नई अयोध्या बिल्कुल नए डिजाइन में होगी। यह धनुष के आकार की होगी। इसे धनुषाकार यानी करमुखा पद्धति से डिजाइन किया गया है। कई विशेषज्ञ इंजीनियरों व वास्तुविदों ने मिलकर इसे तैयार किया है। इससे न सिर्फ अयोध्या बेहद खूबसूरत दिखेगी बल्कि राम मंदिर की छठा में भी चार चांद लग जाएंगे। सड़कें ऐसी दिखेंगी जैसे मंदिर से सूर्य की किरणें निकल रही हों।
नई अयोध्या को विश्व के सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहरों के केंद्र के रूप में भी स्थापित करने की योजना है। आवास विकास ने इसे पौराणिक, सांस्कृतिक आस्था के केंद्र के साथ भविष्य में बढ़ने वाली जनसंख्या को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसीलिए इसमें स्मार्ट सिटी व वैदिकता का समावेश भी किया गया है। ले आउट बनाने से पहले आवास विकास के विशेषज्ञ इंजीनियरों व वास्तुविदों ने प्राचीन वैदिक नगरों के निर्माण व विकास में प्रयुक्त आठ विधाओं का परीक्षण किया।