प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर आंदोलन के तृतीय चरण के पांचवें दिन सोमवार को डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा जिला चिकित्सालय में दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया। दवा वितरण कक्ष बंद होने के कारण रोगियों को लंबी लाइन लगानी पड़ी, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन गाजीपुर के मंत्री डा. रमेश चंद्र ने चेताया कि फार्मासिस्टों के 20 सूत्रीय मांगों पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो प्रदेश सहित जनपद के सभी फार्मासिस्टों द्वारा 17 दिसंबर 2021 से पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इसमें आकस्मिक एवं पोस्टमार्टम सेवाएं बाधित नहीं होंगी। फिर भी सरकार द्वारा मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो प्रदेश के सभी चीफ फार्मासिस्ट/फार्मासिस्ट 20 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
ऐसे में जनमानस को होने वाली परेशानी के लिए शासन प्रशासन की पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगी। कार्य बहिष्कार में डा. विजय श्रीवास्तव, डा. इमरान, डा. कुंदन, डा. शंकर नारायण वर्मा, डा. अमरनाथ चौधरी, डा. संजय श्रीवास्तव, डा. भगवान कुशवाहा, डा. बुद्धि लाल, डा. राम चरन व डा. देवेंद्र सिंह यादव आदि थे।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग
पुरानी पेंशन बहाली सहित बीस सूत्रीय मांगों के समर्थन में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले फार्मासिस्टों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा में दो घंटे का सांकेतिक कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन किया। फार्मासिस्ट सुरेंद्र ने कहा कि सरकार को मानना पड़ेगा कि गरीबों की सेवा फार्मासिस्ट पूरी क्षमता से करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में फार्मासिस्ट ही अस्पताल चलाते हैं और सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हैं। कोरोना काल में फार्मासिस्ट जान की परवाह न करते हुए आम जन के प्राणों की रक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहते थे। इस मौके पर चीफ फार्मासिस्ट अवधनाथ, महेंद्र आदि रहे।