कोरोना काल में एमएएच इंटर कालेज गाजीपुर के दो कर्मचारियों के निधन पर एक जुलाई को विद्यालय खुलने के उपरान्त एक शोक सभा का अयोजन किया गया। जिसमे उप प्रबंधक तनवीर अहमद खां, प्रधानाचार्य मोहम्मत खालिद अमीर, उप प्रधानाचार्य एसएमए जैदी, विज्ञान अध्यापक सईदुल हसन तथा हिंदी प्रवक्ता शम्स तबरेज खान ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
एमएएच इंटर कालेज में अंग्रेजी के सहायक अध्यापक अनवारुल हसन खान और कालेज के सहयोगी वारिस खां बबलू इस कोरोना काल में इस दुनिया को छोड़कर हमसे विदा हो गये। मरहूम अनवारुल हसन खान गाजीपुर के अंग्रेजी के प्रकांड विद्वानों में से एक थे उनकी इस अपूर्णनीय क्षति को भरना नामुमकिन है। अनवारुल हसन खान अंग्रेजी के साथ-साथ उर्दू, हिंदी और दीनियात के बारे में भी महारत रखते थे। एक अच्छे अध्यापक के साथ-साथ वह एक अच्छे इंसान, एक-दूसरे के लिए दिल में हमदर्दी रखने वाले तथा एक रहमदिल इंसान थे।
उनका एखलाक सभी के लिए बहुत अच्छा था। वह एक सच्चे साफ और सादा दिल इंसान थे। उनके इस दुनिया से जाने से पूरा विद्यालय परिवार और प्रबंध समिति शोक संतप्त है। वारिस खां परिचारक विद्यालय के एक निष्ठावान, कर्तव्य परायण कर्मचारी थे। वह विद्यालय के प्रत्येक कार्य को पूरी ईमानदारी व लगन के साथ करते थे। वह एक हंसमुख और मिलनसार इंसान थे जिसका भरपाई होना मुमकिन नही है। उनके जाने से पूरा विद्यालय परिवार शोक में डूबा हुआ है। उपरोक्त् दोनों व्यक्तियों की कमी एमएएच इंटर कालेज कभी भी भूल नही पायेगा।
पूरा विद्यालय परिवार व प्रबंध समिति इन दोनों मृत आत्माओं के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है कि उनको स्वर्ग में ऊंचा मकाम अता फरमाये तथा उनके परिवार वालों को इस दुख की घड़ी को सहने की क्षमता प्रदान करे। अंत में उर्दू अध्यापक डा. लईक अहमद ने दोनों व्यक्तियों का शोक संदेश पढ़ा और पूरे कालेज परिवार में इन मृत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा।