उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार 10 हत्याएं हुईं जिनके मुकदमे दर्ज हुए। इसके अलावा हत्या के प्रयास के 64 मुकदमे दर्ज करवाए गए।
इन चुनावों के दौरान प्रदेश में चुनावी हिंसा की कुल 301 घटनाएं हुईं, जिनमें हत्या के 10 मुकदमे, हत्या के प्रयास के 64, बलवा करने के 71, बूथ लूटने के तीन, मतपेटी लूट के 13, मतपत्र फाड़ने या लूटने के 10, मतदान केन्द्र पर मारपीट के आठ, मतदान कर्मियों के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार के 17 और अन्य मारपीट के विवाद आदि के 105 मामले शामिल हैं। इनमें गम्भीर आपराधिक मामलों में शामिल अभियुक्तों के खिलाफ नियमानुसार गैंगस्टर व एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस विभाग की ओर से दी गई इस जानकारी में दावा किया गया है कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार राज्य में 62 प्रतिशत कम आपराधिक घटनाएं हुईं। यह भी दावा किया गया है कि लखनऊ और गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट सहित 20 जिलों में एक भी आपराधिक घटना पंचायत चुनाव को लेकर नहीं हुई।
विभाग के मुताबिक, 2015 के पंचायत चुनाव में कुल 485 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें हत्या के 17, हत्या के प्रयास के 34, बलवा करने के 210, बूथ लूटने के आठ, मतपेटी लूट के पांच, मतपत्र फाड़ने व लूटने के 26, मतदान केन्द्रों पर मारपीट किये जाने के पांच, मतदान कर्मियों के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार के 19, मारपीट, गाली गलौज जैसी घटनाओं के 161 मुकदमे शामिल हैं।