महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण हुए करीब डेढ़ महीने हो गये लेकिन अभी तक यहां बिजली कनेक्शन नहीं मिला है। जिससे 150 किलोवॉट के जनरेटर से 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। बीते 25 अक्तूबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने सिद्धार्थनगर से मेडिकल कॉलेज का वर्चुअल लोकार्पण किया था।
कॉलेज परिसर में आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य और जूनियर डॉक्टरों को मिलाकर सौ से अधिक कर्मचारी रहना शुरू कर दिये हैं। इस महीने के अंत तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है जिसके बाद जनवरी से 100 छात्रों की पढ़ाई शुरू होने के साथ ही कॉलेज का छात्रावास और मेस भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में बिजली विभाग की ओर से कनेक्शन नहीं देना चिंता का विषय है।
वहीं, कॉलेज प्रशासन की मानें तो यहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए करीब पौने आठ करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। कुल साढ़े नौ करोड़ रुपये की धनराशि देय है। इस लिहाज से 90 फीसदी धनराशि का भुगतान हो चुका है। 10 फीसदी धनराशि ही शेष है। जबकि कॉलेज के भवन में हर जगह बिजली का काम पूरा हो चुका है। सिर्फ यहां कनेक्शन के साथ ट्रांसफार्मर लगने की देरी है। जब भी यह काम पूरा हो जाएगा। पूरे कॉलेज में बिजली की सप्लाई हो सकेगी।
इस संबंध में बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता सीबी सिंह का कहना है कि विद्युत निर्माण मंडल ने अंधऊ बिजली घर से केबिल बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। कॉलेज के अंदर भी बिजली व्यवस्था को लेकर केंद्र बनेगा और ट्रासंफार्मर लगाया जाएगा। इसके लिए पहले कॉलेज प्रशासन को 100 फीसदी धनराशि का भुगतान करना होगा। नहीं तो बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से सुपुर्द करने में दिक्कत आएगी। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि बिजली व्यवस्था बहाल नहीं होने से 150 किलोवाट के जनरेटर से काम चलाया जा रहा है। बिजली विभाग को 90 फीसदी धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष धनराशि का भी दस दिनों में भुगतान कर दिया जाएगा।