राष्ट्रीय फाइलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम एमडीए-2020 की रूप रेखा को जांचने के लिए शनिवार को रायफल क्लब में बैठक हुई। इसमें जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने मुख्य चिकित्साधिकारी से सभी विकास खंड के अनुसार की गई तैयारियों का विवरण लिया। इस पर सीएमओं जीसी मौर्य ने बताया कि सभी विकास खंडों को मिलाकर 35 लाख 96 हजार 55 का लक्ष्य निर्धारण किया गया है।
इन सभी को फाइलेरिया की दवा का सेवन कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 3 हजार 360 व नगर क्षेत्र में 104 टीमों को गठन किया गया है। इन टीमों का सुपरविजन करने के लिए 632 सुपरवाइजरों को नियुक्त किया गया है। जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन किया जाना है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो इसका निर्देश डीएम ने पहले ही दे दिया था। इसकी तैयारियों की जानकारी लेने के लिए डीएम ने सीएमओं सहित संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि 21 दिसबंर से 8 जनवरी तक चलने वाले अभियान पर पूरी तरह से नजर रखी जाए।
इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जनपद की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित लक्ष्य 35 लाख 96 हजार 55 को हर हाल में पूरा किया जाए। सभी टीमें अपने सामने लाभार्थियों के अपने सामने दवा का सेवन कराएं। मुख्य चिकित्साधिकारी जी सी मौर्या ने बताया कि समस्त विकास खंडांे पर फैमिली रजिस्टर, प्रचार-प्रसार समाग्री का वितरण कर दिया गया है। दवा का वितरण किया जा रहा है। समस्त विकास खंडों से एमडीए 2020 की कार्य योजना भी प्राप्त कर ली गई है। इसमें लक्षित जनसंख्या को फाईलेरिया की दवा का सेवन कराने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में 3360 तथा अर्बन क्षेत्र में 104 टीमों का गठन किया गया है। जनपद में सुपरविजन के लिए 632 सुपरवाईजरों की नियुक्ति की गई है। जनपद स्तर पर एक एवं ब्लाक स्तर पर 16 रैपिठ रिस्पांस टीम का गठन किया गया है।