देश में पहला ट्रांसपोर्ट रोपवे बनारस में आकार लेने जा रहा है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप माडल पर रोप-वे निर्माण होगा। इसको लेकर कवायद तेज हो गई है। कमिश्नरी सभागार में मंगलवार को हुई एक बैठक में सात कंपिनयों ने इस निर्माण कार्य में दिलचस्पी दिखाई है। चार ने लिखित सुझाव व आपत्ति दी। अन्य ने मौखिज जानकारी रखी।
वहीं चार फर्मों के मालिक ने लिखित रूप से काम करने की इच्छा जताई है। हालांकि किससे काम लिया जाएगा यह फाइनल बिड में ही स्पष्ट हो पाएगा। कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई जिसमें प्री-बिड में शामिल ईसीएल मैनेजमेंट एसडीएचडीएचडी, डोपल्मेयर, एफआईएल, पोमा, एक्रान इंफ्रा, एजीस इंडिया व कन्वेयर एंड रोप-वे सिस्टम फर्मों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
इनमें से ईसीएल मैनेजमेंट एसडीएचडीएचडी, डोपल्मेयर, एफआईएल व पोमा नामक फर्मों ने लिखित रूप से प्रतिभाग करते हुए रोप-वे निर्माण की इच्छा जताई। इस बैठक में प्रमुख सचिव आवास, वित्त विभाग, राजस्व विभाग एवं नियोजन विभाग के अलावा परियोजना सलाहकार वैपकॉस के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। बनारस में रोप-वे दौड़ाने के हर पहलुओं पर चर्चा हुई। बैठक में वीसी ईशा दुहन के अलावा वीडीए के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
एक नजर में रोप-वे परियोजना पर
- प्रस्तावित रूट गोदोलिया से कैंट रेलवे स्टेशन के मध्य रथयात्रा एवं साजन तिराहा होते हुये
- प्रस्तावित रूट की लंबाई 3.65 किलोमीटर
- प्रस्तावित यात्रा समय (एंड-टू-एंड) 15 मिनट
- केबल कार संख्या एवं विवरण कुल 220 केबल कार-प्रत्येक 10 व्यक्तियों की क्षमतायुक्त-प्रत्येक 90 से 120 सेकेंड के अंतराल पर
- क्षमता एक तरफ से एक समय में 4500 व्यक्तियों को यात्रा की सुविधा
- कुल प्रस्तावित स्टेशन पांच
- जमीन से 11 मीटर ऊंचाई पर होगा रोप-वे
- प्रत्येक स्टेशन काशी की थीम एवं संस्कृति पर आधारित होगा
- कुल परियोजना लागत 410.30 करोड़