प्राचीन काल से ही नीम का पेड़ हमारी सेहत का साथी रहा है। इसकी दातून, पत्ती, छाल से लेकर तेल तक औषधीय गुणों से भरपूर हैं। अब यही नीम अब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काम आएगी। इसकी पत्तियों में मौजूद तत्व कोविड-19 के प्रकोप से बचाने मेें मददगार बनेंगे। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए केजीएमयू अब मॉर्डनपैथी के साथ-साथ प्राचीन पद्धित पर भी फोकस करेगा। इसके लिए फिजियोलॉजी की चिकित्सक ने नीम के प्रभाव पर गहन अध्ययन के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया है। साथ ही भर्ती मरीजों को भी उसकी पत्तियों का पेय बनाकर देने का सुझाव दिया है।
यहां की फिजियो विभाग की प्रोफेसर डॉ. वाणी गुप्ता कोविड-19 पर नीम के प्रभाव को जांचने परखने में जुटी हैं। उन्होंने नीम में मौजूद औषधीय तत्व, इंफ्लूएंजा वायरस पर इसके असर तथा सॉर्स कोव-टू की संरचना से जुड़े शोध का अध्ययन किया। ऐसे में अब नीम लीफ एक्सट्रैक्ट के प्रभाव पर विस्तृत शोध का फैसला किया है, ताकि विश्व स्तर पर इसके महत्व को साबित किया जा सके। इसके लिए रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द ही डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भेजेंगी। वहीं केजीएमयू में भर्ती मरीजों को भी नीम की पत्ती का पेय देने का सुझाव दिया है।
हाइप्रोसाइड तत्व है रामबाण
डॉ. वाणी गुप्ता के मुताबिक नीम में एंटीवायरल तत्व होते हैं। इसके प्रमुख कंपोनेंट हाइप्रोसाइड, मिंबाफ्लेवोन व रूटीन हैं। वहीं हाइप्रोसाइड तत्व कोविड-19 के लिए असरकारी है। यह सामान्य व्यक्तियों को जहां कोरोना के संक्रमण से बचा सकता है। वहीं संक्रमित मरीजों को शुरुआत में देने से उनकी हालत बिगडऩे से रोक सकता है। कोरोना के 81 फीसद माइल्ड केस होते हैं। इनके लिए नीम की पत्ती का पेय बेहद उपयोगी साबित होगा।