जिले के कोरोना संक्रमित प्रथम मरीज हाटा बुजुर्ग निवासी 49 वर्षीय व्यक्ति ने अंतत: कोरोना से जंग जीत ली है। हालांकि उन्हें एक माह तक बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में रहना पड़ा। उनके स्वस्थ होने पर प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार व डॉक्टरों की टीम ने बधाई दी तथा उन्हेें एंबुलेंस से घर भेजा।
26 अप्रैल को सफदरजंग अस्पताल से पहुंचे थे गांव
हाटा बुजुर्ग के यह व्यक्ति 26 अप्रैल को एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से गांव पहुंचे थे। वह हार्ट व डायबिटीज की समस्या से परेशान थे। गांव पहुंचने पर बाहर ही एक झोपड़ी में रहे। कुछ ही देर बाद तबीयत खराब हो गई तो एंबुलेंस से उन्हें मेडिकल कॉलेज लाया गया। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तभी से उनका इलाज चल रहा था। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि मरीज की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी। डॉक्टरों ने बड़ी मेहनत के बाद उन्हें स्वस्थ किया है। इसमें डॉ. अजहर, डॉ. अशोक कुमार व डॉ. अश्विनी मिश्रा की टीम का विशेष सहयोग रहा।
संक्रमितों का पूरा ख्याल रखेगा स्वास्थ्य विभाग
आमतौर पर क्वारंटाइन के लिए लोग सड़क से या चेकपोस्ट पर पकड़ लिए जाते हैं। उन्हें क्वारंटाइन करा दिया जाता है। घर से भी उन्हें लाया जाता है तो वे जरूरी सामान लेकर नहीं आ पाते। उनके पास नहाने के लिए न तो साबुन होता है और न तौलिया। संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में भेज दिया जाता है। उनकी समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब हर संक्रमित को भर्ती होने के पूर्व एक किट देने का फैसला लिया है। किट में दो तरह के साबुन व सुरक्षा के समान होंगे। ठीक होने के बाद संक्रमित उसे अपने साथ घर ले जा सकते हैं।