बक्सर : देश के विभिन्न हिस्सों में रोजी-रोटी की जुगाड़ में गए प्रवासियों को जब कोरोना की मार पड़ी और लॉक डाउन के कारण उनका कामकाज ठप पड़ गया तो उनके जिले में आने का सिलसिला शुरू हो गया। यह सिलसिला आज भी चल रहा है। सरकार अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से प्रवासियों को पहुंचा रही है। लेकिन हैरत की बात यह है कि जिले में अब तक ट्रेन से जितने प्रवासी नहीं आए हैं उससे कहीं ज्यादा प्रवासी यहां पैदल एवं अन्य माध्यमों से आए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक जिले में ट्रेन से आने वाले प्रवासियों की संख्या 7 हजार 873 है तो पैदल एवं अन्य साधनों के माध्यम से जिला में आने वालों की संख्या 8 हजार 285 है। पैदल एवं अन्य साधनों के माध्यम से बक्सर से होकर अन्य जिलों में जाने वाले प्रवासियों की संख्या भी कम नहीं है। इनकी संख्या भी 10 हजार 534 है। इसके अलावा 131 छात्र भी अन्य राज्यों से जिले में आए हैं। जिनको सरकारी निर्देशानुसार होम क्वारंटाइन किया गया है। जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने बताया कि जिले में बनाए गए 52 पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सह आपदा राहत केन्द्र में 383 तथा 355 प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सह आपदा राहत केन्द्र में 18 हजार 867 प्रवासी हैं। जिसमें 779 महिला तथा 831 बच्चे शामिल हैं।