गाजीपुर में लगातार मिलने वाले संक्रमितों के आंकड़ों का ग्राफ चढ़ता ही जा रहा है, वहीं बढ़ती मौतों ने लोगों को भयग्रस्त कर दिया है। गाजीपुर में लगातार मरीजों की कोरोना संक्रमण के बाद बुधवार को पांच मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 147 हो गई है। इलाज के दौरान मंगलवार अस्पताल में पांच संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के नॉन कोविड वार्ड में जांचरिपोर्ट के इंतजार में कुछ अन्य मौतें हुई जिन्हें चिकित्सक कोरोना संदिग्ध मान रहे हैं। बुधवार को 662 नए मरीजों को कोरेाना ने अपनी चपेट में लिया था। इसमें शिक्षक, बैंककर्मी के अलावा जिलाकारागार में बंद विचाराधीन बंदी हैं। इसके अलावा जेल का मेडिकल स्टाफ और बंदी रक्षक भी संक्रमित हुए हैं। अब जिला कारागार में संक्रमितों की संख्या 113 हो गई है। वहीं वहीं जिले भर में जुटाए सैंपल में 662 मरीज कोरोना से संक्रमित मिलने के साथ ही 535 संक्रमित कोरोना से ठीक भी हुए हैं। इसके बाद अब सक्रिय केसों का आकड़ा 5839 हो गया है जबकि कुल मौतें 147 होने के बाद हड़कंप मचा है।
गाजीपुर में अप्रैल महीने में मिलने वाले अब तक संक्रमितों ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। बुधवार को 662 मरीजों के कोरोना से संक्रमित मिलने के बाद नए मरीज मिलने से एक्टिव केस 5839हो गए हैं। पांच मरीज ने इलाज के अभाव में बुधवार 24 घंटे में दम तोड़ दिया। इससे मृतकों का ग्राफ 147 पर पहुंच गया है। इसमें से जिला अस्पताल में 48 मरीज भर्ती है, जिला कारागार की बैरक में 113 का इलाज जारी है। 4921 मरीज अभी होम आइसोलेशन में हैं , जिले में संक्रमितों में 26 की स्थिति गंभीर हैं जिन्हें बीएचयू या अन्य अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज कराया जा रहा है। वहीं जिले के निवासी 18 मरीजों का गैर जनपदों में इलाज चल रहा है। सहेडी एलटू में 14 और एलटू सिंह मेडिकल में 25 मरीज भर्ती है।
कोरोना के नोडल व एसीएमओ डा. उमेश कुमार ने बताया कि संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। संक्रमण के प्रसार को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। संक्रमित मरीजों के परिजनों का सैंपल लेकर मेडिकल टीम जांच के लिए बीएचयू भेज दिया है। संक्रमण की सूची आने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक भी देर रात तक चलती रही। डाक्टरों ने सलाह दी है कि घर से निकलने से पूर्व मास्क जरुर पहने, वहीं बाजारों में उचित दूरी का पालन करें। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। आशा व आंगनबाडी घर-घर जाकर लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरुक कर रहीं है।