आरपीएफ़ पटना की ओर से आलमगंज में छापेमारी में बरामद चीजों को अब कोलकाता भेजा जाएगा। रेलवे के कोलकाता स्थित साइबर सेल में तकनीकी रूप से टिकट दलाल की दुकान से बरामद उपकरणों की जांच कराई जाएगी। कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, मोबाइल समेत अन्य तकनीकी उपकरणों की जांच होगी।
तकनीकी रूप से दक्ष इंजीनियर साइबर सेल में सभी अनछुए जानकारी को निकालने की कोशिश करेंगे। वही फॉरेंसिक में भी हार्ड डिस्क की जांच कराई जाएगी। पटना जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर वीके सिंह ने बताया कि हार्ड डिस्क की जांच के बाद ही इंजीनियर प्रोग्रामिंग और कोडिंग से पता लगाएंगे कि टिकट दलाल किस तरीके से कारोबार करता था। फिलहाल बरामद की गई सभी चीजों को सील करके रख दिया गया है। पटना के स्टाफ दो दिनों के भीतर कोलकाता स्थित साइबर सेल में सभी उपकरणों को ले जाएंगे।
वहीं, गुरुवार को पकड़े गए टिकट दलाल मोहम्मद कासिफ जाकिर के कारोबार का सच सामने आएगा। गुरुवार को उसे जेल भेज दिया गया है। आरपीएफ़ की टीम साइबर सेल से जानकारी मिलने के बाद पता लगाएगी कि टिकट दलाल कौन-कौन से सॉफ्टवेयर को कहां से खरीदा था? साथ ही साथ आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक करने वाली सॉफ्टवेयर किसने बनाया और टिकट दलालों के पास की खरीद बिक्री कैसे होती है। इन पहलुओं पर भी आरपीएफ की टीम जांच करेगी।
बता दें कि आरपीएफ़ पटना की टीम ने बुधवार को 22 लाख से अधिक मूल्य के टिकट के संग पटना सिटी के मोहम्मद कासिफ जाकिर को पकड़ा था। यह बेकरी शॉप की आड़ में टिकट के गोरखधंधे में लगा हुआ था।