कोरोना संक्रमित स्वास्थ विभाग के एक कर्मचारी की एक पखवारे बाद हुई जांच में रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसके दो दिन बाद कर्मचारी की तबीयत कुछ बिगड़ी। दोबारा जांच हुई रिपोर्ट तो निगेटिव रही लेकिन लक्षण कोरोना संक्रमण जैसे रहे। उसे आनन-फानन में दोबारा कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी तरह बीआरडी मेडिकल कॉलेज का लैब टेक्नीशियन करीब डेढ़ माह के अंतराल में दोबारा संक्रमित हो गया। विशेषज्ञ डेड वायरस के लंबे समय तक शरीर में बने रहने को इसकी वजह बता रहे हैं।
आमतौर पर माना जा रहा है कि एसिम्प्टोमेटिक संक्रमित में 10 से 12 दिन में वायरस निष्क्रिय हो जाता है। शासन ने इस पर गाइडलाइन भी जारी की है। शासन ने साफ किया है कि एसिम्प्टोमेटिक में 12 से 15 दिन में संक्रमण खत्म हो जाता है। उन्हें किसी जांच की जरूरत नहीं। जबकि शहर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि लोग 30 से लेकर 40 दिन तक पॉजिटिव मिले।