प्रदेश सरकार जनता तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की मुकम्मल कोशिश कर रही है, लेकिन अधिकारी सारी कवायद पर पानी फेर दे रहे हैं। ताजा मामला जिले के सिकंदरपुर नगर पंचायत का है। यहां पर कोरोना काल के शुरूआत में आदेश हुए थे कि निकाय के सभी मोहल्लों में शत-प्रतिशत पेयजल आपूर्ति, बेहतर साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया जरूर पूरी करें, इसकी सटीक रिपोर्टिंग करते रहें। लेकिन नगर पंचायत द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। लोगों को गर्मी में पानी भी नसीब नहीं हुआ। मोहल्ले की गलियां गंदगी से बजबजा रही हैं।
सैनिटाइजेशन कहां हुआ, यह जनता ने देखा ही नहीं। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती गई। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने इस निकाय को लापरवाह निकाय माना है। सिकंदरपुर समेत प्रदेश के 27 निकायों को डिफाल्टर घोषित कर दिया है। सबसे स्पष्टीकरण तलब कर लिया गया है। मामले में कार्रवाई की चेतावनी जारी कर दी गई है। परेशान है जनता, सुनिए सरकार...
सिकंदरपुर : वार्ड दो रहिलापाली में शुक्रवार को अव्यवस्थाएं साफ नजर आईं। यहां पर दोपहर ढाई बजे कूड़ा बजबजा रहा था। नागरिकों ने बताया कि यहां कूड़ा उठा ही नहीं। महीनों हो गये झाड़ू लगे हुए। गली में नाली जाम हो चुकी है। गंदगी से जीना दूभर हो गया है। सड़क पर बिखरा कूड़ा कई सवाल खड़े करता हुआ दिखा।
मोहल्ले के मनोज कुमार व दिनेश चौधरी ने बताया कि सफाई नहीं होने से मोहल्ले का बुरा हाल है। सबकी स्थिति नारकीय हो गई है। सूर्यबली राम व सुभावती चौहान ने बताया कि पेयजल समय पर नहीं आता है। सैनिटाइजेशन भी इधर नहीं हुआ है। इसके चलते सिस्टम से भरोसा उठता जा रहा है।
कूड़ा निस्तारण को कोई स्थाई व्यवस्था नहीं
सिकंदरपुर नगर पंचायत में कूड़ा प्रबंधन की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। पहले यह कूड़ा मनियर रोड स्थित मैंनापुर के पास गिराया जाता था, बाद में लोगों ने विरोध किया। बलिया रोड स्थित चकखान गांव के पास सड़क के किनारे आबादी के बीच गिराया जाने लगा। लोगो में आक्रोश है, अब बीमारियां भी फैल रही हैं। कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन मिल गई है। जल्द ही निस्तारण केंद्र बनेगा। सैनिटाइजर को बड़ी स्प्रे मशीन खरीद ली गई है। छह छोटी मशीनों से छिड़काव किया जा रहा है।