इलाके के प्रत्येक गांव के तमाम लोग दिल्ली, मुंबई, हरियाणा सहित कई राज्यों में काम करने जाते हैं। कई प्रधान प्रत्याशी वोट डालने के लिए उन्हें वापस गांव बुला रहे हैं। जानकारों की माने तो 18 अप्रैल की शाम या 19 की सुबह को यह प्रवासी मजदूर अपने घरों तक पहुंच जाएंगे। कहीं यह प्रवासी मजदूर एक वोट के चक्कर में कोरोना का ग्राफ ना बढ़ा दें। इस बात को लेकर ग्रामीणों में भी बेचैनी है।
रहीमाबाद इलाके के लगभग प्रत्येक गांव के लोग कई राज्यों में परिवार सहित चले जाते हैं और वही काम करके अपनी जीविका चलाते हैं। लेकिन यह पंचायत चुनाव उन्हें फिर खींच कर अपने गांव लाने पर मजबूर कर रहा है। कई प्रत्याशी इन मजदूरों को एक वोट की खातिर वापस गांव बुला रहे हैं । उनके आने-जाने के किराए के खर्च की भी जिम्मेदारी प्रत्याशियों ने ले रखी है।
ग्रामीणों की बड़ी बेचैनी
जिस तरह से कोरोना वायरस तेजी से अपना असर दिखा रहा है और मलिहाबाद इलाके के भी तमाम लोग पॉजिटिव हो गए हैं। जिसको देखते हुए ग्रामीण डरे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कहीं पूरे गांव में बीमारी ना पसार दें।
बिना जांच कई लोग पहुंचे गांव
लगभग 1 सप्ताह पूर्व इलाके के कई गांव में लोग बिना जांच कराए ही अपने घरों को पहुंच गए हैं। प्रधान प्रत्याशी इस बात को दबाए बैठे हैं क्योंकि कहीं जांच हुई तो कोरोना की पुष्टि ना हो जाए जिससे उनके चुनाव का गणित बिगड़ जाए।