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20 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को यूपी सरकार के इस फैसले से मिलेगी बड़ी राहत


यूपी सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए काफी काम कर रही है। दूसरे प्रदेश में फंसे अपने मजदूरों को वहां से लॉकडाउन में लाने का सबसे पहला श्रेय यूपी की योगी सरकार को ही जाता है। योगी आदित्यनाथ के निर्णय के बाद ही दूसरे प्रदेशों के सीएम भी एक्टिव हुए और अपने मजदूरों को वापस लाने का फैसला लिया। इसी तरह कोटो में फंसे यूपी के बच्चे को वापस लाने की बात हो या पैदल घर जा रहे मजदूर। सबके लिए योगी सरकार ने तेजी से फैसले लिए। अब योगी सरकार का एक और निर्णय प्रवासी मजदूरों को राहत देगा। सरकार ने ऐसा प्रस्ताव बनाने को कहा है जिससे जिन प्रवासी मजदूररों के पास मकान नहीं है उन्हें बहुत ही कम पैसे में किराये का मकान मुहैया कराया जाए।  

प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार के निर्देश पर आवास बंधु के निदेशक ने प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों से किराए के मकानों के निर्माण का प्रस्ताव देने को कहा है। पूर्व में निर्मित व खाली पड़े मकान भी मामूली किराए पर गरीबों को दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने तीन दिन पहले गरीबों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) योजना लांच की थी। इसमें गरीबों, मजदूरों व बेसहारों को बेहद कम किराए पर सरकारी व निजी एजेंसियों की ओर से मकान उपलब्ध कराने की बात कही गई है। केंद्र ने प्रदेशों को इस पर तत्काल काम शुरू करने को कहा है। यूपी ने इसके लिए सबसे तेज पहल की है।

यूपी आने के लिए 18 लाख ने पंजीकरण कराया
राज्य सरकार प्रदेश में आने वाले प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए आश्रय स्थलों की संख्या में और इजाफा कराने का विचार कर रही है। प्रदेश में मौजूदा समय 15720 आश्रय स्थल हैं और इनमें 1335364 को रखा जा सकता है। मौजूदा समय इनमें 180596 लोगों को रखा गया है। राहत आयुक्त कंट्रोल रूम के मुताबिक गैर प्रदेश से आने वालों में अब तक करीब 18 लाख प्रवासियों ने पंजीकरण कराया है। यूपी की आबादी 23 करोड़ के करीब है। सरकार यह मानकर चल रही है कि इतनी बढ़ी आबादी में कम से कम 20 से 30 लाख के आसपास लोग गैर राज्यों में नौकरी करने गए होंगे। इनमें से बहुत से ऐसे प्रवासी कामगार व श्रमिक होंगे जो ऑनलाइन पंजीकरण कराने की स्थिति में नहीं होंगे। ऐसे लोग पैदल या फिर सड़क मार्ग से अपने घरों की ओर निकल रहे हैं। इसलिए जरूरत के आधार पर आश्रय स्थल बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

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