटी की संख्या में तीन से चार गुना बढ़ोतरी के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और बेहतर करने की जरूरत है।
सीएम ने होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को समय से मेडिकल किट जरूर दी जाए।मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी समीक्षा की जाए। निगरानी समितियां जिन लोगों को मेडिकल किट दें उनका विवरण आईसीसीसी को उपलब्ध कराएं। आईसीसीसी इसका सत्यापन करे। इसके बाद सीएम हेल्पलाइन से इसका पुनरसत्यापन किया जाए। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन मरीजों से हर दिन संवाद किया जाए।टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से चिकित्सक उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दें तो जनपदीय आईसीसीसी से भी बात की जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय से भी अधिकाधिक मरीजों से फोन कर उनका हाल-चाल लिया जाए। उन्हें मेडिकल किट, टेलीकन्सल्टेशन आदि सुविधाओं की उपलब्धता की सत्यता की परख करें।