स्थानीय स्टेशन पर कोविड के नाम पर विभूति एक्सप्रेक्स, फरक्का एक्सप्रेक्स, पंजाब मेल व कामाख्या भगत की कोठी एक्सप्रेक्स के हटाये जाने से नाराज ग्रामीणों की बैठक रविवार की देर शाम स्थानीय गांव के नरवा नारायण घाट पर हुई। जहां पूर्व बीएसएफ सैनिक सचिदानंद उपाध्याय ने कहा कि गहमर एक सैनिक बहुल्य गांव है। यहां सैनिकों की सुविधा के नाम पर कई ट्रेनों का ठहराव दिया गया था।
जिन ट्रेनों का ठहराव हटाया गया है, वह गहमर से सीधा देश की सीमाओं को जोड़ती हैं। ऐसे में रेलवे का यह कदम अत्यंत निंदनीय है। रेलवे ने यदि तत्काल इस समस्या को दूर नहीं किया, तो पूर्व सैनिक रेलवे के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। वहीं इस आन्दोलन के प्रमुख सूत्रधार सुधीर सिंह ने कहा कि गहमर रेल ठहराव को लेकर हम लोग बीते वर्ष के पांच सितंबर से लगे हैं।
इसके चलते यहां के सैनिकों, बीमारों, व्यापारियों व छात्रों को परेशानी हो रही है। इसमें पूरे गांव के लोगों को राजनीतिक पृष्ठभूमि से उठ कर आना चाहिए। अब भी रेलवे हमारी बात नहीं मानता है, तो हम जुलाई के द्वितीय सप्ताह में आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान राजेश सिंह पिन्टू, आदित्य सिंह, कामदेव सिंह, पिंटू सिंह, जितेन्द्र सिंह, उपेन्द्र सिंह, अनिल सिं आदि मौजूद रहे। संचालन आन्नद मोहन सिंह ने किया।